Acharya Prashant Books Pdf Free Download

देखिये इस बात में कोई दो राय नहीं की हम सभी प्रेम के भूखे हैं, कठोर शब्दों में कहूँ तो हम प्रेम के भिखारी है। इसलिए दोस्तों से, परिवार से और समाज में हर किसी व्यक्ति से हम प्यार पाने की चाहत में रहते हैं। (प्रेम- सीखना पड़ता है Book Summary in Hindi)

 

इसलिये फिर हम अपने कार्यों को भी उसी तरह अंजाम देते हैं फिर चाहे वह गलत ही क्यों न हों।

यही वजह है की ढाई अक्षर के प्रेम शब्द का सही मतलब न पता होने के कारण इंसान जीवन भर कभी मोह में तो कभी स्वार्थवश प्रेम करता है।

और अपने जीवन के अनुभवों के आधार पर आप भी यह समझ चुके होंगे की जब भी इंसान किसी से मतलब से या फिर मोहवश प्रेम करता है तो अंत में उसे दुःख ही झेलना पड़ता है? तो क्या इसका मतलब है किसी से प्रेम ही न करें?

जी नहीं, बल्कि इसका मतलब है की प्रेम करने से पहले समझें आखिर यह प्रेम क्या है? इसे सीखना क्यों जरूरी है? आपको लगता होगा प्रेम तो बच्चे के पैदा होने के साथ ही उसमें आ जाता है! तो फिर इसमें सीखने जैसा क्या?

जी नहीं, यही चीज़ है जो हम जीवन भर समझ नहीं पाते। और अपने ज्ञान के इसी अभाव में इंसान का जीवन रसहीन हो जाता है।

इसलिए इस मतलबी प्रेम से परे सनातन धर्म में गुरुओं, ऋषियों की वाणी में विशुद्ध प्रेम का जो सही अर्थ है, उसे अपने जीवन में उतारने के बाद लोगों के जीवन में प्रेम बांटने के लिए आचार्य प्रशांत ने वास्तविक प्रेम पर आधारित एक पुस्तक ही लिख डाली, जिसका शीर्षक है प्रेम सीखना पड़ता है।

तो अगर आप भी जीवन में सच्चा आत्मिक प्रेम लाना चाहते हैं ताकि आप जीवन में अपने बन्धनों को तोड़ सके और अपने दुःख भ्रम मिटा सके। तो यह सिर्फ जीवन के प्रति प्रेम ही करवा सकता है।

महत्वपूर्ण जानकारी 🖐

आचार्य प्रशांत से बातचीत हेतु सम्पर्क करने के लिए +91 80 4736 0451 पर whatsapp करें!

इसलिए प्रेम को समझने के लिए आपको 20 अध्यायों में प्रेम का सही अर्थ बताने वाली यह पुस्तक अवश्य पढनी चाहिए।

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अंतिम शब्द 

तो साथियों हमें आशा है प्रेम सीखना पड़ता है नामक यह पुस्तक आपके जीवन में प्रेम का उपहार लेकर आएगी! इस पुस्तक को पढ़ने के बाद आपकी इस पुस्तक को लेकर क्या राय है? हमें कमेन्ट बॉक्स के माध्यम से जरुर बताएं! साथ ही हम आपके लिए आगे भी आचार्य प्रशांत जी की कुछ अन्य बेहतरीन पुस्तकों की समरी आप तक पहुंचाते रहें! इसके लिए जरूरी है की आप इस ब्लॉग से जुड़े रहें!

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