दमन और शमन का अर्थ: स्कूली छात्रों को समझाने की बात हो या फिर आध्यात्मिक जगत में कठिन साधना को सफल बनाने की हो दमन और शमन किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए बेहद अनिवार्य माने जाते हैं।
पर चूँकि आम लोग इन शब्दों का सही अर्थ नहीं समझते अतः वे या तो इन शब्दों का विरोध करते हैं या फिर इनको नजरंदाज कर देते हैं। पर असल में जिन्होंने इन शब्दों का वास्तविक अर्थ समझ लिया उन्हें सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए बल मिलता है।
भारत में अनेक ऐसे महापुरुष, संत हुए जिन्होंने दमन और शमन का महत्व समझा, उसे जीवन में लागू किया और फिर बाद में लोगों के फायदे के लिए उनके द्वारा दमन और शमन की कई तरह की विधियाँ लोगों को बताई गई।
तो चलिए इस लेख में बारीकी से समझते हैं की दमन और शमन यह दोनों शब्द हमारे रोजमर्रा के जीवन के लिए किस तरह लाभदाई हो सकते हैं।
दमन का क्या अर्थ है ?
दमः कः?
चक्षुरादि बाह्योइंद्रिय निग्रहः। —तत्वबोध, श्लोक ५.४
दम क्या है? चक्षु आदि बाह्य इंद्रियों का निग्रह करना ही दम है।
जानवर की भाँती हर इन्सान के शरीर में कुछ प्राकृतिक वृतियां होती है जैसे भूख लगना, नींद आना, शारीरिक सुख पाना, लालच, क्रोध आना इत्यादि लेकिन अक्सर यही वृतियां इंसान को सही रास्ते पर चलने में बाधा डालती हैं।
शारीरिक इच्छाओं की पूर्ती के लिए शरीर द्वारा किये गए कर्म को रोकना ही दमन है।
दमन एक तरह का अभ्यास है जो हमें हमारी ही कमजोरियों से लड़ने और सही जीवन जीने में मदद करता है। दमन बहुत बहुत आवश्यक है जो लोग इसकी उपेक्षा करते हैं वे जिन्दगी में घोर दुःख पाते हैं।
देखिये, आप जिन्दगी में कोई भी सार्थक काम करें या कोई अच्छी आदत अपनाएँ इन्द्रियां विरोध करती हैं। क्योंकी प्राकृतिक रूप से हमारा शरीर ऐसा है जो हमेशा उन चीजों की तरफ आकर्षित होता है जिनसे उसे आनन्द प्राप्त होता है।
देखा है, पढ़ाई करते समय अगर नाक में समोसे की खुशबू आ जाए तो मन सब कुछ छोड़कर समोसा खाने का करता है। इसी तरह अगर आप सोचें कल से सुबह जल्दी उठकर व्यायाम करूँगा तो मन बिस्तर से उठने में कितना विरोध करता है।
तो देह तो हमारी ऐसी है जो हमेशा आराम, सुख चाहती है और दुर्भाग्य से जो लोग शरीर के इस मकसद को नहीं समझते और जैसे उनकी इन्द्रियां कहती हैं उन्हीं चीजों को सच्चाई मान बैठते हैं।
वे लोग शरीर के गुलाम हो जाते हैं। ऐसे ही लोग होते हैं फिर जो बाद में शराब, ड्रग्स इत्यादि का सेवन करते हैं क्योंकी पहले वो शरीर की हर छोटी छोटी इच्छा पूरी करने में लगे रहते थे अब यही शरीर उन्हें अपनी इच्छाओं के लिये इधर उधर भगाता है।
इसलिए आचार्य शंकर के साथ साथ अनेक ऋषियों ने दमन की विधियों को लाभकारी बताया है उन्होंने कहा है जब भी मन किसी काम को करने के लिए कहे तो विचार करो इसका परिणाम क्या होगा? अगर शरीर को इससे सुख मिलेगा।
तो जाहिर है ये सुख बार बार पाना चाहेगा तो बेहतर है की आप उस कर्म को करें ही न जिससे की शरीर बार बार आपको अपनी इच्छा पूर्ती करने के लिए विवश करे। आप कर्म वो करें जिससे आप शरीर के गुलाम नहीं बल्कि शरीर आपका गुलाम बनें।
दुर्भाग्य से अधिकतर लोग शरीर के ही गुलाम रहते हैं उन्हें पूछो दिन भर क्या क्या काम किये? क्यों किये तो मालूम होगा या तो पेट के लिए या फिर शारीरिक सुख (सेक्स) पाने के लिए, या फिर नशे के लिए। अधिकांश लोग दिनभर खूब मेहनत करते हैं बस इसी खातिर।
कोई नहीं कहेगा आज मैंने दिनभर मेहनत की ताकि दुनिया की समस्याएं ठीक हो सके। कोई नहीं कहेगा।
तो आपकी भी जिन्दगी सिर्फ शरीर की मांगो को पूरा करने में न बर्बाद हो जाये, इसके लिए दमन की उपयोगिता को समझिये। जल्दी से किसी काम को करने के लिए दौडिए मत पूछिए। क्यों कर रहा हूँ? किसके लिए कर रहा हूँ? जवाब मिलने शुरू हो जायेंगे।
एक बार जवाब मिल जाये और आगे फिर उसी कर्म को दोहराने से पहले रुक जाइए। और स्वयं से कहिये भाई। ये काम नहीं करना है।
शमन क्या है?
मन के ऊपर नियंत्रण प्राप्त करना ही शम है। —तत्वबोध, श्लोक ५.३
अज्ञान/नासमझी के कारण मन को गलत दिशा में जाने से रोकने के लिए अपनाई गई विधि शमन कहलाती है।
शमन बहुत आवश्यक है, पर दुर्भाग्य से अधिकतर लोग दमन की विधियाँ प्रयोग में लाते हैं लेकिन शमन वे नहीं करते।
वे लोगों से ये तो सुन लेते हैं की कौन सी चीज़ अच्छी या बुरी है और फिर शरीर को उन चीजों से दूर रखते हैं। जो बुरी हैं।
यदि ताउजी ने बता दिया की बेटा शराब पीना गलत है तो बस एक अच्छे बच्चे की तरह उनकी बात मानना ही लक्ष्य होता है।
पर शमन की विधि कहती है की सच्चाई जानो। देखो सच क्या है? दुनिया कहती है पढो लिखो ताकि पैसे मिलेंगे और आप खुश रहोगे।
पर शमन कहता है एक बार जान तो लो। जिस चीज़ को पाने की खातिर इतनी मेहनत कर रहे हो क्या उससे वो मिलेगा भी? जो पाना चाहते हो।
देख तो लो उस रास्ते पर चलकर आज तक कितनों को फायदा हुआ है? अगर नही हुआ है वो खुश नहीं है तो दुनिया की बात सच्ची कैसी है।
इस तरह समाज, परिवार या बुजुर्गों ने एक एक बात जो आपके दिमाग में ठूस दी है उस बात की सच्चाई जान लोगे तो मन आपका भ्रम से मुक्त हो जायेगा।
और जब भ्रम हटेगा, झूठ मिटेगा तो आप अपनी जिन्दगी में वह सब कुछ करने को प्रेरित होंगे जो सच्चा है, सुन्दर है। और अब जब आप सही काम में लीन रहोगे तो जाहिर है मन विरोध करेगा।
आप चलना चाहोगे दायें लेकिन मन जायेगा बाएं क्योंकी सालों से उसने उलटे पुल्टे काम ही किये हैं तो उस मन को बहकने से रोककर उसे सीधे और सच्चे रास्ते पर ले जाने के लिए शमन बेहद उपयोगी साबित होता है।
दमन और शमन में अंतर
दमन वह प्रक्रिया होती है जब किसी कर्म को करने हेतु शरीर को रोकना पड़ता है। ताकि शरीर वह मनवांछित वस्तु न पा सके। दमन बहुत फायदेमंद है हर उस इन्सान के लिए जिसके जीवन में कोई श्रेष्ठ लक्ष्य होता है। दमन इन्सान को जीवन में छोटी छोटी चीजों में उलझने से रोकता है।
उदाहरण के लिये आपको पता चल गया की शराब पीना गलत है ठीक है, और आप शराब पीने के आदी हो चुके हैं तो यह जानने के बाद शराब से खुद को दूर रखना ही दमन है।
अब आप ठेके को नहीं बल्कि मंदिर की तरफ या घर की तरफ जाएँ तो ये दमन कहलाता है। और दमन का अभ्यास करते रहने से एक समय बाद दमन की जरूरत नहीं पड़ती। पर शुरुवात में यह बहुत लाभदाई होता है।
दूसरी तरफ शमन में आपको मन का विरोध करना पड़ता है। ताकि यह मन जिन बेकार की चीजों की तरफ बार बार भटकता है, उसे ऐसा करने से रोका जा सके। और जो सही और सच्चा काम है उसमें ध्यान दे सके।
उदाहरण के लिए आप युवा हैं और भली भाँती जानते हैं की दोस्त कोई समय पर काम नहीं आता। और पहले आपको कई दोस्तों ने धोखे भी दिए हैं।
लेकिन ये सच जानते हुए भी आप अपने दोस्तों को अपना मूल्यवान समय दे रहे हैं, उनपर पैसे खर्च कर रहे हैं और उनकी कही बातों को मान रहे हैं तो शमन की विधि आपको बताएगी की देख भाई।
ये जिन्दगी दो चार यारों के साथ मस्ती करने के लिए नहीं कुछ अच्छा और श्रेष्ठ करने के लिए मिली हुई है इसलिए जिम्मेदारी ले अपनी जिन्दगी की और आगे बढ़।
शमन की विधियाँ
हर वो विधि जो आपके मन को गलत दिशा में भटकने से रोके उस चीज़ का अभ्यास करना ही सर्वोत्तम शमन की विधि है। और चूँकि हर इन्सान के जीवन में अलग अलग लक्ष्य होते हैं, हर किसी की जिन्दगी में चुनौतियाँ अलग अलग होती हैं इसलिए शमन की विधियाँ भी अलग होगी।
आप खुद को जिन्दगी को देखिये कहाँ आपका मन घुटने टेक देता है, किन लोगों के साथ, किन हालातों में आपका मन झूठ, डर के सामने झुक जाता है। अपनी जिन्दगी का ईमानदारी से अवलोकन कीजिये और जो विधि सबसे बेस्ट लगे आप उसका उपयोग कर सकते हैं।
दमन की विधि
दमन की विधि आपकी कमजोरी पर निर्भर करती है, मान लिजिये आप दोस्तों के साथ समय की बर्बादी खूब करते हैं। तो ऐसे उपाय खोजिये जिससे की जिन दोस्तों के साथ व्यर्थ की बातें करके समय नष्ट करते हैं उसी समय को कैसे मैं सही चीजों के लिए इस्तेमाल करूँ।
इसी तरह अगर आपको सुबह जल्दी उठने में समस्या होती है तो दमन की कोई ऐसी विधि अपनाइए जिससे की आप सुबह जल्दी उठने के लिए मजबूर हो जाएँ।
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अंतिम शब्द
तो साथियों इस लेख को पढने के बाद आप दमन और शमन का अर्थ भली भाँती जान गए होंगे। इस लेख को पढ़कर मन में अभी भी कोई प्रश्न है तो आप इस whatsapp नम्बर 8512820608 पर बेझिझक सांझा कर सकते हैं। अगर जानकारी लाभकारी सिद्ध हुई है तो इसे शेयर भी जरुर कर दें।