जप करते समय उबासी आने का कारण और समाधान 100%

सुबह शाम भगवान का जप करने से मन को सुकून मिलता है, पर कई लोगों के लिए जप करते समय उबासी आना एक आम समस्या बन चुकी है। अगर आपकी भी यही समस्या है तो यहाँ आपको इस परेशानी का 100% समाधान मिलेगा।

जप करते समय उबासी

हिन्दू धर्म में कोई भगवान कृष्ण का तो कोई राम जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान जी का जप करता है, कहते हैं मन्त्र जाप में बड़ी शक्ति होती है।

इसलिए प्राचीन समय से ही इस विधि का उपयोग किया जा रहा है, और मन्त्रों का उच्चारण करने में किसी तरह की बाधा उत्पन्न न हो इसका भी ख़ास ख्याल रखा जाता है।

हालाँकि जब घरों में माता पिता, दादी-दादा या बच्चे मन्त्र जाप करते हैं तो कई बार उन्हें उबासी आती है, जिससे उनके मन में यह शंका होती है की क्या ऐसा होने पर कहीं देवता मुझ पर कुपित तो नहीं होंगे? क्या मुझसे भारी गलती तो नहीं हो गई? इत्यादि।

अतः घबराइएगा नहीं, यदि आप इस लेख को ध्यानपूर्वक पढ़ते हैं तो आपको अपनी इस समस्या का समाधान अवश्य प्राप्त होगा।

जप करते समय उबासी आने का असली कारण

जप करते समय उबासी आने का अर्थ है की मन्त्र जाप के प्रति आपकी रूचि कम हो रही है, और ऐसा होने के पीछे सम्भावना यही है की आपको पता चल चुका है की इससे कोई सीधा लाभ आपको नहीं मिल रहा है।

उबासी का सीधा सम्बन्ध बोरियत से है, जिस प्रकार खाली बैठे रहने पर या कोई फ़ालतू कार्य करने पर हमें उस कार्य में बोरियत महसूस होती है और उबासी आती है। उसी प्रकार रोज मन्त्र जाप करने वाले इंसान को मन्त्र उच्चारण की यह विधि पंसद नहीं आती है तो यह निश्चित है की उसे उबासी आएगी ही।

जी हाँ यदि संक्षेप में कहें तो जप करते समय यदि आपको उबासी आ रही है तो इसका साधारण मतलब यही है की अब आपको जप करने में दिलचस्पी नहीं रही है, आपका मन मजबूरी वश इस कार्य को कर रहा है और वह सोच रहा है इसे छोड़कर किसी और कार्य को क्यों न किया जाए जिसमें मजा आता हो।

जी हाँ अगर आपके साथ यह नियमित रूप से हो रहा है तो इसका सीधा अर्थ है की जप में आपका मन नही लग रहा है और आप दिल से नहीं बल्कि एक नियम के तौर पर इस कामचलाऊ प्रक्रिया का पालन कर रहे हैं।

अब यह लक्षण शुभ हैं या फिर खतरनाक, यह हम आपको नहीं बतायेंगे बल्कि इसका निर्धारण आप खुद कर लेंगे बस इसके लिए आपको अब यह समझना होगा की

जप करते समय उबासी आना संकेत है इस बड़ी बात का 

देखिये पूजा पाठ, मन्त्र उच्चारण, यज्ञ, हवन इत्यादि ये सब परमात्मा को पाने की विधियाँ हैं, और निश्चित रूप से ये विधियां बेहद उपयोगी हैं।

लेकिन एक समय के बाद विधियाँ छोड़कर आगे बढ़ना होता है। क्योंकि विधियाँ तो उस पुल के समान हैं जो हमें परमात्मा नामक मंजिल तक पहुंचाती है।

पर कई सारे लोग इन विधियों को ही मंजिल समझ लेते हैं, वो सुबह शाम पूरे तौर तरीके से पूजा पाठ करते हैं, और इस बात से खुद को संतुष्ट कर लेते हैं की वे अपना कार्य इमानदारी से कर रहे हैं।

पर वे भूल जाते हैं की रामायण और हनुमान चालीसा इसलिए नहीं हैं की हम उनका पाठ करें, उन्हें सुबह शाम गुनगुनाएं, बल्कि ये एक विधि है जिससे हम राम के करीब आ सके, राम जी के जीवन से कुछ सीखकर उसे अपने जीवन में लागू कर अपना जीवन धन्य कर सके।

पर नहीं हममें से अधिकांश लोग जिन्दगी भर पूजा पाठ, हनुमान चालीसा में ही उलझ कर रह जाते हैं, और इसका परिणाम यह होता है की एक घटिया जिन्दगी जीते हैं और उसमें राम का नाम तो होता है पर राम कहीं नहीं होते।

इसलिए जप करते समय आपको उबासी आती है, और आपका मन एकाग्र होकर जप नही कर पाता है तो समझ लीजिये मन आपको कह रहा है की जो कर रहे हो। उसी में संतुष्ट मत रहो आगे बढ़ो।

जप एक विधि है, इससे आगे कुछ हो जो महत्वपूर्ण है। तुम सिर्फ राम का नाम लेकर खुश मत हो जाओ। अब तुम आगे बढ़ो तुम्हारे भीतर भी राम जैसा जीवन जीने की काबिलियत है, उसे नजन्दाज मत करो।

तुम भी राम की भांति एक ऊँचा जीवन जी सकते हो, कमजोरी, लालच, डर के आगे मत झुको अब समय आ गया है की तुम राम जैसा ही महान जीवन जीने के लिए खुद को तैयार करो।

जप करते समय उबासी आने का समाधान

आपके द्वारा जप करना यह संकेत देता है की भीतर कुछ है जिसे सच्चाई से, धर्म से प्रेम है। जिसे राम से प्रेम है और उस राम को पाए बिना उसे शांति और सुकून मिलेगा नहीं।

जी हाँ, पर अधिकांश लोग अपनी इस उबासी को समझ नहीं पाते उन्हें लगता है ऐसा हो रहा है तो हमसे कोई पाप हो रहा है, भगवान नाराज हो जायेंगे। जी नहीं बल्कि इसका अर्थ है भगवान् आपको बड़ा संकेत देना चाहते हैं की अब समय आ गया है की तुम इन विधियों के पार चले जाओ।

तुम वहां पहुँच जाओ जहाँ तुम्हें राम का जप करने की जरूरत ही न पड़े, राम तुम्हारे भीतर 24 घंटे वास करेंगे तो भला आपको पूजा पाठ या मंत्रजाप की क्या जरूरत पड़ेगी। भगवान तुम्हें ऐसा ही हो जाने को कहते हैं।

पर अफ़सोस अधिकतर लोग इस बात को नहीं समझते, और एक घटिया, उबाऊ जीवन जीकर मर जाते हैं। आइये इस कथन को एक उदाहरण की तरह समझते हैं

हम में से अधिकाँश लोगों की जिन्दगी इस व्यापारी की तरह होती है

एक व्यापारी जो सुबह नहा धोकर मंदिर में राम जी के आगे सर झुकाता है और फिर ठीक 8 बजे अपने धंधे में बैठ जाता है, अब दिन भर वह ठगी करता है, और अपने फायदे के लिए लोगों का हर तरह का शोषण करने को तैयार रहता है।

और इस तरह एक घटिया दिन बिताने के बाद जब शाम को वह घर लौटता है तो एक बार फिर मंदिर में जाकर राम जी को प्रसाद चढ़ाता है।

इस तरह अगले दिन फिर वही काम इसी इरादे के साथ करता है की किसी तरह मेरा फायदा हो, तो अब आप देख सकते हैं इस इन्सान के जीवन में राम का नाम है तो है पर वास्तव में राम जैसा कुछ नहीं है।

राम है किसी के जीवन में अगर देखना है तो देख लीजिए भीतर उसके लालच कितना है, प्रेम कितना है, डर और कपट कितना है, सच्चाई कितनी है, शान्ति कितनी है, और हिम्मत कितनी है?

अगर जीवन में राम है तो आपके कार्यों में वो साफ़ दिखेगा, अगर आप सिर्फ पेट चलाने के खातिर काम कर रहे हैं तो राम से अभी काफी दूर हैं।

राम वो हैं जो सच्चाई और धर्म के लिए अपना ऐशो आराम भी त्यागने को तैयार हैं? राम वो हैं जिन्होंने सोने की लंका ही त्याग दी?एक राम वो है जो वानर को मित्र बना लेते हैं। राम वो हैं जिनके लिए अपनी प्रजा ही परिवार है।

और एक हम हैं जो लोग जितने झूठे और मक्कार होते हैं हम उनके आगे सर झुकाते हैं, एक हम लालची लोग हैं जो 2 ग्राम सोना नहीं छोड़ सकते, हम वो हैं जो मित्रता किसी की औकात देख कर करते हैं, हम वो हैं जिनके लिए अपना छोटा सा परिवार ही दुनिया है जिसके लिए हम किसी का भी शोषण करने को तैयार रहते हैं।

तो बताइए किसी भी तरह से हमारे जीवन में राम दिखाई देते हैं, नहीं न। हम तो अपना फायदा देखने वाले लोग हैं। इसलिए लाखों में कोई एक होता है जो राम जी के जैसा सच्चा जीवन जीने की हिम्मत रख पाता है, ऐसे लोगों की संख्या कम होती है।

पर आप जानकर चौंक जायेंगे की ऐसे मनुष्य का जीवन सार्थक होता है और उन्हें बार बार जन्म मरण के इस चक्र से मुक्ति मिल जाती है। अब आप पर निर्भर करता है आप राम जैसा जीवन जीना चाहते हैं या फिर एक घटिया और असफल जीवन।

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अंतिम शब्द

तो साथियों हमें आशा है इस पोस्ट को पढने के बाद जप करते समय उबासी आना अब कम हो जाएगी। इस पोस्ट को पढ़कर जीवन में कुछ स्पष्टता, शान्ति आई है तो कृपया इस लेख को अधिक से अधिक शेयर भी जरुर कर दें। इस लेख को यहाँ तक पढने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।।

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