कामयाब होने के लिए क्या करना चाहिए| Top 15 Secret

जीवन में कामयाबी हासिल करने का प्रयत्न हर इन्सान करता है, पर हर किसी को यह मिल नहीं पाती, अतः आज हम इस पोस्ट में कामयाब होने के लिए क्या करना चाहिए? जानेंगे। जिसे पढ़कर आप भी कहेंगे काश ये हमें पहले पता होता।

कामयाब होने के लिए क्या

बचपन से ही हमारे मन पर, कानों पर यह बात जोर से डाल दी जाती है की पढो लिखो ताकि भविष्य में एक कामयाब इंसान बन सको। पर दुर्भाग्य से हमारे आस पास ऐसा कोई भी नहीं होता जो हमें कामयाबी की मंजिल तक पहुंचा सके। या फिर उस रास्ते पर चलने के लिए हमारे पीछे खड़ा हो।

हम सोचते हैं कामयाबी की तरफ कैसे बढ़ें? ऐसा क्या है जिसे सभी अमीर, बुद्धिमान और सफल लोग फॉलो करते हैं, जो कभी भी एक गरीब या आम इन्सान नहीं करता।

तो क्या हैं कामयाबी के राज जिन्हें यदि आप ध्यान से समझने हैं तो इस पोस्ट में आप जिन्दगी की कुछ ऐसी रहस्यमई बातें पढेंगे जिसे पढने के बाद आप बोलेंगे काश ये बातें हमें पहले पता होती।

Note: इस लेख में आपको कुछ ऐसी बातें जानने को मिलेंगी जो शायद आपने कभी सोची ही न हो। अतः इस लेख में बताई गई बातों को ध्यानपूर्वक समझकर जीवन में बेहतर होने के लिए लेख को अंत तक पढ़ें।

आज तक कामयाबी की तरफ बढ़ने की खातिर जो पीड़ा हमें झेलनी पड़ी, वो नहीं झेलनी पड़ती। पर फिर भी आप हमें धन्यवाद कहेंगे क्योंकी आगे का रास्ता आपको दिखने लगेगा तो आइये सबसे पहले जानते हैं

 कामयाबी क्या है| Real meaning of Success in Hindi

स्वयं को पूर्ण जानना ही कामयाबी है, दूसरों शब्दों में कहें तो अपने भीतर इस भाव को त्यागना की मुझमें कुछ कमी है, मुझे कुछ पाना है यही कामयाबी की वास्तविक परिभाषा है।

जी हाँ, कामयाबी पैसे, इज्जत या किसी पद को पाने में नहीं है, जैसा की हम प्रायः सोचते हैं। हमें लगता है कामयाबी कोई दूर की चीज़ है और वो किसी ख़ास काम को करने पर मिलती है। उदाहरण के लिए एक छात्र को लगता है जीवन में किसी सरकारी पद को पाना ही कामयाबी है।

इसी प्रकार हर इंसान की नजर में भविष्य को लेकर कुछ उम्मीदें होती हैं, और यदि वह पूरा हो जाये तो उसे लगता है की मैं एक दिन कामयाब हो जाऊँगा।

पर समझिएगा कामयाबी का ये जो मॉडल है ये इंसान से उसकी वर्तमान ख़ुशी छीन लेता है, यह उसे अपने आज में जीने नहीं देता क्योंकी जब मन में ये भाव रहता है की अभी मैं नाकामयाब हूँ और मुझे और मेहनत करनी चाहिए।

तो इस मन के साथ इंसान जो भी काम करेगा वह आधे मन से ही करेगा। ठीक वैसे जैसे इंसान नौकरी इसलिए नहीं करता क्योंकि उस काम में उसे मजा आता है, बल्कि वो काम पैसे और सुरक्षा पाने की खातिर करता है

अतः महीने भर वो अपने काम से बोरियत का अहसास करता है और जब सैलरी आती है तो वह थोड़ी देर के लिए खुश हो जाता है।

इसी तरह इंसान के दिमाग में ये डाल दिया जाता है की तेरा वर्तमान बहुत बुरा है और तू 10 साल बाद जब तक खूब पैसा, इज्जत नहीं कमा लेता तब तक तेरी जिन्दगी बद्दतर है तो इस सोच के साथ जीने वाला इंसान बहुत तडपता है।

वो अब मन लगाकर कोई चीज़ सीख नहीं सकता, खेल नहीं सकता, गा नहीं सकता क्योंकी उसे लगता है ये सारी चीजें मन लगाकर करनी बेकार हैं, जब तक खूब पैसा नहीं कमा लेता। तब तक जिन्दगी में ये चीजें व्यर्थ हैं।

और दुःख की बात यह है की समाज ने उसे जो कामयाबी बताई थी, किसी तरह बहुत मेहनत के बाद उसे मिल भी गई तो वो देखता है शांति तो अब भी नहीं मिल रही है। तो जो पहले बहुत पैसे कमाने को कामयाबी मानता था अब वो लोगों की इज्जत पाने को कामयाबी मानकर जिन्दगी जीता है।

इस तरह उसके कामयाबी का विषय बदलता रहता है और एक दिन मौत आ जाती है, लेकिन उसके मन में वो अधूरापन, वो कुछ पाने की ख्वाहिश खत्म नहीं होती।

इसलिए जानने वालों ने कहा की सफलता इस बात में नहीं है की भविष्य में आपने अपने लक्ष्य को पाया की नहीं, बल्कि यह जानना की मैं जैसा हूँ ठीक हूँ और इसी पल से मैं अब एक सही जिन्दगी जियूँगा यही कामयाबी कहलाती है।

जिसका मन भरा हुआ है, जिसे अपने वर्तमान में मौज हो ऐसा इंसान अब जो भी काम करेगा वो इस आशा के साथ नहीं करेगा की कुछ पाऊंगा तो मौज मिलेगी। वो तो पहले से ही मौज में है तो वो काम सिर्फ इसलिए करता है क्योंकी वो काम करना उचित है।

पढ़ें:- जिन्दगी में करने योग्य क्या है?

कामयाब होने के लिए क्या करना चाहिए? 15 Life Tips in Hindi

कामयाबी की परिभाषा जानने के बाद आप जान चुके होंगे की कामयाबी का अर्थ अपनी इच्छाओं को भविष्य में पूरा करना नहीं होता बल्कि अपने वर्तमान में खुश होकर सही काम करना ही कामयाबी है

तो अब सवाल आता है तो अपने जीवन में आनन्द कैसे पायें और सही काम क्या होता है? और एक सही जिन्दगी कैसे जीते हैं? ये जानने के लिए नीचे दिए बिन्दुओं को ध्यान से पढना जरूरी है।

#1. कामयाबी के लिए खुद को समझें

खुद को समझने का सीधा सा मतलब है अपने मन को समझना। इंसान का मन कभी पैसे के पीछे तो कभी इज्जत के पीछे तो कभी स्त्री/पुरुष के पीछे भागता है और उसे लगता है इसी में तो मेरी कामयाबी है। लेकिन जैसे ही वह किसी एक चीज़ को पाता है मन तुरंत उसका किसी दूसरे विषय की तरफ आकर्षित हो जाता है।

इसलिए जानने वाले कह गए की अगर संसार में रहते हुए दुःख नहीं झेलने और आनंद पाना है तो बाहर दुनिया के बारे में बाद में जानना पहले खुद को जानो। इसी को आत्मज्ञान भी कहा गया है। आत्मज्ञानी व्यक्ति ही वास्तव में जान पाता है जीवन में कौन सा लक्ष्य बनाना चाहिए और क्या काम करना चाहिए।

तो जीवन आनन्द से, शांति से जीना है तो खुद को जानें, तभी आप कामयाबी की तरफ बढोगे।

पढ़ें: आत्मज्ञान क्या है, आत्मज्ञानी होने की विधि

#2. अपनी तुलना किसी से न करें।

जब भी बात कामयाबी की होती है तो हमारे दिमाग में या तो किसी अमीर इन्सान की छवि होती है या उस ताकतवर और इज्जतदार आदमी की जो इंसान हमारा पडोसी या देश में कोई भी हो सकता है।

पर कामयाबी वास्तव में एक आंतरिक चीज़ होती है, वो इतनी निजी बात होती है की दूसरों को देखकर हो ही नहीं सकती। उदाहरण के लिए आपको स्टेज में बात करने से डर लगता है, तो आपके लिए कामयाबी तब होगी जब आप बिना डरे स्टेज पर चढ़कर अपनी बात कहेंगे। वहीँ हो सकता है किसी के लिए ये बेहद छोटी बात हो।

तो कभी भी किसी इन्सान की दिनचर्या को देखकर उसे फ़ॉलो करके खुद को कामयाब या नाकामयाब कहने की गलती न करें।

पढ़ें: सफल लोगों की दिनचर्या

#3. अपने लक्ष्य की जांच पड़ताल करें।

जिस समाज में हम रहते हैं वहां बचपन से ही माहौल कुछ ऐसा होता है की हमें हमारे लक्ष्य बता दिए जाते हैं। कोई डॉक्टर, तो कोई खिलाड़ी तो कोई म्यूजिशियन बनना चाहता है। उदाहरण के लिए कोई कहता हो मुझे बड़े होकर IAS बनना है।

तो बजाए ये कहने के की मुझे पैसे और सुख सुविधाएं पानी है वो कहता है मुझे देश की सेवा करनी है। तो इस प्रकार हमारा जो भी लक्ष्य होता है वो हमारा अपना नहीं होता। वो लक्ष्य हम कभी परिवार के कहने पर तो कभी किसी और के कहने पर बनाते हैं।

यहाँ तक की जिसे आप मन कहते हैं और मेरा लक्ष्य कहते हैं वो भी आपका नहीं होता, क्योंकी मन में जो कुछ भी आपके मौजूद है वो तो संसार का और समाज का दिया हुआ है न। तो जिस भी लक्ष्य को आप अपनी जिन्दगी बनाने जा रहे हो एक बार जान तो लो क्यों और किसके लिए मैं ये कर रहा हूँ

#4. अब एक सही लक्ष्य चुनें।

जब एक बार इंसान को आत्मज्ञान हो जाता है, वो अपने मन की हर एक चाल और हरकत से वाकिफ हो जाता है। उसे मालूम होता है जिन्हें मैं अपना लक्ष्य कहता था ये तो मेरे हैं ही नहीं मेरे भीतर के पैसों की भूख या असुरक्षा का डर मुझसे ये काम करवाने जा रहा था।

तो एक बार सच जानने के बाद आप होशपूर्वक जिन्दगी में एक सही लक्ष्य बनाने के बारे में विचार कर पाते हैं, अब आप साफ साफ देख पाते हैं क्या है जो जीवन में करने योग्य है और उस काम को अब आप अपनी जिन्दगी बनाते हैं।

#5. जिन्दगी का अनुभव लीजिये।

एक बार यह जान लिया की इस संसार में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे पाकर मन तृप्त हो सके, जिसको खरीदकर मन को शांति मिल सके। तो फिर सवाल आता है की क्यों पढ़ाई करें? क्यों पैसा कमायें? क्यों दुनियादारी समझें।

तो जवाब यह है की ताकि तुम्हें कोई बेवकूफ न बना सके। क्योंकि भले ही संसार में सुख नहीं मिलेगा पर जीना तो संसार में ही हैं न, तो जिस इन्सान को विज्ञान की समझ नहीं होगी, जिसे अर्थव्यवस्था की समझ नहीं होगी उसको कोई भी बेवकूफ बना देगा।

घूमो, जानो, पढो इसलिए नहीं ताकि उससे सुख मिलेगा नहीं इसलिए क्योंकी सही जिन्दगी जी पाओगे।

#6. समय की कीमत समझिये।

जीवन में कोई भी ऊँचा काम आप करने निकलेंगे तो आप पाएंगे ये काम ऐसे नहीं है जिन्हें जल्दी से निपटाया जा सके, धर्म के क्षेत्र में, शिक्षा के क्षेत्र में, खेल के क्षेत्र में, यहाँ तक की प्रकृति और पर्यावरण के लिहाज से कई ऐसे काम हैं जिनमें बदलाव की सख्त आवश्यकता है। पर इन कामों को कोई नहीं कर रहा है।

लेकिन एक बार जिस इन्सान ने सही काम को अपना लक्ष्य बना लिया, वो पाता है की काम बेहद जरूरी है और बड़ा है पर समय इतना नहीं है। तो फिर वह घोर कर्म करता है, क्योंकी उसका लक्ष्य उस काम को करके पैसे कमाना या इज्जत कमाना नहीं है उसका लक्ष्य समाज और देश की भलाई है तो प्रेम के खातिर वह कठिन परिश्रम करता है।

#7. कुसंगति से बचिए।

कामयाब होने के लिए क्या करना पड़ता है? यदि आपको एक पंक्ति में जवाब दें तो हम यही कहेंगे की जितना जरूरी है सही लोगों के साथ समय बिताना उतना ही आवश्यक है बुरे लोगों की संगती से दूर रहना।

दुर्भाग्य से बुरे लोग जीवन में हमें बड़ी आसानी से मिल जाते हैं, वो कहीं हमारे ही आस पास होते हैं, हमारे ही फोन की स्क्रीन पर होते हैं। पर अगर कामयाबी पानी है तो ऐसे इंसानों की बातों को न सिर्फ नजरंदाज करना है बल्कि उन्हें जिन्दगी से दफा कर दें। ऐसा करके आपके लिए सही जीवन जीना थोडा आसान हो जायेगा।

#8. अपने लक्ष्य से प्रेम कीजिये।

 जीवन को जब आप किसी ऐसे ऊँचे काम के सुर्पुर्द कर देते हैं जिसे करना अत्यंत आवश्यक है तो अब आप पीछे नहीं हट पाते। आप कहते हैं अब मरना मंजूर होगा पर इसके सिवा और कोई काम मुझसे नहीं हो पायेगा।

उदाहरण के लिए आपने साफ साफ देख लिया की देश में अंधविश्वास बड़ा व्याप्त है, लोग अपने अज्ञान के कारण बड़ा शारीरिक और मानसिक कष्ट उठाते हैं तो लोगों के प्रति मन में प्रेम और करुणा के खातिर आप इस स्तिथि को सुधारने का प्रयत्न करते हैं।

अब भले यह काम कठिन और असम्भव लगता है पर फिर भी आपका इस काम को करना ही दर्शाता है आपको अपने लक्ष्य से कितना प्रेम है।

#9. सच्चाई के आगे सर झुकाएं।

असल में कामयाबी और सच्चाई दोनों एक साथ चलते हैं, आपको कामयाब नहीं कहा जा सकता यदि जीवन आपका सच्चाई के केंद्र की बजाय लालच,डर के केंद्र से चलता हो। उदाहरण के लिए आप नौकरी या व्यवसाय सिर्फ इसलिए कर रहे हैं ताकि अपनी इच्छाओं और स्वार्थ को पूरा कर सकूं।

तो ये लालच से भरी जिन्दगी है। इसमें कहीं सच्चाई नही है। अतः वास्तव में जिन्दगी में कामयाबी पानी है तो सच्चाई के केंद्र से जियें, साफ़ साफ़ इमानदारी से देखें क्या है जीवन में जो करना आवश्यक है उस काम को अपना जीवन लक्ष्य बनाने का अर्थ है आप सच्चाई को सम्मान देते हैं अन्यथा नहीं।

#10. भरपूर काम कीजिये।

कामयाबी का सम्बन्ध सही जिन्दगी से है, और सही जिन्दगी माने सही काम तो जब एक ऊँचा काम आपने जीवन में पकड लिया है तो अब आपसे ये होगा नहीं की आप मात्र 8 घंटे काम करें, संडे को छुट्टी लें। आप कहेंगे जब काम इतना महत्वपूर्ण और आवश्यक है।

तो खाली क्यों बैठे रहना, अब आप फ़ालतू की बातों में, फ़ालतू के लोगों के साथ समय बिताना पसंद नहीं करेंगे आप कहेंगे जो इंसान अपने स्वार्थ के लिए 8 घंटे की नौकरी कर सकता था, अब वहीं इंसान 12 घंटे भी काम करेगा। भले ही उसे कोई पैसा या इनाम  न मिले पर वो काम भरपूर करेगा।

#11. सही किताबों को पढ़ें।

कामयाबी और सही जिन्दगी जीने की जो बात हम यहाँ बार बार कर रहे हैं उसका उदाहरण आपको अपने ताऊ, फूफा इत्यादि के जीवन को देखकर तो मिलेगा नहीं मिलेगा, वो मिलेगा जब आप स्वामी विवेकान्द को, भगत सिंह, महात्मा गांधी, संत कबीर जैसे महान लोगों के जीवन को पढेंगे।

तो किताबें इसलिए नहीं पढनी की स्कूल की परीक्षा में अंक पाकर घर वालों की तारीफ़ पानी है, वो पढनी है इसलिए ताकि आप जीवन में ऊँचे, महान कर्म कर सके। और इस जिन्दगी को सार्थक बना सके। इसी में जीवन की महानता है।

#12. शरीर और मन दोनों का ख्याल रखें।

कामयाबी का सीधा सम्बन्ध जब एक अच्छे और सच्चे जीवन जीने से है, तो इस यात्रा में जितना जरूरी है सही संगती के लिए अपने मन को स्वस्थ्य रखना। उतना ही आवश्यक है अपने शरीर को फिट रखना।

आपका शरीर यदि साथ न दे तो आप जीवन में कोई भी ऊँचा काम नहीं कर सकते। तो तन और मन को स्वस्थ्य इसलिए रखो ताकि जीवन में जो ऊँचे कार्य आप करना चाहते हो उसमें आपको सफलता मिले।

#13. असली लड़ाई खुद से है।

जब भी आप कोई ढंग का काम करने निकलते हो तो सबसे पहले मन ही आपका विरोध करता है। उदाहरण के लिए आप सुबह जल्दी उठकर कसरत करने की योजना बनाएं तो मन आपका सुबह और सोने के लिए विवश करेगा।

इसी तरह आप बाहर समाज के लिए, देश के लिए कोई अच्छा काम करने निकलोगे तो आपका मन आपको डराएगा, आपको तरह तरह की बातों में उल्झायेगा ताकि जीवन में जो सही है उस काम को करने से होनी वाली तकलीफ से वह बच सके। इसलिए कहा गया की वास्तविक लड़ाई खुद से होती है किसी और से बाद में।

#14. शान्ति से समझौता नहीं।

आजकल बहुत से लोग कामयाबी का झूठा मुखौटा पहने घूम रहे हैं, उनके पास पैसा है, इज्जत है, नाम है। पर दिल में सुकून नहीं है। क्योंकि जीवन में शान्ति और सच्चाई की कमी है, अंततः यही समस्या उन्हें आत्महत्या करने जैसे जीवन के दर्दनाक फैसले लेने के लिए मजबूर कर देती है।

तो किसी इंसान की कामयाबी को परखना है तो बस देख लो जीवन में उसके प्रेम, शान्ति और सच्चाई है की नहीं, यदि नहीं है तो फिर वह कुछ पाकर भी एक भिखारी ही रह गया। लेकिन जिसके मन में शीतलता है वो दूसरों को भी इस शान्ति को प्रसाद के रूप में बांटेगा। क्योंकी वो जानता है शान्ति का कोई मूल्य नहीं होता।

#15. जीवन में एक गुरु होना जरूरी।

कामयाबी की दिशा में आगे बढने के लिए जीवन में गुरु का होना अनिवार्य है, सम्भव है वो गुरु आपको शारीरिक रूप से न मिले। पर जिस भी इंसान को आप ऊँचा महान मानते हैं जिसकी तरह ऊँचा जीवन जीने की इच्छा आपके मन में है।

उनकी कही गई बातों को, उनकी किताबो को पढ़ें और एक बार आपने जिस सच को जान लिया उसे जीवन में अपनाने का अभ्यास करे। निश्चित रूप से इस काम में मन आपका विरोध करेगा लेकिन अगर जीवन में बेहतर होने का इरादा है तो ये काम भी आसानी से हो जायेगा।

FAQ- कामयाब बनने से समबन्धित पोस्ट 

कामयाब इंसान बनने के लिए क्या करना चाहिए?

कामयाब होने के लिए सच्चाई जानने उसे जीने का अभ्यास करना चाहिए। साथ ही झूठ, डर, लालच को एक तरफ रखना चाहिए।

कामयाबी कैसे मिलती है?

 सही जिन्दगी जीना ही कामयाबी है। पूरी इमानदारी से ये देखना की जीवन में करने योग्य क्या है उस काम में पूरी निष्ठा से खुद को समर्पित कर देने से कामयाबी मिलती है।

कामयाब होने के लिए व्यक्ति को क्या त्यागना पड़ता है?

कामयाब होने के लिए मनुष्य को भीतर बैठे डर, लालच, झूठ, कपट को छोड़ना पड़ता है, इनके मौजूद रहते वह इंसान सफलता की तरफ नहीं बढ़ सकता।

जीवन में कामयाबी क्या है?

अपने दुःख, मजबूरी,कष्ट से निजात पाकर एक आनन्दित जीवन जीना ही कामयाबी है।

अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद कामयाब होने के लिए क्या करना पड़ता है? इस प्रश्न का सीधा और स्पष्ट उत्तर आपको मिल गया होगा। कामयाबी का सही अर्थ समझने में यदि यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित हुआ है तो इस लेख को अधिक से अधिक सोशल मीडिया पर शेयर कर अन्य लोगों के साथ भी सांझा कर दें।

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