Acharya Prashant Education | IIM से अध्यात्म तक

अक्सर आचार्य प्रशांत के वीडियोस देखकर उनकी शिक्षाओं से प्रभावित होने वाले लोग Acharya Prashant Education सर्च करते हैं, अगर आप भी उनकी पढ़ाई, उनके शैक्षणिक करियर के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए है।

Acharya prashant Education

आज आचार्य प्रशांत की शिक्षाओं से देश के लाखों लोगों को फायदा पहुंचा है, जीवन के विभिन्न मुद्दों पर जितनी गहराई और स्पष्टता से वह बातचीत करते हैं उससे लोगों को सच्चाई के करीब आने का मौका मिलता है।

पिछले 16 वर्षों में उन्होंने छात्र, युवा, पुरुष,महिला हर वर्ग के लोगों को अध्यात्मिक शिक्षाओं से अवगत करवाया, उनका यह कार्य और मिशन निश्चित रूप से आसान नहीं था परन्तु कार्य के प्रति प्रेम और निरंतरता ने उन्हें शिखर तक पहुँचने में मदद की।

आज भी ऐसे कई लोग हैं जो उनके निजी जीवन के बारे में खास नहीं जानते, वे लोग आचार्य प्रशांत Wife और उनकी बायोग्राफी खोजते रहते हैं। चलिए आज हम विस्तार से जानते हैं

Acharya Prashant Education| आचार्य प्रशांत शैक्षणिक करियर

वर्ष 1978 में जन्मे आचार्य प्रशांत की आरम्भिक शिक्षा आगरा (उत्तर प्रदेश) में शुरू हुई, पढ़ाई में कुशाग्र बुद्धि के छात्र होने की वजह से विद्यालय में उन्हें कई तरह के पुरुष्कारों से नवाजा गया।

यहाँ तक की कक्षा में उनके बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए कई बार उनकी मां को मदर क्वीन की उपाधि से सम्मानित किया गया।

कक्षा में हमेशा से टॉप करने वाले प्रशांत के पिताजी एक सरकारी ब्यूरोक्रेट थे अतः नौकरी में होने वाले स्तानांतरण के चलते आचार्य प्रशांत कभी भी एक स्कूल में टिक कर पढ़ाई नहीं कर पाए। 15 वर्ष की आयु में पिता के जॉब में ट्रांसफर के चलते वे गाजियाबाद आ गए।

यहाँ से उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई हेतु देश के प्रमुख विश्वविधालय IIT DELHI में दाखिला हासिल करने की तयारी शुरू की, और अपनी तीव्र बुद्धि और मेहनत की बदौलत आसानी से वो दाखिला प्राप्त कर पाए।

फिर आगे उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन हेतु IIM अहमदाबाद में शिक्षा हासिल करने का फैसला लिया ताकि वह संस्था के प्रबंधन की जिम्मेदारी को करीब से समझ सके।

वर्ष 2003 में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद उन्होंने आगे के कुछ साल कॉर्पोरेट जॉब में बिताये और फिर अद्वैत लाइफ एजुकेशन की स्थापना की।

शुरुवात में प्रशांत IAS पद हासिल करना चाहते थे पर जैसे जैसे उन्हें अहसास हुआ की सरकारी पद में आसीन रहते हुए कोई बड़ा परिवर्तन नहीं लाया जा सकता तो उन्होंने वो राह छोड़ दी।

Is Acharya Prashant from IIT?

जी हाँ, आचार्य प्रशांत ने इंजीनियरिंग में IIT दिल्ली से स्नातक किया है। IIT में बीते 2 साल शैक्षणिक रूप से काफी समृद्ध हुए।

पढ़ाई में होनहार छात्र होने के साथ साथ प्रशांत खेलों में और विभिन्न नाटकों में भाग लेते थे। अक्सर व्यर्थ की समाजिक मान्यताओं के प्रति उनका गुस्सा थिएटर में अपने किरदारों के रूप में झलकता था।

 Achraya Prashant UPSC interview

हर आम भारतीय छात्र की भांति आचार्य प्रशांत का शुरू से ही IAS बनना एक सपना था। और इस सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने जीवन के लगभग 15 वर्ष मानसिक रूप से खुद को तैयार करने के लिए लगा दिए।

और आखिरकार वह दिन आ ही गया जिस दिन का सभी UPSC उम्मीदवारों को इन्तेजार रहता है, आइये इस इंटरव्यू की कहानी आचार्य जी की जुबानी सुनते हैं।

आचार्य जी बताते हैं UPSC इंटरव्यू के समय मेरी उम्र 21 की रही होगी, अतः इस उम्र तक आते आते धांधली और भ्रष्टाचार के चलते पूरे सरकारी तन्त्र के प्रति मन में रोष और विद्रोह की भावना आने लगी थी।

अतः UPSC साक्षात्कार का जब दिन आया तो मन में वो उत्साह और उमंग नहीं आई जिसकी पहले कामना थी, लेकिन फिर भी नकारने की बजाय इंटरव्यू की महत्वता को समझते हुए मैंने इंटरव्यू दने का निश्चय किया।

लेकिन बजाय फॉर्मल कपडे पहनने के मैंने फैसला किया की एक जींस और सफेद कमीज के साथ इंटरव्यू के लिए निकला जाए जो यह दर्शाने के लिए काफी था की मैं इस इंटरव्यू के लिए सीरीयस नहीं हूँ।

इंटरव्यू कक्ष में प्रवेश से पहले आवेदकों को लाइब्रेरी कक्ष में खड़े होने के लिए कहा गया। वहां पाया सभी अस्पिरेंट फॉर्मल कपड़ों में थे, और आपस में इंटरव्यू के सम्बन्ध में उनके बीच चर्चा हो रही थी। मुझे देखकर शायद उनके मन में यह भाव ही नहीं आया था की मैं भी इस साक्षात्कार का हिस्सा बनने वाला हूँ।

थोड़ी देर बाद इंटरव्यू कक्ष में मैंने प्रवेश किया, और मुझे लगा मेरे कपड़ों को देखकर वो सीधा प्रश्न करेंगे, और 4-5 मिनट के बाद यह बातचीत समाप्त हो जाएगी।

पर सौभाग्य रहा की पैनल ऐसा मिला, जिन्होंने कई गहरे प्रश्न मुझसे किये और मैं भी जवाब देता गया, लगभग यह बातचीत एक घंटे तक चली। इस बीच उन्होंने मेरे पोर्टफोलियो में देखा की मुझे कवितायें लिखने का शौक है तो उन्होंने मुझे कविता सुनाने को कहा।

पहले तो मुझे लगा कविताओं में कही गिया बातें निजी हैं और दिल के बेहद करीब हैं, लेकिन पैनल में सामने बुजुर्ग थे तो जब उन्होंने आत्मीयता से यह प्रश्न किया तो मैंने भी कविताये सुनना शुरू किया।

और इस बीच उनमें से किसी ने ये प्रश्न भी किया की इस पंक्ति का ये नहीं ये मतलब हुआ तो मैंने कहा लिखी मैंने है तो शायद मुझे अच्छी तरह मालूम होगा।

इसके बाद इंटरव्यू समाप्त होता है, और अंततः मुझे 300 में से 210 अंक प्राप्त हुए, यह अंक यह बताने के लिए पर्याप्त थे की पैनल के सदस्य मुझे IAS के रूप में देखना चाहते थे। पर अब आगे का चुनाव मेरा था।

इस इंटरव्यू के पश्चात मन में UPSC और सरकारी तंत्र के प्रति थोडा सम्मान बढ़ गया। क्योंकि पहले मन में जहाँ पूरे प्रशासनिक तन्त्र और ब्यूरोक्रेसी के भ्रष्ट होने की छवि थी वो भावना साक्षात्कार के बाद बदल सी गई थी। हालाँकि किसी और पैनल में होता तो सम्भव था वो बातचीत से अधिक महत्व कपड़ों पर देते।

IIT और IIM के बाद अध्यात्म क्यों?

IIT, IIM से पढ़ाई और उसके बाद सरकारी नौकरी छोड़कर अद्वैत वेदांत की स्थापना कर अपनी अध्यात्मिक यात्रा की शुरुवात करने वाले आचार्य प्रशांत का जीवन आज भी छात्रों को सोचने के लिए मजबूर कर देता है।

क्योंकि जीवन में वह सब कुछ पाना जिसके अधिकांश लोग सिर्फ सपने देखा करते हैं, फिर चाहे बात हो IIT दिल्ली से पढ़ाई करने की और IIM अहमदाबाद से निकलकर देश की बड़ी बड़ी कोरपोरेट कम्पनी में जॉब करने की, उनकी यह खूबियाँ उन्हें आज के दौर में तथाकथित अध्यात्मिक गुरुओं से भिन्न बनाती है।

इस विषय पर जब उनसे छात्र द्वारा पूछा गया की सर, इतनी पढाई और सफलता हासिल करने के बाद अध्यात्म की तरफ रुख क्यों किया, आज आप हमें पढ़ाने की बजाय किसी बड़ी कम्पनी में लाखों का पॅकेज लेते।

जवाब में आचार्य प्रशांत कहते हैं की वह सब चीजें छोडने की मुख्य वजह यही थी की हमें लगता है जिन सपनों घर, नौकरी इत्यादि के पीछे भाग रहे हैं वो मिल जाने पर जीवन में शांति, चैन मिल जायेगा पर ऐसा होता नहीं है।

और जब मुझे यह दिखा की इन्हीं चीजों के पीछे हर बच्चा बचपन में भागता है उनकी असलियत क्या है? तो जिन्दगी में यह समझ आया की वास्तव में पाने लायक क्या है?

इसीलिए जब आपको भौतिक चीजों से परे कुछ विशेष मिल जाता है तो फिर आप उसे प्रेम पूर्वक दूसरों के साथ बांटते भी हो। और उसी प्रेम का नतीजा है मैं आपके समक्ष हूँ।

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अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद Acharya Prashant Education आध्यात्मिक यात्रा के विषय में विस्तार से जानकारी मिल गई होगी, अगर आपके लिए यह लेख उपयोगी साबित हुआ है तो इसे अन्य लोगों के साथ भी अवश्य शेयर कर दें।

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