सांच बराबर तप नहीं झूठ बराबर पाप | कबीर साहब

सांच बराबर तप नहीं झूठ बराबर पाप का असली अर्थ

भारत की भूमि पर अनेक महान संतों का जन्म हुआ, उन्हीं में से एक हैं कबीर साहब। आज हम उन्हीं के कहे गए एक प्रसिद्ध दोहे सांच बराबर तप नहीं झूठ बराबर पाप नामक इस दोहे का सच्चा और सीधा अर्थ समझेंगे ताकि हम संत कबीर की सीख को जीवन में अपना सके। देखिये जिस … Read more