कलयुग कब खत्म होगा? जानें समय और वर्ष

0
मुझे सुनना है

समय बड़ा खराब चल रहा है, इंसानियत नाम की कोई चीज़ ही नही है साहब। घोर कलियुग है, जी हाँ इस तरह की बातें अक्सर हम सुनते हैं ऐसे में सवाल है की कलयुग कब खत्म होगा? कब पृथ्वी का कल्याण होगा?

कलयुग कब खत्म होगा

हम सभी इस बात से परिचित हैं की चार युगों में से कलियुग अंतिम और सबसे खतरनाक है। हालाँकि सभी के पास कलियुग को लेकर अलग अलग विचार हैं।

किसी को लगता है कलियुग आ चुका है और पृथ्वी के अब तक के इतिहास में हम सबसे बुरा समय देख रहे हैं, पृथ्वी संकट में है जल्द ही प्रलय आएगी। वहीँ दूसरी तरफ कुछ ये भी मानते हैं की अभी घोर कलियुग की शुरुवात नहीं हुई है।

उन्हें लगता है और बुरा समय आयगा, पर क्या वास्तव में कलियुग को लेकर हमारे विचार हैं वो ठीक हैं, क्या ऐसा नहीं हो सकता की हमें समझने में भूल हो रही हो? यह जानने के लिए हमें इस लेख को ध्यान से पढना होगा।

कलयुग कब खत्म होगा? जानें सच्चाई!

कलयुग के खत्म होने की तिथि या समय एक इंसान की इच्छा पर निर्भर करती है। क्योंकी ये बात तो निश्चित है की आज समय इतना खराब हो चुका है की इंसान का अस्तित्व ही खतरे में है। अतः जैसे ही मनुष्य को अपनी हालत का आभास हो जाये वह कलयुग का खात्मा करने की राह पर निकल पड़ेगा।

देखिये, चाहे कोई भी समय काल हो फिर चाहे वह सतयुग, द्वापर, त्रेता या कलयुग कोई भी समय का चक्र क्यों न हो इनका बाहरी वातावरण से लेना देना नहीं है।

बल्कि कलयुग हो या सतयुग सभी मानस पटल यानि मन की स्तिथि है। अगर मन साफ़ है, मन में राम की भाँती सच्चाई, प्रेम है तो फिर चाहे युग कोई भी हो वह इंसान झूठ और अधर्म के आगे सर नहीं झुकाएगा। लेकिन मन कपटी है रावण, कंस की तरह, तो समय का चक्र कोई भी हो वह लोगों का शोषण ही करेगा।

पर प्रायः हम सोचते हैं की सतयुग में समय बहुत अच्छा था, लोग सच्चाई और न्याय प्रिय जीवन जीते थे। और कलयुग आते आते सब इसके विपरीत होने लगा। आज झूठ, अधर्म और पाप बढ़ रहा है।

जी हाँ आपकी बात में सच्चाई है। पर गौर कीजिये त्रेता में राम हुए, द्वापर में कृष्ण हुए अतः वो समय कलयुग से तो बेहतर ही था न, लेकिन तब भी आप पाते हैं उस समय भी साधु,संत और ऋषि मुनियों को राक्षस परेशान करते थे।

तब भी ऐसे धूर्त लोग थे जो अपने बल, पैसे और संसाधनों का इस्तेमाल भोले भाले लोगों का शोषण करने के लिए करते थे। पहले ऐसे लोगों को राक्षस कहा जाता था। पर आज समय ऐसा आ चुका है की राक्षस है लेकिन अदृश्य हो चुका है, वो भेष बदल कर जी रहा है। वो इतना खतरनाक है की आज वो दुनिया को खा जाना चाहता है।

हमें आशा है अब आप यह जान गए होंगे की कलयुग हो या सतयुग सबकुछ आपके लिए है, आप ही हैं जो अधर्म का साथ दे सकते हैं और आप ही हैं जो सच्चाई के रास्ते पर चलकर इस दुनिया को महाविनाश से बचा सकते हैं।

इस विषय पर आपके मन में कोई सवाल हो या राय हो तो आप 8512820608 इस नम्बर पर सम्पर्क कर अपनी बात रख सकते हैं। Quote

कलयुग का अंत आते आते कैसी हरकतें करेंगे लोग?

पृथ्वी विनाश के निकट है आज मानव जिन मानसिक बीमारियों और पर्यावरणीय समस्याओं से जूझ रहा है, वैसा इतिहास में कभी नहीं हुआ।

मासूम जानवरों की हत्या, इंसानों का शोषण, समाज में हो रहे जघन्य अपराध यह सब बताने के लिए पर्याप्त है की मनुष्य का आने वाला समय दुष्कर होगा, इतना की पूरी मनुष्य प्रजाति नष्ट हो सकती है।

पृथ्वी का औसत तापमान सामान्य से कहीं अधिक बढ़ चुका है, विश्व में स्वच्छ जल, वायु की कमी तेजी से बढ़ रही है।

और इन सभी तरह की समस्याओं का मूल कारण कोई और नहीं बल्कि इंसान ही है। अज्ञान की कमी के चलते दुनिया में हो रहे विकास को देखकर लगता है जैसे मानो हमने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार दी है।

वैज्ञानिकों ने भी कई शोध में इस बात में यह बात स्पष्ट की है की जिस तेजी से प्रकृति का शोषण मनुष्य द्वारा अपने फायदे के लिए किया जा रहा है, अगर इसमें कमी नहीं आई तो निश्चित ही मानव प्रजाति का अंत निकट है।

घोर कलयुग कब से शुरू होगा?

हम जिस युग में जी रहे हैं वह घोर कलयुग ही है, यदि कलयुग से आशय ऐसे समय से है जिसमें झूठे लोगों की हाथ में पैसा और बल हो, हिंसा और लोगों का शोषण होता हो, सच को दबाया जाता हो और शांति से ज्यादा अशांति लोगों को प्रिय हो, अपने लालच के लिए किसी भी हद तक इंसान जाने को तैयार हो।

तो क्या अपने आसपास के नज़ारे देखकर और अपने ही भीतर झाँकने से क्या हमें इस घोर कलयुग का अहसास नहीं होता। यदि लगता है उपरोक्त बातें सच है और दुनिया में अधर्म बढ़ रहा है, निर्दोष और मासूम प्राणियों का शोषण हो रहा है तो अब हम इससे अधिक किस कलयुग की बात कर रहे हैं?

जिस तरह रोजाना करोड़ों जानवरों की निर्मम तरीके से हत्या हो रही है, उसी तरह आज इंसान मनुष्य के भी टुकड़े टुकड़े कर मौत के घाट उतार रहा है।

अपनी अय्याशी और मजे के लिए उसने जंगल खत्म कर दिया, जानवरों की प्रजातियाँ विलुप्त कर दी लेकिन तब भी उसे चैन कहा है, क्या यह सब बताने के लिए काफी नहीं है की घोर कलयुग की शुरुवात हो चुकी है।

अतः अब बजाय यह इन्तेजार करने की समस्या कब बढ़ेगी आपको पूछना चाहिए वे अधर्मी जो इस दुनिया को खा जाना चाहते हैं, इन पापियों से कैसे मैं मासूम प्राणियों को मुक्त कर सकता हूँ?

कैसे मैं राम की भाँती झूठ के इस युग में सच्चाई भरा जीवन जीकर लोगों को यह साबित करूं की सही रास्ते पर चलकर भी अच्छा जीवन जिया जा सकता है।

कलयुग का अंत कितने साल बाद होगा 

कलयुग के अंत की समयावधि आप पर निर्भर करती है। यदि आप तैयार हो जाएँ अपने भीतर बैठे राक्षस को खत्म करने के लिए तो अभी से आपके लिए सतयुग की शुरुवात हो सकती है।

हम सभी के भीतर देवता भी हैं और राक्षस भी हैं, भीतर बैठे राक्षस की पहचान करना आसान हैजब मन सच्चाई को स्वीकार करने की बजाय झूठ को अधिक पसंद करे तो समझ लीजियेगा की राक्षस है।

जब अपने फायदे के लिए दूसरों का नुकसान करने के लिए भी मन राजी हो जाये तो समझिएगा भीतर राक्षस है, जब शांति से ज्यादा मन को अशांति, कुटिलता, चालाकी पसंद हो तो समझ लीजियेगा भीतर राक्षस है।

बस इसी राक्षस को खत्म जैसे ही आप करते हैं और इसके स्थान पर आपको सही काम से प्रेम होने लगे, आपके मन में क्षमा करने की शक्ति बढे, भीतर क्रोध की अपेक्षा करुणा का भाव आये ,अपनी गलतियों को स्वीकार करके सुधारने की इच्छा बढे तो समझ लीजियगा भीतर आपने देवता को विराजमान किया है।

संक्षेप में कहें तो जिस पल आप खुद सच्चाई के रास्ते पर चलना शुरू कर देते हैं आपके लिए कलयुग खत्म हो जाता है, और जब आपके सही जीवन को देखकर दुनिया भी उसी रास्ते पर चलने लगे तो समझ जाना कलयुग का खात्मा हो रहा है।

कलयुग का अंत कौन करेगा?

कलयुग का अंत करने की शक्ति इन्सान में है, ऐसा नही होगा की आकाश से भगवान अवतरित होंगे और वे दुनिया की इस खराब हालत को ठीक कर देंगे और पापियों का नाश होकर सच्चाई की जीत हो जाएगी। नहीं, इस कलयुग की बर्बादी का कारण इन्सान है और वही इस खराब हालत को भी ठीक करने की शक्ति रखता है।

जी हाँ, आप कहेंगे कैसे? मैं कैसे कलयुग का अंत कर सकता हूँ। जवाब है स्वयं एक सच्चा जीवन जी कर, झूठे और अधर्म का साथ न देकर आप इस कलयुग में बढ़ रहे अपराधों को कम कर सकते हैं।

पर समस्या इस बात की नहीं है की हमें सही क्या है ये नहीं पता? पता होकर भी हमारा मन सही काम को करने में विरोध करता है समस्या वहीं पर आती है। इसलिए राम, कृष्ण का जीवन हमें सिखाता है की सही काम को करने में चुनौतियाँ आती है पर फिर भी मैदान में डटे रहना ही एक सूरमा का कार्य है।

कलयुग कैसे खत्म होगा?

कलयुग की समाप्ति इंसान के परिवर्तन से होगी। अगर इंसान को आत्मज्ञान हो जाए की मैं कौन हूँ? ये प्रकृति क्या है? मेरी इच्छा क्या है? मेरे कर्मों का परिणाम क्या होगा? ये जीवन क्यों मिला है?

तो सम्भव है जितने पाप दुनिया में हो रहे हैं वो कम हो जाए उदाहरण के लिए अगर इन्सान को यह ज्ञात हो जाये की अपने स्वाद के लिए निर्दोष जानवरों की हत्या करना ठीक नही है? इससे मुझे चैन और शांति नहीं मिलेगी तो जो करोड़ों जानवर दुनिया में कट रहे हैं वो काटने बंद हो जाए।

इसी प्रकार अगर मनुष्य के पास बोध/समझ हो तो हर समस्या से निपट सकता है और पृथ्वी के विनाश से बचा सकती है, अन्यथा विश्व में सरकारें कितने भी क़ानून और नियम बना लें यदि लोगों को आत्मज्ञान नहीं है तो वे दुनिया का वही हाल करेंगे जो इस समय दुनिया में हो रहा है।

सम्बन्धित पोस्ट पढ़ें:-

कलयुग में गुरु कैसे बनाएं: ऐसे ढूंढें सच्चे गुरु को

कलयुग में सबसे बड़ा पाप क्या होता है?

शिव जी के तीसरे नेत्र के रहस्य को जानकर चौंक जायेंगे।

अन्त्तिम शब्द

तो साथियों इस पोस्ट को पढने के बाद कलयुग कब खत्म होगा इस बात का पूरा सच आपको मालूम हुआ होगा। मन में लेख के सम्बन्ध में कोई सवाल या सुझाव है तो बेझिझक अपने विचारों को कमेन्ट बॉक्स में सांझा कर सकते हैं। लेख उपयोगी साबित हुआ है तो इसे शेयर करना बिलकुल मत भूलियेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here