विचारों की उधेड़बुन इंसान के दिमाग पर इस कदर हावी रहती है की वह होश में रहकर सही फसले नहीं कर पाता, और दुःख की बात है की मन में गंदा विचार क्यों आता है? यह हम कभी जान ही नहीं पाते!
जब तक सांस है तब तक विचार तो दिमाग में आएंगे ही लेकिन बुरे विचार दिमाग में घूमे जा रहे हों घूमे जा रहे हों तो इन्सान फिर परेशान हो जाता है अतः इन कुविचारों को सुविचार में बदला जा सकता है लेकिन इसके लिए आपको जीवन भी उसी तरह से जीना होगा!
आइये जानते हैं सबसे पहले आखिर
मन में गंदा विचार क्यों आता है?
देखिये मन में गंदे विचारों का कारण है आपका जीवन, जिस प्रकार आपकी दिनचर्या है जीवनशैली है उसी के अनुसार मन में सकरात्मक या बुरे विचार आते हैं!
यदि आप अपना अधिकतर समय या खाली समय उन लोगों के साथ बिताते हैं जो दुखी हैं, अपने हालातों से परेशान हैं जिनके मन में कुछ अच्छा होने की उम्मीद नहीं! यह लोग आपका परिवार हो सकता है, दोस्त रिश्तेदार या आपके साथी कर्मचारी हो सकते हैं!
तो फिर जाहिर है न उनकी विचारों को सुनकर आपके मन में भी ऐसे ही विचार आयेंगे जो या तो आपको गलत कामों को करने के लिए प्रेरित करेंगे जिससे आपको सुख मिलगा या फिर ऐसे ख्याल आयेंगे जो डरायेंगे!
इसलिए जीवन में कुछ अच्छा करना है, अपने दुखों से मुक्ति पानी है और एक बेहतर जीवन जीना है तो आपको पुराना जीवन बदलना पड़ेगा!
ऐसे लोगों की संगत से बाहर निकलना होगा जिनके साथ रहकर जीवन लगातार बद्दतर हो रहा है, इसलिए कहा गया है सही संगती सही जीवन, बुरी संगती बुरा जीवन!
तो पहले देखिये आप किस माहौल में कैसे लोगों की संगती कर रहे हैं, इसके बाद स्वयं ही जान जायेंगे बुरे विचार क्यों आ रहे हैं?
मन से बुरा विचार कैसे निकालें?
यदि दिन रात एक ही ख्याल आपके मन पर छाया रहता है तो सर्वप्रथम आप खुद को यह समझाइये की विचार सत्य नहीं होते, आम इन्सान के मन में दिन भर में सैकड़ों अच्छे या बुरे विचार आते हैं पर क्या उन विचारों में सत्यता पाई जाती है? नहीं न अधिकतर ख्याल महज काल्पनिक होते हैं!
लेकिन चूँकि हम जल्दी से मान लेते हैं फिर चाहे वह बात सही हो या गलत जैसे आप खुद को ही माने बैठे होंगे अच्छे या बुरे, इसलिए इसी दिशा में अब आपको यह मानना है की जो कुछ भी मुझे लगता है सच है वो है नहीं!
उदाहरण के लिए आपको कुछ गलत होने के विचार मन में आ रहे हैं. और आपने उन्हें मानकर उनसे रिश्ता जोड़ लिया है तो ऐसी स्तिथि में डरने से आप तभी बच सकते हैं की जो कुछ भी मुझे विचार आते हैं या मुझे जो लगता है वो सच नहीं होता!
क्योंकि मात्र आपकी समझ ही आपको बचा सकती है आपके विचारों से, क्योंकि जीवन में वस्तु, व्यक्ति और विचार ये तीनों ही रहेंगे लेकिन मात्र विवेक यानी आपकी समझ ही आपको यह समझाएगी की क्या सच है क्या नहीं!
मन यदि छोटी बात पकड़ कर बैठ जाए तो?
मन यदि किसी छोटी बात पर उलझा हुआ है तो जाहिर सी बात है आपके पास जीवन में कोई श्रेष्ट कार्य करने के लिए नहीं है, आप एक प्रेम हीन उदासी से भरा जीवन गुजार रहे हैं और यही जीवन आपको बड़ी सजा दे रहा है!
मान लीजिये आपको किसी स्थान पर समय में पहुचना है और आप अपनी गाडी से 100km की रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं अब रास्ते में टायर के नीचे कई जगहों पर रोड़ी है, कंकड़ है गद्दे है
अब क्या इस बीच आपको तनिक यह विचार भी आ पायेगा की टायर कहीं पंचर न हो जाए या शोकर खराब न हो जाए आप तो बस मंजिल को याद करेंगे और बढ़ते चलेंगे!
इसी तरह परीक्षा कक्ष में आप बैठे हैं आपको वहां मच्छर, खटमल दिखाई दे रहे हैं या फिर गर्मियों के दिन हैं पंखा धीरे चल रहा है, आप जरा भी इन चीजों की परवाह करेंगे?
नहीं न आपका पूरा ध्यान प्रश्न पत्र को हल करने में लगेगा! आप कहेंगे इतना समय किसके पास है इन चीजों पर ध्यान देने की, अगर मन इन छोटी बातों को पकड़ लेगा तो फिर साल भर की मेहनत खराब हो जाएगी!
अतः इन उदाहरणों के जरिये आप समझ गये होंगे की जीवन आप से कुछ बेहतर और उंचा काम मांग रहा है लेकिन आप हैं की अतीत के व्यर्थ के छोटे विचारों में समय गुजारकर जीवन गंवा रहे हैं! जागो!
दिमाग में फालतू विचार क्यों आते हैं?
दिमाग में फ़ालतू विचार आने के निम्नलिखित कारण होते हैं!
1. अगर आप श्रम नहीं कर रहे है और मस्तिष्क व्यस्त नहीं है तो जाहिर है तरह तरह के ख्याल आपके दिमाग में उपजेंगे!
2. कई बार किसी कार्य में लगे रहने के बावजूद दिमाग में व्यर्थ के विचार घुमते हैं तो ये दर्शाता है की आप अपना समय इससे कहीं और बेहतर जगह पर खर्च कर सकते हैं!
3. इसके अलावा यह भी हो सकता है आप जीवन में श्रेष्ट कार्य कर रहे हो लेकिन अपना बचा समय आप उन लोगों या चीजों की गलत संगती में बिता रहे हैं तो भी विचार आ सकते हैं!
दिमाग में नेगेटिव विचार आना | नकारात्मक विचार कैसे दूर करें
दिमाग में जब भी नकरात्मक विचार आये कुछ अशुभ होने के संकेत मिले तो यही बात मन में दोहराएं की विचार हैं सच्चाई नहीं! आपके मन में विचार आता है घर से निकलने पर दुर्घटना हो सकती है, तो क्या आप इस विचार की सुनते हुए जरूरी कार्य की खातिर बाहर नहीं निकलते!
निकलते हैं न, इसी तरह ऐसा कभी नहीं होगा जब आपके दिमाग में विचार शून्य हो जाये, विचार तो आते रहेंगे पर एक बात तय है किसी भी विचार पर प्रतिक्रिया देनी है या नहीं यह आप पर निर्भर करता है!
मान लें आपको अपनी नौकरी छीन जाने का विचार आता है, वास्तव में है तो यह सिर्फ एक ख्याल पर जब आप इस ख्याल के खिलाफ लड़ने लगते हैं तो फिर आपका बहुत सारा समय उसी विचार में उलझने में लग जाता है!
पर अपने ही विचार से विद्रोह करने पर अंत में आपको कोई फायदा मिलता है? नहीं न तो जब भी कुछ बुरा होने के विचार आने लगे तो कहना मुझे फर्क नहीं पड़ता विचार अच्छे आ रहे हैं या नहीं मैं वहीँ करूंगा जो सही है!
बस इस तरह आप विचारों के बीच रहकर भी विचारों से अनछुए रह सकते हैं!
FAQ
खुद को अपने व्यक्तिगत कार्यों से हटाकर स्वयं को किसी ऐसे काम के सपुर्द कर दें जो करना इस समय अत्यंत आवश्यक है, और फिर उसमें मानसिक और शारीरिक रूप से डूबकर आप ज्यादा सोचने की इस आदत से बच सकते हैं!
दिमाग में मेमोरी कार्ड नहीं होता जिसे पूरी तरह आप खाली कर सकें, लेकिन इतना जरुर है आपके दिमाग में जितनी व्यर्थ की चीजें हैं उनके स्थान पर आप अपने मस्तिष्क में बेहतर चीजों को डाल सकें!
✔ मन को पवित्र कैसे करें? मन की शांति और शुद्धता के उपाय
✔ चेतना क्या है| चेतना शुद्ध कैसे होती है?
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अंतिम शब्द
तो साथियों इस लेख को पढने के बाद मन में गंदा विचार क्यों आता है? अब आप भली भाँती समझ गए होंगे, अभी भी इस सम्बन्ध में कोई प्रश्न है तो कमेन्ट बॉक्स में आप बेझिझक प्रश्नों को पूछ सकते हैं!
Muje bure bure vichar aate he me une kitna bhi ignore karu to bhi dimag se nahi nikalte he to kya karu kese un vicharo se bahar nikalu
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Me bhi vichar me pad jata hu sir aaisa vichar jo ki tesan or dar vichar me rat din ho use kese think kare
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