जिन्दगी में क्या करना चाहिए? जीवन में करने योग्य क्या है?

कहते हैं जिन्दगी अनमोल है, और हमारे कर्म ही हमारी सफलता या असफलता को निर्धारित करते हैं ऐसे में सवाल आता है की जिन्दगी में क्या करना चाहिए? कौन सा ऐसा काम करें जिससे जीवन सार्थक हो जाए।

जिन्दगी में क्या करना चाहिए

यदि आप अपने करियर और काम चुनने का हक़ अपने परिवार, समाज को नहीं देना चाहते बल्कि खुद अपनी समझ और विवेक से एक श्रेष्ठ काम चुनना चाहते हैं।

जिसे करके आपको खुद पर गर्व हो। और अपना दैनिक जीवन सुख & समृद्धि से परिपूर्ण हो तो आपको इस लेख को ध्यान से पढना चाहिए ताकि किसी के दबाव में आये बिना निष्पक्ष रूप से आप जीवन में सही काम चुन सके।

ये बात इसलिए भी समझनी बेहद जरूरी है क्योंकि जो दोस्त, प्रियजन हमें किसी नौकरी या पद को हासिल करने की सलाह देते हैं वो खुद अपनी नौकरी या व्यापार करके खुश नहीं है।

अतः इससे पहले की आप दूसरों की बातों से, उनके इरादों से प्रभावित हो आपकी अपनी समझ ही आपको जीवन में सही काम करने में मदद करेगी।

अन्यथा दूसरों के कहने पर आप जो भी काम चुनोगे उसमें आपका मन नहीं लगेगा और आप काम करके पैसा कमाने के बावजूद दुखी और परेशान रहेंगे। तो चलिए हम समझते हैं की

जिन्दगी में क्या करना चाहिए| जिन्दगी में कौन सा काम करें?

अपने लिए सही काम का चुनाव दो तरीकों से किया जा सकता है। पहला वो काम जो तुम्हारी आंतरिक दुर्बलता को मिटाए, दूसरा वो काम जो समाज और संसार की समस्या को खत्म करे।

वे लोग जिन्हें लगता है अभी मुझमें किसी चीज़ का डर, लालच इत्यादि बहुत है और भीतर मेरी अनेक समस्याएं हैं जिन्हें सुधारना बेहद जरूरी हैं।

उदाहरण के लिए आपके मन में पैसे का लालच बहुत है और आपको लगता है की कम पैसों में गुजारा होना सम्भव नही है तो काम ऐसा चुनें जहाँ पैसे कम मिलते हो।

इसी तरह आपको लोगों से बात करने में शर्म, झिझक होती है तो काम ऐसा चुनें जहाँ अधिक से अधिक लोगों से बातचीत करने का मौका मिलता हो।

इसी तरह आपको नींद बहुत आती है, कामवासना बहुत सताती है, आलस्य बहुत आता है तो काम ऐसा करें जिस काम से आपकी समस्या का समाधान हो।

पर हम आमतौर पर हम इस तरह काम का चयन नहीं करते, हम परिवार और समाज के कहने पर अपने करियर का चयन करते हैं। इसी वजह से हमें पैसा इत्यादि आसानी से मिल जाता है पर हम भीतर से तब भी परेशान रहते हैं।

तो इस तरह आप अपनी किसी भी आन्तरिक कमियों का सुधार कर सकते हैं, इस बात में कोई दो राय नहीं की अधिकतर लोगों में भीतर से कुछ न कुछ कमियां अवश्य होती हैं।

लेकिन यदि आप उन लोगों में से हैं जिन्हें लगता है मेरे अन्दर ऐसी कोई ख़ास कमी नहीं है जिसका मैं  सामना न कर पाता हूँ तो ऐसे में आपके पास विकल्प है किसी ऐसे काम को करने का जिसे इस समय देश को दुनिया को बहुत जरूरत हो।

यह काम कुछ भी हो सकता है। दुनिया में बहुत से ऐसे काम हैं जिसे करने के लिए योद्धाओं की जरूरत है। उदाहरण के लिए आप जानते हैं रोजाना दुनिया में करोड़ों जानवरों मुर्गी, बकरी, भैंस को हमारे स्वाद के लिए अपनी जान देनी पड़ती है।

और आप इन निर्दोष जानवरों की निर्मम तरीके से होने वाली मौत को स्वीकार नहीं करते। तो आप वो काम कर सकते हैं जिससे लोगों के दिलों में इन जानवरों के प्रति प्रेम उपजे, उनमे दया, करुणा विकसित हो।

शुरुवात आपकी छोटे स्तर से ही होगी लेकिन आप इसी काम को अपना जीवन लक्ष्य बना लेते हैं तो यकीन मानिए अपने अंतिम दिनों में आपको गर्व होगा की मेरे पास पैसा, सम्मान और तमाम जीवन की सुख सुविधाओं को पाने का विल्कप था पर मैंने अपनी जिन्दगी उस काम में लगा दी जिसे करना ही मेरा धर्म था।

जीने का कोई सही तरीका है?

निश्चित रूप से सही जीवन जीने का एक ही तरीका है और वह यह है सच्चाई के मार्ग पर चलना। जी हाँ अब ये बात आपके मन को न सुहाए सम्भव है पर अगर आप चाहते हैं जीवन में प्रेम हो, शांति हो, निडरता हो, ऐश्वर्य हो तो यह मात्र सच्चाई से ही सम्भव हो सकता है।

क्योंकि यदि सच्चाई के सिवा यदि आपने लक्ष्य किसी भी वस्तु को बना लिया तो धोखा ही पाओगे। बहुत से लोग पैसे को लक्ष्य बनाते हैं, कुछ लोग स्त्री/पुरुष को लक्ष्य बनाते हैं तो किसी का मकसद जिन्दगी में लोगों से सम्मान पाना होता है।

और अपने इस मकसद को पूरा करने के लिए लोग खुद को बहुत तकलीफ दर्द भी देते हैं और खूब प्रयास करके उन्हें यदि अपना लक्ष्य मिल भी जाए तो फिर भी वो दुखी और बेचैन रहते हैं। इस बात का उदाहरण आप खुद के और समाज में लोगों के जीवन को देखकर जान सकते हैं।

मैंने देखा है बहुत से लोगों को पैसे के लिए घटिया काम करते हुए, मैंने देखा है लोगों द्वारा किसी ख़ास इन्सान को खुश करने के लिए बाकियों का शोषण करते, मैंने देखा है लोग दूसरों से तारीफ़ पाने के लिए कितनी बेवकूफियाँ करने के लिए तैयार हो जाते हैं।

तो अब आप समझ पा रहे होंगे की एक प्रेमपूर्ण, बेख़ौफ़ जिन्दगी जीने की बजाय अधिकतर लोग मजबूरी में, दुःख में, डर में कैसे पूरा जीवन बिता देते हैं। क्योंकि वे बेचारे जान ही नहीं पाते की सच्चाई के सिवा लक्ष्य संसार में किसी भी चीज़ को बना लिया तो मन को चैन तो मिलेगा ही नहीं।

इसलिए कहा गया की सत्य ही सबकुछ है, सच से बड़ा और सुन्दर कोई नहीं है।

जिंदगी को खूबसूरत कैसे बनाएं?

ठीक उसी तरह जैसे आपके चारों तरफ बीमारी फैली हो तो आप खुद भी स्वस्थ्य नहीं रह सकते उसी तरह जब तक हम खुद, हमारा समाज और सम्पूर्ण देश खूबसूरत नहीं होता हमारा जीवन खूबसूरत नहीं हो सकता।

जीवन की खूबसूरती चेहरे/सूरत जैसी नहीं होती जिसे हम खुद साफ़ कर लें तो रौनक आ जाएगी। क्योंकि जिन्दगी का मामला व्यक्तिगत नहीं होता। हमारा जीवन कैसा है? ये हमारे आसपास का माहौल तय करता है।

अगर हम ऐसे माहौल में रहते हैं जहाँ लोगों के इरादे नेक हो, मन में एक दूसरे के प्रति प्रेम हो तो जाहिर है खुशियाँ आएँगी और एक खूबसूरत जीवन होगा। पर आज हम जैसे हालात देख रहे हैं क्या वो खूबसूरती हमें दिखाई देती है?

सच्चाई यह है की हम जिस समाज में रहते हैं वहां लोग एक दूसरे के प्रति इर्ष्या, शोषण, क्रोध का भाव रखते हैं। और ये हालात अगर हमें बदलने हैं और चाहते हैं हमारी जिन्दगी अच्छी हो तो हमें अपने स्वार्थ से आगे बढ़ना होगा। हमें समझना होगा की सिर्फ अपना भला करके हम अपनी नैय्या पार नहीं लगा सकते।

इसलिए जानने वाले कह गए की जो सिर्फ अपने लिए जिए वो बन्दर है।

तो हमारा कर्तव्य बनता है की अपनी सोच बदलें और जो गंदी सोच समाज में लोगों के बीच व्याप्त है उसे हटाकर दिल में प्रेम की भावना उजागर करें। उसमें अवश्य ही मेहनत लगेगी दर्द होगा पर गंदगी हटाने के लिए किसी को तो आगे आना पड़ेगा न।

जीवन जीने के लिए क्या जरूरी है?

जीवन जीने हेतु पैसा और शिक्षा दोनों अत्यंत आवश्यक है। इन दोनों में से किसी भी चीज़ का अभाव है तो मनुष्य को शारीरिक मानसिक दोनों तल पर जीवन जीने में समस्या हो सकती है। धन इन्सान को जीवनयापन करने हेतु जरूरतों को पूरा करने में मदद करता है।

दूसरी तरफ शिक्षा से आशय आंतरिक और बाहरी दोनों तरह की शिक्षाओं से है। बाहरी शिक्षा माने संसार की समझ होना आमतौर पर जो हमें विद्यालय, कॉलेज और हमारे परिवार में शिक्षा दी जाती है वो हमारे भीतर दुनिया दारी की समझ विकसित करती है ताकि हमें समाजिक जीवन जीने में कठिनाई न हो।

इसके साथ ही आंतरिक शिक्षा जिसे आत्मज्ञान भी कहा जाता है। इसलिए आवश्यक है ताकि हम स्वयं को जान सके। यदि हमने संसार को जान लिया परन्तु ये मन क्या है? आत्मा क्या है? और मन का संसार और सत्य से क्या सम्बन्ध है? नहीं जाना तो हम जीवनभर सांसारिक ज्ञान होने के बावजूद गलतियाँ करते और दुःख झेलते हुए जीवन जियेंगे।

लेकिन जिस इंसान के पास सांसारिक ज्ञान होने के साथ साथ आत्मज्ञान है, वही मात्र एक सही जिन्दगी जीने के काबिल होता है।

✔  जानें आत्मज्ञान क्या है?

✔  आत्मा क्या है?

FAQ

Q: रात में कितने घंटे पढना चाहिए?

Ans: रात में माहौल शांत होता है जो की पढाई के लिए बेहद अनुकूल होता है अतः आप रात को 2 से लेकर 4 घंटे अवश्य पढ़ सकते हैं!

Q: 24 घंटे में कितने घंटे पढ़ना चाहिए?

Ans: दिन में आपको अधिकतम प्रयास पढाई करने का करना चाहिए! क्योंकि विद्यार्थी जीवन में छात्र का कर्तव्य पढ़ाई करना होता है अतः आप रोजाना 2 से 5 घंटे खुद से जरुर पढ़ें!

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अंतिम शब्द

तो साथियों इस पोस्ट को पढने जिन्दगी में क्या करना चाहिए? अब आप भली भाँती समझ गये होंगे। यदि काम के विषय में आपका और कोई प्रश्न है या अपनी राय है तो आप हमारे whatsapp नम्बर 8512820608 पर बेझिझक अपने विचारों को सांझा कर सकते हैं। साथ ही लेख उपयोगी साबित हुआ है तो इसे शेयर भी कर दें।

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