अगर आप अक्सर Youtube पर मोटिवेशनल, लाइफ चेंजिंग वीडियोस खोजते हैं तो आपने जरुर आचार्य प्रशांत Youtube चैनल देखा होगा। उनके चैनल पर मौजूद हजारों नि:शुल्क वीडियोस के माध्यम से आज लाखों लोगों को जीवन जीने की राह मिली है। आज हम इस लेख में आपके साथ Acharya Prashant Biography सांझा करेंगे।
उनके अनुयाई और व्यूअर्स बताते हैं की आचार्य प्रशांत ने उनके जीवन में रोशनी की नयी किरण देकर उन्हें जगाया है।
आचार्य प्रशांत हर सामजिक मुद्दा, फिर चाहे वो स्त्री सशक्तिकरण हो, जीव हिंसा हो या फिर धर्म सम्बन्धी अन्धविश्वास हो, लोगों की पुरानी मान्यताओं को तोड़कर विशुद्ध सनातन धर्म का पालन करने पर जोर देते हैं।
अगर आप आचार्य प्रशांत जी के जीवन से जुडी कई अहम् बातें जानना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए बेहद उपयोगी साबित होगा।
आचार्य प्रशांत संक्षिप्त जीवन परिचय| Acharya Prashant Biography in Hindi
पूरा नाम | प्रशांत त्रिपाठी |
लोकप्रिय नाम | आचार्य प्रशांत |
जन्मतिथि | 7 मार्च 1978 |
जन्मस्थान | उत्तर प्रदेश, आगरा |
उम्र | 44 वर्ष |
पिता का नाम | गौरी शंकर |
माता का नाम | सावित्री |
शिक्षा | B.TECH, M.sc, UPSC |
पेशा | आध्यात्मिक शिक्षक, स्पीकर, लेखक |
कॉलेज | Indian Institute of Technology Delhi, Indian Institute of Management, Ahmedabad |
आचार्य प्रशांत जीवन परिचय
आचार्य प्रशांत एक भारतीय लेखक और अद्वैत शिक्षक हैं जिन्होंने भगवद्गीता और वेदांत का वास्तविक और उच्चतम अर्थ लोगों के समक्ष प्रस्तुत किया है।
उनकी शिक्षाओं को आज उनके Youtube चैनल के माध्यम से लाखों लोग विडियोस, कोर्सेस, पुस्तकों जैसे विभिन्न रूपों में लाभ उठा रहे है।
आज आचार्य प्रशांत की छवि हर उम्र के व्यक्ति में अलग है, कोई उन्हें वेदांत का प्रखर प्रचारक बताता है या आध्यात्मिक एवं धार्मिक गुरु कह कर संबोधित करता है।
तो कोई उन्हें असहाय इंसानों की आंतरिक दुर्बलता के प्रति आवाज उठाने वाला मुखर योद्धा कहकर पुकारता है। वहीँ कई लोग आचार्य प्रशांत को एक पशुप्रेमी, पर्यावरण हितेषी कहकर पुकारते हैं। जिन्होने जानवरों के प्रति होने वाली हिंसा के खिलाफ आवाज उठाकर लाखों जानवरों की जान बचाई है।
जीवन के प्रति उनका नजरिया उन्हें अन्य शिक्षकों और तथाकथित गुरुओं से अलग बनाता है, जहाँ आम लोग सफलता को आर्थिक, सामाजिक तरक्की, धन वैभव के तौर पर देखते हैं।
वहीँ आचार्य प्रशांत के शब्दों में सत्य, शांति और जीवन में सही कर्म करके एक आनंदमयी जीवन जीना ही असली जीवन है।
आचार्य जी की बातों में जीवन के प्रति एक गहरा बोध और स्पष्टता देखने को मिलती है। वे समाज में स्त्री पुरुषों को सही दिशा देकर विभिन्न सामाजिक और धार्मिक मुद्दों पर अपनी आवाज उठाते हैं!
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आचार्य प्रशांत का प्रारम्भिक जीवन और शिक्षा | Acharya Prashant Childhood
प्रशांत त्रिपाठी का जन्म उत्तर प्रदेश, आगरा के एक मध्यमवर्गीय परिवार में 1978 को महाशिवरात्रि के दिन हुआ था! बल्यावस्था और उसके बाद का समय अधिकांशतः उनका उत्तर प्रदेश में ही बीता, उनके पिता एक प्रांतीय प्रशासनिक अधिकारी थे जबकि माता एक ग्रहिणी थी! वे अपने तीन भाई बहनों में सबसे बड़े हैं।
पांच साल की उम्र से ही पढ़ाई के प्रति उनकी रूचि और लगन चकित करने योग्य थी, उनके गृह पुस्तकालय में पिताजी द्वारा संग्रहित कुछ अध्यातिम्क ग्रन्थ और श्रेष्ठ साहित्य मौजूद थे।
घर का एक कोना पकड़कर वे घंटों उन किताबों को गहराई से पढ़ते और एक परिपक्व पुरुष की भाँती उन किताबों में डूबे रहते! और इस बीच कई बार किताबों को पढ़ते हुए वो भूखे ही सो जाते!
बचपन से ही रहे मेघावी छात्र
पढ़ाई में कुशाग्र बुद्धि की वजह से उन्होंने कक्षा में हमेशा शीर्ष स्थान पाया, कई बार उनकी माँ को शिक्षा में उनके बेहतरीन प्रदर्शन के कारण मदर क्वीन की उपाधि से सम्मानित किया गया!
शिक्षकों के अनुसार कभी भी उन्होंने इतने मेघावी छात्र को नहीं देखा जो गणित में भी उतना ही निपुण हो जितना वह विज्ञान और हिंदी में। माता पिता शिक्षकों ने उन्हें एक ऐसा बालक पाया जो कभी शरारत करता तो अचानक गम्भीर हो जाता।
« मुक्ति क्या है| मुक्ति क्यों जरूरी है?
स्कूल, कॉलेज और आगे का करियर | Acharya Prashant Education
मात्र दस वर्ष की आयु तक उन्होंने पिताजी के गृह पुस्तक संग्रह से सभी पुस्तकों का अध्ययन कर लिया था, और वे और अधिक पुस्तकों की मांग कर रहे थे।
11 वर्ष की आयु में उन्होंने कविताओं की रचना शुरू कर दी और उनकी कवितायें लोगों से ऐसे प्रश्न पूछ रही थी जिन्हें कई बार वयस्कों के लिए भी समझ पाना मुश्किल प्रतीत होता था।
15 वर्ष की आयु में पिता की नौकरी में स्तानान्तरण के कारण वह गाजियाबाद आ गए और वहीं से उन्होंने आगे की शिक्षा जारी रखी। बाद में उन्होंने भारत के प्रतिष्टित संस्थान IIT Delhi में प्रवेश पत्र हासिल किया।
यहाँ उन्होंने राष्ट्रिय स्तर पर कई तरह के वाद विवाद, भाषण प्रतियोगिता, नाटकों में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से विभिन्न सामजिक मुद्दों पर अपनी राय रखी और सर्वश्रेष्ट पुरुष्कार अर्जित किये।
और यहाँ पढ़ाई करने के पश्चात उन्हें आगे भारतीय सिविल सेवा या प्रबंधन की तरफ करियर बनाना उचित लगा।
हालाँकि उन्हें अपना आईएस का इच्छित पद न मिल सका, साथ ही तब तक उन्हें यह भी लगने लगा था की प्रशासन में रहते हुए कुछ क्रन्तिकारी बदलाव नहीं लाया जा सकता। आईआईएम में उनके दो साल शिक्षा की दृष्टि से समृद्ध रहे।
आचार्य प्रशांत का कैरियर| Acharya Prashant Career & Facts
खाली समय में वह गांधी आश्रम के पास झुग्गियों में NGO में बच्चों को पढ़ाते, मानवीय अज्ञानता पर उनके गुस्से को थिएटर के माध्यम से अभिव्यक्ति मिलती। उन्होंने अदालत, पगला घोडा से नाटकों में अभिनय करने के साथ साथ उनका निर्देशन भी किया।
आगे का समय बताया जाता है उनका असीम दुःख और शांति की तलाश में बीता इस दौरान उन्होंने कई नौकरियां और उद्योग बदले। और उन्हें अहसास होने लगा की जो वो जीवन में करना चाहते हैं वह किसी पारंपरिक मार्ग से नहीं प्रस्फुटित हो सकता!।
पर इस दिशा में उन्होंने संकल्प और आगे का रास्ता जारी रखा, आध्याम्तिक साहित्य और बोधग्रन्थों के आधार पर उन्होंने एक ऐसा पाठ्यक्रम तैयार किया। जो छात्रों के जीवन में बोध लाने और उन्हें सही निर्णय लेने में मददगार साबित होता था।
अतः उनके द्वारा देश के कुछ प्रतिष्टित संस्थानों में अपने पाठ्यक्रम की शिक्षा छात्रों को दी गई जिससे आगे का रास्ता साफ होने लगा।
आगे सिविल सर्विसेस करने के बाद कोर्पोरेट जगत में तीन साल की नौकरी करने के पश्चात उन्होंने उसे अलविदा कह दिया। और मानवता की चेतना को जागृत करने के लिए उनके द्वारा अद्वैत लाइफ एजुकेशन की शुरुवात की गई।
धीरे धीरे उन्हें अहसास होने लगा की यह कार्य जितना महत्वपूर्ण है उतना ही चुनौतीपूर्ण भी, कई बार अद्वैत की इस शिक्षा प्रणाली को माता पिता भी ठीक से समझ नहीं पाते थे।
30 वर्ष की आयु में आचार्य प्रशांत ने अपने संवाद सत्र पर बोलना शुरू किया, इन सत्रों में बैठने के पश्चात लोगों को हल्कापन, बोध और जीवन को देखने की नयी द्रष्टि मिलती, अतः अद्वैत का यह कार्य आगे जारी रहा।
आज यह मिशन लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित कर जीवन को सही दिशा में ले जाने के लिए प्रेरित कर रहा है।
आचार्य प्रशांत किसी भी मुद्दे पर स्पष्टता रखते हुए मन पर सीधा प्रहार करते हैं जिससे झूठ को कहीं छिपने की जगह नहीं दिखाई देती।
वे श्रोताओं को सुनते हैं, उन्हें गहराई से बोध देते हैं जिनसे पाठकों और श्रोताओं को जीवन जीने की राह दिखाई देती है।
आज इन्टरनेट पर उनके 10,000 से अधिक वीडियोस का संग्रह और 100 से अधिक पुस्तकें (स्त्री, पुरुष, युवा,विधार्थी) हर वर्ग के लोगों को शिक्षित करते हैं।
अद्वैत लाइफ एजुकेशन की स्थापना कब हुई?
वर्ष 2006 में आचार्य प्रशांत द्वारा लोगों के जीवन में बोध, स्पस्टता, गहराई आत्मज्ञान लाने के उद्देश्य से इस संस्था की शुरुवात की गई थी, और अब तक आचार्य जी का यह मिशन करोड़ों लाखों लोगों के जीवन को प्रभावित कर चुका है।
शुरुवात में आचार्य प्रशांत ने अपने बोध युक्त पाठ्यक्रमों को देश के प्रसिद्ध स्कूल, कॉलेज और इंजीनियरिंग कॉलेज के साथ टाई अप करके युवा छात्रों तक पहुचाया, आत्म विकास को लेकर यह कोर्सेस अकसर छात्रों के लिए बेहद मददगार साबित होते थे।
आगे चलकर उन्होंने लोगों की समस्याओं को बोध शिविरों (sessions) के माध्यम से पहुंचाया और फिर इन्हीं सत्रों में आचार्य जी की बातचीत को रिकॉर्ड कर Youtube पर डाला जाने लगा और वर्तमान में इन वीडियोस का फायदा अनेकों लोग ले रहे हैं।
आचार्य प्रशांत द्वारा लिखी गई प्रमुख किताबें| Acharya Prashant Books
वर्तमान में आचार्य जी की 100 से अधिक पुस्तकें ऑनलाइन उपलब्ध है, अपनी पुस्तकों के माध्यम से उन्होंने समाज के विभिन्न पहलुओं को लोगों के समक्ष जाग्रत किया है।
हाल ही में उनकी पुस्तक कर्म को नेशनल बेस्ट सेलर की उपाधि भी दी गई थी। एक तरफ उनकी पुस्तकें महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने, और समाज में अपना उचित स्थान और अधिकार प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है।
तो दूसरी तरफ मनुष्य के संबंधों, डर, कामवासना जैसे विषयों पर सही और सटीक बात रखकर वह लोगों के अंधविश्वासों और पुराने ढर्रे को तोड़ने का कार्य करते हैं!
आज उनकी पुस्तकों के माध्यम से उनकी बोध सामग्री से हजारों लोगों के जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैला है। अगर आप भी उनकी पुस्तकों को पढ़ना चाहते हैं तो आपके लिए यह कुछ विशेष पुस्तकें हैं!
- श्रीमदभागवत गीता (भाग 1 व 2)
- वेदांत
- डर
- समबन्ध
- स्त्री
आचार्य प्रशांत की अन्य पुस्तकों को आप उनकी आधिकारिक साईट पर विजिट कर चेक कर सकते हैं!
आचार्य प्रशांत द्वारा किए गए सामाजिक कार्य
एक तरफ आचार्य प्रशांत जहाँ मनुष्य को अपने बन्धनों को तोड़कर एक मुक्त और स्वतंत्र जीवन जीने पर जोर देते हैं दूसरी तरफ वह अपने स्वाद के लिय लोगों द्वारा मासूम जानवरों और जीवो पर किये जाने वाले अत्याचार का भरसक विद्रोह करते हैं।
इसलिए उन्हें एक श्रेष्ट वीगन प्रमोटर भी कहा जाता है। जमीनी तौर पर उनके प्रयास से आज लाखों लोगों ने विशुद्ध शाकाहार (मॉस और डेयरी सम्बन्धित उत्पादों को त्यागना) को अपनाया है और इससे पशुओं को निश्चित ही राहत मिली है।
इसके साथ ही आचार्य जी पर्यावरण की इस खराब हालत का जिम्मेदार हम सभी को मानते हैं, उनके शब्दों में पिछले 100 सालों में मनुष्य की अज्ञानता और विकास के नाम पर जितना विनाश हमने पृथ्वी का किया है।
उतना पहले कभी नहीं हुआ जिसके प्रभाव से आज नदी, हवा, जंगल, पेड़ पौधे का क्या हश्र हुआ है हम सभी जानते हैं। इसलिए पर्यावरण की स्तिथि में अगर कुछ सुधार संभव है तो सिर्फ अध्यात्म ही इकलौता उपाय है।
इसके अलावा वह समाज में महिलाओं& पुरुषों के शोषण और आज के उपभोक्तावाद और विकृत शिक्षा प्रणाली पर खुल कर बात करते हैं। अतः हम कह सकते हैं आचार्य जी हर उस महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपनी बात रखते हैं जो हमारे लिए महत्वपूर्ण है पर मनुष्य अपनी अज्ञानता से अनजान है।
Acharya Prashant Wife Name| Achraya Prashant Marrige Name
आचार्य प्रशांत अविवाहित हैं उन्होंने अभी तक किसी से शादी नहीं की है, अतः उनकी पत्नी, बच्चों के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है। बता दें आचार्य प्रशांत शादी को जीवन के सबसे महत्वपूर्ण फैसलों में से एक मानते हैं।
उनके शब्दों में “हमें एक सही जीवनसाथी मिल जाये तो सौभाग्य की बात है अन्यथा किसी गलत शादी में गलत व्यक्ति के साथ रहकर हमारा जीवन नर्क समान हो जाता है”
आचार्य प्रशांत से बातचीत कैसे करें? Aacharya Prashant Contact Number
अगर आप जीवन से जुडी किसी समस्या के समाधान हेतु आचार्य जी से मिलकर बातचीत करना चाहते हैं तो आप ऑनलाइन सत्रों में भाग ले सकते हैं इसके अलावा चेतना के उत्थान के लिए प्रतिमाह शिविर आयोजित किये जाते हैं।
जिनमें शामिल होकर आप सीधा आमने सामने अपने प्रश्न आचार्य जी के सम्मुख रख सकते हैं। इसके अलावा आचार्य जी से बात करने के लिए आप संस्था के नम्बर पर सम्पर्क कर सकते हैं।
+919650585100
Is Acharya Prashant Ias
जी नहीं, आचार्य प्रशांत को अपना iAS का इच्छित पद प्राप्त नहीं हो सका, लेकिन एक वेदांत शिक्षक बनने से पूर्व उन्होंने 3 साल सिविल सेवाओं में कार्य कर शिक्षा लोन और जरूरी खर्चों को निपटाया! और फिर आगे जनमानस में आत्मज्ञान के चलते बढती समस्याओं के समाधान हेतु उनके द्वारा अद्वैत लाइफ एजुकेशन की स्थापना कर युवाओं को सही दिशा देने का कार्य किया।
Acharya Prashant Family
आचार्य प्रशांत के पिता का नाम गौरीशंकर त्रिपाठी है और माता का नाम सावित्री देवी है! वह परिवार में अपने तीन भाई बहनों में सबसे बड़े हैं। हालाँकि सार्वजनिक तौर पर उनके परिवार से जुडी अधिक जानकारी प्रकाशित नहीं है, अतः हम उनकी निजी जानकारी पहुँचाने में असमर्थ हैं।
Acharya Prashant Age
7 मार्च 1978 में महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर पैदा हुए प्रशांत त्रिपाठी की वर्तमान उम्र 44 वर्ष है।
Acharya Prashant Quotes
- Right action is its own reward
- Living well, living fully is the purpose of life. Why ask for another purpose?
- God, Love, Truth – they are not experiences. They are freedom from experiences.
4.If you can exploit others, you will exploit yourself - With the eyes, you see something; with the I, nothing.”
- The more I am afraid of life, the more I will be afraid of death. I do not fear life, how can I fear death? Fear of death is fear of life.
- How will it feel to know that you have wasted your one precious life, and now it is too late? Wake up!
- In the exam of life, no question is ever repeated
9.Any search for life must begin by going very close to death. To understand death is to understand life. To die once is to come alive forever - If your decisions Lead to Peace, Joy, Contentment, for you Then they are right Otherwise They are Wrong.
Acharya Prashant Quotes in Hindi
- किसको तुम हाँ कहते हो किसको ना कहते हो इसी से तुम्हारी जिन्दगी तय होती है!
- प्रेम दिया जा सकता है,लिया जा सकता है पर माँगा बिलकुल नहीं जा सकता!
- दुःख से बचने के लिए जिसकी तरफ भाग रहे हो वो सबसे बड़ा दुःख है!
- किसी से प्रेम का अर्थ दोनों के बीच विचारों का मिलना नहीं है, बल्कि प्रेम कहता है मैं तुम्हारे हित के लिए उत्सुक हूँ!
- इतनी मेहनत से लड़ो, इतनी मेहनत से खेलो की परिणाम से फर्क ही न पड़े!
- डर में किया गया कोई भी कार्य डर की तरफ ही ले जायेगा!
- खेल तो चलता रहेगा पर प्रश्न है जिन्दगी तुमसे खेल रही है या तुम जीवन से!
- अभी को साधो कल अपने आप ठीक हो जायेगा!
- जहाँ लालच है वहां गुलामी है!
Acharya Prashant Fees
वे युवा और कर्मचारी जो प्रशांत अद्वैत फाउंडेशन द्वारा आयोजित किये गए अद्वैत बोध शिविरों में भाग लेकर आचार्य जी के समक्ष अपने प्रश्न रखना चाहते हैं उनसे संस्था को चलाने हेतु आर्थिक योगदान के लिए एक निश्चित शुल्क संस्था द्वारा लिया जाता है! यह राशि विभिन्न स्थानों पर आयोजित होने वाले सत्रों और शिविरों के आधार पर भिन्न-भिन्न होती है!
Acharya Prashant Net Worth
प्रशांत अद्वैत फाउंडेशन एक नॉन प्रॉफिट संस्था है, अतः संस्था के आय प्राप्त करने के विभिन्न स्त्रोतों जैसे Youtube चैनल, बुक्स और दर्शकों द्वारा योगदान राशी को संस्था में विभिन्न शैक्षणिक सामग्री को तैयार करने हेतु खर्च किया जाता है! अतः आचार्य प्रशांत इन पैसों का निजी तौर पर उपयोग नहीं करते अतः उनकी नेट वर्थ के विषय पर कोई भी जानकारी उपलब्ध नहीं है!
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अंतिम शब्द
तो साथियों इस तरह अध्याय Acharya Prashant Biography में आचार्य जी के सम्बन्ध में कई महत्वपूर्ण बातें जानी, उम्मीद है यह लेख आपके लिए कारगर साबित होगा और आप इसे शेयर भी करेंगे।