दोस्तों कहा जाता है काम ही इंसान की पहचान है, पर अगर उसी काम के प्रति आपको आलस आये, उससे भागने का मन करे तो सवाल आता है की काम धंधे में मन नहीं लगता? तो क्या करें।
इसी प्रश्न का जवाब आपको इस लेख में मिलने वाला है। इन्सान अपनी जरूरतों और इच्छाओं को पूरा करने के लिए नौकरी या व्यापार करता है, पर अक्सर उस कार्य के प्रति कोई प्रेम या उत्साह नहीं होता बस मजबूरी होती है।
देखिये जिस तरह इन्सान को प्यार हर किसी से नहीं होता उसी तरह बात तय है की हर शख्स का हर काम को करने में मन नहीं करता।
इसी तरह चाहे आप किसी भी कार्य स्थल पर काम कर रहे हैं, आपको अच्छी सैलरी भी मिल रही है लेकिन इसके बावजूद उस काम को करने में आपका कोई इंटरेस्ट नहीं है और आप हमेशा उस काम से बचने की कोशिश करते हैं।
तो यह समस्या आपके लिए और आपके जीवन के लिए खतरनाक साबित हो सकती है, क्योंकि इससे जहाँ एक तरफ जिस कार्य को अभी आप कर रहे हैं उसे दिल से नहीं कर पाएंगे तो उस काम के लिए भी इन्साफ नहीं होगा।
वहीँ दूसरी तरफ उसी काम में आप लगे रहे तो जो कुछ भी आप बेहतर जिन्दगी में कर सकते थे, उससे चूक जायेंगे। आइये सबसे पहले जानते हैं।
काम धंधे में मन न लगने की 5 वजह
किसी भी काम धंधे में दिल लगाना हो तो इसके लिए कुछ शर्तें अनिवार्य है, क्योंकि जिस तरह खेल में मजा हमें उसी के साथ आता है। जब विपक्षी हमारी ही टक्कर का होता है। इसी तरह आप जिस काम धंधे को कर रहे हैं उसमें मन नहीं लगता तो इसकी कुछ ख़ास वजह हैं जो की निम्नलिखित होंगी।
#1. पर्याप्त सैलरी न होना।
इस बात में कोई दो राय नहीं की तमाम जरूरतों और हमारी हसीन इच्छाओं को पूरा करने में पैसा काफी हद तक मददगार साबित होता है।
इसलिए जो इंसान इस दुनिया में बहुत कुछ पाना चाहता है उसके लिए पैसा कमाना अनिवार्य हो जाता है लेकिन अगर आपने कोई ऐसा काम धंधा पकड़ा हुआ है जिसमें आपको पर्याप्त पैसा नहीं मिलता।
और आपको लगता है प्रमोशन होने की भी संभावनाएं काफी कम हैं तो ऐसी स्थिति में इंसान मजबूरी वश उस कार्य को करता रहता है।
जरूरी नहीं यह समस्या सिर्फ जॉब में हो अगर आपका खुद का छोटा मोटा व्यापार है या आप सेल्फ एंप्लॉयड हैं तो यह स्थिति आपके साथ हो सकती है। अधिकतर लोगों के काम धंधे में मन न लगने की यही मुख्य वजह होती है।
#2. काम में चैलेन्ज न होना।
एक तरफ इंसान को चुनौतियां डराती हैं उसे बदलने को मजबूर करती है दूसरी तरफ अगर जीवन में कोई चुनौती ना हो तो फिर लाइफ बहुत बोरिंग हो जाती है खासकर अगर आप किसी ऐसे काम का हिस्सा है जिसमें रोजाना कुछ नया सीखने को नहीं मिलता।
एक ही काम को बार-बार करना पड़ता है तो संभव है की पर्याप्त पैसा मिलने के बावजूद भी आपकी उस काम धंधे में रुचि नहीं हो और बस आप जीवन निर्वाह हेतु उस काम को आगे बढाए जा रहे हों।
#3. काम में हिंसा होना अथवा सामाजिक लाभ न होना।
चाहे आप बड़ी एमएनसी कंपनी में काम कर रहे हों या फिर आप खुद का व्यापार है अगर आपको लगता है आपके काम से लोगों की जिन्दगी बेहतर नहीं होती बस उससे आपका ही लाभ ज्यादा हो रहा है।
तो जैसे ही आपके अंदर प्रेम और करुणा जागृत होती है आपको समझ आने लगता है की मैं किसी ऐसे काम में अपनी जिंदगी लगाए दे रहा हूँ जिसको करना सार्थक नहीं है। ऐसे में आपका मन ऊब जाता है, भले ही उससे आपको तमाम तरह की सुख सुविधाएं और पैसा मिल रहा हो।
#4. कार्यस्थल का माहौल सही न होना।
कई बार आप जिस कार्यस्थल में काम करते हैं वहां के कर्मचारियों के साथ या फिर बॉस के साथ आपके संबंध बेहतर नहीं होते ऐसी स्थिति में इंसान के लिए वहीं पर टिके रहकर तालमेल बिठाए रखना वाकई बड़ा कठिन होता है।
अगर आप इस समस्या से जूझ रहे हैं तो यह समस्या ज्यादा लंबे समय तक नहीं चल सकती। क्योंकि या तो कंपनी में आपके साथियों को आपके साथ को-ऑपरेट करना होगा, अगर ऐसा नहीं किया तो आप उस संस्था से खुद को अलविदा कह देंगे।
#5. कार्य में भविष्य न दिखाई देना।
कई सारे काम जो पहले इंसान करते थे आज उन्हें कंप्यूटर और मशीनें सरलता और सुविधाजनक रूप से कर पा रही हैं, ऐसे में जिस फील्ड में या जिस वर्कप्लेस पर आप हैं आपको लगता है की इस काम का कोई बेहतर फ्यूचर नहीं है।
तो इस बात की काफी हद तक संभावना है कि आप जल्दी ही, किसी दूसरे काम की तरफ शिफ्ट हो जाएंगे जहां जाने से आपको सिक्योरिटी मिलती है या जहां आप आपकी योग्यताएँ, अनुभव आपको बेहतर कार्य करने में मदद करेंगे।
तो साथियों यह कुछ प्रमुख कारण हैं इसके अलावा व्यक्तिगत तौर पर सम्भव है आपके कार्य में मन न लगने के और भी कारण हों, चलिए अब हम आगे बढ़ते हैं और जानते हैं की
काम धंधे में मन नहीं लगता? आजमायें ये कारगर उपाय
#1. काम बदलकर मन नहीं लगेगा।
हम लोग अंदर से बेचैन रहते हैं, और उस बेचैनी से राहत पाने के लिए इंसान जो बन पड़ता है वह सब करता है। वह कपड़े बदलता है, घर बदलता है, रिश्ते, भाषा यहाँ तक की धर्म भी बदल देता है, पर मन उसका तब भी नहीं लगता।
इसी तरह इसी बेचैन मन से लोग अपना धंधा या नौकरी पेशा बदलते रहते हैं पर कोई भी धंधा उन्हें वह शांति नहीं दे पाता जिसकी उन्हें तलाश होती है।
अतः अगर किसी काम को इसलिए करने जा रहे हैं जिससे आपको भरपूर पैसा, सुख सुविधाएं मिले और आप मौज मना सकें तो आप एक बार फिर गलत चुनाव करने जा रहे हैं।
#2. सही काम का चुनाव करें।
सही काम से आशय उस कर्म से है जिसे करने से जीवन में शांति, सच्चाई आती है, दूसरे का कल्याण होता है, अगर आपने कोई व्यर्थ का काम पकड़ा हुआ है तो फिर सम्भावना यही है की आपका मन भटकेगा।
कोई काम सही या या फिर व्यर्थ है, अगर जानना है तो बस यह समझ लीजिये क्या आप अपनी बुद्धि, ज्ञान और क्षमता के अनुरूप वह काम कर रहे हैं जिससे किसी का वास्तव में कल्याण होता है।
आप जिस भी कार्य को समर्पित हैं क्या उससे लोगों का किसी तरह लाभ हो रहा है, उस कार्य से पर्यावरण और पशु पक्षियों में क्या प्रभाव पड़ रहा है? अगर वो काम ऐसा है जिससे पैसे तो बहुत हैं लेकिन उस काम का असर लोगों पर बुरा पड़ता है तो समझ लीजिये आप गलत कार्य में जिन्दगी गंवा रहे हैं।
सही काम आपको एक दम से नहीं मिलेगा, बस जो भी आपको कमियां अपने वर्तमान काम में दिखाई दे रही है सोचिये कौन सा काम आप अपनी सीमित क्षमता से कर सकते हैं जिससे आपको उन कमियों को सुधारने में सहायता हो।
#3. सही काम में आने वाली चुनौतियों का सामना करें।
अगर आप काम सिर्फ पैसा कमाने के लिए कर रहे हैं तो सम्भव है उसमें मेहनत और उर्जा कम लग सकती है और आप मोटा फायदा भी कमा सकते हैं।
पर अगर आपने अपनी समझ के अनुरूप सही कर्म का चुनाव किया है तो सम्भव है उस कार्य में ढेर सारी चुनौतियाँ भी आएँगी। अतः उस काम के प्रति मन में प्रेम होने की वजह से उन मुश्किलों को भी आप झेलने के लिए तैयार रहेंगे और डटकर लड़ाई करेंगे।
इससे आपको दो फायदे मिलेंगे पहला आपने अपना जीवन सही काम को समर्पित किया दूसरा उस काम में आने वाली मुश्किलों को पार करने में आपका ध्यान इस कदर लगेगा की आप सब आलस, व्यर्थ की बातों को भूल जायेंगे।
#4. काम वो जो तुम्हें आजाद करें।
हम इंसानों के दुखों का मूल कारण है हमारे बंधन, हमने अपनी नासमझी की वजह से हमने लोगों से और वस्तु से ऐसा सम्बन्ध बना लिया हैं जिनसे हमें दुःख, चिंताएं झेलनी पड़ती हैं।
लेकिन एक बात तय है जो व्यक्ति सही कर्म करेगा धीरे धीरे वह उन चिताओं, समस्याओं से पीछे छूटता जायेगा जिनसे एक आम आदमी पूरी जिन्दगी उलझा हुआ रहता है। मजबूरी के नाम पर वह उन कार्यों को भी करने के लिए विवश हो जाता है जिन्हें करने में उसकी कोई रूचि नहीं होती।
उदाहरण के लिए जब आप किसी जरूरी काम में पूरा ध्यानमग्न होकर डूब जाते हैं तो आपके मन में सभी तरह के विचार गायब हो जाते हैं, आप भूल ही जाते हैं की किसी ने आपके साथ बुरा किया था या फिर भविष्य में क्या होगा।
अतः सही काम आपको जिन्दगी में उन सारी फालतू चीजों से बचाता है। बस आपकी जिम्मेदारी और महत्वता सिर्फ एक काम में होती है।
#5. सही चुनाव के लिए बोध जरूरी है।
अब तक हमने ये तो जान लिया है की सही कर्म ही हमें अशांति से बचा सकते हैं। पर जिस तरह एक शराबी बेहोशी की हालत में सही रास्ते पर नहीं चल सकता। उसी तरह व्यक्ति अज्ञानी होता है तो वो जो भी फैसले लेगा वो उसे बेहोशी की तरफ ही ले जायेंगे
अतः जीवन में आप सही कर्म कर सके इसके लिए आप में बोध (समझ) होना जरूरी है, अपनी समझ और ईमानदारी से आप जिस भी कर्म का निर्णय करने लेंगे वो ठीक ही रहेगा। पर अगर आप किसी भी नौकरी या काम धंधे को दूसरे के कहने पर या किसी से प्रभावित होकर कर लेंगे तो तुम्हारी जिन्दगी भी उस शराबी की भाँती होगी।
अतः जो भी काम धंधा पकड़ें उसे करने का उद्देश्य, उसका परिणाम जान लें, इसके बाद अगर आपको लगता है इस समय यह एकलौता ऐसा कार्य है जिसे मैं कर सकता हूँ। अब उस कार्य में जुट जाइए।
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अंतिम शब्द
तो साथियों काम धंधे में मन नहीं लगता इसकी क्या वजह हैं? और इस समस्या का असली उपाय क्या है? अब आप भली भांति समझ गए होंगे। हमें आशा है यह लेख आपको जीवन में सही काम धंधा चुनने और कुछ बेहतर करने के लिए मददगार साबित होगा। अगर इस लेख में दी गई जानकारी आपके लिए फायदेमंद साबित हुई है तो कृपया इस लेख को अन्य दोस्तों के साथ भी सांझा कर दें।