क्या प्रेम की कोई परिभाषा नहीं होती? Chapter 12 | Full Summary in Hindi

प्रेम को लेकर दिन में आचार्य जी को सैकड़ों प्रश्न/ कमेंट्स आते हैं, उनमें से अधिकांश सवाल आशिकों के प्रेम को लेकर आचार्य जी की कठोरता से जुड़े होते हैं? (क्या प्रेम की कोई परिभाषा नहीं होती? Chapter 12 )

क्या प्रेम की कोई परिभाषा नहीं होती

कई लोगों को लगता है आचार्य जी हम सामान्य लोगों के प्रेम को नहीं समझते, और उसकी अवमानना करते हैं, इसी तरह का एक प्रश्न आचार्य जी के समक्ष आया है, और हमेशा की तरह आचार्य जी बड़े सहज और सीधे अंदाज में इस प्रश्न का उत्तर देते हैं!

क्या प्रेम की कोई परिभाषा नहीं होती?

प्रश्नकर्ता” ” आचार्य जी आप लगातार सांसारिक प्रेम को झूठा सिद्ध करने में लगे रहते हैं, जब बड़े बड़े ऋषि, ज्ञानीजन प्रेम की परिभाषा नहीं दे सके तो आपको कैसे पता हमारा प्रेम सच्चा है या नहीं”

आचार्य जी: ये बढ़िया तरीका खोज निकाला है अपने प्रेम की वास्तविकता को न जांचने का ऐसा कहके तुम्हारे प्रेम में शरीर कितना है, मन कितना है, धोखा कितना है इन सब को न जांचने का..

मेरी वीडियोस आपको 2 श्रेणियों में मिलेंगी एक श्रेणी धर्म, संतों ज्ञानियों पर होती है जिसमें प्रेम की अक्सर चर्चा होती है, उन वीडियोस को लोग अक्सर नकार देते हैं दूसरी तरफ सांसारिक मुद्दों पर होती है वो लोग खूब देखते हैं!

प्रेम-प्रेम सब कहते हैं, पर प्रेम का अर्थ कोई नहीं जानता

अब एक बार फिर कहता हूँ !

प्रेम-प्रेम सब कोई कहें, प्रेम न जाने कोय | जा मारग साहब मिले प्रेम कहावै सो होय |

तो प्रेम की इस परिभाषा को अब तक सुना नहीं था, तो सुन लो ध्यान से रट जो और अन्दर तक लहू में बहा लो..

कहे रहे हैं प्रेम प्रेम जपता हर कोई मिलेगा! लेकिन प्रेम जानता कोई नहीं है, तो फिर यह प्रेम मिलता कैसे है? बोल रहे हैं जिस रस्ते पर साहब यानी वो जो सबसे ऊँचा है, वो मिलता है!

अर्थात जहाँ जाकर तुम्हारे जीवन में सच्चाई, शांति आती है तुम्हारी चेतना साफ होती है और आप सभी बन्धनों से मुक्त होते हो वही मार्ग साहब का होता है!

बाकि इसके अलावा और कुछ प्रेम नहीं होता

प्रेम जो आ जाए, और फिर चले जाए वो प्रेम नहीं होता

आचार्य जी कह रहे हैं प्रेम वो नहीं जो जीवन में किसी के आने से आ जाये, और उसके जाने से चला जाये, प्रेम न तो किसी घटना का नाम है और न ही व्यक्ति का नाम..

पर हम तो इसी भ्रम को प्यार का नाम देते हैं! हमें फिल्मों ने और कुछ प्रसिद्ध शायरों और गायकों ने सिखा दिया है प्रेम तो एक शक्स से होता है, जिसके आने से जिन्दगी में बहार आती है और जाने से मातम छा जाता है!

आगे आचार्य जी कहते हैं भीतर तुम्हारे अन्दर जो अपूर्णता होती है जो अन्दर ही अंदर घुटता सा रहता है, उसे हम विरह कहते हैं वास्तव में यही प्रेम का दूसरा नाम है!

और ये कशिश, ये बेचैनी तुम्हारे पैदा होने से ही तुम्हारे साथ है, किसी के जीवन में आने से वो अन्दर प्रवेश नहीं करती! तुम्हारी चेतना की मूल तड़प सदा से ही प्रेम के लिए प्यासी है!

इसलिए जिस मारग साहब मिलते हैं जहाँ पहुचकर हमें चैन मिलता हो, मुक्ति मिलती हो उसी मारग को वास्तव में प्रेम कहते हैं! लेकिन प्रायः आप जिसे कहते हैं वो क्या तुम्हें ये सब दे पाता है?

नहीं न, इसलिए तो जो व्यक्ति आपको प्रेम प्रसंग में नहीं दिखाई देगा, उसकी जिन्दगी में फिर भी थोड़ी बहुत शांति, सहजता मिल सकती है लेकिन जो प्रेमी/आशिक हो वो तुम्हें अनुत्तेजित, मौन, शांत और ध्यानस्थ दिखे ऐसा हो ही नहीं सकता!

प्रेम और अंधविश्वास

आचार्य जी आगे समझाते हैं की अन्धविश्वास सिर्फ यह नहीं है की फलाने गाँव में लुटिया देवी मर गई और उनकी आत्मा पेड़ पर लटकी है, बल्कि अन्धविश्वास हर वो चीज़ है जो तुमने समझी नहीं जानी नहीं पर मान ली!

और इस बात में कोई शक नहीं की अधिकतर प्रेमी जोड़े अन्धविश्वासी होते हैं, इसलिए आचार्य जी जोड़ते हैं तुम्हें न अपना पता है न आकर्षण का, न स्त्री परुष का, और फिर तुम्हें प्रेम का मतलब कैसे पता हो सकता है?

आचार्य जी कह रहे हैं ” बहार का अन्धविश्वास मिटाने के लिए दुर्भाग्यपूर्ण विज्ञान ने बड़ी तरक्की कर ली है, लेकिन अन्दर के अंधविश्वास को हटाने के लिए तुम्हें अध्यात्मिक ग्रंथो की ओर आना ही होगा, इन्हीं को जानकार आप अपने जीवन का अवलोकन करोगे, सच्चाई मुक्ति की तरफ बढोगे इसी से आपका अन्धविश्वास छटता जायेगा”

पिछले अध्याय पढ़ें:-

« राधा- कृष्ण में भी प्रेम था, पर हमारे प्रेम को सम्मान क्यों नहीं? Chapeter 11

« रिश्तों में प्रेम क्यों नहीं है? Chapter 10

« क्या प्रेम एक भावना है? Chapter 9 

« बेबी – बेबी वाला प्यार Chapter 8

अंतिम शब्द

तो साथियों इस तरह हमने जाना क्या प्रेम की कोई परिभाषा नहीं होती? अगर आप इस समरी को डिटेल में इस पुस्तक में पढना चाहते हैं तो आप इस पुस्तक को Amazon से ऑर्डर कर सकते हैं, पोस्ट अच्छा लगा हो तो शेयर करना तो बनता है!

Leave a Comment