अगर आप प्रभु श्रीराम के परमभक्त वायुपुत्र, हनुमान जी का आशीर्वाद पाकर अपना जीवन सफल बनाने के लिए उनकी सच्ची भक्ति करना चाहते हैं तो इस लेख में हनुमान जी को अपना गुरु कैसे बनाएं? इसके आसान उपाय बताएँगे।
मुश्किल समय में भी सत्य के प्रति उनके समपर्ण और निष्ठा को देखते हुए हम सभी हनुमान जी के समक्ष शीश झुकाते हैं, अगर आप अपने उनके सच्चे भक्त बनना चाहते हैं तो यह लेख आपके लिए है।
रामायण को पढ़कर हमें हनुमान जी के महान जीवन के बारे में पता चलता है, शरीर से एक वानर होते हुए भी उनका सच्च्चाई और धर्म के प्रति जो प्रेम था वह हमें अहसास दिलाता है की हमें भी झूठ और अन्याय का साथ न देकर सत्य का साथ देना चाहिए।
अगर आप हनुमान जी के जीवन से सीख लेकर अपने जीवन में हनुमान जी की कृपा पाना चाहते हैं तो आज हम आपको कुछ ऐसे उपाय बतायेंगे जिससे आप हनुमान जी के सच्चे भक्त बन सकते हैं।
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हनुमान जी को अपना गुरु कैसे बनाएं?
यदि आपको लगता है हम आपको हनुमान जी को खुश करने के लिए कोई मन्त्र जाप, पूजन विधि, या हनुमान चालीसा इत्यादि पढने की सलाह देने वाले हैं। जैसे की हर मंगलवार हनुमान जी को खीर चढ़ाएं, 108 बार उनका नाम लें तो ऐसा बिलकुल नहीं है।
क्योंकि हनुमान जी को अपना गुरु बनाने के लिए आप पंडित, ज्योतिषियों या किसी शास्त्र में बताई गई विधियों का पालन करते हैं, तो संभव है इससे आपका कीमती समय और उर्जा नष्ट होगी और इससे उल्टा आपका अन्धविश्वास और सघन हो जायेगा।
इससे दो नुकसान होंगे एक तो आप मन में हनुमान जी के प्रति एक झूठा विश्वास पाल लेंगे और दूसरा ऐसा करते हुए जीवन बीत आएगा न तो आपके दिल में हनुमान आयेंगे और न राम। क्योंकि अक्सर कई लोग ऐसे मिल जाते हैं जो कहते हैं मैं हनुमान जी का असली भक्त हूँ।
लेकिन जब उनकी जिन्दगी को देखते हैं तो वहां हनुमान कहीं नहीं दिखाई देते उनके जीवन में डर, अज्ञान, लालच, छल कपट सब होता है।
हनुमान जी जिनके पास ज्ञान का सागर था, विराट बल और चतुर बुद्धि थी लेकिन फिर भी अपनी शक्तियों का इस्तेमाल उन्होंने सच्चाई के लिए किया। वहीँ दूसरी तरफ हमारे पास थोडा सा भी पैसा या बल आ जाये तो हम अहंकार से भर जाते हैं। तो बहुत लोग मिल जायेंगे जो दिन भर राम राम कहेंगे लेकिन जिन्दगी में उनके न तो राम होंगे और न हनुमान।
पर आप यदि वाकई हनुमान जी का आशीर्वाद अपने जीवन में लाना चाहते हैं और राम जी कृपा बनाये रखना चाहते हैं तो अब हम आपको कुछ ऐसे उपाय बताने वाले हैं जिससे आप हनुमान जी के सच्चे भक्त बन सकें।
हनुमान जी को अपना गुरु बनाने के कारगर उपाय | Heading
#1. हनुमान जी के गुरु के बारे में जानें।
हनुमान जी से सीखना है, उनकी भक्ति करनी है तो पहले हमें प्रभु श्री राम को समझना होगा। क्योंकि हनुमान जी स्वयं ये कहते हैं की मैं तो सिर्फ माध्यम हूँ गुणगान करना है तो प्रभु श्री राम का करो।
पर स्वयं को धार्मिक कहकर आजकल जय श्री राम के बड़े बड़े नारे लगाने वालों की सच्चाई यह है की वह राम के बारे में 2-4 बातों के अलावा कुछ नही जानते।
रामायण और योगवाशिष्ठ सार दो ऐसे धार्मिक ग्रन्थ हैं जो हर राम भक्त को जरुर पढने चाहिए। क्योंकि अगर आपने जाना नहीं समझा नहीं और यूँ ही उनकी भक्ति करने लग गए तो फिर ये अन्धविश्वास हो जाएगा।
पढ़ें: योगवशिष्ठ सार
#2. हनुमान चालीसा पढ़ें उनके जीवन को समझें।
यूँ तो हनुमान जी की भक्ति का वर्णन विस्तार से रामायण में मिलता है, लेकिन हनुमान जी को और गहराई से समझना है तो हनुमान चालीसा बेहद उपयोगी साबित होती है। इसलिए कई घरों में बचपन से ही हनुमान चालीसा का पाठ होता है।
पर दुर्भाग्य की बात है अधिकांश लोग एक तोते की भाँती इन चौपाइयों को मात्र रटते हैं उनसे यदि एक भी चौपाई का अर्थ पूछा जाये तो या तो उन्हें मालूम नहीं होता या फिर उसका कोई उलूल जुलूल अर्थ बताते हैं।
पर हनुमान जी के विराट ह्रदय की गहराई में जाना है और हनुमान जी को अपना गुरु मानना है तो आपको हनुमान चालीसा की एक एक चौपाई को ध्यान से समझना होगा। इस विषय पर यह विडियो आपके लिए बेहद मददगार साबित होगा।
#3. उनके गुणों को जीवन में अपनाएँ।
अपार ज्ञानी, परम शक्तिशाली, उच्च बुद्धिमता, सच्चाई के सेवक हनुमान जी को याद करते ही हमें वे सभी अच्छे गुण याद आने लगते हैं जो एक इंसान में होने चाहिए।
और जिनके लिए इंसान जीवन भर प्रयत्न करता है और उसे किसी तरह वो शक्ति, बल, वो बेहतरीन बुद्धि प्राप्त भी हो जाती है तो उसका उपयोग वह अपने स्वार्थ और अधर्म का साथ देने के लिए करता है।
पर हनुमान जी का सम्पूर्ण जीवन हमें सिखाता है की जीवन में जो कुछ तुम्हें प्राकृतिक रूप से प्राप्त हुआ है या आपने अपनी मेहनत से अर्जित किया है उसे अपने से आगे किसी ऐसी चीज़ को समर्पित कर दो जिससे आपका जीवन धन्य हो जाये।
पर प्रायः हम उल्टा करते हैं लोग पूरा जीवन अपनी शक्ति का उपयोग अपने ही लाभ के लिए करते हैं जिससे अंततः मनुष्य का जीवन बर्बाद जाता है।
#4. अधर्म और धर्म की लड़ाई में सच का साथ दें।
हनुमान जी को गुरु बनाने का सीधा अर्थ है की आपने अपना जीवन सच्चाई को समर्पित कर दिया। जिस तरह हनुमान जी ने पापी और अधर्मी रावण का साथ देने की बजाय सच्चाई और धर्म प्रिय श्रीम राम का साथ देकर अपना जीवन धन्य किया।
उसी तरह हमारी रोजमर्रा की जिन्दगी में कई ऐसे मौके आते हैं जहाँ पर हम अपने लालच, डर के कारण झूठे लोगों का साथ देने के लिए राजी हो जाते हैं ये जानते हुए भी की सच्चाई क्या है? हम अधर्म के पास मौजूद ताकत को देखकर सच के खिलाफ हो जाते हैं।
पर हनुमान जी साफ़ संदेश देते हैं की भले ही अधर्मी पापी लोगों की संख्या कितनी बड़ी क्यों न हो तुम धर्म और सच का साथ कभी मत छोड़ना। आपकी हार पापियों से हारने में नहीं होगी आपकी बड़ी हार तब होगी जब आप सच का साथ छोड़कर झूठ की शरण पकड लेंगे।
#5. खुद को नहीं हनुमान जी को श्रेय देना।
भारत ही नहीं अपितु रामायण नामक इस धार्मिक ग्रन्थ को विश्व में प्रसिद्धि देने में हनुमान जी का किरदार अहम भूमिका निभाता है, दिल में सीता राम लेकिन चेहरे पर हमेशा एक हास्य भाव हमें सिखाता है की कठिन परिस्तिथियों में भी जो इंसान हार नहीं मानता और सच्चाई के साथ टिका रहता है उसे हनुमान जी का आशीर्वाद अवश्य मिलता है।
चाहे लंका को भस्म करना हो या फिर मूर्छित लक्ष्मण के लिए संजीवनी बूटी लाकर उनके प्राणों की रक्षा करनी हो या फिर हर कदम पर श्री राम जी की सेवा में खड़े रहकर हर मुश्किल को आसान कर देने वाले हनुमान जी हमें सिखाते हैं की काम कितना बड़ा कर लो पर श्रेय तो कभी नहीं लेना।
इसी प्रकार जीवन में जो कुछ भी आप ऊँचा, सच्चा कर्म कर रहे हैं और उसके होने का श्रेय खुद लेने की बजाय इश्वर को देते हैं तो यकीन मानिए हनुमान जी की कृपा सदा आपके साथ है।
#6. जो पाया है वो बांटो
हनुमान जी को गुरु बनाकर उनके महान गुणों को अपने जीवन में स्थान देने से यदि आपको लाभ हुआ है, आपके जीवन में निस्वार्थ प्रेम, निडरता, शांति आई है, अपने स्वार्थ से हटकर जीवन जीने का कोई सच्चा मकसद मिल गया है तो इसका अर्थ है अब आप भी खुद को मिली हनुमान जी की इस कृपा को अन्य लोगों तक भी पहुंचाएं।
और उपरोक्त बातें अगर आप लोगों तक पहुचाएंगे तो वे हनुमान जी की सच्ची भक्ति कर पाएंगे। जैसा की हमने कहा बिना जाने समझे हनुमान जी को अपने जीवन में स्थान नही दे पाएंगे।
अतः अगर आप सच्चे हनुमान भक्त हैं तो रामायण और हनुमान चालीसा की चौपाइयों का वास्तविक अर्थ आप खुद भी समझें और वैसा जीवन जीकर आप इस ज्ञान के प्रसाद को अन्य लोगों तक भी बाँटें।
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अंतिम शब्द
तो साथियों इस लेख को पढने के पश्चात हनुमान जी को अपना गुरु कैसे बनाएं? अब अप भली भाँती समझ चुके होंगे, लेख को पढ़कर मन में कोई भी प्रश्न आया है तो बेझिझक आप इस विषय 8512820608 पर सांझा कर सकते हैं।
“हनुमान चालीसा एक पवित्र स्तुति है जो भगवान हनुमान की भक्ति और शक्ति की महिमा को मानती है। इसे पढ़ने से दिल भक्ति से भर जाता है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।”
बहुत ही सुंदर और अविस्मरणीय लेख के लिए दिल की गहराइयों से धन्यवाद। जय श्री राम