भगवद्गीता में श्री कृष्ण अर्जुन को कहते हैं बदलाव ही इस संसार का नियम है, और हम भी जानते हैं हम जैसे हैं वैसे ही बने रहकर हम लाइफ में कुछ बेहतर नहीं कर सकते। इसलिए एक सफल इंसान बनने के लिए लोग इन्टरनेट पर खुद को कैसे बदलें? यह सर्च करते हैं।
तो आज हम आपके साथ वो सीक्रेट खोलने जा रहे हैं जिससे आपको ये मालूम हो जायेगा की क्यों हजार में से कोई एक इंसान ही खुद को बदल पाता है? और लाखों में कोई एक इंसान ऐसा क्या करता है जिससे बाकी लोगों से वह ख़ास बन जाता है।
जी हाँ, खुद को बदलना जिन्दगी में बहुत जरूरी है, क्योंकी जैसी हमारी हालत है उससे न तो हम समाज में तरक्की कर सकते हैं और न ही अपने भीतर के दुःख को कम कर सकते हैं। ऐसे में खुद में परिवर्तन लाने का यह प्रश्न हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है। तो चलिए समझते हैं की
खुद को कैसे बदलें? ये 10 काम जिन्दगी बदल देंगे!
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अपनी मजबूरियों, दुखों को पहचानें।
कोई भी इन्सान खुद को बदलने की चाहत तभी रखता है जब उसके वर्तमान में खोट हो, ठीक वैसे जैसे एक बीमार व्यक्ति स्वस्थ्य होने के सपने इसलिए देखता है क्योंकी वो बीमार है। अन्यथा एक भला चंगा आदमी थोड़ी ही सोचेगा की मेरी तबियत सुधरनी चाहिए।
हम जैसे जीवन बिता रहे होते हैं उसमें कामचोरी, दुःख, मजबूरियां, बंधन रहते हैं पर कभी हम इमानदारी से उनपर नजर डालकर अपनी स्तिथि को ठीक करने का प्रयत्न करते ही नहीं। अगर कोई हमें हमारी बुरी हालत से वाकिफ कराता भी है तो हम डर जाते हैं और उसका अपमान करते हैं।
तो गौर करिये अपने जीवन में, और देखिये जिन्दगी में क्या नहीं होना चाहिए था पर वो आपके साथ हो रहा है, जो कष्ट, जो तकलीफें आज आप झेल रहे हो या सही काम करने की बजाय जो मजे आप आज लूट रहे हो उससे भविष्य पर क्या असर पड़ेगा। जरा सोचिये और अपनी हालत से वाकिफ होइए।
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हालात बदलने की जिम्मेदारी लें।
एक बार रुबुरु हो गए अपनी हालत से देख लिया की जो कुछ चल रहा है वो ठीक नहीं है और मैं उसे ऐसे ही होता नहीं देख सकता। तो अब जरा भीतर से हिम्मत, साहस, प्रेम चाहिए स्तिथि को सुधारने का। उदाहरण के लिए जान गए हो की युवा हो और घर वालों से पैसे मांगने पर सौ तरह की बातें सुनने को मिलती है।
तो अब चैन से नहीं बैठ पाओगे, जब तक तुम्हें कोई ऐसा काम नहीं मिल जाता जिससे आप अपने खर्चे खुद उठा सको। इसी तरह देख लिया अपना समय मैं खेल, पढ़ाई में लगाने की बजाय नशे में, फ़ालतू की बातों में लगा रहा हूँ तो अब जो सही है उसे करने से खुद को नहीं रोक पाओगे।
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नए कार्यों की सूची बनाएं।
क्या कभी आपने उन कामों की, उन बदलावों की लिस्ट (सूची) बनाई है। जो आप जिन्दगी में देखना चाहते हैं। जिन आदतों को आप डालना चाहते हैं, जिन खेलों में आप भाग लेना चाहते हैं, जो नयी स्किल आप सीखना चाहते है, उन सभी कार्यों की एक लिस्ट बनाएं।
ताकि आपकी नजरों के सामने हर समय वो लिस्ट रहे और आप जिन कार्यों को जिन्दगी में करना चाहते हैं, उन्हें कर सके। हममें से बहुत से लोग इस छोटी सी बात को नजरंदाज कर देते हैं, नतीजा ये होता है की खुद को बदलने का सपना हमारा महज ख्वाब ही बनकर रह जाता है।
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रोजाना अभ्यास करें।
जब भी आप कुछ नया जीवन में शुरू करते हैं तो जो कुछ पुराना आपके जीवन में होता है वो आपको बार बार अपनी तरफ आकर्षित करता है, ऐसे में आपका कर्तव्य यही है की जिस भी नयी और अच्छी आदत को आप जीवन में अपनाना चाहते हैं उसे लगातार करते रहें।
यकीन मानिए शुरू में नयी आदत को डालना मुश्किल होगा लेकिन यदि आप इस काम को कुछ दिनों तक करते रहे तो कुछ ही महीनों में आप पूरी तरह एक बदले हुए इंसान नजर आयेंगे। और लोग तो क्या आप खुद भी कहेंगे मैं पहले से कितना बेहतर हो चुका हूँ।
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घूमें, दुनियादारी को समझें।
जब जीवन में बदलाव आना शुरू होता है तो आप पाते हैं दुनिया के बारे में भी आपका नजरिया बदलने लगता है। आप पाते हैं बजाय घर बैठे दुनिया दारी का ज्ञान पाने से कहीं बेहतर हैं नयी जगह घूमने से आपको वहां के खान पान, इतिहास, संस्कृति के बारे में पता चलता है।
ठीक वैसे जैसे हवाई जहाज में बैठे बिना आप यह नहीं समझ सकते की आसमान की उड़ान भरने पर कैसा महसूस होता है? इसी तरह दुनिया को देखे और समझे बिना आप दुनियादारी को अच्छा या बुरा नही बता सकते। अतः जीवन में बदलाव चाहिए तो घूमिये, पैसा कमाइए, जो कुछ दुनिया में अच्छा है श्रेष्ठ है उसका अनुभव कीजिये।
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मानें नहीं बल्कि सत्य के खोजी बनें।
जो इन्सान खुद को बदलना चाहता है उसके भीतर सच्चाई के प्रति प्रेम होना बेहद जरूरी है। क्योंकी जो इंसान परम्पराओं, मान्यताओं और अपने विचारों को सच मानकर जीवन जीता है, जिसके लिए अच्छी जिन्दगी जीने का मतलब है समाज के बताये गए नियमों को मानकर उनको खुश करना।
ऐसा इन्सान फिर समाज की कठपुतली बन जाता है, इसलिए जिस भी विचार को, जिस भी बात को जीवन में अपनाना चाहते हैं पहले उसकी सच्चाई जानें फिर फैसला लें। उदाहरण के लिए समाज की मान्यता है पैसे कमाओ और परिवार का पालन पोषण करो।
पर जो सच्चाई का साधक होगा वो पूछेगा की पैसा क्या सिर्फ अपने और अपने परिवार के लिए कमाया जाता है? क्या पैसे का उपयोग अच्छे कार्यो के लिए नहीं हो सकता? यदि हाँ तो मैं सिर्फ अपने परिवार की भलाई नहीं अपितु अपने देश और समाज की भी करूँगा।
इसी तरह किसी ने कह दिया पढ़ लिख के अच्छी नौकरी मिलती है? और तुमने वह मान लिया, इसके बजाय आपका उद्देश्य यह जानना होना चाहिए की पढाई का उद्देश्य नौकरी पाना होता है? पढ़ाई क्यों और कितनी करें?
इस तरह जब आप एक एक प्रश्न को मानने के बजाय सच जानेंगे तो यकीन मानिये जीवन में बहुत सी बेवकूफियां करने से बच जायेंगे। क्योंकि एक बार सच जान गए तो अब आप वैसा नहीं करोगे जैसा सब करते हैं।
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तन और मन को मजबूत बनाएं।
एक अच्छी जिन्दगी जीने के लिए जितना आवश्यक है शारीरिक रूप से स्वस्थ्य रहना उतना ही जरूरी है मन को स्वस्थ्य रखना। अगर मन बीमार है तो जाहिर है जिन्दगी भी घटिया ही होगी, मन साफ स्वच्छ रहे किसी की बातों का उस पर कुप्रभाव उस पर न पड़े इसके लिए जरूरी है की उसे सही संगती दी जाए।
सही किताबें पढ़ें, अच्छे लोगों के साथ उठें बैठे। शरीर को फिट रखने के लिए खेले कूदें, जिम जाएँ। क्योंकी खुद को बदलने की इस प्रक्रिया में यदि आपने शरीर या मन किसी एक को भी नजरंदाज किया तो सबकुछ जो आप जीवन में करना चाहते हैं सब व्यर्थ हो जाएगा।
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कुछ नया सीखते रहें।
खुद को बदलना है तो नया सीखते रहना होगा कोई भी ऐसा काम जिससे जीवन में ऐश्वर्य आता है उस काम को जरुर सीखना चहिये। उदाहरण के लिए आप किताबें पढ़ते हैं, ढंग की नौकरी करते हैं और सब कुछ जीवन में सही चल रहा है।
इस बीच आपको 2 घंटे का टाइम रोजाना खाली मिलता है तो इस दौरान आप कोई भी ऐसा काम कीजिये जिससे आप किसी क्षेत्र में माहिर बनें, आप किसी स्पोर्ट्स में भाग ले सकते हैं, संगीत सीख सकते हैं। देखिये जिन्दगी को बेहूदा कामों से बचाने के लिए उसे सही कामों से भरना जरूरी है।
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चैलेन्ज स्वीकार करें।
खुद को बदलने की राह में चुनौतियाँ तो आएँगी ही, कभी वह लालच के रूप में तो कभी आपको डराकर या कभी मोह ममता दिखाकर जीवन में आएँगी ही अब यह आपकी हिम्मत और समझदारी पर निर्भर करता है की आप उस चुनौती का सामना कर पाते हैं या पीछे हट जाते हैं।
उदाहरण से समझते हैं, आपको किसी अच्छी नौकरी की खातिर किसी दूसरे शहर में जाकर रहना पड़ रहा है। आप जानते है वह शानदार काम है जिसे मैं करने जा रहा हूँ। पर सम्भव है परिवार आपसे दूर रहना पसंद नहीं करता हो, तो इस तरह परिवार का मोह आपके जीवन की तरक्की में आगे आ जायेगा।
इसी तरह सम्भव है कभी आपके सामने किसी घटिया काम को करने के लिए लाखों रूपये की गड्डी रखी हो, तो आपके सामने एक नयी चुनौती लालच के रूप में आई है। तो अब आप ऐसी स्तिथि में जो फैसला लेंगे उसी से आपका जीवन बनेगा या बिगड़ेगा।
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हार्दिक काम करें।
हमारी जिन्दगी उस इंसान की भाँती होती है जैसे कोई 10 घंटे से निराश हताश हो तभी 1 घंटा उसे खूब मौज मिल जाये। और इस भ्रम में की फिर से वो सुख जल्द ही मिलेगा हम उस सुख के इन्तेजार में फिर से 10 घंटे निराशा झेलते हैं।
अर्थात हमारे जीवन में सुख और दुःख का अनुपात इस कदर हावी रहता है की दुःख का पलड़ा हमेशा भारी नजर आता है। और प्रकृति मानो सुख का थोडा सा लालच देकर हमें जिन्दा रखने के लिए मजबूर करती है। तो अगर आप इस सुख दुःख के बंधन से बाहर आना चाहते हैं।
तो एक ही उपाय है निष्काम कर्म। जब तक आप जीवन में अपनी समझ से कोई ऐसा प्रेमपूर्ण काम नहीं करते जिसे करना ही आपके जीवन का उद्देश्य हो जिसके खातिर आप जिन्दगी में अपना रुपया पैसा, समय, उर्जा खर्च करने को तैयार रहो तब तक निजी जीवन में आने वाले सुख दुःख आप पर छाये रहेंगे।
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FAQ
अंतिम शब्द
तो साथियों इस पोस्ट को पढने के बाद खुद को कैसे बदलें? खुद में बदलाव लाने के लिए क्या करें? इस प्रश्न का सीधा और सटीक उत्तर आपको मिल गया होगा। लेख को पढ़कर मन में कोई प्रश्न है या सुझाव है तो कमेन्ट बॉक्स में अपने प्रश्न पूछिए। साथ ही लेख उपयोगी साबित हुआ है तो इसे शेयर भी कर दें।