आचार्य प्रशांत की Top 10 किताबें | Best Life Books

कहते हैं संगती ही आपका जीवन बनाती है या बिगडती है, इसलिए श्रेष्ट/ऊँचे लोगों की संगती करने का बेहतरीन जरिया है किताबें, लोगों को सत्य, वेदांत से परिचित करवाने वाले आचार्य प्रशांत जी की Top 10 किताबें (Acharya Prashant Books in Hindi) इस लेख में दी गई हैं।

जीवन में आनंद मात्र बोध में हैं, यानी बिना समझ के इंसान का जीवन उस शराबी की भांति होता है जिसे आत्म विश्वास पूरा है की मैं सही जा रहा हूँ, उचित बातें बोल रहा हूँ पर वास्तव में वह बहका और भटका होता है।

दुर्भाग्यवश, हमारी हालत भी उसी शराबी की भांति है जिसके पास भ्रम हैं, अज्ञान है, लालच है इसलिए पल-पल जिन्दगी हमें ठोकर देकर मानो जागने के लिए कहती है।

पिछले 20 सालों में आचार्य प्रशांत लोगों को सनातन धर्म के मूल ग्रन्थों की सीख पहुंचाकर, महिला सशक्तिकरण पर बल देकर आज पर्यावरण और जानवरों के प्रति होने वाली इस क्रूरता के प्रति बेबाक आवाज उठाकर मानव जीवन को सही राह दिखाने का कार्य कर रहे हैं।

वैसे तो लाखों लोग रोजाना उनके Youtube चैनल पर मौजूद निशुल्क वीडियोस के माध्यम से लाभ ले रहे हैं, लेकिन कई सारे छात्र, महिलायें और पुरुष जो उनकी शिक्षाओं को करीब से जानना समझना चाहते हैं वे अक्सर Acharya prashant books गूगल पर सर्च करते हैं! उन्हीं लोगों के लिए यह लेख बेहद उपयोगी होने वाला है।

आचार्य प्रशांत की Top 10 किताबें| Top 10 Acharya Prashant Books in hindi

आज आचार्य जी की आधिकारिक वेबसाइट पर 100 से अधिक पुस्तकें इबुक और हार्ड कॉपी के रूप में मौजूद हैं, इन पुस्तकों की कई प्रतियों को राष्ट्रीय बेस्ट सेलर के रूप में भी चुना जा चुका हैं।

यूँ तो उनकी हर एक पुस्तक पाठक को किसी विषय पर गम्भीरता से चिंतन कर सही निर्णय लेने में मददगार साबित होती है लेकिन आज हम उन्हीं में से शीर्ष 10 पुस्तकें आपके साथ सांझा कर रहे हैं।

#1. विद्यार्थी जीवन और पढ़ाई

बाल्यकाल से लेकर किशोरावस्था तक एक विद्यार्थी का जीवन कई खट्टी मीठी यादों से होकर गुजरता है, कभी वह खुद को दोस्तों के साथ हँसते-खेलते पाता है तो वह कभी पढ़ाई का भार सिर पर लिए आगे बढ़ता है! हमारे देश की पावन भूमि में कई ऊँचे दार्शनिक, महापुरुष हुए जिनके ज्ञान से न सिर्फ देशवासियों को बल्कि विश्व को भी गौरवान्वित किया।

आचार्य प्रशांत की Top 10 किताबें ~ आचार्य प्रशांत

लेकीन इस बात में भी कोई दो राय नहीं की आज के दौर में खराब शिक्षा व्यवस्था और छात्रों में बैठाई गई हीन, दुर्बल विचारधारा की वजह से हर साल हजारों विद्यार्थी आत्म दाह कर लेते हैं या फिर चाहकर भी जीवन में उस दिशा की ओर नहीं बढ़ पाते जो हो जाना उनकी नियति थी, काबिलियत थी।

आज आचार्य प्रशांत युवाओं को जिन शिक्षाओं से मार्गदर्शन दे रहे हैं वो काबिलेतारीफ है, किस तरह किस विषय को किस उद्देश्य से पढना चाहिए और बाजार में कम्पटीशन और पढ़ाई में आपके प्रति परिवार और लोगों की उम्मीदों को देखने का सकारात्मक नजरिया कैसा होता है? यह समझने के लिए यह एक बेहतरीन पुस्तक है।

#2. स्त्री

सदा ही हमारे उच्चतम धर्म ग्रन्थ गीता, वेदान्त और उपनिषदों में लिंगभेद को कभी भी स्वीकृति नही मिली, बल्कि इन धर्म ग्रन्थों को जिसने भी पढ़ा और समझा वो इनका ऋणी हो गया! लेकिन आश्चर्य होता है उसी धरती पर ऐसे भी लोग हुए हैं और आज भी हैं जो महिलाओं को पुरुषों के अपेक्षा नीचे देखते हैं और यही नहीं बड़ी मात्र में उनके साथ आज भी क्रूरता और अभद्रता का व्यवहार होता है।

लेकिन आर्थिक, सामजिक और राजनैतिक किसी भी लिहाज से यदि देश का विकास करना है तो महिलाओं की भूमिका बराबर का हक़ मांगती हैं! इसलिए आचार्य प्रशांत बेबाकी से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने, आत्म विकास करने हेतु जीवन में कुछ बेहतर पर जोर देती हैं।

 आज उनसे प्रेरित होकर हजारों महिलाओं का जीवन बदला है इस बात की गवाही स्वयं youtube वीडियोस पर दिए कमेन्ट बताते हैं! अगर आप अपने पारिवारिक तथा प्रियजनों में स्त्रियों को आत्मबल देकर  शिक्षित करवाना चाहते हैं तो आचार्य प्रशांत की यह पुस्तक जरुर भेंट करनी चाहिए।

#3. सम्बन्ध

जीवन में संबंधों का स्वस्थ्य होना कितना आवश्यक है, ये बात इंसान को तब मालूम होती है जब रिश्तों में उसकी उम्मीदें टूटती है और उसे गहरा दुःख पहुँचता है! लेकिन हमें लगता है हम तो पर्याप्त समझदार हैं हम अपना भला जानते हैं की हमें किस इंसान के साथ कैसा रिश्ता रखना है?

सम्बन्ध आचार्य प्रशांत की Top 10 किताबें

लेकिन आप गलत हैं इस बात का स्पष्ट प्रमाण यह है की आप अपने रिश्तों में अक्सर दुखी रहते होंगे।

हमारी नासमझी की वजह से हमारे अपने परिवार के साथ समबन्ध बिगड़ते हैं, गलत दोस्तों की संगती कर बैठते हैं और यहाँ तक की बिना समझे बूझे एक गलत जीवन साथी का चुनाव कर लेते हैं और फिर जिन्दगी में पछताने के सिवा कुछ हासिल नहीं होता।

अतः ये बात तो तय है की इंसान है तो समाज तो होगा ही, लेकिन इस समाज में रहते हुए लोगों के साथ स्वस्थ्य और अच्छे समबन्ध कैसे बनाएं? जानना है तो ये पुस्तक जरुर पढनी चाहिए।

#4. डर

हम सभी के जीवन में डर छाया हुआ रहता है, डर ही है जो हमें कई बार उन कार्यों को भी करने को विवश कर लेता है जो मूर्खतापूर्ण है और करने योग्य नहीं है।

लेकिन एक इन्सान के डर में और दूसरे इन्सान के डर में अंतर होता है, एक को डर होता है कहीं कुछ रूपये न खो जाए, या लोग मेरा उपहास न कर दें! वहीं किसी को इस बात का डर रहता है की कहीं बेकार के कामों में उलझकर जिन्दगी खराब न हो जाए!

इसलिए डर नामक यह पुस्तक हमें सिखाती है की जिन्दगी में व्यर्थ की बातों से डरने का एक ही इलाज है बोध, एक बार इन्सान समझ गया, जान जाता है तो बाकी चीजें उसके लिए बहुत छोटी हो जाती हैं! डर नामक यह पुस्तक हमें अज्ञान की कमी की वजह से होने वाले डर को दूर करना सिखाती है!

#5. कामवासना ~ डर और अज्ञान

एक ऐसा विषय जिसपर खुलकर बात भी नहीं की जा सकती, इसलिए यह विषय महिलाओं और पुरुषों के बीच गुप्त होता है अतः इसको लेकर मन में उतना ही डर, ग्लानी और शर्म का भाव रहता है!

कामवासना

परन्तु आचार्य प्रशांत की Top 10 किताबों में से यह पुस्तक इस विषय पर सीधी और स्पष्ट बात रखते हुए पाठकों को स्त्री पुरुष के आकर्षण का राज, लड़का लडकी के इस खेल में जिन्दगी की बर्बादी और इस विषय से जुड़े अन्य पहुलुओ जैसे ब्रह्मचर्य का सही अर्थ और कामवासना तथा प्रेम के अंतर को विस्तार में बतलाते हैं!

जिससे वे युवा जो कामवासना को एक नकरात्मक दृष्टि से देखते हैं और वे लोग जो अक्सर कामवासना और प्रकृति को न समझने की वजह से जिन्दगी में भूलवश फैसले कर बैठते हैं! वैसा आपके साथ न हो इसलिए यह पुस्तक इस विषय पर गहरे राज व्यक्त करती है!

#6. प्रेम सीखना पड़ता है!

संत कबीर कहते हैं प्रेम, प्रेम हर कोई कहता है पर ढाई अक्सर के इस प्रेम शब्द का वास्तविक अर्थ असल में कोई नहीं जानता!

प्रेम सीखना पड़ता है ~ आचार्य प्रशांत की बेस्ट बुक

प्यार बेहद ऊँची और विरला चीज़ होती है लेकिन फ़िल्मी गानों ने, सामाज ने प्यार को एक मामूली चीज़ बनाकर कामवासना और प्रेम को एक ही मान लिया! आचार्य जी बता रहे हैं की जीवन में निराशा, उब, बेचैनी अगर है तो इसका एक ही कारण है प्रेम की कमी!

और प्रेम कोई शरीरिक रसायन नहीं है जो शरीर में खुद ही आ जाए, प्रेम तो सीखना पड़ता है, जितना मन साफ़ होता है प्रेम उतना ही गहराता है!

प्यार और मोह में अंतर, आजकल के बेबी बेबी वाला प्यार की हकीकत और, रिश्तों में प्रेम न होने की वजह जैसे प्रेम पर आधारित 20 से अधिक मुद्दों को सुलझाती आचार्य जी की यह पुस्तक जरुर पढनी चाहिए!

#7. वेदांत

हमें लगता है हमारी संस्कृति में जो पूजा पाठ, हवन और भगवान की कथाओं को जो हम सुनते हैं यही तो धर्म है!

लेकिन बिना उपनिषद और वेदांत पढ़े सनातन धर्म को समझना असम्भव है! वेदांत दर्शन वेदों का शिखर माने जाते हैं, स्वामी विवेकानन्द, संत कबीर और पश्चिम में भी कई ऐसे महापुरुष हुए जिन्होंने वेदान्त पर सिर रखकर पूजा!

आखिर इस भारतीय दर्शन में क्या है इतना ख़ास जो इसे सबसे ख़ास और पूजनीय बनाता है, जवाब है आत्म जिज्ञासा, जीवन में वे लोग जो दुखी हैं, निराश हैं पर इसकी वजह नहीं जानते और अध्यात्मिक यात्रा शुरू कर चुके हैं या पहले पड़ाव में हैं उन्हें आचार्य प्रशांत की यह पुस्तक जरुर पढनी चाहिए!

#8. अष्टावक्र गीता

भले ही भारत में श्रीमदभगवद गीता की तरह अष्टावक्र गीता प्रचलित नहीं हो पाई! लेकिन अष्टावक्र गीता का एक एक श्लोक जीवन के रहस्यों को जानने जैसा है!

अष्टावक्र गीता

 महानतम ऋषि अष्टावक्र और राजा जनक के बीच का वेदान्तिक संवाद आज हम सभी के समक्ष अष्टावक्र गीता के रूप में उपलब्ध है! अष्टवक्र गीता को आज हम सभी वेदांत के सर्वोच्च ग्रन्थों में से एक जानते हैं!

अष्टावक्र गीता के गीता के श्लोकों पर आचार्य प्रशांत की व्याख्या पाठकों को आत्मज्ञानी बनने की दिशा में बेहद मददगार साबित होता है! इस पुस्तक के 37 अध्याय पाठकों के जीवन से भ्रम और धूल की परतों को मिटाने का कार्य करती है!

#9. पैसा कितना और क्यों

नि:संदेह जीवन में पैसे की उपयोगिता है, और इसलिए हमारी शिक्षा व्यवस्था और अर्थव्यस्था हमें पैसे कमाने के विभिन्न मौके देती है! पर मात्र पैसा कमाना जीवन का लक्ष्य नहीं हो सकता, इसलिए पैसा कमाना जितना आवश्यक है उतना ही जरूरी है यह जानना की इसे खर्च कैसे किया जाए!

पैसा कितना और क्यों

पैसा नामक यह पुस्तक महिलाओं को आत्म निर्भर बन्ने, उस पैसे को सही जगह खर्च कैसे किया जाए, जीवन में खूब पैसा कमाया जाए या फिर नहीं, इत्यादि विषयों को बारीकी से समझाते हैं ताकि आज का मनुष्य जिसके पास पैसे के अतिरिक्त जीवन में कोई लक्ष्य नही है! उसे यह पुस्तक जरुर पढनी चाहिए!

#10. आह! जवानी

जवानी ही इंसान की जिन्दगी को संवारती है या फिर उसे कामवासना और संसार की विभिन्न चीजों में लुभाकर उसके पतन का कारण बनती है!

आह जवानी

 भले ही आज शिक्षा और सूचनाएँ पाने के कई साधन उपलब्ध हैं लेकिन इसके बावजूद डिप्रेशन और तमाम तरह की मानसिक बीमारियों से एक युवा खुद को असहाय और दुर्बल समझने को विवश है!

जिन अभिनेताओं, इन्फ़्लुएन्सर्स को लोग सलाम करते हैं उनका वास्तविक जीवन कैसा है कभी वह जान नहीं पाते! और अंधे की भाँती उन्हीं के जैसा बनने की दौड़ में निकल पड़ते हैं!

आचार्य प्रशांत की Top 10 किताबें देशभर से लोगों के लिए फायदेमंद रही हैं, वे लोग जिन्हें नहीं पता जीवन में करने लायक काम क्या है? वे लोग जो जवानी को सार्थक करके इस जिन्दगी में बेवजह दुःख और कष्टों से मुक्ति चाहते हैं उन्हें यह पुस्तक जरुर पढनी चाहिए!

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अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के पश्चात उम्मीद है आचार्य प्रशांत की Top 10 किताबें आपके जीवन को सही आकार और जीवन के दुःख और कष्टों से मुक्ति देकर एक सही जीवन जीने में सहायक साबित होंगी! अगर इस लेख के सम्बन्ध में कोई विचार हैं तो कमेन्ट में बताएं साथ ही जानकारी को शेयर भी कर दें!

4 thoughts on “आचार्य प्रशांत की Top 10 किताबें | Best Life Books”

  1. सच्चे और ईमानदार व्यक्तियों मैं सबसे महान हमारे प्रिय आचार्य श्री प्रशांत जी जो जीवन के हर एक क्षेत्र मैं सचाई पर बल देते हैं और देते रहेंगे।
    प्राण जाए पर वचन न जाए
    जय श्री राम

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