झूठा प्रेम | Chapter 7 | Sambandh Book Full Summary

झूठा प्रेम

आज सम्बन्ध नामक इस पुस्तक का सांतवा अध्याय हम आपके समक्ष लेकर आये हैं,जिसमें हमें पता चलता है सदियों से लोग जिस चीज़ को प्रेम कहते आये हैं वो वास्तव में प्रेम होता ही नहीं। ( झूठा प्रेम Chapter 7 Summary) प्रेम को कभी हम मोह समझ लेते हैं तो कभी आकर्षण और आचार्य जी … Read more

सम्बन्ध लाभ-आधारित, तो प्रेम रहित | अध्याय 6

सम्बन्ध लाभ-आधारित, तो प्रेम रहित

प्रेम को लेकर अनेकों बार आचार्य जी ने विस्तार से चर्चा की है, लेकिन इस अध्याय में हम समझेंगे न सिर्फ लोगों से बल्कि वस्तुओं से भी हमारा सम्बन्ध बहुत गलत होता है। ( सम्बन्ध लाभ-आधारित तो प्रेम रहित Chapter 6) जिस तरह लोग अपना मतलब साधने के लिए लोगों का इस्तेमाल करते हैं, उसी … Read more

माँ- बाप समझते क्यों नहीं? Chapter 2| Sambandh Book Summary

माँ- बाप समझते क्यों नहीं

हम में से अधिकतर लोग कुछ नया, बेहतर करने के लिए कोई निर्णय लेते हैं लेकिन अधिकांश मामलों में देखा जाता है माता-पिता हमारे फैसले के विरोध में ही खड़े होते हैं। ( माँ- बाप समझते क्यों नहीं Chapter 2) बिना यह समझे बूझे की हमारी मंशा, उद्देश्य क्या है? वो सीधे नकार देते हैं। … Read more

सम्बन्ध क्या हैं? | sambandh Book Summary| Acharya Prashant

सम्बन्ध क्या हैं

समाज में रहने वाले हर व्यक्ति के अपने परिवार, दोस्तों या रिश्तेदारों से सम्बन्ध तो होते ही हैं, पर इन संबंधो की गुणवत्ता (क्वालिटी) कैसी होनी चाहिए? इसका चयन करना भी व्यक्ति के हाथों में ही होता है। ( सम्बन्ध क्या हैं Chapter 1 book summary) दुर्भाग्यवश हमारी नासमझी की वजह से आजकल हर दूसरा … Read more