पढ़ाई लिखाई करने से क्या होता है? फायदा या घाटा

बचपन से ही हमें पढने पर जोर डाला जाता है, पर कुछ लोग ये भी कहते हैं पढने से आज तक किसका भला हुआ है? ऐसे में अगर आपको भी नहीं पता वास्तव में पढ़ाई लिखाई करने से क्या होता है?? क्या फायदे हैं? तो ये लेख जरुर पढ़ें।

पढाई लिखाई करने से क्या होता है

यूँ तो हमारे माता-पिता और शिक्षक हमें पढ़ाई करने के लिए इसलिए प्रेरित करते हैं ताकि हम पैसे कमा सकें, और स्वयं की तथा बुढापे में उनकी मदद कर सके।

पर असल मायने में शिक्षा सिर्फ कमाई का साधन बनने तक ही सीमित नहीं है, पढ़ाई करने और शिक्षा हासिल करने के जीवन में इतने फायदे हैं की आप सोच भी नहीं सकते।

असल में बिना पढ़ाई के यदि आपने पैसे कमा भी लिए तो भी तमाम तरह के दुखों से आप बच जाएँगे इस बात की गारंटी नही होती।

इसलिए आज हम आपको 12 ऐसे विशेष लाभ बतायेंगे पढ़ाई के, जिसके बाद मजबूरी में नहीं बल्कि प्यार से पढने लगेंगे। और वे लोग जो कहते हैं न पढाई में कुछ नहीं रखा? उनको भी सही जवाब दे पाएंगे।

विषय सूची

पढ़ाई लिखाई करने से क्या होता है| 12 विशेष फायदे

#1. पढाई सिखाती है श्रेष्ठ कर्म करना।

कहते हैं आपके कर्म ही आपके जीवन को परिभाषित करते हैं, इसलिए अक्सर महापुरुषों को प्रति हमारी इज्जत उनके नाम से नहीं बल्कि उनके द्वारा किये गए महान कार्यों से होती है।

जीवन श्रेष्ट बनता है

चाहे बात हो भगत सिंह की, महात्मा गाँधी की या फिर जिन्हें भी आप अपना आदर्श मानते हैं, उन सभी की जिन्दगी में एक बात सांझी होगी की हालात कैसे भी हो वे विशेष कार्य तभी कर पाते हैं जब वह शिक्षित होते हैं।

इसलिए अगर वाकई आप जिन्दगी में कुछ सार्थक करना चाहते हैं तो शिक्षा हासिल करना बहुत जरूरी हैं, जी हाँ अगर आप ऐसे ही साधारण इन्सान की भांति अपना जीवन यूँ ही खाने पीने में बर्बाद नहीं करना चाहते तो पढ़ाई बेहद उपयोगी है।

#2. पढ़ाई रोजगार और पैसा कमाने में मदद करती है।

आत्मनिर्भर बनने से आशय प्रायः खुद के पैरों पर खड़े होना होता है, और हम किसी और पर निर्भर न रहे इसके लिए पैसा कमाना बेहद जरूरी हो जाता है।

पढ़ाई लिखाई करने से क्या होता है

इस बात में कोई दो राय नहीं की पढ़ाई आपको रोजगार हासिल करने में मदद करती है, किसी भी देश की अर्थव्यवस्था आपकी शैक्षिणक योग्यता के अनुरूप प्राइवेट और सरकारी नौकरियां उपलब्ध करवाती हैं।

इसलिए अधिकाँश लोग स्कूल या कॉलेज में पढ़ाई रोजगार पाने के उद्देश्य से ही करते हैं। हालाँकि पढ़ाई आपको पैसा कमाने के साथ साथ अन्य कई तरह के लाभ प्रदान करती है।

#3. संसाधनों का सही इस्तेमाल सिखाती है पढ़ाई

हमारी उर्जा, पैसा,समय इत्यादि हर इंसान के प्रमुख संसाधन होते हैं, और शिक्षा मनुष्य की बुद्धि को विकसित करती है ताकि इन सीमित संसाधनों का उपयोग मनुष्य श्रेष्ट कार्यों के लिए कर सके।

संसाधनों का सही उपयोग

अधिकांश लोग सांसारिक शिक्षा तो हासिल कर लेते हैं अतः उनके पास पर्याप्त संसाधन होते हैं लेकिन अध्यात्मिक शिक्षा के अभाव में वे इन संसाधनों का अंधाधुंध उपयोग करते हैं और उनकी इसी नासमझी की वजह से बाद में उन्हें पछताना पड़ता है।

जी हाँ, पढ़े लिखे लोग भी अक्सर इस तरह के कृत्यों में देखे जाते हैं, जो इस बात का प्रमुख उदाहरण है।

#4. देश और परिवार की भलाई के लिए पढ़ाई जरूरी है।

बतौर नागरिक और परिवार का सदस्य होने के नाते आपका शिक्षित होना बहुत आवश्यक है। क्योंकि चाहे घर चलाने की बात हो या देश की अर्थव्यस्था में विकास की बात हो, दोनों ही मामलों में शिक्षा की उपयोगिता बेहद अधिक बढ़ जाती है।

अशिक्षा न सिर्फ व्यक्तिगत रूप से इंसान को दूसरों पर निर्भरता बढ़ाती है, उसे मानसिक रूप से दुर्बल और कमजोर बनाती है। बल्कि इससे परिवार के अन्य सदस्यों पर भी नकरात्मक प्रभाव पड़ता है। दूसरी तरफ शिक्षा हासिल होने का सकरात्मक प्रभाव व्यक्तिगत, समाजिक रूप से बेहतर होता है।

#5. पढाई आपको जिज्ञासु इंसान बनाती है।

बच्चों पर गौर करने पर पता चलता है की वो बड़े जिज्ञासु होते हैं जो हर बात की जांच पड़ताल करने का प्रयास करते हैं, कोई चीज़ क्यों बनी है, कैसे बनी है इत्यादि प्रश्न वो अक्सर पूछते रहते हैं।

पढाई जिज्ञासु बनाती है

इसी प्रकार शिक्षा इंसान को इस काबिल बनाती है की वो इस संसार में मौजूद विभिन्न क्षेत्रों के बारे में जान सके, किसी विषय पर गहराई से चिन्तन और शोध कर सके।

और यदि उसे बाहर किसी वस्तु या फिर अपने ही जीवन में मौजूद किसी विषय से समस्या है तो वो उस पर सवाल उठाकर उसका समाधान करने की दिशा में आगे बढ़ सके।

#6. आपको अर्थव्यस्था, समाज और देश की जानकारी होती है।

देश की अर्थव्यस्था कैसे चलती है, मांग और पूर्ती का क्या सम्बन्ध है, अर्थव्यवस्था में संसाधनों का किस प्रकार इस्तेमाल होता है, पैसे किस तरह छापे जाते हैं यह सभी मूल प्रश्न हर देश के शिक्षित नागरिक को पता होते हैं।

लेकिन दुर्भाग्यवश वे लोग जो शिक्षित नहीं होते हैं उन्हें सबसे बड़ा घाटा यह सहना पड़ता है की कोई भी शिक्षित व्यक्ति मूर्ख बना जाता है, पढ़ाई लिखाई के भाव में लोग ठगी और लालच का शिकार होते हैं और उनके पास पछताने के सिवा कुछ नहीं मिलता।

#7. नैतिकता और बोध में अंतर जान पाते हैं।

हमें बचपन से ही कुछ नैतिक मूल्य बता दिए गए हैं जैसे झूठ नही बोलना चाहिए, चोरी नहीं करनी चाहिए, शादी करनी चाहिए, बुजुर्गों का कहना मानना चाहिए, व्यापार नहीं, नौकरी करनी चाहिए परम्पराओं को मानना चाहिए।

नैतिकता और बोध में अंतर

इस बात में कोई दो राय नहीं की नैतिकता का उद्देश्य इन्सान की भलाई होता है, पर यही नैतिकता तब खोखली साबित हो जाती है जब इन्सान किसी बात की सार्थकता जाने बगैर उसका अँधा अनुकरण करता है। उदाहरण के तौर पर शादी करना एक नैतिक बात है।

अतः इंसान इस विषय पर चिन्तन किये बिना की आखिर शादी क्यों करनी चाहिए? क्या प्रेम में शादी जरूरी है? विश्व की बढती आबादी और सीमित संसाधनों के इस के दौर में बच्चे पैदा करना कितना उचित है? अपनी शारीरिक जरूरतों के लिए किसी को अपनी मर्जी का गुलाम बनाना कितना सही है?

वह शादी कर लेता है, लेकिन वास्तव में आपकी पढ़ाई तभी सफल साबित होगी जब आप किसी के कहने पर नहीं बल्कि कोई भी कार्य समझदारी (बोध) से करेंगे।

शादी करने में या किसी भी परम्परा को मानना बुरा नहीं है, बुरा सिर्फ तब है जब आप होश में फैसला लेने की बजाय अपनी इन्द्रियों के आधार पर निर्णय लेते हैं।

#8. पढ़ाई आपका जीवन सार्थक बनाती है।

निश्चित तौर पर पढ़ाई का एकमात्र उद्देश्य आपको एक नेक इंसान बनाना होना चाहिए, हालांकि अधिकांश लोगों के लिए पढ़ाई सिर्फ रोजगार पाने और सुख सुविधाओं को पाना होता है।

पढ़ाई जीवन सार्थक बनाती है

परन्तु एक जागरूक और शिक्षित समाज में पढ़ाई का एक मात्र उद्देश्य मनुष्य के जीवन को सार्थक होना चाहिए, सार्थकता से अभिप्राय एक ऐसे जीवन जीने से है जिसपर आपको गर्व हो।

आप बुजुर्ग अवस्था में कहें की हाँ मैंने जीवन को बर्बाद नहीं जाने दिया मैंने अपने कर्मों से अपने जन्म लेने का उद्देश्य पूरा किया।

 #9. ज्ञान से होता है आत्मज्ञान और फिर समस्याओं का समाधान

शिक्षित व्यक्ति जब इस संसार में विभिन्न विषयों का ज्ञान हासिल करता है तो उसे समझ आता है की संसार में ऐसा कुछ भी नहीं जो उसे तृप्त कर सके, कोई भी चीज़ यहाँ सिर्फ पल भर का सुख देती है उसके बाद फिर से उसे बेचैनी होने लगती है।

आत्मज्ञान

अतः जब इंसान को ज्ञात होता है की मेरे अन्दर का जो ये मन है यही समस्या की मूल वजह है जिस इस दुनिया से पहले तो आकर्षण होता है, लगाव होता है फिर अंत में यही दुखी होता है।

अतः एक बार जब इन्सान को स्वयं का बोध हो जाता है तो फिर मन को काबू में करना और समस्याओं से छुटकारा पाना आसान हो सकता है।

#10. दूसरे की भलाई करने के लिए भी पढाई आवश्यक है।

वे लोग जो चाहते हैं की समाज और देश का भला हो, तथा प्रकृति में मौजूद विभिन्न जीव जन्तुओं का संरक्षण हो उन्हें भी वो अधिकार मिले, इसके लिए यह बेहद आवश्यक है की इन्सान ने पर्याप्त रूप से पढ़ाई की हो।

दूसरे की भलाई

क्योंकि बिना शिक्षा हासिल किये आपके लिए ही इस संसार में खड़ा होना मुश्किल हो जाएगा, अतः अगर आपके मन में अपने लिए नहीं अपितु दूसरों के लिए भी प्रेम है तो भी आपको पढ़ाई करनी चाहिये। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता आपकी उम्र क्या है आपको अपने ज्ञान का विस्तार करना चाहिए।

#11. पढ़ाई आपको अंधविश्वासों से बचाती है।

एक शिक्षित समाज में लोग अंधविश्वास, कुप्रथा और कुरीतियों से बचेंगे। उदाहरण के तौर पर पश्चिम के देशों में जहाँ शिक्षा पर बेहद अधिक जोर दिया जाता है, वहां पर प्रायः लोग भूत, जादू टोने जैसी बातों पर विश्वास कम करते हैं, विकासशील और कम पढ़े लिखे देशों की तुलना में।

अन्धविश्वास से बचाती है

अतः भारत को यदि अन्धविश्वास और विकृत परम्पराओं से मुक्त करना है तो विज्ञान का विस्तार होना बहुत जरूरी है।

और विज्ञान लोगो के जीवन में आये इसलिए शिक्षा हासिल करना बेहद आवश्यक है, अज्ञान से डर उपजता है, और फिर उससे अंधविश्वास। अतः हम कह सकते हैं मात्र पढ़ाई ही अन्धविश्वास की काट है।

#12. अध्यात्मिक प्रगति के लिए भी पढ़ाई जरूरी है।

 अध्यात्मिक यात्रा शुरू करने के लिए भी व्यक्ति को सांसारिक ज्ञान होना अति आवश्यक है, जिस व्यक्ति को भाषाओँ का ज्ञान न हो, जिसे विज्ञान की मूलभूत शिक्षा हासिल न की हो और जिसे इस संसार में ही बहुत कुछ आकर्षक और लुभावना लगता है उसके लिए अध्यात्म में प्रगति करना मुश्किल हो जाता है।

अध्यात्मिक प्रगति भी पढ़ाई से सम्भव है

अतः जो इन्सान सांसारिक रूप से दक्ष है, जिसे इस दुनिया में रहते हुए भी यहाँ लोगों से और चीजों से विशेष आकर्षण नहीं रहा वह व्यक्ति फिर अध्यात्म की दिशा में तेजी से आगे बढ़ता है।

एक अध्यात्मिक व्यक्ति के मन में अथाह प्रेम होता है, करुणा होती है इसलिए अध्यात्मिक इंसान ही असल मायनों में संसार और देश के लिए एक अच्छा नागरिक साबित होता है।

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अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के पश्चात पढ़ाई लिखाई करने से क्या होता है?? इस प्रश्न का सीधा और स्पष्ट उत्तर अब आपको मिल गया होगा, अभी भी लेख के सम्बन्ध में कोई प्रश्न है या राय है तो बेझिझक आप कमेन्ट सेक्शन में पूछ सकते हैं साथ ही लेख को शेयर भी करें।

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