क्या आप जिंदगी में सफल होना चाहते हैं पर पढ़ाई में, जरूरी काम में आपका मन नहीं लगता। ऐसे में यदि आप खुद को मोटिवेट कैसे करें? जानना चाहते हैं तो आज का यह लेख आपके लिए हैं।
अकसर आप खुद को मोटिवेटेड रखने के लिए किताबें, मोटिवेशनल वीडियोस देखा करते होंगे। पर अफसोस ये तरीका काम तो करता है लेकीन कुछ समय बाद हम फिर से Demotivate (निराश होना) शुरू कर देते हैं।
पर आज हम आपके साथ वो Secret शेयर करेंगे जिससे आपको दोबारा इंटरनेट पर कभी भी मोटिवेशनल videos देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। और आप बिना रुके अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ते चले जायेंगे।
जी हां अब किसी इंसान की नेगेटिव बातें सुनकर आपका मन कमजोर नहीं होगा, और न ही आपको किसी Motivational स्पीकर की जरूरत पड़ेगी।
तो अब यहां सवाल आता है? की हम आपको ऐसा कौन सा रहस्य बताने जा रहे हैं जिससे आप दिन के 24 घंटे मोटिवेटेड रहकर अपनी जिंदगी में सफलता पा सकते हैं। तो आइए इसके लिए पहले हमें समझना होगा
मोटिवेशन क्या है? What is Motivation in Hindi
वास्तव में सच्चा ज्ञान ही मोटिवेशन अर्थात प्रेरणा कहलाता है, जिस इंसान की जिन्दगी में बो/ समझदारी है उसे अपनी मंजिल तक बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता।
जिस प्रकार मोबाइल को चार्ज करने के लिए बिजली की आवश्यकता होती है, ठीक इसी तरह इंसान को जिन्दगी में सफलता पाने के लिए उर्जा की आवश्यकता होती है, जिसके लिए वह प्रेरणादाई सामग्री जैसे किताब, वीडियोस, ऑडियो बुक इत्यादि का उपयोग करता है।
आज के इस डिजिटल युग में विद्यार्थी, नौजवान, स्त्री-पुरुष लगभग हर इंसान को मोटिवेशन की जरूरत रहती है। हालाँकि लोगों की इस मांग को देखकर बाजार में मोटिवेशनल कंटेंट की कोई कमी नहीं है। लोग अपनी सोच और लक्ष्य के मुताबिक़ मोटिवेशन ढूंढ लेते हैं।
मोटिवेशन की जरूरत क्यों पड़ती है? Whywe Need Motivation in Hindi
मोटिवेशन का बाजार तेजी से फल फूल रहा है, इस इंडस्ट्री में नए नए गुरु और लाखों लोग रोजाना प्रवेश कर रहे हैं। ऐसे में सवाल आता है की आखिर क्या वजह है लोग मोटिवेशन के पीछे इतना भाग रहे हैं?
देखिए इंसान को मोटिवेशन की खूब आवश्कता तभी होती है जब उसमें स्पष्टता (clearity) की कमी होती है। वह इन्सान जिसे अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ने के लिए बार बार मोटिवेशन की तलाश रहती है, समझ लिजियेया उसके भीतर लक्ष्य के प्रति प्रेम और बोध नहीं है।
वह जिस काम को कर रहा है उसको लेकर उसके दिमाग में स्पष्टता नहीं है। चलिए इसे एक उदाहरण से समझते हैं मान लीजिये आप कहीं जाना चाहते हैं अतः आपका लक्ष्य समय पर रेलवे स्टेशन तक पहुंचना है।
आप घर से अपना बैग या जरूरी सामान लेकर निकलते हैं, गाड़ी में बैठकर रेलवे स्टेशन तक जाते हैं, और उस प्लेटफार्म को खोजते हैं जहाँ से आपकी ट्रेन निकलने वाली है। बताइये क्या आपको इस बीच मोटिवेशन विडियो देखने की जररूत पड़ी।
नहीं न क्योंकी आपको साफ़ साफ़ पता था मुझे कहाँ जाना है? क्यों जाना है? कैसे जाना है? अतः आप अपने लक्ष्य को पाने के लिए निकल पड़ते हैं, आपको बाहर से किसी के मोटिवेशन की जरूरत नहीं पड़ती।
इसी तरह अधिकांश जीवन में हम जो लक्ष्य बनाते हैं, वो दूसरों को देखकर बनाते हैं। हमें पता ही नहीं होता जो काम या लक्ष्य जिन्दगी में मैंने पाने का संकल्प लिया है उसके पीछे क्या कारण है? उसे पाने से क्या मिलेगा? उसे पाने से क्या लाभ और नुकसान होंगे।
हम कुछ नहीं जानते बस नासमझी में कभी दूसरों के कहने पर तो कभी अपने मन की इच्छा को पूरा करने के लिए कोई भी लक्ष्य बना लेते हैं और फिर बाद में पछताते हैं।
अब सवाल आता है वो Clearity कैसे आये ताकि हमें मोटिवेशन पाने के लिए किसी और की जरूरत ही न पड़े। तो चलिए जानते हैं
खुद को मोटिवेट कैसे करें? How to be self motivated in hindi।
अब हम आपके साथ 12 स्टेप्स का वह फ़ॉर्मूला शेयर करने जा रहे हैं जिसे फॉलो करके आप जिन्दगी में बड़े से बड़े लक्ष्य की तरफ बढ़ सकते हैं हैं, ख़ास बात यह है की इस फोर्मुले में सर्दी हो या गर्मी, सफलता मिले या असफलता आपको किसी मोटिवेशन की जरूरत नहीं पड़ेगी।
#1. कामयाबी का अर्थ समझें
हर इंसान जिन्दगी में सफलता के शिखर पर जाना चाहता है पर अधिकांश लोगों के लिए सफलता का अर्थ होता है सरकारी नौकरी, बड़ा घर, गाड़ी साथ ही समाज में इज्जत और सुन्दर पत्नी या पति।
है न, पर क्या समाज द्वारा बताई गई कमायाबी की इस परिभाषा में वाकई दम है? शायद नहीं क्योंकी सफलता के इस पैमाने का मनुष्य के अंतर्जगत से कोई समबन्ध नहीं है। क्योंकि पैसा, इज्जत सबकुछ आखिरकार हम इसीलिए चाहते हैं ताकि अंतत हमें सुकून मिल सके।
पर अफ़सोस भौतिक सफलता मिलने के बाद भी मनुष्य के भीतर शांति, प्रेम, करुणा, सच्चाई आये इस बात की कोई गारंटी नही होती। अतः संक्षेप में कहें तो मनुष्य कामयाब है या नहीं यह आंतरिक बात है क्योंकी कोई व्यक्ति कितना आनंदित है यह स्वयं वही जान सकता है।
मेरी नजर में एक सही जिन्दगी जीना ही कामयाबी कहलाती है, क्योंकी ऐसे जीवन में निडरता आ जाती है, मन में प्रेम रहता है, मन शांत और स्थिर रहता है। आपको जिन्दगी बर्बाद होने का गम नहीं रहता और मुझे लगता है वास्तव में यही असली सफलता होती है।
#2. अपने लक्ष्य की हकीकत जानें
ऊपर हमने बात की सही जिन्दगी की, अतः जीवन सही हो इसके लिए सही कर्म यानी उचित लक्ष्य होना चाहिए। प्रायः हम जैसे होते हैं हमारा लक्ष्य भी वैसा ही होता है, हम इज्जत पाने के लालची हैं तो हमारा लक्ष्य वो काम बन जाता है जिससे लोग हमारी इज्जत करे।
पर अफ़सोस अपने बनाये लक्ष्यों को हम पा भी लेते हैं तो मन हमारा संतुष्ट होता नहीं, इस बात का सबूत यह है की बचपन से लेकर आपने कई छोटे बड़े लक्ष्य बनाये होंगे और वो पूरे हो भी गए होंगे। लेकिन सुकून आपको अभी भी नहीं मिला होगा।
तो जिस भी काम को आपने अपना जीवन लक्ष्य बनाया है जरा गौर से इस बात पर विचार कीजिये की वो लक्ष्य क्यों बनाया गया है? किसके कहने पर बनाया गया है? वो पूरा हो गया तो क्या होगा? किस नियत से बनाया गया है? क्या उस लक्ष्य से जीवन में असीम शांति, प्रेम आएगी या फिर और परेशान हो जाओगे।
#3. जानें जीवन में करने योग्य क्या है?
एक बार आपने अपने लक्ष्य की हकीकत जान ली और देख लिया की जो टारगेट जीवन में मैंने बनाया था वो तो व्यर्थ का था, बस अपने मन या दूसरों के कहने पर मैं उस फ़ालतू काम को करना ही अपनी जिन्दगी समझ बैठा था, मैं उन चीजों को पाने के पीछे भाग रहा था जिसे पाने वाले लोग आज और परेशान और दुखी नजर आते हैं।
तो अब आपके ऊपर जिम्मेदारी यह है की कर्म तो जीते जी यदि करने ही हैं, तो क्यों न इतने महान और जरूरी काम को लक्ष्य बनाया जाए जिसे करके आपका स्वार्थ नहीं अपितु पूरे समाज और देश का भला होता हो।
#4. एक सही लक्ष्य बनाएं।
यकीन मानिए अगर किसी श्रेष्ठ काम को आपने लक्ष्य बना लिया तो फिर आपके निजी जीवन में जो लालच,डर आपको डराता था वो पीछे छूटता जाएगा। आप कहेंगे अपनी परवाह कौन करे अब तो सच्चाई को अपना लक्ष्य बना लिया है अब चाहे डर, शर्म आये तो आये करेंगे वही काम जो करना मेरा धर्म है।
उदाहरण के लिए आपको अपने क्षेत्र में गंदगी बहुत दिखाई दी, और आपने देखा की इस महत्वपूर्ण काम को कोई भी नहीं कर रहा है। तो अब आप सफाई करने को लक्ष्य बना लेते हैं तो इस बीच आपके मन में शर्म का भाव तो आएगा की कोई मेरे बारे में क्या कहेगा।
पर चूँकि आपने सच्चाई को यानी सही काम को लक्ष्य बना लिया है तो ये सही काम आपके भीतर की दुर्बलताओं जैसे डर, शर्म, अज्ञान को मिटा देगा।
इसी तरह आप अपने जीवन के विभिन्न क्षेत्रों को देखिये और सोचिये आप ऐसा कार्य चुन सकते हैं जिसे करने से समाज और देश का कल्याण हो।
#5. समझें चुनौतियां तो आएंगी।
जीवन में हम अपने स्वार्थ के लिए छोटा काम करने निकलते हैं तो भी हमारे सामने कई तरह की समस्याएं खड़ी होती हैं, जैसे मान लो घर मैं किसी की शादी या कोई समारोह हो तो उस काम को निपटाने की चिंता होने लगती है।
तो यह निश्चित है की जिन्दगी में कोई ढंग का ऊँचा काम करोगे तो कभी मन तो कभी परिवार या समाज आपको पीछे खीचेंगा।
चूँकि आपने समझा है जीवन में करने योग्य सही काम क्या है? किस काम को करने में जिन्दगी की सार्थकता है। अतः ऐसे मुश्किल समय में जब भी कोई परेशानी आये तो उसे जिन्दगी का हिस्सा मानकर आगे बढ़ें। याद रखना सही काम का नतीजा कभी गलत नहीं सकता।
#6. सफलता परिणाम में नहीं वर्तमान में है।
बचपन से ही हमें इस बात की घुट्टी पिला दी गई है की अच्छे कर्म करो ताकि अच्छा फल मिलेगा, खूब पढ़ाई करो ताकि मोटी तनख्वाह वाली नौकरी पा सको। अच्छे से बात करो ताकि समाज में इज्जत मिलेगी।
तो जब पढ़ाई का अंतिम उद्देश्य अच्छे अंक लाना और पैसे कमाना हो तो फिर स्टूडेंट सोचता है अच्छे अंक तो नकल से भी प्राप्त हो सकते हैं, और बिना पढ़ाई के भी तो लोग खूब पैसा कमाते हैं। तो क्यों पढ़ाई में ज्यादा ध्यान देना है।
यही वजह है की अधिकांश छात्रों के लिए पढ़ाई बेहद बोरियत वाली चीज़ होती है। पर अगर इन्सान को समझा दिया जाए की पढ़ाई की सफलता इस बात पर निर्धारित नहीं करती की आपको कितनी बड़ी नौकरी मिली, बल्कि इस बात पर करती है आपने आपने विषयों को कितना समझा और जाना।
देखिये जो व्यक्ति सही कर्म करता है उसकी पहले ही जीत हो जाती है, उसे परिणाम का इन्तेजार नहीं करना पड़ता। एक सैनिक की सफलता इस बात पर नहीं की युद्ध में उसका देश जीतेगा की नहीं बल्कि उसने देश के लिए लड़ाई करने का फैसला लिया, इसी में उसकी सफलता है।
इसी प्रकार अगर आप अपने जीवन को देखें और पूछें क्या जो मेरे सामने अभी कर्म है क्या वो उचित है? यदि हाँ तो क्या मैं उसे पूरे तन मन के साथ कर रहा हूँ, यदि हाँ तो फिर आप रोज सफल हो रहे हैं।
लेकिन यदि आप नौकरी, पढ़ाई, खेल इत्यादि किसी भी सही काम से भाग रहे हैं तो आप रोज असफल हो रहे हैं चाहे परिणाम कैसा भी मिले।
#7. दूसरों की बातों से प्रभावित न हो।
देखिये हम अक्सर जिस तरह के समाज में रहते हैं वहां लोग एक दूसरे को आगे बढ़ता देख कुछ ख़ास खुश तो नहीं है, तो जब आपकी समझ कह रही है की मुझे जीवन कैसे जीना है? मुझे काम कैसे करने हैं? तो फिर निश्चित रूप से लोग आपके उद्देश्य को नहीं समझ पाएंगे।
अतः जब भी लगे कोई आप को Demotivate (निराश) कर रहा है, तो बस उससे दूर हो जाइए। सही किताबों की संगती करें। क्योंकि उनसे बेहतर कोई मित्र नहीं हो सकता।
#8. कल से बेहतर आज बनें।
अगर चाहते हो खुद को खुद ही से मोटिवेट करना तो आप अपने गुरु बन जाओ। और सही काम को अपनी जिन्दगी बना रहे हो या नहीं अगर ये देखना है तो बस अपने बीते कल की आज से तुलना करो। प्रयास करो जितना आप ने अपनी सामर्थ्य से काम किया था आज उससे थोडा ज्यादा ही हो, कम न हो।
चाहे जीवन का कोई भी क्षेत्र हो, जिसमें भी आप अपना करियर बनाना चाहते हैं आगे बढ़ना है तो बस ये एकमात्र विधि या फार्मूला है जिसे अपनाकर आप अपने जीवन में बहुत आगे बढ़ सकते हैं।
#9. सही लोगों की संगति करें।
मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, अतः समाज में हमारे विभिन्न लोगों के साथ रिश्ते बनते हैं। पर अधिकांश लोग जिन्हें हम अपना हितेषी, प्रियजन कहते हैं वो भी अक्सर हमारी भलाई नहीं चाहते। अतः अपने आस पास ऐसे इंसान को ढूंढना थोडा मुश्किल होता है जो हमारी आजादी में हमारा साथ दे।
अधिकांश रिश्ते हमें मुक्ति की बजाय खुद पर निर्भर कर देते हैं, इसलिए जवान आदमी भी लाचार बेबस दिखाई देता है। तो जानने वाले कह गए की संगती करनी ही है तो किसी साधु की करो।
और साधु माने वो इन्सान जो आपके जीवन में प्रेम लाये, आपको अपने कष्टों से मजबूरियों से आजाद कर आपको एक आनंदित और प्रेम पूर्ण जीवन जीने में मदद करें।
#10. काम की योजना बनाएं।
जिन्दगी में हम कोई टुच्चा काम भी करते हैं तो उसके लिए प्लानिंग करते हैं, इसी तरह यदि आप चाहते हैं जिन्दगी में कोई ऊँचा और सार्थक कार्य करना तो उसके लिए भाई प्लानिंग तो करनी पड़ेगी न। जब अधर्मी और पापी लोग अपने फायदे के लिए प्रकृति का नाश करने के लिए तरह तरह के उपाय ढूंढ रहे हैं!
तो एक इंसान जो सही उद्देश्य के साथ ऊँचा काम करने जा रहा है उसे तो और बेहतरीन प्लानिंग करनी होगी ताकि समाज का और दुनिया का भला हो सके। और वाकई उस काम के प्रति इन्सान को प्रेम होगा तो वह प्लानिंग भी कर लेगा।
#11. सच्चाई ही मोटिवेशन होता है।
वास्तव में सत्य से बड़ा कोई भी मोटिवेशन नहीं होता, क्योंकी सच्चाई का होना ही अपने आप में बहुत बड़ा सूचक है की सही काम में जुट जाओ। उदाहरण के लिए घर में आग लगी है तो क्या आप कोई मोटिवेशन विडियो देखोगे और कहोगे की जरा मोटिवेट हो जाऊं।
नहीं न, आप कहोगे साफ़ दिख रहा है की घर ख़ाक हो जायेगा तो जल्दी से आप कुछ करने का प्रयत्न करोगे। इसी तरह जिन्दगी में जब अपने काम के प्रति इतनी स्पष्टता आ जाती है की जो मैं कर रहा हूँ क्यों और किसके लिए कर रहा हूँ, नही किया तो क्या होगा?
तो अब आप रुकते नहीं हो, आप आगे बढ़ते रहते हो क्योंकि आप सच्चाई जान चुके हो।
✔ सत्य क्या है? अध्यात्म की दृष्टि में।
#12. प्रेम और समझ जरूरी।
वास्तव में जिस व्यक्ति को बहुत मोटिवेशन की तलाश हो, समझ लीजियेगा बहुत हल्का आदमी है, इसमें साफ साफ़ स्पष्टता की कमी है। इसमें प्रेम की, बोध की कमी है।
क्योंकी किसी काम को दिल से किया जा सके इसके लिए जरूरी है न उस काम को हम पहले समझें, जानें, और एक बार यदि जान गए तो फिर आपका प्रेम आपसे घोर कर्म करवाता है।
फिर आप ये नहीं देखते की 5 बजेंगे तो मैं अपने काम से उठ जाऊँगा। फिर आप सन्डे की छुट्टी का इन्तेजार नहीं करते। आप कहते हैं कोई भी दिन हो कोई भी वार हो मैं तो इस जरूरी काम को निपटाऊंगा।
मोटिवेशनल स्पीकर के जाल से कैसे बचें?
खुद को मोटिवेट कैसे करें? सर्च करने पर आप पाएंगे, बाजार में कई ऐसे लोग घूम रहे हैं जो स्वयं को अंतराष्ट्रीय लेखक, मोटिवेशनल स्पीकर बतलाकर अपने प्रोडक्ट और सर्विस बेचकर अपनी जेब भर रहे हैं और लोग उन्हें अपना आदर्श बताकर उनकी बताई बातों को मानकर उन्हीं के जैसा बनने के लिए दौड़ रहे हैं।
कोई स्पीकर ये नहीं बता रहा की जीवन में काम का फैसला किस आधार पर होना चाहिए? ज़िन्दगी में शांति, सुकून कैसे मिलता है?
बस वे कहते हैं काम कोई भी हो बस पैसा आता रहे। क्योंकी जितना पैसा उतनी लग्जरी लाइफ। कोई नहीं बता रहा है की अधिक पैसे कमाने का लालच,डर कहाँ से आ रहा है। और कैसे इसको मिटाया जाये।
पर ये गुरु बखूबी जानते हैं लोगो के इस लालच और डर का किस तरह फायदा उठाना है। अतः आपसे निवेदन है जब भी किसी स्पीकर को सुनें तो जानें क्या वो सुनने लायक है भी?
क्या वो जैसा जीवन जी रहा है उसमें प्रेम, शांति, करुणा है की नहीं। जान तो लो क्या पता जैसी जिन्दगी वो जी रहा है वो घटिया हो और तुम्हें भी कह रहा हो तुम भी मेरी जैसी जिओ। जब तक आप इस तरह जांच पड़ताल नहीं करोगे, कोई भी तुम्हारा गलत फायदा उठा लेगा।
FAQ
Ans: जी हाँ, आपके जीवन का सच बतलाकर आपको अपनी जिन्दगी में जो कुछ बुरा है, उसे ठीक करने के लिए मोटिवेट किया जा सकता है।
Ans: एक बार जान गए की पढ़ाई क्यों करनी है तो फिर वह एकमात्र कारण आपको पढ़ाई के प्रति प्रेम करने के लिए मजबूर कर देगा। अब आप भविष्य में कुछ पाने की आशा से नहीं बल्कि कुछ जानने, समझने की इच्छा से पढोगे।
Ans: खुद के यथार्थ से यानी अपने जीवन की हकीकत से रूबरू होने के बाद जीवन को सही दिशा की तरफ ले जाना ही वास्तव में सेल्फ मोटिवेशन है।
Ans: खुद के जीवन में बदलाव लाकर, खुद को एक बेहतर इंसान बनाकर स्वयं को साबित कर सकते हैं। पर इसमें अभ्यास की आवश्यकता पड़ती है।
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अंतिम शब्द
तो साथियों इस लेख को पढने के बाद खुद को मोटिवेट कैसे करें? इस प्रश्न का आपको बारीकी से उत्तर मिल गया होगा, लेख को पढ़कर जीवन में कुछ स्पष्टता आई है तो कृपया इस लेख को अन्य लोगों के साथ भी सांझा करें। ताकि वे लोग जो जीवन में निराश हालत में हैं उन्हें कुछ स्पष्टता मिल सके।