प्यार होने के बाद क्या होता है? ये संकेत हैं असली प्रेमी के

अगर आपको भी लगता है आप किसी को अपना दिल दे बैठे हैं और जानना चाहते हैं की प्यार होने के बाद क्या होता है? अर्थात प्यार होने के संकेत कौन से हैं? तो सीधा उत्तर इस पेज में आपको मिलेगा।

प्यार होने के बाद क्या होता है

कहा जाता है प्यार में कुछ ऐसा जादू या शक्ति होती है की वो इंसान को बिलकुल बदल कर रख देती है। इसलिए मुझे प्यार हो गया कहने से पहले जरा सावधान रहिये। और जाँचिये की आपको वास्तव में प्रेम हुआ है या सिर्फ एक आकर्षण है।

प्यार को जांचने के कुछ तरीके हैं, इमानदारी से अगर आपने खुद से कुछ सवाल पूछ लिए तो आप समझ जायेंगे आप प्यार में पड़ चुके हैं या फिर बात कुछ और है? तो चलिए अब हम जानते हैं।

प्यार होने के बाद क्या होता है? 5 लक्षण प्रेमी के

देखिये जितना आसान है आई लव यू कहना उतनी आसानी से प्रेम होता नहीं है, कई बार तो हम झूठे ही सही किसी को कह देते हैं की मैं तुमसे बेहद प्यार करता हूँ?

तो अब सवाल है की प्यार हुआ है सच में या नहीं, ये कैसे पता चलेगा, कोई कैसे जान सकता है की मैं प्यार में पड़ चुका हूँ। या फिर प्यार से अभी बहुत दूर हूँ।

ये जानने के लिए चलिए प्यार के कुछ लक्षणों को जानते हैं, अगर आप खुद में ये लक्षण पाते हैं तो प्यार हो गया है? अन्यथा आप समझ लीजिये आप किसी के बिलकुल करीब हैं तो भी यह सिर्फ आकर्षण है।

अर्थात उस इंसान से आप कुछ लेने की इच्छा रखते है और अभी प्यार आपकी जिन्दगी में आया नहीं है।

#1. दूसरे का हित चाहना

प्यार हो जाने का एक बड़ा शुभ लक्षण यह है की आप अपनी इच्छाओं और सुख सुविधाओं को दूसरे की भलाई के आगे छोटा कर लेते हैं।

यानी आपमें ये भावना आ जाती है जिस इंसान से या जिस भी कार्य से आपको प्रेम है उसकी तरक्की ही मेरा लक्ष्य होगा।

उदहारण के लिए आपको प्रेम हो गया है किसी लड़की से तो उसकी लाइफ को और बेहतर बनाने के लिए आप सिर्फ उसकी भलाई के बारे में सोचेंगे।

प्यार होने के बाद इंसान असल में ये बिलकुल नहीं सोचता की किसी का भला करके मुझे क्या मिलेगा? अगर आपके अन्दर भी ये भावना आ चुकी है तो समझ लें ये नि:स्वार्थ प्रेम है।

#2. अपने प्रेम से चाहते क्या हैं?

अधिकांशतया एक इंसान को प्यार भी दूसरे व्यक्ति के साथ ही होता है, हालाँकि कई लोगों के लिए उनका काम ही उनका प्यार बन जाता है, और फिर अपने काम को वो अपना प्रोजेक्ट या मिशन बनाकर सब कुछ उसके खातिर करने को तैयार रहते हैं।

तो जिस भी इंसान की तरफ आप प्रेम की भावना से आगे बढ़ रहे हैं, रुकिए और खुद से पूछिए कहीं मैं जिससे प्यार कर रहा हूँ उससे मैं खुद का कुछ फायदा तो नहीं देख रहा?

क्या मैं उसकी तरफ इसलिए बढ़ रहा हूँ ताकि मुझे अधिक पैसा, शारीरिक सुख मिल सकता है ? अगर उस भावना से मैं उस इंसान के करीब जा रहा हूँ तो ये प्रेम नही है ये तो एक सौदा है की मैं तुम्हें कुछ दूंगा बदले में आप मुझे कुछ दोगे।

लेकिन यदि आपका प्रेमी या जिस कार्य से आप प्रेम करते हैं, सिर्फ आप उसे इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वो करना सही है और उसी में सबका भला है, तो फिर चाहे उस कार्य के बदले में आपको कुछ मिले या न मिले आपको तब भी फर्क नहीं पड़ेगा।

#3. प्रेम में घाटा उठाने को तैयार हैं?

जो इन्सान प्यार में पड़ चुका होता है उसके लिए अपने से ज्यादा उसका प्रेम महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि ऐसे लोग जीते भी अपने प्यार के खातिर हैं।

तो देखिये आप अपने प्यार के खातिर कभी आपको अपना रुपया, समय, उर्जा इत्यादि खर्च करना पडे तो आप ये करने के लिए भी तैयार हैं?

अगर आपका जवाब हाँ है और आपको पता है वो इंसान या वो प्रोजेक्ट इस लायक है की उसमे घाटा भी झेलना मंजूर है तो फिर ये शक्ति आपको आपका प्यार दे रहा है?

#4. प्यार की खातिर बदलने को तैयार हो?

कई बार हम जिस इंसान से प्यार करते हैं उसकी खातिर हमें अपने रहने की जगह, नौकरी, आदतें इत्यादि सब कुछ बदलना पड़ता है।

प्यार के बाद क्या होता है? इंसान बदल जाता है

तो आपका जो प्रेमी है जिसका आप भला चाहते हैं अगर उसके लिए आपको कुछ नया सीखना पड़े, कुछ ऐसा करना पड़े जो आपने कभी किया नहीं, तो क्या आप ऐसा करने के लिए तैयार रहेंगे?

जी हाँ अब आप समझ रहे हैं क्यों कहा जाता है प्यार इन्सान को बदल देता है, आपको कुछ ऐसा मिल जाता है जिससे आपके अन्दर डर, झिझक, आलस इत्यादि जो कुछ भी था वो पीछे छूट जाता है।

और अपने प्यार के लिए आप वो सब कुछ करने को तैयार रहते हो जो करना सही है और जिससे आपके प्रेम की तरक्की होती है।

 #5. प्यार को न सुख देना न दुःख

प्यार होने का मतलब यह बिलकुल नहीं की आप किसी की बेमतलब इच्छाएं पूरी करें, उसे गाडी गहने दिलाएं, या फिर उसको हंसते रहे रिझाते रहे नहीं

प्यार को सुख से मतलब नहीं होता, बस वो कहता है जो कुछ भी मैं कर रहा हूँ अपने प्यार के लिए उसका प्रभाव उस पर क्या पड़ेगा?

क्या मेरे कुछ करने से उसकी भलाई हो रही है? वो कार्य बेहतर हो रहा है? यदि हाँ तो ठीक है, हालाँकि इसका मतलब यह कतई नहीं की प्यार जिसे हो जाता है वो किसी को दुःख देता है।

जी नहीं, न सुख न दुःख मात्र दूसरे का हित देखा जाता है प्यार में।

#6. आप सच जानने के लिए आतुर हो जाते हैं।

जब इंसान को सच्चा प्यार होता है तो बड़ी ख़ास बात यह होती है की अब दुनिया को देखने का नजरिया उसका बदल जाता है। आप पाओगे अब इंसान किसी की बातों पर यूँही विश्वास करने की बजाय उस बात की सच्चाई जानना शुरू कर देता है।

अब ऐसे व्यक्ति को कोई कहेगा की प्यार में शादी करना जरूरी होता है तो वो यूँ ही नहीं मानेगा बल्कि सच जानेगा। अब कोई कहेगा की प्यार में इंसान को कुछ काम करने होते हैं, और कुछ बिलकुल नहीं तो इस तरह की किसी भी बात को स्वीकार करने से पहले वो सच्चाई जानेगा।

वास्तव में सच्चे प्यार में और एक झूठे प्यार में यही मुख्य अंतर है जहाँ झूठा प्यार समाज की बताई बातों से चलता है, वहीँ सच्चा प्यार इंसान की समझ से विकसित होता है।

#7. प्रेमी से प्यार की उम्मीद न रखना।

प्रायः हमारी यह धारणा रहती है की किसी से प्यार करने का अर्थ है बदले में किसी से प्यार पाने की उम्मीद रखना। पर सच्चा प्यार कहता है, प्रेम का सीधा अर्थ है भलाई। और जिस इन्सान से मुझे प्रेम है, अब मैं उसकी भलाई के लिए काम करूँगा।

भले वो बदले में कुछ न दे, यहाँ तक की मेरा विरोध ही क्यों न करे। पर मैं उसका कभी गलत नहीं चाहूँगा। और कमाल की बात यह रहती है की जब आप इस नजर के साथ किसी से प्रेम करते हैं तो अब आपको प्यार से किसी तरह का धोखा नहीं मिलता।

क्योंकी किसी से नफरत मिले इसके लिए जरूरी है न पहले आप उससे किसी तरह की उम्मीद रखो। आपको दुनिया खूबसूरत लगने लगती है।

एक सच्चा प्रेमी किसी एक इंसान का भला सोचे, और बाकी दुनिया का शोषण करने के लिए तैयार रहे। ऐसा संभव नहीं हो सकता। क्योंकी असली प्यार हो जाने के बाद इन्सान ये जान लेता है की प्रेम कितनी महत्वपूर्ण चीज़ है हर इंसान के लिए। बिना प्रेम के जीवन कितना बेजान, सूखा हो जाता है वह भली भांति जानता है।

अतः जो प्रेम मैंने अपने जीवन में पाया है, इसे अब दूसरों के साथ भी बांटना चाहिए। इस सोच के साथ वो दुनिया में जीता है। ऐस इंसान कुछ भी करे, किसी से भी बात करे, किसी भी चीज़ को देखे, उसके हर काम में प्यार की झलक देखने को मिलती है।

अब ऐसा इंसान अपने प्रेमी के लिए ही नहीं अपितु अपने समाज, देश और पूरी दुनिया के लिए ठीक होता है।

#8. आपके रिश्ते सुधर जाते हैं।

प्यार होने के बाद सबसे अच्छी बात यह होती है की इंसान के रिश्ते भी प्रेमपूर्ण हो जाते हैं। क्योंकी जो प्रेम उसने अपने जीवने में पाया है, अब ऐसा इंसान किसी से भी बातचीत करता है तो उस प्रेम के छीटें दूसरे व्यक्ति पर भी पड़ते हैं।

प्रेम से परिपूर्ण इंसान के अपने परिवार,रिश्तेदार और समाज में लोगों के साथ समबन्ध मधुर हो जाते हैं, क्योंकी उन सम्बन्धों के आधार स्वार्थ नहीं प्रेम होता है। जहाँ आम इंसान किसी से रिश्ते इस भाव से बनाता है ताकि भविष्य में लाभ मिल सके।

लेकिन प्रेमी चूँकि भीतर से आनन्दित है अतः जब वह किसी से मिलता है तो उसका आनन्द दूसरे के साथ भी झलकता है।

#9. आप सही काम करते हैं।

किसी को यदि वास्तविक प्यार हुआ है तो यह संभव नहीं है की वो अपने प्रेमी की तो भलाई के लिए तत्पर रहे, और बाकी सभी लोग, जीव जन्तुओं का शोषण करे।

जी नहीं, क्योंकि इंसान को प्रेम जीवन की सच्चाई बता देता है। ये मन क्या है? ये जीवन क्या है? कर्म क्या है? जीवन कैसे जीना चाहिए। वह भली भाँती जान जाता है। अतः इस समझ के साथ एक प्रेमी जीवन में जो भी काम चुनता है वो श्रेष्ठ ही होता है।

अब वह कोई भी ऐसा काम नहीं करता, जिसमें किसी इंसान का सीधे तौर पर या अप्रत्यक्ष तरीके से नुकसान हो, उस काम में किसी को पीड़ा हो, कोई दुखी हो। अतः हम कह सकते हैं की एक प्रेमी होना न सिर्फ अपने लिए फायदेमंद है बल्कि उसका होना सभी के लिए फायदेमंद होता है।

प्यार और आकर्षण में फर्क

प्यार और आकर्षण दोनों में जमीन आसमान का भेद है, आप निम्न बिन्दुओं से इसे स्पष्ट तौर पर समझ सकते हैं।

प्यार आकर्षण के बीच फर्क

✔ आकर्षण में एक इन्सान अपने प्रेमी के लिए सबसे महत्वपूर्ण हो जाता है, बाकी दुनिया के लोगों की भलाई या बुराई से उसे फर्क नहीं पड़ता। पर जब व्यक्ति प्रेम में होता है तो उसके कर्मों के प्रभाव से एक नहीं अपितु पूरे समाज का भला होता है।

✔ जो कुछ भी वस्तु या व्यक्ति संसार में तुम्हें अपनी तरफ खीचें वह आकर्षण है, पर किसी से प्रेम करने का निर्णय आपकी समझ (बोध) लेती है।

✔ व्यक्ति को आकर्षण किसी विषय से होता है जैसे पुरुष, महिला की तरफ उसके शरीर की बनावट, खूबसूरती, उसके व्यवहार इत्यादि के लिए जाता है जबकि प्रेम व्यक्ति को सही चुनने की शक्ति देता है।

✔ आकर्षण प्राकृतिक होता है, इन्सानों की भाँती जानवर भी नर मादा पशुओं की तरफ आकर्षित होते हैं, पर प्यार प्राकृतिक नहीं होता।

✔ आकर्षण शरीर में हारमोंस का ही एक रूप है, जिस प्रकार शरीर में इच्छाएं उठती है उसी तरह व्यक्ति किसी की तरफ आकर्षित भी होता है, पर प्रेम कोई रासायनिक प्रतिक्रिया नहीं है ये व्यक्ति का चुनाव है।

✔ आकर्षण कुछ समय बाद क्षीण हो जाता है, जैसे ही आप आकर्षित करने वाली वस्तु से सुख पा लेते हैं तो वह इच्छा कम हो जाती है, पर प्रेम करने का अर्थ किसी से सुख पाना नही होता मात्र उसकी भलाई होता है।

किसी इन्सान से आकर्षण होने के बाद क्या होता है?

उपर हमने विस्तार से समझा की प्यार होने के बाद इंसान के मन की क्या स्थिति होती है? अब हम जानेंगे कि अगर एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से आकर्षित होता है तो कैसे प्रेम और आकर्षण का भेद किया जाए? आकर्षण होने के लक्षण निम्नलिखित हैं।

  • उसकी यादों में रात को नींद ना आना
  • बार-बार अपने प्रेमी को देखना
  • सोशल मीडिया में बार-बार उसकी फोटोस देखना और उससे बातचीत करने के लिए मैसेज करना
  • दिमाग में हर समय उनके खयाल आना
  • रोमांटिक गाने सुनना
  • दोस्तों यारों से दूरी बना लेना

यह लक्षण आप में भी हैं तो बिल्कुल मत कहिए की मैं प्रेम में पड़ चुका हूं। क्योंकि अगर आप किसी की तरफ आकर्षित हैं और सामने वाले व्यक्ति से शारीरिक सुख, पैसा इत्यादि लेना चाहते हैं तो तब भी आपके मन में इसी तरह के ख्याल आएंगे।

क्योंकि कई ऐसे लोग होते हैं जो किसी पुरुष या महिला के शारीरिक सुख पाने के लिए उनकी तरफ आकर्षित होते हैं। जब तक उनकी इच्छा पूरी ना हो जाए, वे रातों को सो नहीं पाते, उनसे दिनभर बातचीत करते हैं रोमांटिक गाने सुनते हैं। लेकिन जैसे ही उनकी इच्छा पूरी होती है तो कुछ समय बाद यह रिश्ता खत्म हो जाता है तो क्या बताइए यह प्रेम था या सिर्फ आकर्षण?

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FAQ~ प्यार होने के बाद से जुड़े पूछे जाने वाले प्रश्न

शादी के बाद प्यार कैसे करते हैं?

पति और पत्नी जो एक दूसरे को प्रेम करते हैं, उनका लक्ष्य एक दूसरे की भलाई होगा ताकि दोनों का जीवन बेहतर हो सके यही प्रेम है। किसी पर अपनी उम्मीदें थोपना प्यार नहीं हो सकता।

लड़की जब प्यार में होती हो तो क्या क्या करती है?

प्रेम में होने पर लड़की अपने प्रेमी के लिए अपनी जिंदगी की छवि सुख सुविधाएं त्यागने के लिए तैयार रहती हैं और अपने प्रेमी की भलाई के लिए तत्पर रहती हैं।

प्यार की शुरुआत कैसे होती है?

प्यार की शुरुआत सही निर्णय से होती है जो चीज़ प्यार के काबिल है उसकी तरफ कदम बढ़ाना ही प्यार के शुरुवाती संकेत हैं।

अंतिम शब्द

तो साथियों हमने पोस्ट में प्यार होने के बाद क्या होता है? विस्तार से आपको बतलाया अगर अभी भी मन में कोई प्रश्न है तो नीचे कमेंट करके बताएं साथ ही इस पोस्ट को शेयर भी कर दें।

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