भगवान से क्या मांगना चाहिए? खुशियाँ छा जायेंगी!

भगवान के आगे सर झुकाकर अपनी इच्छा पूर्ती हर कोई करना चाहता है पर सवाल आता है की भगवान से क्या मांगना चाहिए? ताकि हम बेहतर हों और हमारी जिन्दगी अच्छी हो सके।

भगवान से क्या मांगना चाहिए

आपको जानकर हैरानी होगी बहुत से लोग ऐसी ऐसी उटपटांग चीज़ें भगवान से मांगते हैं जिन्हें सुनकर भगवान भी हैरान हो जाते होंगे। अब सवाल आता है की ये बात मुझे कैसे पता?

तो देखिये जब मैं नामसझ था, मेरे मन में ढेरों इच्छाएं हुआ करती थी। मैं अपने आस पास लोगों को, दोस्तों को जैसे देखता था उनकी तरह ही जीने की ख्वाहिश मन में उठती थी, कभी ये तो कभी वो मैं भगवान से मांगने की कोशिश करता था।

पर समय के साथ जैसे जैसे मैं लाइफ में अच्छे लोग, अच्छी किताबों की संगती में आया तो मालूम हुआ की मैं यहाँ भगवान से चंद रूपये और चीज़ें मांग रहा हूँ लेकिन भगवान तो मुझे अनमोल चीज़ें दे सकते हैं।

Disclaimer: इस लेख में लिखी बातों को पढ़कर जीवन में गहरा बदलाव आ सकता है, कृपया ध्यानपूर्वक पोस्ट को अंत तक जरुर पढ़ें।

भगवान से क्या मांगना चाहिए?

निश्चित रूप से इस प्रश्न का जवाब एक नहीं हो सकता, चूँकि हर इन्सान की परिस्तिथियाँ अलग हैं, परेशानियाँ अलग हैं अतः हर किसी के लिए भगवान से मांगे जाने वाला विषय अलग हो सकता है।

लेकिन एक बात सभी लोगों में सांझी (कॉमन) है, जो मुझमे भी है और आप में भी है। जो मुझे भी चाहिए आपको भी। और वो है शान्ति, वो है प्रेम, वो है सच्चाई।

कोई नहीं चाहता की वो अशांत रहे, इसलिए यदि हम दिनभर में अपने एक एक कर्म को देखें तो आप पायेंगे की हर कर्म को करने के पीछे उद्देश्य एक ही है शान्ति

इसी तरह कोई नहीं चाहता उसके मन में नफरत हो, घृणा हो, हर इंसान को प्रेम की चाहत है।

इसके साथ ही हर कोई सच जानने की कोशिश में लगा रहता है। झूठी बातें किसी के मन को संतुष्ट नहीं कर पाती।

ये सारी बातें हमें संकेत देती है की कुछ चीजों की चाहत सभी को होती है, और वो न मिले तो मनुष्य परेशान हो जाता है उसका जीना दूभर हो जाता है।

अतः उसी के आधार पर अब हम समझेंगे की भगवान की पूजा के दौरान हमें कुछ भी मांगने से पहले किस बात का ध्यान रखना चाहिए

भगवान से मांगे ये 6 चीज़ें? जीवन में रौनक जाएगी।

#1. मांगने से पहले जानें खुद को।

हम अक्सर भगवान से वो चीज़ें मांगते हैं जिनकी हमें आवश्यकता ही नहीं। और गजब बात ये है की ऐसी चीजें यदि मिल भी जाए तो मन संतुष्ट होता नहीं।

उसकी एक इच्छा पूरी हो जाए तो फिर वह दूसरी इच्छा के पीछे भागता है। इस तरह व्यक्ति अपना जीवन इच्छाओं को पूरी करने में गवा देता है।

लेकिन जिन्होंने भी जीवन को जाना है, समझा है उन्होंने कहा है की कुछ भी मागंने से पहले अर्थात किसी भी चीज़ को पाने की कोशिश करने से पहले देख तो लो क्या वाकई तुम्हें उस चीज़ की जरूरत है।

अगर जरूरत नहीं है और फिर भी वो चीज़ तुम्हें मिल गयी तो वही तुम्हारे लिए घातक हो जाएगी। उदाहरण के लिए कोई कहे मेरी चाहत है हेलिकोप्टर खरीदना।

तो पूरी जिन्दगी लगाकर अगर उसकी इच्छा पूरी हो भी गई तो बताइए उसका उसे कुछ लाभ होगा? नहीं न।

इसलिए ज्ञानी, संत, ऋषि और धर्म हमें संदेश देता है की उठो जागो, कुछ भी मत मांगो सही चीज़ मांगो। और सही चीज इन्सान तभी मांग सकता है जब वो देख ले की उसको क्या चाहिए?

आपको जानकर हैरानी होगी की अधिकाँश लोग जगे हुए नहीं होते हैं वो बस किसी दूसरे से प्रभावित होकर भगवान से कुछ भी मांग लेते हैं।

लेकिन आपको ऐसा नही करना आपको साफ़ साफ़ देखना होगा और इन कुछ प्रश्नों के साफ़ साफ जवाब हासिल करने होंगे।

  1. मैं कौन हूँ?
  2. मैं क्या चाहता हूँ?
  3. क्या उस चीज़ को पाकर मुझे वो ख़ुशी, आनंद मिल जायेगा जो मैं चाहता हूँ।
  4. जीवन क्यों मिला है?
  5. जीवन में शांति कैसे मिलेगी?
  6. धर्म क्या है? धर्म पर क्यों चलना जरूरी है?
  7. माया क्या है?
  8. जिन्दगी में सही काम कौन सा है?

अर्थात जब आप खुद से इस तरह के प्रश्न पूछ लेते हैं जिनसे की आपको अपनी और दुनिया की हकीकत पता चल जाये तो फिर आप भगवान से सही चीज मांग सकते हैं।

#2. अपनी दुर्बलताओ से लड़ने की शक्ति!

जो व्यक्ति ये जान गया है की उसकी हालत क्या है? जो जान गया है की मेरे दुःख और परेशान होने का कारण क्या है? अब जाहिर है ऐसे व्यक्ति को अपनी हालत ठीक करने में हिम्मत और साहस तो चाहिए होगा ही।

उदाहरण के लिए मुझे मालूम हो गया की मेरे अन्दर लालच बहुत है जिसकी वजह से मुझे नौकरी में अपने बॉस की गलत बातों को भी सुनना पड़ता है।

तो ऐसी स्तिथि में अपनी इस कमी को सुधारने के लिए मेरे पास एक ही उपाय है, अगर मैं चाहता हूँ की मैं दुःख में, परेशानी में, मजबूरी में न जियूं तो इसके लिए मुझे अपने भीतर के लालच को कम करना होगा।

बॉस की चापलूसी करके मुझे भले महीने के 10 हजार का नुकसान हो जाए पर मैं उसकी गलत बातों को नहीं सुनूंगा।

इस तरह जब आप अपने ही भीतर के लालच को शांत कर देते हैं तो फिर जिन्दगी में आप लगातार बेहतर बनते जाते हैं।

#3. भगवान से मांगे सत्य के पथ पर चलने की शक्ति।

सच्चाई के प्रति प्रेम। क्योंकि ये शक्ति नहीं मिली तो समझ लीजिये जो मिला भी है उसकी कदर नही हो पायेगी।

उदाहरण के लिए मुझे अपनी और दुनिया की सच्चाई नहीं मालूम तो जाहिर सी बात है मैं किसी भी ऐरी गैरी वस्तु पर भरोसा कर लूँगा। मुझे लगेगा इसी की देखभाल करके जिन्दगी बेहतर होगी।

ये वैसी ही बात है जैसे कोई राजा हो और वो सारा समय अपनी तलवार का ध्यान रखने में बिता दे। इसी तरह हम होते हैं जो नहीं जानते की जीवन में क्या पकड़ने लायक है और किस चीज़ का त्याग होना चाहिए।

यही कारण है की फिर जो मिलता है हम उसी को सच मानकर सीने से लगा लेते हैं। दूसरी तरफ जो व्यक्ति जान गया सच्चाई क्या है अब वो सत्य की राह पर चलेगा।

उसके भीतर चाहे कितना भी डर क्यों न आ जाए, कोई उसे कितना लालच क्यों न दे दे वो बुरी चीजों को नहीं पकड सकता।

#4. भगवान का साथ बने रहने की करें प्रार्थना।

भले आप भगवान से और कुछ न मांगे अगर आपने सिर्फ ये प्रार्थना कर ली की हे प्रभु। मुझसे अनजाने में चाहे कितनी गलती हो जाए पर फिर भी अपना आशीर्वाद और साथ मुझपर बनाये रखना।

और आप ये बात दिल से कह रहे हैं तो समझ लीजिये आपने सबसे बड़ी चीज़ भगवान से मांग ली है।

क्योंकि राम मेरे साथ हैं कहने का अर्थ है की सच्चाई मेरे साथ है, और जिसके साथ में सत्य है उसे फिर डरने की कोई आवश्यकता नहीं रहती।

ये वैसी ही बात है जैसे घने अँधेरे में जहाँ बाकी लोग डरे हुए हैं क्योंकि उन्हें लगता है की भूत कहीं नजदीक है, दूसरी तरफ आप जानते हैं की भूत प्रेत कुछ नहीं होता तो आप मस्त आराम से चल रहे हैं।

तो एक बेफिक्री आ जाती है इन्सान के जीवन में जब वो सच्चाई के रास्ते पर चलता है। ध्यान रहें जो भगवान के बताये रास्ते पर चलता है समझ लीजिये वो सत्य के रास्ते पर चलता है।

#5. जन्म का उद्देश्य याद रहें।

मरने से पहले बहुत कम लोग जी पाते हैं, अधिकतर लोगों की आँखें खुली होती हैं पर वो जिन्दा लाश होते हैं।

जानते हैं कौन से लोग होते हैं जो जीवन को असल में जी पाते हैं वे लोग जिन्हें मौत याद रहती है जो जानते हैं की जीवन का अंतिम सत्य क्या है?

ऐसे लोग भली भाँती समझते हैं की जीवन एक प्रश्न पत्र यानी Question paper की तरह है, जो व्यक्ति समय रहते प्रश्नों को हल कर लेता है, उसका जीवन आनन्द से भरपूर होता है।

वहीँ वे लोग जो इस अनमोल जीवन को खाने पीने और सोने में गवा देते हैं और सार्थक कर्म नहीं करते उन्हें मौत बड़ी डराती है।

इसलिए भगवान से कुछ माँगना ही है तो प्रार्थना करें की जीवन की सार्थकता आपको मालूम हो।

#6. सही इन्सान बनने की प्रार्थना।

प्राकृतिक रूप से हमारे भीतर डर, लालच और वो सब कुछ है जो एक जानवर में होता है लेकिन जानवरों को खाना, पीना सोना मिल जाये तो वो मस्त आराम से रहते हैं।

उन्हें कोई अच्छे कर्म नहीं करने पड़ते। पर मनुष्य एकलौता ऐसा जीवन है जिसकी शारीरिक भूख भले ही मिट जाए लेकिन मन उसका तब भी शांत नही होता।

इसलिए इसी मन को शांति तक, सच्चाई तक और प्रेम तक ले जाने के लिए मनुष्य को धर्म की जरूरत पड़ती है। धर्म ही वास्तव में एक इन्सान को इन्सान बनाता है।

वरना। मनुष्य में सारे गुण जानवर की तरह होते हैं। तो भगवान के सामने जब भी कुछ मांगने का विचार करें तो यही कहें की हे प्रभु मुझे बस इन्सान बना देना। आपसे यही प्रार्थना है।

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अंतिम शब्द

तो साथियों इस तरह जब आप रुपया पैसा, इज्जत नहीं बल्कि भगवान से अनमोल चीज़ें जैसे प्रेम, शांति,सच्चाई, करुणा मांगते हैं तो भगवान आपको वो देते हैं जो पृथ्वी में बहुत कम लोगों को मिलती हैं।

हमें आशा है भगवान से क्या मांगना चाहिए? इस प्रश्न का सही उत्तर अब आपको भली भाँती मिल चुका होगा।

लेख को पढ़कर किसी तरह का सवाल मन में है तो इस हेल्पलाइन नम्बर 8512820608 पर whatsapp करें साथ ही लेख को अधिक से अधिक शेयर भी कर दें।

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