अगर आप शैतानी शक्तियों के दुष्प्रभाव से खुद को और अपने परिवार की रक्षा करना चाहते हैं तो आज हम आपको इन जादुई शक्तियों को अपनी मुट्ठी में करने के लिए शैतानी शक्ति कैसे प्राप्त करें? बताने जा रहे हैं।
प्राचीन समय से ही यह माना जाता रहा है की इंसान के जीवन में अच्छी बुरी घटनाओं के लिए शैतानी शक्तियाँ जिम्मेदार रहती हैं, खासकर वे घटनाएँ जो अकस्मात घटती हैं उनके पीछे शैतानी शक्तियों को उत्तरदाई माना जाता है।
इसलिए कई सारे लोग शैतानी देवता को प्रसन्न कर उनकी शैतानी शक्तियों को काबू करने का प्रयास करते हैं। माना जाता है जो इंसान इस कार्य में सफल हो जाता है जीवन में फिर कभी ये अदृश्य/जादुई शक्तियाँ उसका कुछ बिगाड़ नहीं पाती।
शैतानी शक्तियों के विषय पर जब भी बात होती है तो अधिकतर लोग इस विषय पर चुप हो जाते हैं क्योंकी इस विषय पर उन्हें कोई ज्ञान नहीं होता, अतः कोई भी कुछ भी उन्हें कह देता है वो उस बात को स्वीकार कर लेते हैं।
पर आज हम शैतानी शक्तियों का असली सच और उन्हें पाने की जो विधि आपके साथ सांझा कर रहे हैं, उसे जान गए तो हमेशा के लिए शैतानी शक्तियों से आपको छुटकारा मिल जायेगा।
शैतान कौन है?
शैतान से आशय किसी अदृश्य भूत, चुड़ैल, मायावी व्यक्ति से नहीं है।
वास्तव में जिस इंसान के मन में कपट, लालच, डर और अपने लाभ के लिए दुनिया का शोषण करने की इच्चाश्क्ति है वही इंसान शैतान है। जी हाँ शैतान कोई दूर का राक्षस नहीं है।
वो ठीक हमारे ही भीतर बैठा हुआ है, आपको क्या लगता है दुनिया में जितने भी बुरे काम हो रहे हैं, प्रकृति जितनी बर्बाद हो रही है ये सब कोई छुपा हुआ हैवान कर रहा है?
आज दुनिया की खराब हालत का जिम्मेदार कौन है? इन्सान है न, जिसके मन ने ही उसे आज इस स्तिथि में खड़ा कर दिया है जहाँ उसके लिए ही जीना दूभर हो रहा है।
तो ये बात स्पष्ट कीजियेगा की शैतान कोई मायावी राक्षस नहीं है, जो दूर कहीं आसमान में बैठकर हमारे जीवन को चला रहा है, जी नहीं वो आपका मन है, जो अन्दर ही बैठा सब खेल खेल रहा है।
तो ये मत सोच लेना की जादू टोना या किसी बाबा, ज्योतिष की बताई कोई विधि अपनाकर आप हमेशा के लिए उससे मुक्त हो जाओगे।
नहीं वो शैतान सब जानता है, जब तुम इस तरह की हरकत उसे मिटाने की करते हो, तो अन्दर ही अन्दर वह खुश होता है और कहता है देखो ये मुझे मिटाने का कौन सा तरीका लेके आये हैं।
आपके जीवन में शैतान है या नहीं ये जानना हो तो जीवन में जब भी सच्चाई से दूर भागने का विचार हो, अपने फायदे के लिए किसी का शोषण करने का मन हो, सही काम को करने की बजाय फालतू का काम करने का मन हो तो समझ लेना ये सब शैतान की चाल है।
शैतानी शक्ति क्या है?
मन ही यदि शैतान है तो यह शैतान यदि लालची, डरपोक, कायर, प्रेमहीन है तो इसके द्वारा मनुष्य से करवाया गया प्रत्येक कर्म ही शैतानी शक्ति के रूप में सम्बोधित किया जाएगा।
और आपको जानकार हैरानी और दुःख होगा की जिन्दगी में अधिकांश लोग इसी शैतानी शक्ति के कहने पर अपना जीवन जीते हैं। क्योंकि आपसे यदि पुछा जाये आप ये काम क्यों कर रहे हैं? या यहाँ क्यों घूमने जा रहे हैं।
तो आप कहेंगे मेरा मन कर रहा है, पर जैसा हमने जाना की मन में ही अगर शैतान बैठा हुआ है तो क्या ये आपको कोई सही सलाह दे सकता है? नहीं न, ये शैतान चाहेगा की आप इसके इशारों पर चलें ताकि शैतान खुश हो सके।
और ये शैतान अपनी शक्तियों का प्रयोग कर एक मशीन के रूप में इंसान का इस्तेमाल करता है। यह इंसान से हर वो काम करता है जिससे उसे ख़ुशी मिलती है
ठीक वैसे जैसे राकसों को साधुजनों, सज्जनों पर अत्याचार करके, मदिरापान करके, अपने फायदे के लिए दूसरों से युद्ध करके ख़ुशी मिलती थी इसी प्रकार भीतर बैठा शैतान कभी इंसान के मन में लालच पैदा करके, कभी उसे डराकर, कभी उसमें मोह ममता डालकर उससे हर वो काम कराता है जिसे करके उसे ख़ुशी मिलती है।
और यही शैतान इंसान को हर उस चीज़ से दूर भेजता है जिससे उसे अपने खत्म होने का अहसास होता है। जैसे यह शैतान इन्सान को सच्चाई स्वीकार करने से, जीवन में सही काम करने से, अपने से ज्यादा दूसरों की परवाह करने से रोकता है।
क्योंकी ये जानता है की अगर इसके मन में सच्चाई, दूसरों के लिए प्रेम, करुणा, शांति आ गई तो फिर ये मेरे कहने पर नहीं चलेगा। अतः जिस भी जगह जाने से, जिस भी काम को करने से उसे लगता है मैं मिट जाऊँगा वो, वो काम करता ही नहीं है।
और शैतान की इसी खूबी के कारण वो हमेशा मरते दम तक भीतर जीवित रहता है, और इन्सान को इंसान बनने से रोक देता है। यही उसकी शैतान की सबसे बड़ी शक्ति है।
शैतानी शक्ति कैसे प्राप्त करें? 5 तरीके
शैतानी शक्तियाँ तो हमारे जीवन में पहले सी हैं, आप जरा से ठहर कर अपने जीवन को देखें तो पायेंगे की अगर आज मैं अपने मन के कहने पर न चला होता तो शायद मेरी जिन्दगी बेहतर होती, जो दुःख जो मजबूरियां आज मैं झेल रहा हूँ शायद उसकी आवश्यकता ही नहीं पड़ती।
तो अगर आप में जरा भी इमानदारी होगी तो आप कहेंगे की आज तक तो मैं इस शैतान के कहने पर चला हूँ, जिसका मतलब है ये शैतान तो भीतर बैठा ही है। अब मेरा काम है इस शैतान के स्थान पर देवता को स्थान देना।
तो अब हम जानेंगे कैसे भीतर के शैतान को मारकर हम भीतर देवता को विराजमान कर सकते हैं।
#1. सच्चाई को स्वीकार करें।
कहते हैं जीवन में कोई भी बड़ा बदलाव तभी आता है जब पहले मन में परिवर्तन होता है। इसलिए वे लोग जो एक सच्चा, पवित्र, आन्नद से भरा हुआ जीवन जीना चाहते हैं। उन्हें पहले स्वीकार करना होगा की जैसा जीवन मैं व्यतीत कर रहा हूँ उसमें झूठ है, उसमें अशांति है, वो अपवित्र है।
ठीक वैसे जैसे एक इंसान तब तक अपनी बीमारी को ठीक नहीं कर सकता जब तक वह यह स्वीकार न करे की वह वास्तव में बीमार है।
इसी तरह जब तक नहीं मानोगे जीवन कष्ट में बीत रहा है, मजबूरी के नाम पर कोई ऐसा काम कर रहा हूँ जो घटिया है, कुछ पैसों और सुविधाओं के लिए ऐसी जगह फंसा हुआ हूँ जहाँ रहकर जीवन में कुछ बेहतर नही हो सकता।
तो फिर आगे कुछ बदलने या बेहतर करने की भी सम्भावना लगभग खत्म हो जाती है।
#2. कर्म वो जो शान्ति लाये।
हम में से अधिकाँश लोग जिस तरह की नौकरी करते हैं, जो पढ़ाई करते हैं, जिन कर्तव्यों का पालन करते हैं उन्हें करने के दौरान भीतर से एक बेचैनी, अशांति छाई रहती है।
अधिकतर लोग इस बात को सामान्य समझकर नजरंदाज कर देते हैं, दुर्भाग्य से अधिकतर लोग इस बेचैनी और अशांति का इलाज शराब में, सेक्स में ढूंढते हैं।
उदाहरण के लिए कई सारे लोग अपनी जॉब से खुश नहीं होते वे एक मजबूर की भाँती उस काम को करते हैं और जब यह बेचैनी उनके भीतर खूब बढ़ जाती है तो फिर वह शनिवार रात पार्टी करते हैं, घूमते फिरते हैं इत्यादि।
पर यदि वाकई इस घोर अशांति को जीवन से हमेशा के लिए मिटाना है तो देख लीजिये अपने कर्मों का आधार क्या है, जिस भी लालच,डर, मोह और मजबूरी के कारण आपको कोई काम करना पड़ रहा है आज ही उस कारण को खत्म कीजिये, आपके जीवन से अशांति गायब हो जाएगी।
#3. जीवन में प्रेम को जागृत करना।
इंसान होने की यही खासियत है की हमें प्रेम हो सकता है। पर अधिकांश लोग उस प्रेम को जागृत किये बिना ही मर जाते हैं, जी हाँ प्यार करना कोई सरल बात नहीं होती।
क्योंकी भीतर प्रेम हो इसके लिए जरूरी है मन का निर्मल होना। और मन साफ़ तभी होता है जब भीतर मन में छल कपट, शोषण, लालच,डर इत्यादि समाप्त हो जाता है तो फिर भीतर मात्र प्रेम शेष रहता है।
और प्रेम का ही दूसरा नाम देवत्व है,क्योंकी भलाई करने की पात्रता और अधिकार सिर्फ प्रेम के पास होता है, जिसके भीतर प्रेम नहीं वो खुद भी नर्क में जियेगा और दूसरों को भी नर्क में डालेगा।
जानें:- प्रेम क्या है? क्या नहीं
#4. झूठ के आगे सर न झुकाना।
शैतान की शक्तियों को कम करना है तो बस जीवन में जब कभी ऐसा मौका आये जब सही बात को छिपाने के लिए डर आये, मन में लालच आये तो बस झुक मत जाना। खड़े रहना और कहना चाहे जो हो जाए जो सही कर्म है, सही बात है मैं तो उसी के पक्ष में रहूँगा।
आपका महज इतना सा प्रयास आपको भगवान राम और कृष्ण का आशीर्वाद देने के लिए काफी होता है, और जिसके साथ राम हैं, सच्चाई है क्या कभी उसका बुरा हो सकता है? नहीं न, पर हम अपने छोटे छोटे स्वार्थों की खातिर झूठ को भी सच्चाई मानकर जीवन जीते हैं। और जीवन हमें बाद में इसकी कठोर सजा देता है।
#5. निष्काम कर्म करना।
उपनिषद, भगवदगीता जैसे हिन्दुओं के धार्मिक ग्रन्थ हमें भीतर के इस शैतान को मारने की एक विधि बताते हैं निष्काम कर्म। अमूमन हम जीवन में प्रत्येक कर्म इसी लिए करते हैं क्योंकि उस कर्म को करके हमें कोई लाभ होता है।
लेकिन भगवद्गीता कहती है की आत्मज्ञान प्राप्त कर जब तुम किसी ऐसे ऊँचे कार्य को करते हैं जिसे करने के पीछे आपका व्यक्तिगत लाभ या उद्देश्य नहीं है, बस आप उस काम को इसलिए कर रहे हैं क्योंकि सही और जरूरी है। यही निष्कामता है।
उदाहरण के लिए आपने देख लिया है हमारी शिक्षा व्यवस्था बड़ी खराब है, और इसमें बदलाव लाना चाहिए। तो अब आपने इस महान कार्य को करने की जिम्मेदारी ले ली है, आप जानते हैं इस काम को करके मुझे व्यक्तिगत रूप से कुछ नहीं मिलेगा पर बच्चों का जीवन सुधर जायेगा।
अतः इस सोच के साथ जब आप कर्म करते हैं तो इसी निष्कामता का बड़ा लाभ यह होता है की जिन बातों से एक सांसारिक इंसान दुखी होता है, आपको उनसे कोई फर्क ही नहीं पड़ता। क्योंकी आप जान चुके हैं की सुख दुःख तो आते रहते हैं, हमने जीवन में कुछ ऐसा काम पकड लिया है जिसको अब नहीं छोड़ सकते।
और यही देवत्व की निशानी होती है, जब ऐसे जीते हो तो भीतर प्रेम, करुणा होती है मन को एक असीम शांति और आनन्द का अनुभव होता है। इसी से भीतर का शैतान मरता है, क्योंकी अब आप जिन्दगी मन के कहने पर नहीं सत्य/सच्चाई के कहने पर जीने लगते हैं।
FAQ
बेचैन मन द्वारा किया जाने वाला हर एक काम शैतानी हरकत के रूप में जाना जाता है।
शैतान का असली नाम मन है, यही मन है जो भीतर शैतान के रूप में निवास कर इंसान को घटिया से घटिया कामों में संग्लन रखता है।
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अंतिम शब्द
तो साथियों इस लेख को पढने के बाद शैतानी शक्ति कैसे प्राप्त करें? इस प्रश्न का सरल और सच्चा उत्तर आपको मिल गया होगा। लेख को पढ़कर कोई प्रश्न या सुझाव है तो कमेन्ट में बताएं साथ ही लेख उपयोगी साबित हुआ है तो इसे अधिक से अधिक शेयर भी जरुर कर दें।