मन में गलत विचार आने से कैसे रोकें? जानें अचूक उपाय और विधि

देखिये यूँ तो दिनभर में अच्छे बुरे हर तरह के ख्याल दिमाग में आते हैं, लेकिन ज्यादातर समय मन में खुद का अपनों का कुछ बुरा होने, नुकसान हो जाने जैसे ख्याल अधिक आते हैं! ऐसे में सवाल है मन में गलत विचार आने से कैसे रोकें? तो जवाब आपको यहाँ मिलेगा!

मन में गलत विचार आने से कैसे रोकें.

और इंसान के खुश या दुखी होने का सीधा सम्बन्ध उसके ख्यालों से होता है, इंसान बेबस, लाचार और बुरे से बुरा कर्म भी इसीलिए करने को तैयार हो जाता है क्योंकि दिमाग उसका उससे बड़े अजीब प्रश्न पूछता है या फिर हर पल उसे गलत होने का अंदेशा देता है!

अब ऐसी स्तिथि में भला इंसान करे भी क्या? तो समस्या है हम यह मानते हैं लेकिन इसका समाधान जानने के लिए आपकी आँखें खोलने वाले इस लेख को ध्यानपूर्वक पढना होगा तो चलिए जानते हैं!

हमारे विचार ही मन हैं! मन क्या है?

हम अक्सर सोचते हैं मन में हमारे विचार आते हैं अर्थात मन के अंदर तरह तरह के विचार आते हैं, पर सच्चाई यह है की अच्छे बुरे सभी ख्यालों को ही मन कहते हैं!

मन में गलत विचारों को आने से रोकें

देखिये अगर विचार नहीं होंगे तो मन भी नहीं रहेगा इसलिए ये दोनों एक ही हैं! जब आप गहरी नींद में सोये रहते हैं तो विचार आपके गायब हो जाते हैं!

आपने जिन भी चीजों के साथ सम्बन्ध बनाये थे अपनी पहचान बनाई थी जैसे मेरे पास इतना धन है, सगे सम्बन्धी हैं आपकी वही पहचान नींद के समय मिट जाती है! क्योंकि विचार शून्य रहते हैं!

और आप कुछ देर बाद जागते हैं तो आपके दिमाग में अपने पैसों का रिश्तों के ख्याल आते हैं और आपका मन फिर और तरह की कल्पनाएँ करने लगता है ख्यालों के माध्यम से

इसलिए मन और विचार दोनों एक ही हैं, क्योंकि जैसे ही विचार लुप्त हो रहे हैं ये संसार जो हमें दिखाई देता है वो भी लुप्त हो रहा है! बताइए बिना विचार के कोई मन या संसार हो सकता है?

इसलिए मन और विचार दोनों सच नहीं होते! और इसलिए इन विचारों को नियंत्रित करने के लिए कहा जाता है!

मन में गलत विचार क्यों आते हैं?

देखिये जीवन में हमें कई बातें साफ़ साफ़ पता होती हैं की फलाना काम या वस्तु ठीक है लेकिन फिर भी हम उसको छोड़कर हम हमेशा कुछ ऐसा चुन लेते हैं जो गलत है! चाहे फिर सही करियर की बात हो, नौकरी की हो, खाने की हो या और कुछ भी!

और विशेष बात यह है की हमारे विचार ही हमें गलत दिशा में ले जाते हैं, पर ये विचार भी इसलिए आते हैं क्योंकि हमने खुद को कमजोर माना हुआ है!

क्या आप एवरेस्ट की चढ़ाई कर सकते हैं यदि आप खुद को बीमार, कमजोर, असहाय मानें, कभी नहीं परन्तु यदि आप खुद को योग्य मानते हैं और भरपूर अभ्यास करते हैं तो आप बिलकुल एक दिन एवरेस्ट चढ़ सकते हैं!

इसी प्रकार यदि आप आज किसी ऐसी गलत काम या नौकरी में फंसे हुए हैं तो जब तक आप स्वयं को ये माने बैठे हो की ये काम करना तो मेरी मजबूरी है, मैं बेबस हूँ तब तक आप सालों तक उसी काम में फंसे रहेंगे और निकल नहीं पाएंगे!

तो आज अगर अपनी हालत से निराश हैं और जीवन में कुछ बेहतर करना चाहते हैं पर कर नहीं पा रहे हैं तो  खुद को मजबूर, लाचार मानना बंद कर दें, खुद को योग्य, साहसी व्यक्ति मानकर आगे बढ़ें!

मन यदि भटकता है तो क्या करें?

हम चाहे एक विद्यार्थी हो या नौकरी पेशा व्यक्ति सभी का मन कुछ पाने, कुछ हासिल करने के लिए भटकता रहता है! आज हर उम्र के व्यक्ति में यह बड़ी समस्या है की उसका मन बड़ा बड़ा भटकता रहता है!

किसी का मन इज्जत और सम्मान पाने की चाह में है तो किसी का मन खूब सारा पैसा कमाकर अपने लिए सुख सुविधा हासिल करने के लिए बेक़रार है, वहीँ कुछ ऐसे भी हैं जिन्हें सेक्स करने में बड़ी रूचि रहती है तो इस तरह देखा जाये तो हर किसी का मन किसी चीज़ की तलाश में है!

पर कुल मिलाकर एक बात सांझी है की सभी का मन अपनी इच्छाओं को पूर्ण करना चाहता ताकि उनके मन में किसी तरह की इच्छा बाकी न रहें, संक्षेप में कहें तो मन इच्छाशून्य होना चाहता है! मन का शांत हो जाना ही मन का लक्ष्य है!

और इसका उपाय एक ही है जब तक इस मन को वह चीज़ न दे दी जाये जिसमें वह डूबा रहे तब तक वह व्यर्थ भटकता ही रहेगा!

मन में गलत विचार आने से कैसे रोकें?

देखिये जैसा हमने जाना बिना विचारों के मन है ही नहीं, और यह भी सत्य है की विचार सच नहीं होते लेकिन जब तक जीवन है विचार तो रहेंगे ही!

मन का भटकना

क्योंकि हम सभी को विवेक की शक्ति ईश्वर द्वारा दी गई है, इसलिए मन में आने वाले किसी भी विचार को हम विवेक यानी समझदारी के साथ देख सकते हैं!

कोई फ़ालतू का विचार आया दिमाग में तो इससे पहले की उसका प्रभाव मन पर पड़े, और मन पर वह छा जाये इसके लिए आपको उस विचार को अपना समय देना पड़ता है और इसी से उस बुरे विचार को मन पर छाने की शक्ति मिलती है!

तो अगली बार कोई भी विचार आये मन में अच्छा या बुरा बस उससे उलझने या उसके दिमाग पर हावी होने से पहले पूछ लें क्या इस विचार में अपना समय लगाकर मुझे आजादी मिलेगी, जीवन में शांति और ज्ञान आएगा!

क्या इस विचार के बारे में और विचार कर मेरा जीवन बेहतर होगा? यदि नहीं तो उस विचार को एक झूठ मानकर जाने दीजिये!

 उदाहरण के लिए ब्लैक फ्राईडे सेल लगी है और कोई ब्रांडेड वस्तु खरीदने पर डिस्काउंट मिल रहा है तो और आपको उस वस्तु को खरीदने का ख्याल आ गया है!

Big sale

तो अब सावधान हो जाइए! और पूछिए खुद से क्या इस वस्तु को खरीदकर मेरे जीवन में शांति आएगी, मेरी कमजोरियां दूर होंगी यदि नहीं…

तो मैं क्यों खरीदूं ऐसी चीज़ को जिसमें मेरा पैसा व्यर्थ जाए, आज तक इतनी सारी चीजें बेवजह खरीदी क्या मन मेरा तृप्त हो पाया?

इसी तरह कोई वस्तु है या व्यक्ति जिसके विचार से जीवन आपका अच्छा और बेहतर हो सकता है तो आप जाहिर सी बात है उस ख्याल के बारे में अपने दिमाग में सोचकर उसे और पोषण देंगे!

विचार किसी भी तरह से आपके मन पर छायें इससे पहले आपके पास मौजूद विवेक का इस्तेमाल कीजिये, और इस तरह आप गलत विचारों से खुद को दूर रख सकते हैं!

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अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद मन में गलत विचार आने से कैसे रोकें? इस विषय पर आपको कुछ स्पस्टता अवश्य मिली होगी, बाकी कोई प्रश्न है तो कमेन्ट सेक्शन में आप बेझिझक पूछ सकते हैं!

2 thoughts on “मन में गलत विचार आने से कैसे रोकें? जानें अचूक उपाय और विधि”

  1. सर मेरा मन अतीत की गलतियोंमें उलझा रहता है कभी भी खाली नही रहता है हर दम दुखी रहता है कोई भी उपाय काम नहीं कर रहा है रोज सोचता हु आज से नहीं सोचूंगा लेकिन फिर वही रील चालू हो जाती है बहुत निराश हताश हु कोई तरीका नहीं मिल रहा इनसे बी भार आने का डिप्रेशन बना रहता है कोई उपाय बताए जिससे में सुख शांति से जी सकू धन्यवाद

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    • रणविजय जी इस समस्या का एक ही उपाय है अपने जीवन को सही माहौल, सही काम से भर देना! अगर आप इस समबन्ध में और विस्तार से जानकारी पाना चाहते हैं तो बेझिझक आप इस whatsapp number 8512820608 पर अपने सवालों को सांझा कर सकते हैं!

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