दूसरों को सिद्ध करने की जरूरत क्यों? Chapter 17 Summary | सम्बन्ध पुस्तक

दूसरों को सिद्ध करने की जरूरत क्यों

कई बार हम सही होते हैं पर चूँकि हमें कोई झूठा साबित करने की कोशिश करता है तो हम अपना कीमती समय स्वयं को सही साबित करने में बर्बाद कर देते हैं। इसी को लेकर प्रश्नकर्ता ने आचार्य जी से प्रश्न किया है जिसमें आचार्य जी ने बताया है की दूसरों को सिद्ध करने की … Read more

साथ हैं, क्योंकि प्रेम है, या आदत है? Chapter 9 Full Summary in Hindi

साथ हैं, क्योंकि प्रेम है, या आदत है

कई लोगों के लिए अकेलापन एक डरवाने सपने की तरह होता है, थोड़ी देर वो एकांत में रहें तो वो परेशान हो जाते हैं वो मोबाइल ढूंढते हैं, उठकर किसी से मिलने चल देते हैं! यह अवस्था अगर आपकी जिन्दगी में भी है तो आपकी स्तिथि कुछ अच्छी नहीं है। ( साथ हैं, क्योंकि प्रेम … Read more

सम्बन्ध लाभ-आधारित, तो प्रेम रहित | अध्याय 6

सम्बन्ध लाभ-आधारित, तो प्रेम रहित

प्रेम को लेकर अनेकों बार आचार्य जी ने विस्तार से चर्चा की है, लेकिन इस अध्याय में हम समझेंगे न सिर्फ लोगों से बल्कि वस्तुओं से भी हमारा सम्बन्ध बहुत गलत होता है। ( सम्बन्ध लाभ-आधारित तो प्रेम रहित Chapter 6) जिस तरह लोग अपना मतलब साधने के लिए लोगों का इस्तेमाल करते हैं, उसी … Read more

मोह भय में मरे, प्रेम चिंता न करे| Chapter 5 Sambandh Book Summary i

मोह भय में मरे, प्रेम चिंता न करे

अक्सर हमें अपने परिवार के भविष्य की बड़ी चिंता सताती है, क्योंकि हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है हमारा परिवार! इसलिए परिवार से हमारी बड़ी उम्मीदें जुडी होती हैं। कई लोग तो अपने वर्तमान को छोड़कर भविष्य में जीना शुरू कर देते हैं ताकि जो परिवार की स्तिथि आज खराब है वो आने वाले समय … Read more

हमारे रक्त-रंजित सम्बन्ध | अध्याय 4 | Sambandh Book Summary

हमारे रक्त-रंजित सम्बन्ध

सम्बन्ध नामक इस पुस्तक के चौथे अध्याय में आचार्य जी समझाते हैं की आम लोगों का प्रेम कैसे रिश्तों में अपने फायदों के लिए किसी की जान भी ले लेता है। (हमारे रक्त-रंजित सम्बन्ध ~ Chapter 4 Summary) जी हाँ, हमारी रोजमर्रा की जिन्दगी में अधिकतर सम्बन्ध खून के प्यासे भी होते हैं, पर चूँकि … Read more