रुद्राक्ष पहनने के नियम अवश्य जानें | चमत्कारिक लाभ पायें!

रुद्राक्ष की माला के चमत्कारिक लाभों को देखते हुए अगर आप रुद्राक्ष धारण करना चाहते हैं और रुद्राक्ष पहनने के नियम जानना चाहते हैं तो ये ये ख़ास लेख आपको ध्यानपूर्वक पढना चाहिए।

रुद्राक्ष माला पहनने के नियम

धार्मिक लोग रुद्राक्ष को भगवान शिव के वरदान के तौर पर देखते हैं, कई ऐसी पौराणिक कहानियाँ हैं जहाँ हमें रुद्राक्ष के चमत्कार देखने को मिलते हैं, यही नहीं आज भी आधुनिक युग में रुद्राक्ष की आलौकिक शक्तियों के बारे में आपको इन्टरनेट पर खूब बातें पढने को मिल जाएँगी।

हालांकि रुद्राक्ष आपके जीवन में किस तरह सकरात्मक प्रभाव डाल सकता है ये समझने के लिये आपको इस लेख को ध्यानपूर्वक पढना होगा। ताकि आप अपनी जीवन की किसी तकलीफ से मुक्ति प्राप्त कर सकें।

रुद्राक्ष पहनने के नियम| मिलेगा 100% लाभ

गूगल और youtube पर इस विषय पर जानकारियों की भरमार है कोई कहता है की शमसान जाते समय रुद्राक्ष माला उतार देनी चाहिए। तो कई जगह पर विद्वान बताते हैं की सम्भोग के दौरान अथवा पीरियड्स के दौरान रुद्राक्ष की माला उतार देनी चाहिए।

तो इससे पहले की आप किसी भी नियम को मानना शुरू करें, ये कुछ ख़ास बातें हैं जो आपको रुद्राक्ष की माला धारण करने से पहले या धारण करने के बाद जरुर समझनी चाहिए।

#1. रुद्राक्ष का वास्तविक अर्थ जानें।

रुद्राक्ष से आशय रूद्र की आंख से है, आमतौर पर पहाड़ी फल या बीज के रूप में प्रसिद्ध रुद्राक्ष एक विशेष बात का प्रतीक है। और इस प्रतीक की महत्वता को समझने के लिए हमें थोडा सा धार्मिक तौर पर विख्यात भारत के इतिहास में जाना होगा।

देखिये भारत हमेशा से ही धर्म का एक केंद्र रहा है, यहाँ जो संत महापुरुष पैदा हुए उन्होंने अपने कर्मों से हमें संदेश दिया की ये जन्म हमें सिर्फ खाने पीने और सोने के लिए नहीं मिला है।

ये जीवन हमारे लिए जीते जी परमात्मा तक पहुँचने और मुक्ति पाने का एक बेहतरीन साधन है, अतः उसी परमात्मा की याद में हम कर्म करें और अपना जीवन जियें इसके लिए फिर बहुत से प्रतीक बनाये गए।

जैसे की कमल के फूल को विष्णु का प्रतीक बना दिया, नंदी बैल को शिव जी का वाहन बना दिया गया, पत्थर को शिवलिंग बना दिया गया, जिसके पीछे उद्देश्य यही था की जहाँ कहीं भी हमारी नजर जाए हमें परमात्मा की याद आ जाये।

इसी तरह रुद्राक्ष कहने को तो एक छोटा सा बीज ही है पर चूँकि शिव का एक नाम रूद्र है तो उस सामान्य से बीज को रुद्राक्ष नाम दे दिया गया और कहा गया ये शिव की आँखें है।

अब वास्तव में उस बीज में कोई ख़ास बात नहीं है, कोई ऐसा जादू नहीं है जो मन्त्र मारने से हमें उसमे शिव की आँखे दिखाए दें, लेकिन चूँकि नियत यही थी की जब जब हमारी नजर इस पर जाए तो हमें शिव की याद आ जाये।

तो इसलिए हम पाते हैं की रुद्राक्ष को विशेष माना जाता है। लेकिन जो लोग ये हकीकत नहीं जानते वे तमाम तरह के भ्रमों में जीते हैं और उन्हें लगता है सचमुच रुद्राक्ष में कुछ खास शक्तियाँ हैं जिनके दर्शन हो सकते हैं।

जी नहीं, रुद्राक्ष महज एक प्रतीक है जो हमें शिव को पाने का और परमात्मा तक पहुँचने का संदेश देता है ।

#2. रुद्राक्ष धारण करने की मुख्य वजह जानें।

तो रुद्राक्ष का वास्तविक अर्थ जान लेने के बाद रुद्राक्ष पहनने के नियमों को जानने से पहले सवाल आता है की आप किस उद्देश्य से रुद्राक्ष पहनना चाहते हैं।

अगर आप सोच रहे हैं रुद्राक्ष पहनकर मैं पढ़ाई में टॉप कर लूँगा, या इसकी विशेष शक्तियों से मेरी नौकरी लग जाएगी या लॉटरी खुल जाएगी तो भाई इस भ्रम से दूर हो जाइए।

रुद्राक्ष के भीतर ऐसा कुछ नहीं है की वो आपको परेशानियों से मुक्त कर देगा। अगर तकलीफें आपके जीवन में हैं, तो उसका समाधान तो आपको ही खोजना होगा।

पर चूँकि बहुत से लोग इस आशा के साथ ये माला धारण करते हैं की उनकी जिन्दगी में सारी तकलीफें छू मन्त्र हो जाएँगी तो रुकिए किस भ्रम में बैठे हैं आप।

#3. रुद्राक्ष में मौजूद शक्तियों का सच।

बाजार में लोगों को बेवकूफ बनाने के लिए एक से एक विद्वान बैठे हुए हैं जो कहते हैं की रुद्राक्ष की माला धारण करो और आपकी जिन्दगी बदल जायेगी।

कोई कहता है की इसे पहनने से आपका शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा हो जायेगा तो कोई कहता है की इससे आपकी बौद्धिक क्षमता का विकास होगा। यहाँ तक की कुछ ऐसे भी हैं जो दावा करते हैं की हमारी रुद्राक्ष माला पहनने से आपको धन की प्राप्ति तो होगी ही तुम्हें मोक्ष भी मिल जायेगा।

तो अगर आप भी इसी उम्मीद में बैठे थे की एक पहाड़ी फल आपकी ज़िन्दगी में कोई चमत्कार ले आयेगा। तो ये भ्रम मन से निकाल दीजिये। संसार में आपको जो कुछ पाना है घर, गाडी इत्यादि जो कुछ भी वो तो आप मेहनत करेंगे और बुद्धि से कोई काम करेंगे तो उससे मिल ही जायेगा।

और बात रही मोक्ष की तो ऐसा कोई सांसारिक पदार्थ आज तक बना नहीं है जिसे छू लेने से, खरीद लेने से या महसूस करने से आपकी मोक्ष की प्राप्ति हो जाए।

अगर जीते जी मोक्ष या मुक्ति पानी है तो इसके लिए भी आपको शिव के पास जाना होगा। और शिव को समझने में ये लेख आपकी मदद करेंगे।

पढ़ें: मुक्ति क्या है?

पढ़ें: शिव कौन हैं? भोले बाबा और शिव में अंतर।

#4. हर परेशानी से निपटने की शक्ति देंगे राम।

आपसे निवेदन है जिन्दगी में जो भी तकलीफें आप झेल रहे हैं ये मत सोचिए की कोई रुद्राक्ष तुम्हें अपने जीवन के अंधकार से मुक्ति दिला सकता है।

जी नहीं रुद्राक्ष तो एक माध्यम है जो तुम्हें शिव तक पहुंचा सकता है, उसके करीब जाने में आपकी मदद कर सकता है।

ठीक जैसे  संसार में ढेर सारी वस्तुएं हैं पर आप खुद ये चयन करते हैं न कौन सी वस्तु पेरी परेशानी को दूर करेगी। उसी तरह सारी शक्ति तो भीतर से आपके पास पहले से ही है अब जो भी आपके जीवन में तकलीफ है, उसके समाधान के लिए कौन सी वास्तु आपके काम आयेगी ये फैसला आपको लेना है।

वो परेशानी कुछ भी हो सकती है, उसे ठीक करने के लिए ध्यान से उस परेशानी पर गौर करें और फिर सही उपाय निकालें।

अगर आपको इस समबन्ध में हमारी कोई साहयता चाहिए तो बेझिझक इस whatsapp नम्बर 8512820608 पर आप हमसे बात कर सकते हैं।

#5. रुद्राक्ष धारण हेतु शिव के प्रति प्रेम होना जरूरी।

शिव का दूसरा नाम है सच्चाई। पर सत्य से तो हम सदा दूर भागते हैं, सच से तो हमारा मन सदा नफरत करता है तो हमें भला शिव कैसे पसंद आयेंगे।

जिसे सच्चाई से प्रेम नहीं जो सच की अपेक्षा झूठ में, अन्धविश्वास में और डर में जियें शिव तो उससे दूर ही रहेंगे वो भले कितनी पूजा शिव की क्यों न कर लें शिव उसके काम नहीं आयेंगे।

शिव को तो वही पसंद हैं जो सत्य से प्रेम करते हैं, सत्य को स्वीकार करते हैं और सत्य में ही जीते हैं। वे लोग जो यह जानते हुए भी की मैं लालची हूँ, डरपोक हूँ और हमेशा अपने लाभ के लिए कर्म करता हूँ ऐसा मनुष्य अगर सही जिन्दगी जीने की हिम्मत नहीं जुटाता तो जान लीजिये शिव से उसका कोई नाता नहीं।

#6. बोध में ही शक्ति है।

जहाँ सत्य है वहीँ बोध यानि समझ है, और जहाँ बोध नहीं है वहां सिर्फ झूठ और अंधकार फैला होगा।

तो अगर शिव से वास्तव में प्रेम है और उनके करीब आना चाहते हैं तो हर उस रास्ते पर जाना छोड़ दें जहाँ जाकर आपका मन गंदा होता है, जहाँ जाकर आप परेशान और चिंतित हो जाते हैं।

और ऐसा नही है की हम ऐसे रास्तों पर जाते नहीं हैं हम खूब जाते हैं हमें हमारे दोस्तों की हकीकत पता होने के बाद भी हम उनके पास ही जाते हैं और मन गंदा करके वापस आते हैं।

हमें पता है की रिश्तेदार और समाज हमारी भलाई नहीं चाहते हम तब भी उनकी बात सुनते हैं और उनकी बातों पर विश्वास करके जीते हैं।

तो अगर चाहते हो जीवन में जो दुःख है, बेहोशी डर और लालच हैं उन सबको छोड़कर मैं सच्चाई, शांति, आजादी की तरफ बढूँ तो जीवन में बोध को स्थान दें।

और झूठे अज्ञान से भरे जीवन से बोध की तरफ आने के लिए आपको सही संगती जरूरी है, पेश है कुछ पुस्तकें जो सत्संगति में मदद करती हैं।

पढ़ें: आचार्य प्रशांत की टॉप 10 किताबें

#7. रुद्राक्ष के नियमों से जुड़े भ्रम से दूर रहें।

एक बार फिर हम आपको कहेंगे की जो व्यर्थ की मान्यताएं रुद्राक्ष से जुडी हुई मन में पाली हुई हैं उन सबको मन से निकाल दीजिये इसी में भलाई है।

अगर आपने रुद्राक्ष की हकीकत जान ली और अभी भी आप वही फ़ालतू की बातों को जीवन की हकीकत मान रहे हैं तो आपको इस लेख को पढ़कर कोई फायदा नहीं होगा।

आप अंधविश्वासों में ही उलझकर जीते रहेंगे। रुद्राक्ष में कुछ विशेष नहीं है, कोई आलौकिक शक्ति यह पहाड़ी फल आपको नहीं दे सकता, अगर इसके भरोसे बैठे रहोगे और सोचोगे जिन्दगी सुधर जाएगी तो मेरे मित्र ऐसा सम्भव नहीं है।

समबन्धित पोस्ट पढ़ें:-

तुलसी माला पहनने के 7 लाभ| अवश्य जानें!

तांत्रिक कैसे बनें? सफल तांत्रिक बनने की विधि

आध्यात्मिक शक्ति क्या है? जानें कैसे प्राप्त करें!

अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद रुद्राक्ष पहनने के नियम जान चुके होंगे। इस लेख को पढ़कर अभी भी मन में कोई प्रश्न बाकी है तो बेझिझक आप उपरोक्त whatsapp नम्बर पर साँझा कर सकते हैं, साथ ही लेख आपके लिए फायदेमंद साबित हुआ है तो इसे शेयर भी जरुर कर दें।

Leave a Comment