जिस इन्सान की कुंडली में राहु केतु का प्रभाव होता है उसके जीवन में अशांति, काम में असफलता, बेचैनी छाई रहती है अगर आपके भी जीवन में यही परेशानी हो रही है तो जानें राहु केतु की शांति के अचूक उपाय जो आपको कहीं नहीं मिलेंगे।
यूँ तो सुख दुःख इन्सान के जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं पर मान्यता है जब कुंडली में दोष रहता है तो आपके जीवन में दुखों की भरमार होती है, पल पल ऐसे बीतता है मानो जीवन आपको सजा दे रहा है।
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो राहु केतु के प्रभाव के फलस्वरूप इन्सान पढ़ाई, नौकरी, घर ग्रहस्थी हर क्षेत्र में परेशानियां झेलता है। और कई बार तो उसे ये पता चलने में भी काफी समय लग जाता है की मेरे जीवन में तकलीफें अचानक क्यों और कहाँ से आ रही है?
तो इस आशा के साथ की राहु केतु के प्रभाव से आपकी जिन्दगी में सभी परेशानियां खत्म होंगी, हमने यह लेख तैयार किया है। आपसे निवेदन है लेख को ध्यानपूर्वक अंत तक जरुर पढ़ें:
राहु केतु की शांति के उपाय| 100% कारगर उपाय
यूँ तो पंडितों और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार राहु और केतु के प्रभाव को कुंडली से कम करने के लिए आप अनेक तरह के कार्य सकते हैं, जैसे गरीबों को दान कर देना, कन्या का विवाह कर देना इत्यादि।
पर इन कार्यों को करके भी हमने देखा है लोगों को कुछ समय के लिए राहत तो मिल जाती पर उनकी परेशानियाँ फिर वापस आ जाती है। इसलिए किसी भी इन्सान का लक्ष्य राहु केतु के प्रभाव को कम करना नहीं अपितु उसे कुंडली से हटाना चाहिए।
तो अगर आप जड़ से इन समस्याओं को खत्म करना चाहते हैं तो फिर हम आपको राहु केतु के प्रभाव से मुक्ति पाने के लिए कुछ ऐसे उपाय बताने जा रहे हैं जो आपकी जिन्दगी बदलने में बेहद मददगार साबित हो सकते हैं।
#1. राहु केतु पर नहीं अपनी तकलीफों पर गौर करें।
हम सभी ने राहु केतु और कुंडली के विषय में अपने घर परिवार में सुना होता है पर सच्चाई यह है की हमने कभी यह पढ़ा नही होता है की ज्योतिष शास्त्र इस विषय पर क्या कहता है?
अतः सबसे पहले चूँकि हम तकलीफ में हैं हमें हमारी परेशानी पर गौर करना चाहिए, ताकि उससे मुक्त हो सके।
तो थोड़ी देर के लिए भूल जाइए की आपकी समस्याओं का कारण राहु केतु या कुछ और है? बस आप ये देखिये की मुख्य परेशानी क्या है? जिसकी वजह से आपको लग रहा है की मेरी कुंडली में राहु केतु का दौर चल रहा है।
यह समस्या घर परिवार में अशांति, पढ़ाई में सफलता न प्राप्त करना या फिर रिश्तों में गडबड होना इत्यादि कुछ भी हो सकता है। प्रायः हमें लगता है की जो कुछ गलत हो रहा है वो तो राहु केतु या किसी उपरी हवा के प्रभाव में हो रहा है।
तो ऐसा सोचने के कारण हम परेशानी का समाधान ढूंढना बंद कर देते हैं जो की ठीक नहीं है।
#2. अपनी परेशानियों का कारण और निवारण जानें।
एक बार आपने समस्या को गौर से देख लिया तो फिर आगे उसके समाधान के लिए नए रास्ते खोले जा सकते हैं।
उदाहरण के लिए आपको मनचाही नौकरी नहीं मिल रही है, और आपको लग रहा है यार। मैंने सब तयारी कर ली है पर मुझे नौकरी नहीं मिल रही है तो पक्का मेरी कुंडली में कोई दोष है।
तो हम आपसे कहेंगे की शायद आप गलत हैं, क्योंकि ये फैक्ट है की दुनिया में पसंदीदा नौकरी कुछ गिने चुने लोगों को ही मिलती है, बाकी लोग तो संयोग से या पैसे की वजह से जो काम उन्हें मिलता है वो करने लगते हैं।
तो इससे पहले की आप ये सोचें की मेरे ग्रह ठीक नहीं चल रहे हैं हमारा आपसे निवेदन है की अपनी समस्या को ध्यान से समझें एक बार आप जान गये की जो कुछ जिन्दगी में हो रहा है वो उपरवाला नहीं कर रहा है बल्कि आपकी वजह से हो रहा है।
तो अब आप अपनी समस्या को ठीक करने का उपाय भी खोज सकते हैं। अगर फिर भी आपको समस्या आती है तो बेझिझक आप इस Whatsapp number 8512820608 हमसे बातचीत कर सकते हैं।
#3. सही जिन्दगी जीने के लिए सही मान्यताएं होना जरूरी।
बचपन से ही परिवार ने, समाज ने हमें कुछ ऐसी बातों पर यकीन करने के लिए मजबूर कर दिया है जो की आगे चलकर हमारा ही नुकसान करती है।
उदाहरण के लिए कई बच्चों को बचपन से ही बता दिया जाता है की भूत प्रेत होते हैं और जादू टोना होता है तो फिर जब वे बड़े हो जाते हैं तो उनके मन में इन चीजों के प्रति विश्वास और डर बढ़ता जाता है।
और हम पाते हैं की आगे चलकर वो इन चीजों से परेशान भी खूब होते हैं। तो आज आपकी चाहे कितनी उम्र क्यों न हो बेहतर यही है की आज तक आपने जो माना है और आज आपको जो लोग मनवाने पर आतुर है।
उस बात को मानने से पहले सौ बार विचार कीजिये, जब तक आप पूरी जांच पड़ताल न कर लें तब तक उसे मानें नहीं। कई माँ बाप बच्चों को ये बता देते है की बेटा 30 साल की उम्र तक शादी कर लेनी चाहिए अन्यथा बाद में दिक्कतें आती हैं।
तो जब ये मान्यता बच्चे ने पकड ली है तो अब वो किसी से रिश्ता बनाने से पहले ये नहीं सोचेगा की लड़के के विचार कैसे हैं, मुझे लड़की से कितना प्रेम है, या फिर मैं शादी क्यों करना चाहता हूँ? क्या मुझे वाकई शादी करनी चाहिए?
वो तो बस परिवार के बहकावे में कर लेगा और हम पाते हैं बाद में रिश्तों में अनबन होती है।
इसलिए चाहे जादू टोना हो या राहू केतु की बात हो जीवन का कोई भी क्षेत्र हो कोई भी बात हो सौ बार सोचिये क्या मुझे ये बात माननी चाहिए? अगर हाँ तो क्यों? आपके पास जब तक वाजिब कारण न हो किसी की बात न मानें।
सच्चाई ये है की अधिकांश लोग राहु केतु की बात इसीलिए करते हैं उनके मन में डर बैठ जाए और फिर हम जैसा चाहते हैं वो वैसा करें। तो सावधान हो जाइए।
#4. जानें धर्मग्रन्थ और राहू केतु का सम्बन्ध।
अभी हमने बात की राहु केतु पर ध्यान देने की बजाय अपनी परेशानी पर गौर कीजिये। और हम ऐसा इसलिए कह पाए क्योंकि हमारे शीर्षतम धर्मग्रन्थ फिर चाहे वे उपनिषद हो या फिर भगवद्गीता हो।
इन ग्रन्थों को पढने पर आप पाएंगे की कहीं पर भी राहु,केतु, जादू टोने, भूत प्रेत की बातें नहीं कही गई है। और यह ग्रन्थ सनातन धर्म के सर्वोपरी ग्रन्थ माने जाते हैं जिन्हें भारत ही नहीं अपितु दुनिया में भी सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।
और ये ग्रन्थ हमें बार बार बताते हैं की धर्म का एकमात्र उद्देश्य है “मुक्ति” | आपका कर्तव्य ये नहीं है की आप राहु केतु या कुंडली में क्या क्या दोष हैं उन्हें ठीक करें।
आपका उदेश्य है इमानदारी से ये देखना की लाइफ में क्या प्रॉब्लम है? एक बार आप जान गए तो फिर आप उस परेशानी से मुक्त होने के लिए सही समाधान करें।
पर चूँकि हम जीवन का अमृत बरसाने वाले गीता ज्ञान से तो दूर रहते हैं, लेकिन समाज के लोगों की बातों पर ज्यादा यकीन करते हैं इसलिए हम फिर बहुत कष्ट झेलते हैं।
पढ़ें: भगवद गीता में क्या लिखा है?
#5. आत्मज्ञान जरूरी है एक सही जिन्दगी जीने के लिए।
हम सभी को लगता है की हम बहुत स्मार्ट लोग हैं हम अपना भला खुद कर लेंगे, हमें क्या जरूरत धर्मग्रन्थों को पढने की हमें क्या जरूरत है खुद को समझने की।
हम तो अपने बारे में सब जानते हैं, पर आपसे यही कहना चाहते हैं अगर आप इतने ही समझदार होते तो आज आपकी लाइफ में क्यों प्रॉब्लम होती, आपकी लाइफ सुलझी हुई होती न।
और लाइफ सिर्फ उसकी सुलझ सकती है जो खुद को जानता है, जिसने जान लिया की मैं कौन हूँ? मैं इतना दुखी और परेशान रहता हूँ? मेरी अंतिम चाहत क्या है?
ये बात जिसने जान ली वो आत्मज्ञानी हो जाता है अब वो उन कर्मों को करने के लिए आतुर नहीं रहता जिनके पीछे दुनिया पागल रहती है। अब वो मेहनत खूब करता है पर इसलिए नहीं की वो ऐशो आराम करेगा और सुख पायगा।
अब ऐसा इन्सान तो जान लेता है ये सुख दुःख क्या है? तो वो अपनी मौज में रहकर काम करता है। पर जो लोग आत्मज्ञान के अभाव में कर्म करते हैं वे बेहद दुखी रहते हैं।
पढ़ें: आत्मज्ञान क्या है? आत्मज्ञानी होने की विधि।
अंतिम शब्द
तो साथियों इस लेख को पढने के बाद राहु केतु की शांति के अचूक उपाय आप भली भांति जान गये होंगे। इस लेख को पढ़कर मन में कोई प्रश्न है तो निश्चिंत होकर उपर दिए whatsapp नम्बर पर अपने सवालों को सांझा करें। साथ ही लेख पसन्द आया है तो इसे शेयर करें क्योंकी आपका एक शेयर किसी की जिन्दगी बदल सकता है।