प्यार की शुरुवात कैसे होती है? जानें कैसा होता है प्रेम का सफ़र

अगर आपको लगने लगा है की आप किसी के प्यार में पड़ चुके हैं? किसी को अपने से ज्यादा चाहने लगे हैं तो फिर प्यार की शुरुवात कैसे होती है? आपको जरुर जानना चाहिए।

प्यार की शुरुवात कैसे होती है

प्यार होना वास्तव में जिन्दगी की बेहद खूबसूरत बात है, पर गलतफहमी ये है की कई बार लोग बिना कुछ जाने बूझे कह देते हैं की मुझे प्यार हो गया।

और ये ऐसे लोग होते हैं जिन्हें कह दिया जाये आपका प्यार 200km आगे है, पाना है तो अभी ट्रेन में चढ़ जाओ ऐसे लोग बिलकुल ट्रेन में चढ़ने से परहेज करेंगे।

प्यार इतनी हलकी चीज़ है क्या? जिसे पाने के लिए न कोई मेहनत, न कोई प्रयास करना है।

प्यार में होने वाले इन्सान के पास तो इतनी ताकत आ जाती है की प्यार के लिए अगर उसे अपनी सुख सुविधाएँ भी छोडनी पड़े तो वो तैयार रहता है।

अगर आपको भी ऐसा प्यार किसी से हो चुका है, जिसके लिए आप कुछ भी कर सकते हैं तो आइये जानते हैं

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वास्तव में जब किसी को प्यार होता है तो उसका जीवन आन्तरिक रूप से बदल जाता है, अर्थात मन उसका पहले जैसा नहीं रहता, जो मन पहले सोचता था की किसी तरह मेरा फायदा हो जाये सामने वाले के साथ बात करके

अब वही मन सामने वाले इंसान की मदद के बारे में उसकी भलाई हेतु सोचता है, इसी तरह जो मन पहले फालतू चीजों में समय नष्ट करता था अब वही मन कहता है यार। समय बड़ा कीमती है जरा इसको कुछ बेहतर करने में लगाया जाए।

तो इस तरह प्यार में इन्सान की लाइफ ही ट्रांसफॉर्म हो जाती है, तो आइये जानते हैं जो इन्सान किसी लड़की, लड़के या किसी भी इन्सान से प्यार करता है या खुद से ही प्यार करना जान चुका है उसके लिए शुरुवाती लक्षण या शुभ लक्षण कौन से हैं।

#1. दूसरे के प्रति आपका इरादा

जिस भी इंसान के लिए आपको लगता है दिल में बेहद प्रेम है जरा खुद से पूछिए उसे दिल देने का कारण क्या है?

क्या उसकी खूबसूरती, मनमोहनी छवि से आकर्षित होकर आप उसको बाहों में भर लेना चाहते हैं और उसको और खुद को खुश करना चाहते हैं या फिर उससे प्रेम है क्योंकि आप उसके अच्छा होने की कामना रखते हैं।

अगर इरादा अपने प्रेमी से किसी तरह के स्वार्थ का नहीं है तो मित्र तुम प्यार में पड़ गए हो, जैस राह चलते किसी व्यक्ति की आपने छोटी सी मदद कर दी है और पता है बदले में वो देगा कुछ नहीं।

पर करुणा की खातिर आप उसकी मदद कर रहे हैं, इसी तरह प्यार भी होता है जिसमें आप बहुत कुछ देने की हिम्मत रखते हैं लेकिन उससे चाहने की इच्छा बिलकुल नहीं होती।

तो अगर इरादा सिर्फ किसी का कल्याण, भला करने का है तो आप प्रेम में पड़ चुके हैं।

#2. दूसरे का गुस्सा झेलने की शक्ति

कई बार देखा है घर के छोटे बच्चे यहाँ तक की हम भी जब स्कूल में पढ़ा करते थे तो मम्मी पापा हमें टोकते थे ताकि हम फिर से गलती न दोहरा सके।

दूसरे का गुस्सा झेलने की शक्ति

और हमें बेहद बुरा लगता था, उसी तरह जिस इन्सान से आप प्यार करते हैं न, भले उसके प्रति आपके मन में कोई खोट न हो, कोई इच्छा न हो उससे कुछ फायदा लेने की

और तब भी आप उसकी भलाई के लिए आप उसका हाथ पकड़कर ऊँचा उठाते हो न, तो अक्सर वो दांतों से आपका हाथ काटता है। अब ऐसे में कई लोग जिनका जिगरा छोटा होता है वो कहते हैं इरादा भी मेरा गलत नहीं था, कोशिश भी मैंने की और बदले में दुःख मुझे ही मिला।

तो अगर आप अपने प्रेमी की खातिर इतनी चोट खाने को तैयार हैं तो फिर आपके प्यार की शुरवात हो चुकी है।

#3. चुनौतियों के लिए खुद को तैयार रखना।

देखिये जिस इन्सान को खुद से या दूसरे से प्रेम होगा उसके रास्ते में कठिनाइयाँ तो आएँगी ही, कई बार स्तिथियाँ ऐसी होंगी जब पता होता है की मेरे प्रेमी की लाइफ बेटर क्यों नहीं हो पा रही, या मैं खुद क्यों लाइफ में अच्छा नही कर पा रहा हूँ।

लेकिन ये जानते हुए भी मन इंसान को पीछे धकेलता है, उसे चुनौतियाँ उठाने से डर लगता है। तो ये तो तय है की चैलेन्ज लाइफ में आयेंगे पर खुद से पूछिए क्या आप तैयार हैं?

#4. किसी का सहारा न बनना।

एक प्रेमी होने का अर्थ है की आपका दिल बहुत बड़ा है, तो क्या एक इंसान जो दूसरे की तरक्की सोच सकता है ऐसा इंसान क्या अपने कार्यों के लिए दूसरे पर आश्रित होगा?

बिलकुल नहीं, क्योंकि प्रेम जानता है की किसी पर किसी भी तरीके से निर्भर रहकर मैं खुद अपने पैरों पर बेड़ियाँ डाल रहा हूँ।

मुझे यह निर्भरता भविष्य में दुःख देगी, इसलिए प्रेमी खुद तो अपने पैरों पर खड़े होते ही हैं, साथ में जिस इन्सान से वो प्यार करते हैं उसकी भी मदद करके वो ताकत देते हैं ताकि वह आत्मनिर्भर बने और खुले आसमान में उड़ सके।

#5. अपने मन को गंदा न होने देना

एक प्रेमी भली भांति जानता है तन गंदा हो जाये कोई बात नहीं आसानी से धोया जा सकता है, लेकिन मन अगर गलत विचारों से भर गया है तो फिर इंसान कमजोर, कपटी और घातक हो जाता है।

इसलिए संतों और ऋषि मुनियों ने तन से ज्यादा मन को साधने की बात की है, क्योंकि मन सही है तो फिर इन्सान जो भी कार्य करेगा वो सही ही होता है।

इसलिए प्रेमी ऐसी संगती से बचते हैं जिनके संपर्क में रहकर उनके मन में गंदा प्रभाव पड़ता है। एक मैला मन न सिर्फ दुसरे के जीवन को गन्दा कर सकता है बल्कि अपने ही जीवन को कीचड़ बना देता है।

इसलिए वो अच्छे लोगों की संगती करते हैं अगर कोई उन्हें अच्छा मिला नहीं तो वे अच्छी किताबों में अपना समय बिताते हैं।

#6. नकली प्यार को समझना।

प्यार होने की शुरुवात तब होती है जब हम ये जान जाते हैं की जवानी में शरीर में स्त्री पुरुष के प्रति आकर्षण होता है वो प्यार नही होता।

नकली प्यार को समझ होना

वो एक खिंचाव है जो प्रकृति चाहती है। इसे हम अट्रैक्शन कह सकते हैं प्यार नहीं, जो इन्सान ये जान जाता है वो फिर असल में प्यार कर पाता है।

#7. जानवरों और अन्य इंसानों के प्रति व्यवहार

वास्तव में जब दिल में प्रेम होता है तो फिर प्रेम के यह छीटें हर जगह पड़ते हैं चाहे वो व्यक्ति कही भी चले जाए।

उसका प्रेम सिर्फ अपने प्रेमी के लिए नहीं छलकेगा, बल्कि वो रास्ते में चलते हुए अनजान लोगों के साथ भी इर्ष्या, कपट, लालच की भावना से नहीं देखेगा।

इसलिए एक प्रेमी का जीवन इस पृथ्वी में रहने वाले हर इंसान के लिए शुभ होता है, ऐसा नहीं होगा की अन्दर से उसके मन में प्रेम है और वो जीव जन्तुओं को मारकर खुश रहता हो।

नहीं, इसलिए इस पृथ्वी को और संसार को इस समय प्रेमियों की सख्त आवश्यकता है।

#8. दूसरे पर शर्त या जिम्मेदारी थोपना ।    

शादी होने के बाद देखा है पति पत्नी के बीच कुछ शर्तें और जिम्मेदारीयां तय हो जाती हैं, पति के लिए कुछ काम अवैध होते हैं तो वहीं पत्नी को पति की कुछ शर्तों का कठोरता से पालन करना होता है।

पर विवाह और प्रेम दोनों अलग चीजें हैं क्योंकि शादी का दूसरा नाम बंधन है क्योंकि वहां कुछ शर्तें होती है।

जबकि प्रेम में कोई शर्त या जिम्मेदारी निभाने का भाव नहीं होता, आपको किसी से प्रेम है तो बहुत बढ़िया करते रहिये दूसरे का भला।

लेकिन भला करने के बदले में ये बिलकुल मत सोच लेना आगे चलकर ये मेरी जिम्मेदारी उठाएगी, या मेरे इस कार्य को पूरा करने में मदद करेगी।

नहीं प्यार कोई सौदा नहीं होता, प्यार इसलिए खास है क्योंकि यह इन्सान को खुले आसमान में उड़ना सिखाता है।

अंतिम शब्द

तो साथियों इस पोस्ट में हमने जाना प्यार की शुरुवात कैसे होती है? प्यार होने के संकेत क्या क्या हैं? आशा है यह जानकारी आपके लिए उपयोगी सिद्ध होगी और आप इसे शेयर भी करेंगे।

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