कलयुग कब खत्म होगा? जानें समय और वर्ष

समय बड़ा खराब चल रहा है, इंसानियत नाम की कोई चीज़ ही नही है साहब। घोर कलियुग है, जी हाँ इस तरह की बातें अक्सर हम सुनते हैं ऐसे में सवाल है की कलयुग कब खत्म होगा? कब पृथ्वी का कल्याण होगा?

कलयुग कब खत्म होगा

हम सभी इस बात से परिचित हैं की चार युगों में से कलियुग अंतिम और सबसे खतरनाक है। हालाँकि सभी के पास कलियुग को लेकर अलग अलग विचार हैं।

किसी को लगता है कलियुग आ चुका है और पृथ्वी के अब तक के इतिहास में हम सबसे बुरा समय देख रहे हैं, पृथ्वी संकट में है जल्द ही प्रलय आएगी।

वहीँ दूसरी तरफ कुछ ये भी मानते हैं की अभी घोर कलियुग की शुरुवात नहीं हुई है।

उन्हें लगता है और बुरा समय आयगा, पर क्या वास्तव में कलियुग को लेकर हमारे जो विचार हैं वो ठीक हैं, क्या ऐसा नहीं हो सकता की हमें समस्या को समझने में भूल हो रही हो? यह जानने के लिए हमें इस लेख को ध्यान से पढना होगा।

कलयुग कब खत्म होगा? जानें सच्चाई!

कलयुग के खत्म होने की तिथि या समय एक इंसान की इच्छा पर निर्भर करती है। क्योंकी ये बात तो निश्चित है की आज समय इतना खराब हो चुका है की इंसान का अस्तित्व ही खतरे में है।

अतः जैसे ही मनुष्य को अपनी हालत का आभास हो जाये वह कलयुग का खात्मा करने की राह पर निकल पड़ेगा।

देखिये, चाहे कोई भी समय काल हो फिर चाहे वह सतयुग, द्वापर, त्रेता या कलयुग कोई भी समय का चक्र क्यों न हो इनका बाहरी वातावरण से लेना देना नहीं है।

बल्कि कलयुग हो या सतयुग सभी मानस पटल यानि मन की स्तिथि है। अगर मन साफ़ है, मन में राम की भाँती सच्चाई, प्रेम है तो फिर चाहे युग कोई भी हो वह इंसान झूठ और अधर्म के आगे सर नहीं झुकाएगा।

लेकिन मन कपटी है रावण, कंस की तरह, तो समय का चक्र कोई भी हो वह लोगों का शोषण ही करेगा।

पर प्रायः हम सोचते हैं की सतयुग में समय बहुत अच्छा था, लोग सच्चाई और न्याय प्रिय जीवन जीते थे। और कलयुग आते आते सब इसके विपरीत होने लगा। आज झूठ, अधर्म और पाप बढ़ रहा है।

जी हाँ आपकी बात में सच्चाई है। पर गौर कीजिये त्रेता में राम हुए, द्वापर में कृष्ण हुए अतः वो समय कलयुग से तो बेहतर ही था न, लेकिन तब भी आप पाते हैं उस समय भी साधु,संत और ऋषि मुनियों को राक्षस परेशान करते थे।

तब भी ऐसे धूर्त लोग थे जो अपने बल, पैसे और संसाधनों का इस्तेमाल भोले भाले लोगों का शोषण करने के लिए करते थे। पहले ऐसे लोगों को राक्षस कहा जाता था।

पर आज समय ऐसा आ चुका है की राक्षस है लेकिन अदृश्य हो चुका है, वो भेष बदल कर जी रहा है। वो इतना खतरनाक है की आज वो दुनिया को खा जाना चाहता है।

हमें आशा है अब आप यह जान गए होंगे की कलयुग हो या सतयुग सबकुछ आपके लिए है, आप ही हैं जो अधर्म का साथ दे सकते हैं और आप ही हैं जो सच्चाई के रास्ते पर चलकर इस दुनिया को महाविनाश से बचा सकते हैं।

इस विषय पर आपके मन में कोई सवाल हो या राय हो तो आप 8512820608 इस नम्बर पर सम्पर्क कर अपनी बात रख सकते हैं।

कलयुग का अंत आते आते कैसी हरकतें करेंगे लोग?

पृथ्वी विनाश के निकट है आज मानव जिन मानसिक बीमारियों और पर्यावरणीय समस्याओं से जूझ रहा है, वैसा इतिहास में कभी नहीं हुआ।

कैसा होगा कलयुग का अंत

मासूम जानवरों की हत्या, इंसानों का शोषण, समाज में हो रहे जघन्य अपराध यह सब बताने के लिए पर्याप्त है की मनुष्य का आने वाला समय दुष्कर होगा, इतना की पूरी मनुष्य प्रजाति नष्ट हो सकती है।

पृथ्वी का औसत तापमान सामान्य से कहीं अधिक बढ़ चुका है, विश्व में स्वच्छ जल, वायु की कमी तेजी से बढ़ रही है।

और इन सभी तरह की समस्याओं का मूल कारण कोई और नहीं बल्कि इंसान ही है। अज्ञान की कमी के चलते दुनिया में हो रहे विकास को देखकर लगता है जैसे मानो हमने अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी मार दी है।

वैज्ञानिकों ने भी कई शोध में इस बात में यह बात स्पष्ट की है की जिस तेजी से प्रकृति का शोषण मनुष्य द्वारा अपने फायदे के लिए किया जा रहा है, अगर इसमें कमी नहीं आई तो निश्चित ही मानव प्रजाति का अंत निकट है।

घोर कलयुग कब से शुरू होगा?

हम जिस युग में जी रहे हैं वह घोर कलयुग ही है, यदि कलयुग से आशय ऐसे समय से है जिसमें झूठे लोगों की हाथ में पैसा और बल हो, हिंसा और लोगों का शोषण होता हो।

सच को दबाया जाता हो और शांति से ज्यादा अशांति लोगों को प्रिय हो, अपने लालच के लिए किसी भी हद तक इंसान जाने को तैयार हो।

तो क्या अपने आसपास के नज़ारे देखकर और अपने ही भीतर झाँकने से क्या हमें इस घोर कलयुग का अहसास नहीं होता।

यदि लगता है उपरोक्त बातें सच है और दुनिया में अधर्म बढ़ रहा है, निर्दोष और मासूम प्राणियों का शोषण हो रहा है तो अब हम इससे अधिक किस कलयुग की बात कर रहे हैं?

जिस तरह रोजाना करोड़ों जानवरों की निर्मम तरीके से हत्या हो रही है, उसी तरह आज इंसान मनुष्य के भी टुकड़े टुकड़े कर मौत के घाट उतार रहा है।

अपनी अय्याशी और मजे के लिए उसने जंगल खत्म कर दिया, जानवरों की प्रजातियाँ विलुप्त कर दी। लेकिन तब भी उसे चैन कहाँ हैं? क्या यह सब बताने के लिए काफी नहीं है की घोर कलयुग की शुरुवात हो चुकी है।

अतः अब बजाय यह इन्तेजार करने की समस्या कब बढ़ेगी आपको पूछना चाहिए वे अधर्मी जो इस दुनिया को खा जाना चाहते हैं, इन पापियों से कैसे मैं मासूम प्राणियों को मुक्त कर सकता हूँ?

कैसे मैं राम की भाँती झूठ के इस युग में सच्चाई भरा जीवन जीकर लोगों को यह साबित करूं की सही रास्ते पर चलकर भी अच्छा जीवन जिया जा सकता है।

कलयुग का अंत कितने साल बाद होगा?

कलयुग के अंत की समयावधि आप पर निर्भर करती है। यदि आप तैयार हो जाएँ अपने भीतर बैठे राक्षस को खत्म करने के लिए तो अभी से आपके लिए सतयुग की शुरुवात हो सकती है।

कलयुग का अंत कितने साल बाद होगा

हम सभी के भीतर देवता भी हैं और राक्षस भी हैं, भीतर बैठे राक्षस की पहचान करना आसान है, जब मन सच्चाई को स्वीकार करने की बजाय झूठ को अधिक पसंद करे तो समझ लीजियेगा की राक्षस है।

जब अपने फायदे के लिए दूसरों का नुकसान करने के लिए भी मन राजी हो जाये तो समझिएगा भीतर राक्षस है, जब शांति से ज्यादा मन को अशांति, कुटिलता, चालाकी पसंद हो तो समझ लीजियेगा भीतर राक्षस है।

बस इसी राक्षस को खत्म जैसे ही आप करते हैं और इसके स्थान पर आपको सही काम से प्रेम होने लगे।

आपके मन में क्षमा करने की शक्ति बढे, भीतर क्रोध की अपेक्षा करुणा का भाव आये, अपनी गलतियों को स्वीकार करके सुधारने की इच्छा बढे।

तो समझ लीजियगा भीतर आपने देवता को विराजमान किया है।

संक्षेप में कहें तो जिस पल आप खुद सच्चाई के रास्ते पर चलना शुरू कर देते हैं आपके लिए कलयुग खत्म हो जाता है।

और जब आपके सही जीवन को देखकर दुनिया भी उसी रास्ते पर चलने लगे तो समझ जाना कलयुग का खात्मा हो रहा है।

कलयुग का अंत कौन करेगा?

कलयुग का अंत करने की शक्ति इन्सान में है, ऐसा नही होगा की आकाश से भगवान अवतरित होंगे और वे दुनिया की इस खराब हालत को ठीक कर देंगे और पापियों का नाश होकर सच्चाई की जीत हो जाएगी।

नहीं, इस कलयुग की बर्बादी का कारण इन्सान है और वही इस खराब हालत को भी ठीक करने की शक्ति रखता है।

जी हाँ, आप कहेंगे कैसे? मैं कैसे कलयुग का अंत कर सकता हूँ। जवाब है स्वयं एक सच्चा जीवन जी कर, झूठे और अधर्म का साथ न देकर आप इस कलयुग में बढ़ रहे अपराधों को कम कर सकते हैं।

पर समस्या इस बात की नहीं है की हमें सही क्या है ये नहीं पता? पता होकर भी हमारा मन सही काम को करने में विरोध करता है समस्या वहीं पर आती है।

इसलिए राम, कृष्ण का जीवन हमें सिखाता है की सही काम को करने में चुनौतियाँ आती है पर फिर भी मैदान में डटे रहना ही एक सूरमा का कार्य है।

कलयुग कैसे खत्म होगा?

कलयुग की समाप्ति इंसान के परिवर्तन से होगी। अगर इंसान को आत्मज्ञान हो जाए की मैं कौन हूँ? ये प्रकृति क्या है? मेरी इच्छा क्या है? मेरे कर्मों का परिणाम क्या होगा? ये जीवन क्यों मिला है?

कलयुग कैसे खत्म होगा

तो सम्भव है जितने पाप दुनिया में हो रहे हैं वो कम हो जाए उदाहरण के लिए अगर इन्सान को यह ज्ञात हो जाये की अपने स्वाद के लिए निर्दोष जानवरों की हत्या करना ठीक नही है?

इससे मुझे चैन और शांति नहीं मिलेगी तो जो करोड़ों जानवर दुनिया में कट रहे हैं वो काटने बंद हो जाए।

इसी प्रकार अगर मनुष्य के पास बोध/समझ हो तो हर समस्या से निपट सकता है और पृथ्वी के विनाश से बचा सकती है।

अन्यथा विश्व में सरकारें कितने भी क़ानून और नियम बना लें यदि लोगों को आत्मज्ञान नहीं है तो वे दुनिया का वही हाल करेंगे जो इस समय दुनिया में हो रहा है।

कैसा होगा कलियुग? कलियुग का भविष्य

कलियुग कैसा होगा? कलयुग कब खत्म होगा? ये बात मनुष्य के वर्तमान पर निर्धारित करेगी। अगर मनुष्य का वर्तमान अच्छा है, यानी वो एक सही जिन्दगी जी रहा है तो जाहिर सी बात है भविष्य भी उसका अच्छा होगा।

वहीँ आप अगर आज के समय में पृथ्वी का नाश करें,  जानवरों का शोषण करें और धर्म के नाम पर तमाम तरह के गलत कार्य करेंगे तो समझ लीजिये भविष्य कभी अच्छा हो ही नहीं सकता।

तो अगर आप आने वाला समय कैसा होगा? कलयुग में और कितने बुरे दिन इन्सान को देखने को मिलेंगे?

ये जानने में रूचि रखते हैं तो एक बार अपनी और पूरी दुनिया के कर्मों पर नजर डालिए आपको साफ़ साफ़ भविष्य मालूम हो जायेगा।

आज मनुष्य ने अपने फायदे के लिए पृथ्वी की जो खराब हालत की है अगर इसे वर्तमान में समय रहते ठीक न किया जाए तो आने वाले समय को आप चाहें कलयुग नाम दें या कुछ और वो समय बड़ा घातक होगा।

वैज्ञानिक नजरिये से कलियुग का अंत कब होगा?

कलयुग हो या सतयुग या अन्य कोई दूसरा युग, जब भी शास्त्रों में किसी युग की बात कही जाती है तो ध्यान दें वो युग यानी समय, मन की किसी खास अवस्था को प्रकट करता है।

वैज्ञानिक नजरिये से कलयुग का अंत

उदाहरण के लिए कलयुग मन की वो अवस्था है जब मन में दूषित विचार आते हैं जबकि सतयुग का अर्थ है अब इन्सान का मन सच्चाई से प्रेम करता है, सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित होता है।

तो इससे आप समझ सकते हैं की शास्त्र जब कहते हैं की सतयुग अच्छा है तो समझ लेना चाहिए की मन जब जब सच्चाई की तरफ बढ़ने लगे तो इन्सान का जीवन अच्छा होगा।

अतः हम कह सकते हैं जिस व्यक्ति का मन अच्छा है उसके लिए आज ही सतयुग है।

क्योंकि व्यक्ति के कर्म मन से ही होते हैं।

अब वे लोग जो सोचते हैं की विज्ञान की इस विषय पर क्या राय है? तो देखिये विज्ञान का काम है इस संसार के विषयों की जानकारी प्राप्त करना। विज्ञान हर एक भौतिक वस्तु का सच हमारे सामने लाने में मदद करता है।

और उन्हीं जानकारियों की मदद से विज्ञान नए नए आविष्कार करता है, पर चूँकि विज्ञान मन की कोई बात नहीं करता। विज्ञान सिर्फ ऑब्जेक्ट्स की बात करता है, सब्जेक्ट यानी मन की नहीं।

इसलिए हम कह सकते हैं की कलयुग इत्यादि किसी भी युग के खत्म होने अथवा शुरू होने को लेकर विज्ञान कोई टिप्पणी नहीं करता।

शास्त्रों के अनुसार कलियुग का अंत 

एक बात समझ लीजिये शास्त्रों का उद्देश्य इन्सान को उसके दुःख से मुक्ति देना होता है।

चूँकि मनुष्य अपनी अज्ञानता, स्वार्थ, के कारण गलत फैसले जीवन में लेकर दुखी होता है। उसी मन को शांति तक ले जाने के उद्देश्य से शास्त्र बनाये जाते हैं।

अतः जब भी आप देखें की शास्त्रों में कलयुग शब्द आया हुआ है, तो समझ लीजियेगा वो शास्त्र पाठको को, पढने वाले को ये बताना चाह रहा है की कलयुग माने कलुषित समय।

और व्यक्ति का मन यदि कलुषित हो जाए तो जान लीजियेगा की उसका बुरा समय आ चुका है, इसलिए संतों ने बार बार कहा की सही संगती करो ताकि मन साफ़ रहे और आप एक सही जीवन जी सको।

कलयुग खत्म होने के 10 बड़े संकेत

यदि आपकी दृष्टि में कलयुग से आशय बुरे समय से है, तो इस बुरे समय का खात्मा करने के लिए आपको निम्नलिखित उपाय अपनाने चाहिए।

कलयुग खत्म होने के 10 बड़े संकेत

#1. कलयुग मिटाने के लिए सर्वप्रथम अपनी जिन्दगी को ठीक कीजिये। अपने कर्मों को ध्यान से देखिये और खुद से पूछिए आपके दुःख, मजबूरियों का कारण क्या है?

#2. अपनी परेशानी की वजह जानने के बाद अब हिम्मत उठायें और उस गलत जीवन को ठीक करने के लिए हर सम्भव कोशिश करें। दर्द होगा पर आगे बढ़ें।

#3. एक बार जब आप अपनी जिन्दगी को ठीक कर लें तो याद रखें कलयुग तभी समाप्त होगा जब आप बाकी लोगों के भी बुरे समय को मिटा देंगे तो अब समय आता है दूसरे की भलाई करने का।

#4. तो सर्वप्रथम देखिये इस समय दुनिया में ऐसा क्या है? जो बुरा है जिसे अभी रोकना चाहिए? क्या है जो पूरी मानवता के लिए खतरा है? अब भले वो काम बहुत कठिन हो उसके लिए एक छोटा सा ही सही कदम आगे बढ़ाइए।

#5. सही काम करने के लिए अच्छे लोगों की संगती करें, सही किताबें पढ़ें ताकि मन गलत विचारों से दूषित न हो।

#6. जीवन की हकीकत जानें ताकि आप झूठी बातों पर, झूठी चीज़ों पर भरोसा न कर सकें।

#7. याद रखें जीवन में कोई सही लक्ष्य चुनने के लिए बेहद जरूरी है बोध, और उस समझदारी को पाने के लिए विज्ञान और शास्त्र दोनों का पाठ जरूरी है।

#8. विज्ञान को पढने से आपको दुनियादारी समझ में आएगी।

#9. साथ ही सनातन धर्म के शीर्षतम ग्रन्थ उपनिषद और भगवदगीता पढ़ें।

#10. एक बार जान गए की ये जीवन क्यों मिला है? क्या कर्म करने चाहिए? तो अब जीवन का उद्देश्य याद रखते हुए इसे व्यर्थ न गवाएं।

कलयुग कितना बाकी है? कलियुग की आयु कितनी बची है? 

कलयुग कब खत्म होगा? किसी इन्सान के लिए कलयुग तब तक ही शेष रहता है जब तक की उसका मन निर्मल न हो जाए, जब तक मनुष्य के मन में स्वयं के प्रति और दुनिया के प्रति प्रेम नहीं है तब तक वो दुनिया में कुछ भी करेगा वो गलत ही होगा।

उदाहरण के लिए एक व्यक्ति जिसके मन में पैसे का बहुत लालच है बताइए वो दुनिया में कोई भी काम श्रृद्धा भाव से कर पायेगा वो चाहे नौकरी करे या या कुछ और वो ये जरुर देखेगा की इस काम से मुझे फायदा हो रहा है की नहीं।

इसलिए कहते हैं कर्म अच्छे हों सके इसके लिए जरूरी है भीतर का कर्ता सही होना।

एक बार व्यक्ति का मन ठीक हो गया, साफ हो गया उसे साफ़ साफ मालूम हो गया की दुनिया की हालत क्या है? और उसे ऐसी स्तिथि में क्या करना चाहिए?

तो फिर वो व्यक्ति कोई भी कर्म करेगा वो शुभ ही होगा, और व्यक्ति अगर ठीक हो गया, लोग ही अच्छे हो गए तो भला दुनिया तो अच्छी होगी ही।

भगवान विष्णु कल्कि अवतार कब लेंगे? 

भगवान विष्णु के दसवें अवतार को कल्कि अवतार कहा जाता है। मान्यता है कलयुग के अंतिम चरण में विष्णु जी का कल्कि अवतार देखने को मिलेगा। जो दुनिया में बढ़ रहे पाप, अत्याचार को मिटाकर धर्म की पुनर्स्थापना करेगा।

हालाँकि इन्टरनेट पर जाएँ तो आपको इस अवतार की तिथि और वर्ष भी बता दिए जायेंगे। ऐसे में हमारे समक्ष दो बातें सामने निकलकर आती है।

पहली ये की क्या हम उस घड़ी का इन्तेजार करें जब हजारों वर्ष बाद भगवान विष्णु के कल्कि अवतार को लोग देखेंगे या फिर आज जो संकट, परेशानी पृथ्वी पर और लोगों पर आई है उस अत्याचार के खिलाफ लड़ाई लड़ें।

क्या आज हम गलत को गलत कहें या फिर गलत होते चुपचाप देखते रहें। बड़ा सवाल ये है और हमें लगता है अगर मनुष्य ने पृथ्वी की आज जो बुरी हालत की है, धर्म का जो नाश किया है उसे ठीक करने के लिए हमें आज ही आगे आना चाहिए।

यदि हम समय रहते दुनिया की खराब स्तिथि को ठीक करने के लिए आगे नहीं आयेंगे और चुपचाप बैठे रहेंगे  तो जान लीजिये हमने व्यर्थ अपना जीवन गवा दिया।

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 FAQ~ कलयुग खत्म होने से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

कलयुग का कौन सा वर्ष चल रहा है?

मान्यताओं के अनुसार अभी कलयुग का प्रथम चरण है, अभी आने वाले समय में और भयंकर हालत पृथ्वी की, प्रकृति की और यहाँ रहने वाले प्राणियों की हो सकती है अतः समय रहते हमें बर्बादी को रोकने के लिए कुछ करना होगा।

2023 में कलयुग का अंत

कलयुग यानी बुरा समय और इस बुरे समय का अंत अभी हो सकता है, यदि आप चाहें तो। अगर आप आज ही इरादा कर लें की मैं खुद को ठीक करके इस दुनिया को ठीक करने का प्रयत्न करूँगा तो जान लीजिये कलयुग का अंत जरुर होगा।

कलयुग के बाद कौन सा युग आएगा?

कलयुग यानी बुरे समय के बाद सतयुग यानी सच्चा समय आएगा। एक ऐसा समय जब लोग सच्चे होंगे, उनके कर्म अच्छे होंगे और ये दुनिया अच्छी होगी।

अन्त्तिम शब्द

तो साथियों इस पोस्ट को पढने के बाद कलयुग कब खत्म होगा इस बात का पूरा सच आपको मालूम हुआ होगा। मन में लेख के सम्बन्ध में कोई सवाल या सुझाव है तो बेझिझक अपने विचारों को कमेन्ट बॉक्स में सांझा कर सकते हैं। लेख उपयोगी साबित हुआ है तो इसे शेयर करना बिलकुल मत भूलियेगा

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