नमक से शत्रु का नाश कैसे हो? आजमायें ये कारगर उपाय

भोजन में ही नहीं अपितु किसी को काबू में करने और नुकसान पहुंचाने के लिए भी नमक का उपयोग बेहद लाभकारी माना जाता है। अगर आप भी नमक से अपने दुश्मन का इलाज करना चाहते हैं तो जानिये नमक से शत्रु का नाश कैसे हो?

नमक से शत्रु का नाश कैसे हो

देखिये, जिस तरह नींबू मिर्च का इस्तेमाल किसी की बुरी नजर और भूत प्रेतों के साए से दूर रखने के लिए किया जाता है। इसी तरह नमक का इस्तेमाल भी लोगों के भीतर का डर समाप्त करने के लिए किया जाता है।

प्राचीन समय से ही नमक इंसान के आहार का मुख्य हिस्सा रहा है। पर यही नमक इंसान के लिए कभी कभी एक हथियार के रूप में भी करता है, जिससे की किसी व्यक्ति को नुकसान पहुंचाना बहुत सरल हो जाता है।

अतः आज हम आपको वो नुष्का बताने जा रहे हैं जिसका प्रयोग कर आप अपने दुश्मन को नुकसान पहुंचा कर उसके साथ खिलवाड़ कर सकते हैं। 

नमक से शत्रु का नाश कैसे हो? आजमायें ये विधि 

चाहे आप अपने दुश्मन के व्यापार में उसे घाटा पहुंचाना चाहते हो, या फिर उसके शरीर में हमला करके उसे चोट देना चाहते हो या फिर सम्भव है आपका जमीन सम्बन्धी विवाद हो इसके लिए आप शत्रु पर वार करना चाहते हो।

चाहे आपका इरादा कुछ भी हो अगर नमक का प्रयोग करके आप उसके जीवन में भूचाल लाना चाहते हैं तो एक ऐसी बेहतरीन विधि आपके साथ सांझा करेंगे। जिससे की दुश्मन से होने वाली परेशानी को आप हमेशा के लिए खत्म कर सकते हैं।

नीचे हमने बिन्दुओं के माध्यम से आपको इस विधि और समस्या के समाधान पर विस्तार से बताया है।

#1. नमक से शत्रु का नाश करने की विधि की सच्चाई।

अन्धविश्वास और फिजूल की मान्यताओं को मानने के चलते भारत को एक बूढा देश कहा जाता है। जिसकी सोच आज भी वैसी ही है जैसे पहली थी।

आप देखिये नमक, नींबू, मिर्च इत्यादि भोजन में साहयक हो सकते हैं इनसे आप किसी को नुकसान कैसे पहुंचा सकते हैं?

अगर आपको लगता है कोई तांत्रिक या ज्योतिष नमक का इस्तेमाल करके आपके दुश्मन की रातों की नींद उड़ा देगा तो मित्र यह बिलकुल भी सम्भव नहीं है।

यह महज आपका एक भ्रम हो सकता है। अगर कोई कहता है की नमक में मन्त्र मारकर किसी को भस्म किया जा सकता है तो समझ लीजिये वो झूठा व्यक्ति है।

क्योंकी जैसे हल्दी, जीरा इत्यादि तमाम तरह के मसाले हैं उसी तरह नमक का इस्तेमाल सिर्फ भोजन के लिए किया जा सकता है तलवार बनाने के लिए।

पर हाँ इतना जरुर है अगर कोई इंसान डरपोक है, उसके मन में ये भ्रम जरुर डाला जा सकता है की नमक इंसान को वश में कर सकता है, नमक का टोटका करके किसी का घर बर्बाद किया जा सकता है।

और जब उस डरपोक व्यक्ति को ये यकीन होने लगे तो फिर उसकी जिन्दगी में जो कुछ भी बुरा होगा उसे लगेगा वो नमक के टोटके से हुआ है। और होता भी है, बहुत से लोग जो इन टोटकों पर विश्वास करते हैं।

अगर उनकी जिन्दगी में विचलित करने वाली कोई छोटी घटना भी घटती है तो उन्हें लगता है जरुर किसी ने नींबू मिर्च या नमक का टोटका किया है।

दूसरी तरफ वे लोग जो जानते हैं की ऐसा सम्भव नहीं है, उनकी जिन्दगी में कितना भी बड़ा भूचाल क्यों न आ जाये उन्हें इन बातों से कोई फर्क ही नहीं पड़ता। वो जानते हैं की समस्या आई है और कुछ समय बाद निपट जाएगी।

तो अगर आप भी इस भ्रम में हैं की नमक का उपयोग करके आप अपने दुश्मन का कुछ बिगाड़ लेंगे तो दोस्त ऐसा करके आपके समय की बर्बादी तो होगी ही साथ में ये भ्रम आपको और हो जायेगा की मैं अपने शत्रु का नाश करने की जो विधि लगा रहा हूँ वो कभी सफल होगी।

#2. पहचानिए अपने भीतर के शत्रु को।

हममें से अधिकांश लोग स्वयं को नहीं समझते और किसी बाहरी इन्सान को जल्दी से अपना दुश्मन मानने के लिए तैयार हो जाते हैं।

कहने का अर्थ है की इससे पहले की आप जिस इन्सान को अपना दुश्मन मानकर जिसकी जिन्दगी को आप बर्बाद करना चाहते हैं एक बार आप जरा देख तो लीजिये क्या वाकई किसी को नुकसान पहुंचाना जरूरी है।

क्या ऐसा नहीं हो सकता आप ही गलतफहमी में जी रहे हो, आपके ही भीतर किसी बात का डर बैठा हो? या आपको पैसे का या किसी चीज़ का लालच हो जिसकी वजह से आप दुश्मनी करने को तैयार बैठे हो।

अक्सर डर और लालच दो मुख्य चीजें होती हैं जिनकी वजह से इंसान किसी गलत काम को करने का इरादा करता है।

पर हम चूँकि हम खुद को सच्चा और साफ इन्सान समझते हैं तो हम जल्दी से दूसरे इन्सान को अपना दुश्मन मानने के लिए तैयार बैठे रहते हैं।

#3. समझौता करने का प्रयास करें।

समझिये की ये जो दुश्मनी आप कर रहे हैं किस कारण से कर रहे हैं। अगर आपको वाजिब कारण पता है तो आप इस विषय पर बातचीत कीजिये।

देखिये दुश्मनी, लड़ाई झगडे में जीतकर मन को बड़ी शांति मिलती है। पर वही मजा भविष्य में सजा बनकर उभरता है।

कई बार हम अपने दुश्मन को वर्तमान में हराकर खूब खुश होते हैं लेकिन भविष्य में जब उसके पास पॉवर आती है तो फिर वो अपना बदला लेने की सोचता है।

तो अगर चाहते हैं जीवन में शांति हो, आनन्द हो तो सम्भव हो किसी भी तरह की दुश्मनी करने से बचें। जो भी मन में विचार हैं, उलझन है आपस में प्यार से बातचीत करें। और समस्या का हल निकालने की कोशिश करें। इसी में दोनों की भलाई होगी।

#4. युद्ध तभी जरूरी जब सच्चाई केंद्र में हो

पर अगर आप पाते हैं बातचीत करके भी कोई समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। और आप जो लड़ाई लड़ने जा रहे हैं उसके पीछे कोई डर या आपका कोई स्वार्थ नहीं है।

आप इसलिए लड़ने जा रहे हैं क्योंकी न्याय करना ही आपका कर्तव्य है। तो आप अब शत्रु को सबक सिखाने का फैसला कर लीजिये। क्योंकी कायर बनना आपकी नियति नहीं।

क्योंकी भगवान कृष्ण स्वयं कहते हैं की अपने लिए नहीं, धर्म के लिए युद्ध करो। अतः लगता है आपको लड़ाई स्वयं के फायदे के लिए नहीं अपितु सच्चाई के लिए है। और ये लड़ाई नहीं लड़ी गई तो झूठे और अत्याचारी लोग जीत जायेंगे।

तो बिलकुल युद्ध करिए। फिर नमक के टोटके से नहीं अपनी बुद्धि से, अपने संसाधनों का प्रयोग कर युद्ध करो फिर चाहे हार हो या जीत कोई फर्क नहीं पड़ता।

#5. जीवन में कुछ ऊँचा ढूँढिये।

अगर आप पाते हैं की जो लड़ाई मैं लड़ने जा रहा हूँ उससे मुझे बस थोडा बहुत लाभ होगा तो भलाई इसी में है की दुश्मनी को, नफरत को भुला दीजिये।

क्योंकी अधिकांश लोगों के पास लड़ने का कोई विशेष मुद्दा नहीं होता, बस थोड़ी सी जमीन, थोड़ी सी इज्जत पाने के लिए लोग लड़ाई कर बैठते हैं।

आप ऐसा न करें। जीवन में कोई ऊँचा लक्ष्य बनाएं, किसी ऐसे काम को अपनी जिन्दगी बनाइए जिससे आपका जन्म सार्थक हो।

फिर उस ऊँचे काम का हिस्सा एक बार आप बन गए, तो फिर आपको छोटी छोटी बातों का ध्यान रखना नहीं पड़ेगा। ठीक वैसे जैसे कोई सैनिक लड़ाई कर रहा हो सीमा पर देश के लिए और कोई उसकी जमीन थोड़ी लेना चाहता हो।

तो सैनिक क्या युद्ध छोडकर उस जमीन को पाने की कोशिश करेगा नहीं न, इसलिए जीवन में कुछ ऐसा ऊँचा काम ढूँढिये जिसकी खातिर आप इन छोटी चीजों पर ज्यादा ध्यान न दे सको।

उदाहरण के लिए शहीद भगत सिंह जिन्होंने देश की आजादी को ही अपना जीवन लक्ष्य समझा और कर्म किया अब ऐसे इंसान से कोई कहता की मुझे 2 गज की जमीन चाहिए तो क्या वो आजादी के अभियान को छोड़कर अपने घर की इस छोटी लड़ाई में लग जाते।

नहीं न, और मजेदार बात यह है की आप कोई ऊँची लड़ाई लड़ने लगते हो तो फिर आपको छोटी छोटी बातें परेशान नहीं करती। आप उनको स्वीकार कर आगे बढ़ते चले जाते हो।

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अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद नमक से शत्रु का नाश कैसे हो? इस प्रश्न का जवाब आपको भली भाँती मिल गया होगा। इस लेख को पढ़कर मन में कोई सवाल है तो आप 8512820608 पर सांझा कर सकते हैं। साथ ही यह लेख उपयोगी साबित हुआ है तो इसे अधिक से अधिक शेयर भी कर दें।

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