सफलता क्या है? कैसे जानें आप सफल हैं या नहीं

क्या सफलता का पैमाना बड़ा घर, गाडी, नौकरी या पैसा है? या फिर इससे भी बढ़कर कुछ और है कैसे जानें की सफलता क्या है? और कोई व्यक्ति सफल है या फिर नहीं? इस विषय पर आज हम विस्तार से चर्चा करेंगे।

सफलता क्या है

बचपन से ही इस बात पर बड़ा जोर दिया जाता है की पढ़ाई पर ध्यान दो ताकि जीवन में एक सफल इन्सान बनकर वो मुकाम हासिल कर सको, जिससे तुमपर सभी को गर्व हो।

पर आमतौर पर जिस समाज में हम रहते हैं, जहाँ लोगों की जैसी सोच होती है, जैसी इच्छाएं होती हैं उन्हीं के हिसाब से हमें बता दिया जाता है की फलाने कार्य करते हो तो आप सफल हो वरना असफल

दूसरे शब्दों में कहें तो जो इंसान समाज के इशारों पर चलता है, जिससे समाज को कोई लाभ होता है उसे सफल घोषित किया जाता है। पर सफलता का अर्थ इससे अलग है, सफलता इस बात में नहीं है की आप दूसरों की कही बातों को मानकर उन्हें अपना जीवन उद्देश्य बनाकर जिए।

बल्कि सफलता एक बेहद खूबसूरत शब्द है, और इस शब्द का सही मतलब आप तभी जान पाएंगे जब आप यहाँ कही गई एक एक बात को ध्यान से समझेंगे।

सफलता क्या है? What is Success in Hindi 

सफलता से आशय जीवन में एक सही लक्ष्य बनाने से है। प्रायः हम जिन लक्ष्यों को अपना सपना कहकर उन्हें पूरा करने के लिए निकल पड़ते हैं, उन लक्ष्यों को हासिल करके भी हम दुखी और बेचैन रहते हैं।

अतः सफलता या तरक्की का मापदंड इस बात में नहीं है की आपने जीवन में क्या कुछ हासिल किया? सफलता इस बात में है की आपने सही जीवन लक्ष्य बनाया की नहीं।

आमतौर पर हमारी शिक्षा व्यवस्था, हमारे माता पिता और पूरा समाज अधिक पैसे कमाने को ही सफलता का पैमाना मानता है। जो व्यक्ति जितना धन कमाए या जितने बड़े पद पर आसीन हो उसे उतना सम्मानीय और काबिल माना जाता है।

भले ही खूब पैसा कमाने के बावजूद उस व्यक्ति के मन में लालच, डर, निराशा बढ़ रही हो, हमें उस बात से कोई फर्क नही पड़ता। उस पद को हासिल करने के बाद उसका जीवन पहले से बदतर क्यों न हो गया हो हम इस बात को बताना ही नही चाहते।

जैसे मानो कोई गलत ट्रेन में बैठा हुआ हो और शिकायत कर रहा हो ये ट्रेन धीरे क्यों चल रही है? अरे। भाई ट्रेन जल्दी चले या धीरे अगर तुम मंजिल पर पहुँच भी गए तो आपको क्या मिल जाने वाला है?

इसी तरह हमारी मंजिल भी  धुंधली होती हैं, हमें नही पता की जो लक्ष्य बनाया है इसे पा भी लिया तो क्या होगा? हमें नहीं मालूम इस लक्ष्य को बनाने से भीतर मेरे क्या बदलाव आएगा?

हम इस बात से अनजान रहते हैं की जो दुःख, जो अशांति, लालच और डर हमें रोजाना परेशान करता है क्या मेरा लक्ष्य मेरे भीतर की इन कमजोरियों को मिटाकर मुझे शांति देगा की नहीं।

हम कुछ नहीं जानते पर पूरा समाज और हम खुद जल्दी से लक्ष्य निर्धारित करने का फैसला ले लेते हैं याद रखें एक गलत लक्ष्य बनाने की अपेक्षा जीवन में कोई लक्ष्य न बनाना बेहतर है।

ऐसे में सवाल आता है एक सही लक्ष्य क्या हो सकता है? कैसे जानें हम सही काम कर रहे हैं की नहीं। 

कैसे जानें की आप सफल हैं या नहीं ?

देखिये हम सभी के जीवन का एक ही लक्ष्य है, शांति जिसे हम आनन्द भी कहते हैं। और इसी शांति को पाने के खातिर इंसान जीवन में बहुत से कर्म करता है, लक्ष्य बनाता है।

कैसे जानें आप सफल हैं या नहीं

इस बात से यदि आप सहमत हैं तो अब आप समझ सकते हैं की इंसान को कौन सा कार्य करना चाहिए? क्या लक्ष्य उसे पाना चाहिए? जिससे उसे शांति मिले। और वह काम जो उसके लालच, डर,वासना को बढ़ाकर उसे अशांत करे उस काम से जरा उससे बचना चाहिए।

अतः आपकी सफलता आपके द्वारा चुने गए लक्ष्य पर निर्भर करती है, आपका लक्ष्य ठीक है या नहीं यह जाँचने के लिए बस आप देख लीजिये क्या उस लक्ष्य को प्राप्त करके आपकी कमजोरियां मिटेगी, आपके भीतर का डर और बेचैनी कम होगी?

यदि नहीं और उस लक्ष्य को पाकर क्या मैं और ज्यादा अशांत, लालची और भयभीत और बेचैन तो नहीं हो जाऊँगा।

उदाहरण के लिए एक बच्चा है जिसे लगता है अमीर होना ही सफलता है अब वह बड़ा होकर एक आलिशान बंगला खरीदने का सपना देखता है।

अब इस बात में कोई शक नहीं की अपने जीवन में हासिल की गई शिक्षा के सहारे और बहुत सारा समय और उर्जा खर्च करके एक दिन अंततः उसे पा भी लेगा। पर सोचिये उसका परिणाम क्या होगा? जो शांति, प्रेम, आनंद आप इस लक्ष्य से पाना चाहते थे क्या वो मिल जायेगा?

क्या उस बड़े घर को पाने के बाद आपके अन्दर लालच कम होगा या बढेगा? जाहिर है अब बढेगा क्योंकि अब आप कहेंगे एक बड़ा घर लिया है तो बड़ी गाड़ी भी लेनी पड़ेगी? अब भीतर एक असुरक्षा की भावना भी रहेगी, और उसी डर की वजह से आप उस बंगले को खोने से डरोगे?

तो बताइए क्या हमारा परिवार, मीडिया और समाज हमें ये शिक्षित नही करता की हमें ऐसे ही लक्ष्य बनाने चाहिए? करता है न? तो पैसा,गाडी, घर यदि इन्हें पाने से भी भीतर शांति और वो अधूरापन मिटा नही तो क्या फायदा इन चीजों के पीछे भागने का।

इसलिए सफलता बेहद आन्तरिक चीज़ है कोई व्यक्ति सफल है या नहीं आप उसके पैसे, रुतबे से नही मांप सकते। अगर किसी का जीवन सफल है या नही ये जांचना ही है तो देख लीजिये उसके भीतर आनन्द कितना है, प्रेम कितना है, निडरता कितनी है?

पर इस पैमाने से आप अपने आसपास के लोगों को देखें तो आप पाएंगे की अधिकांश लोग जो पैसों से अमीर तो हैं लेकिन उनके भीतर की बेचैनी, क्रूरुरता, भय,कामुक इच्छाओं को देखकर आप कहेंगे की इन्होने एक घटिया जिन्दगी जी है। और ये पूरी तरह असफल हैं।

जीवन में सफलता के लिए क्या जरूरी है? 

जीवन में सफलता पाने के लिए अपने लक्ष्य से प्रेम होना जरूरी है, सही लक्ष्य का चुनाव करने के बाद सही नियत के साथ अपने इरादे पर अटल रहना बेहद जरूरी है।

इन्सान जिसे प्रेम करता है उससे दूर नहीं रह पाता इसी तरह अपने लक्ष्य से जिसे प्यार हो गया हो उसे पाए बिना उसे चैन नहीं आ सकता।

उदाहरण के लिए आपको मालूम है दुनिया में रोजाना करोड़ों मासूम जानवरों की निर्मम तरीके से हत्या हो रही है, और आपको लगता है इन प्राणियों की जान बचाना बेहद जरूरी है।

और आप एक ऐसा कार्य चुन लेते हैं जिससे इन प्राणियों की हत्या होने से बच सके और लोगों में भी आप इन जानवरों के प्रति प्रेम की भावना का संचार कर सके।

अब इस काम के लिए भले आपको घर से बेहद दूर जाना पड़े आप जायेंगे, आपको इस काम में अधिक मेहनत करनी पड़े और पैसा भी कम मिले आप स्वीकार कर लेंगे।

क्योंकि अब आपका लक्ष्य उन मासूमों की जान बचाना है जिन्हें हम अपने स्वाद के लिए इस्तेमाल करते हैं। अतः अपने लिए सही लक्ष्य चुनने के बाद उसे अपना जीवन समर्पित करना बेहद जरूरी है।

हालाँकि यह बिलकुल भी आवश्यक नहीं है की जो विशाल लक्ष्य आपने चुना है जीते जी आपको उसमें सफलता मिलेगी, बिल्कुल नहीं, पर सही लक्ष्य चुनने का एक बड़ा फायदा यह होता है।

की आपको परिणाम की चिंता नही करनी पड़ती। आप सही काम कर रहे हैं तो आपके भीतर निडरता आ जाती है, भीतर शांति रहती है की पैसों के लिए नहीं बिक गए सही काम को कर रहे हैं अब उसी में आनन्द है।

जीवन की सफलता क्या है?

जीवन की सफलता अपने सभी बन्धनों से खुद को आजाद करने में है। जीवित रहते जो व्यक्ति अपनी निराशा, बेचैनी का समाधान खोज ले वास्तव में उसी का जन्म लेना सार्थक साबित होता है। देखिये, दुःख के साथ तो हम सभी पैदा होते हैं, और जैसे जैसे हम बड़े होते हैं भीतर का डर, लालच, मोह हमें कदम-कदम पर दुःख देता है।

अतः ज्ञानी लोग कह गये की जीवन की सफलता रूपये पैसे पाने और अय्याशी करने में नहीं है, बल्कि सफलता इस बात में है की जिन दुखों के साथ तुम पैदा हुए थे उन्हें आपने खत्म किया की नहीं?

अगर वो सभी बंधन, इच्छाएं ऐसी ही रही और आप बूढ़े होकर मर गए तो समझ लीजियेगा आपने मनुष्य जन्म गवा दिया। लेकिन जो इंसान जीते जी अपनी वह सभी कमजोरियां जो उसे दुःख देती हैं, उनसे जीत गया तो समझ लो उसी का जीवन सफल हो गया।

असफलता क्या है?

जीवन में एक गलत लक्ष्य का चुनाव करना ही असफलता है। असफलता इस बात में नहीं है की आपने खूब धन इकट्ठा नही किया, आपको समाज में इज्जत और नाम नहीं मिला? जी नहीं असफलता इस बात में है की आपने नासमझी में उस काम को अपना उद्देश्य बना लिया जिसे पाकर भी आपको चैन, शांति नहीं मिलती।

असफलता क्या है

असफलता इस बात में भी नहीं है की आपको अपनी मंजिल मिली की नहीं, जी नहीं असफलता मात्र तब है जब आपने पूरा जीवन किसी ऐसी चीज़ को पाने में गवा दिया जो आपके काम न आई।

अक्सर जीवन में हम जिस धन, प्रतिष्ठा, मोह को पाने के लिए बिता देते हैं अंततः वह हमारे कोई काम नहीं आता। इसलिए ज्ञानी जन कह गए की ऐसा धन संचय करो जो आगे भी काम आये।

 सफलता प्राप्त करने में बाधाएं

सफलता को हासिल करने में सबसे बड़ी बाधा मनुष्य का मन होता है, क्योंकि प्रायः हम जानते बूझते की यह काम सही है, फिर भी नहीं करते। क्योंकि भीतर का आलस्य, डर, वासना हमें उस काम को करने में तकलीफ देते हैं। इसलिए कहा गया जो मन से जीत गया वो दुनिया से जीत गया।

सफलता प्राप्त करने में आने वाली बाधाएं

अतः जब पूरी इमानदारी से आपको मालूम हो जाये क्या करना आपके लिए उचित है, उस होश के साथ काम करते हुए अब यदि आपका मन बेचैन हो, आपको किसी चीज़ की तरफ आकर्षित करे या आपको डराए।

अगर आप ऐसी स्तिथि में भी मन की कही बातों पर ध्यान देने की बजाय अडिग होकर सही काम को करने का फैसला बनाये रखते हैं तो आप सफलता प्राप्त करने में आने वाली बाधाओं पर विजय पा लेते हैं।

सफलता की परिभाषा क्या है?

जीवन में सही लक्ष्य बनाकर उस दिशा में आगे बढ़ने की यात्रा ही सफलता कहलाती है। सफलता कोई दूरगामी विषय नहीं है, यह प्रति पल है। दूसरी तरफ किसी गलत लक्ष्य को पाने के लिए किया गया प्रयास ही असफलता है।

सफलता क्या है? wikipedia

सही जिन्दगी जीना ही सफलता का सूचक है। एक सही उद्देश्य के खातिर जीवन जीना ही सफलता है। सफलता किसी भौतिक वस्तु को पाने, कहीं पहुँचने और किसी तरह का सुख पाने का नाम नहीं है।

बल्कि सफलता तो एक निरंतर चलने वाली धारा है, ठीक वैसे जैसे एक नदी बिना कोई लक्ष्य बनाये निरंतर बहती रहती है, क्योंकी उसके बहने में ही सफलता है, कहीं पहुँचने पर नहीं। ठीक इसी तरह इंसान का सही तरह से जीना ही उसकी सफलता है।

सफलता पैसों में या किसी वस्तु को पाने में नहीं है, क्योकी किसी भी वस्तु को पा लेने के बाद भी शांति मनुष्य को नहीं मिलती। अतः यदि आपके लिए प्रेम, सच्चाई, शान्ति ही सफलता है तो फिर एक सही जीवन जीने पर ही इंसान को यह चीजें मिल पाती हैं।

जीवन में सफलता पाने का मूल मंत्र क्या है?

स्वयं को जानना ही सफलता का सबसे बड़ा मूल मन्त्र है, जिसने खुद के मन, शरीर को नहीं जाना वह इंसान बाहरी दुनिया में कोई भी लक्ष्य बनाएं वो सब उसके काम नहीं आएगा। ठीक वैसे जैसे इंसान दूसरे को देखकर खूब अमीर होने का लक्ष्य बनाता है, और पूरी जिन्दगी कठिन मेहनत करता है।

लेकिन वो पाता है, बहुत अमीर होने के बाद भी बेचैनी तथा और कमाने की प्यास उसमे बढती जा रही है तो इस तरह जिन्दगी में आप कोई भी लक्ष्य बना लें आपको शांति तब तक नहीं मिलेगी और किसी काम को करने में आपका दिल नहीं लगेगा। जब तक आप खुद को नहीं समझते।

एक बार ये भली भाँती ज्ञात हो गया की ये शरीर क्या है? जीवन में करने योग्य क्या है? तो अब आपको सफलता के शिखर को छूने से कोई नहीं रोक सकता।

सफलता के 5 नियम

सफलता के 5 नियम निम्नलिखित हैं।

  1. सत्य को प्राथमिकता देना।
  2. चुनौतियों के आगे डंटे रहना।
  3. सही काम का चुनाव करना।
  4. झूठ से नफरत होना।
  5. काम के प्रति प्रेम होना।

सफलता का पहला कदम क्या है?

अपने जीवन की सच्चाई से वाकिफ होने के बाद जीवन में जो कमियां हैं उन्हें सुधारना ही सफलता का पहला कदम है। जो व्यक्ति जान गया भीतर से वह कितना आलसी, कामचोर, लालची,डरा हुआ इंसान है।

तो अब जो भीतर खामियां उन्हें ठीक करने की जिम्मेदारी लेने के बाद उनका अभ्यास करना ही वास्तव में सफलता की दिशा में बढ़ाया हुआ कदम है।

यह पहला कदम इंसान को डराता है, इसे पीछे हटने के लिए मजबूर करता है। पर जो इसे चुनौती मानते हुए आगे बढ़ता है, वह इंसान पहले जैसा नहीं रह जाता वो बदल जाता है। अतः जो इंसान सफलता की दिशा में आगे बढ़ता है वो इन्सान निरंतर बदलता रहता है।

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अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद सफलता क्या है? सफलता को मांपने का आसान तरीका आपको इस लेख में मिल चुका होगा, यदि इस लेख को पढ़कर जीवन में स्पष्टता आई है तो कृपया इस लेख को अधिक से अधिक शेयर करें ताकि वे लोग जो सफलता का अर्थ जाने बिना दौड़ लगा रहे हैं उन्हें स्पष्टता मिल सके।

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