भाई की शादी नहीं हो रही है? आजमायें ये कारगर टोटके!

अगर लाख कोशिशें करने के बावजूद भाई की शादी नहीं हो पा रही है, विवाह में तमाम तरह की अडचनें आ रही हैं तो इस लेख में आप भाई की शादी नहीं हो रही है? तो 100% कारगर अचूक उपाय जानेंगे।

भाई की शादी नहीं हो रही

आज के समय में शादी शुदा जीवन के लिए व्यक्ति का आत्मनिर्भर होना, शिक्षित होना बहुत आवश्यक है। पर कई बार पर्याप्त पैसा होने या सभी तरह की सुख सुविधाएं होने के बाद भी लड़के की शादी होने में कई तरह की दिक्कतें आती हैं।

और इस बात की चिंता न सिर्फ लड़के को होती है बल्कि उसके पारिवारिक सदस्यों में सबसे ज्यादा बहन को होती है, अतः अपने भाई की शादी किसी सुयोग्य लड़की से करने के लिए वह तमाम तरह के प्रयास भी करती हैं पर अफ़सोस कई बार कोशिशें सारी बर्बाद हो जाती हैं।

अगर आप भी जिन्दगी में इसी तरह की मुश्किल का सामना कर रहे हैं और तुरंत समस्या का समाधान चाहते हैं तो इस लेख में बताये गए उपायों को अपनाकर जरुर परेशानी का हल मिलेगा।

भाई की शादी नहीं हो रही है तो ये काम करें!

यूँ तो इन्टरनेट पर अनेक ऐसे उपाय मौजूद हैं जिनमें गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा करने से लेकर पीला वस्त्र धारण करने की प्रथा का पालन करने और विवाह में आ रही अडचनें दूर करने की बात कही जाती हैं, हालांकि उन विधियों से लाभ आज तक कितनों को हुआ है।

इस बात की कोई पुख्ता जानकारी नहीं है। इसलिए उन विधियों में अपना समय बर्बाद करने और एक अन्धविश्वासी की भाँती बिना जाने समझे कुछ भी करने से बेहतर अगर आप भाई की शादी के लिए जल्दी एक सुयोग्य कन्या ढूंढना चाहते हैं तो फिर इन निम्नलिखित बिन्दुओं पर आपको गौर करना चाहिये।

#1. भाई की शादी को लेकर राय जानें।।

इससे पहले की भाई के लिए आप परफेक्ट पार्टनर ढूंढ पायें जिसके साथ रहने से उसका जीवन खुशहाल हो सके आपको समझना पड़ेगा भाई की चॉइस क्या है?

क्योंकी कई बार शादी की उम्र आते ही घर वाले लड़के पर शादी के लिए दबाव डालने लगते हैं, ऐसे में उसे मजबूरीवश किसी ऐसी लडकी से शादी करनी पड़ती है जो उसे पसंद ही नहीं होती।

लेकिन एक समझदार बहन होने के नाते आपका पहला कर्तव्य यही है की भाई की शादी से पहले भाई के मन को समझें, क्या भाई को ऐसी पत्नी चाहिए जो आत्मनिर्भर हो और शादी के बाद भाई को आर्थिक रूप से सपोर्ट करें।

या फिर भाई ऐसी लड़की चाहता है जो जिन्दगी में उसे बस अच्छे कामों के लिए सपोर्ट करे, उसकी केयर करे और जब जब वह गलती करे उसे टोके।

या फिर ये भी हो सकता है की भाई अभी शादी के लिए पूरी तरह तैयार न हो तो स्तिथि कुछ भी हो सकती है।

आपका पहला और सबसे महत्वपूर्ण कदम यही होना चाहिए की आप भाई के मन को समझें और वो तभी हो पायेगा जब वो खुलकर आपसे इस विषय पर बात करेगा।

#2. भाई के लिए अच्छी दोस्त ढूंढिए। 

मैं पूछूँ आपसे आप उस इन्सान को ज्यादा पसंद करेंगे जो अनजान है या फिर उसको अधिक चाहेंगे जिसे आप पहले से जानते हैं।

मुझे लगता है मेरी तरह आपके लिए भी उस इन्सान पर भरोसा करना या प्रेम करना आसान होगा जिसे आप पहले से जानते हैं।

पर शादी के मामले में तो हम ये भूल ही जाते हैं, हम सोचते हैं जल्दी से कन्या ढूंढो, कुंडली का मिलान करो और जल्दी शादी कर लो।

जैसे मानो हम शादी नहीं कोई सामान अपने घर ला रहे हों, अरे भाई शादी जिन्दगी के सबसे बड़े फैसलों में से एक होती है। और ये बेहद जरुरी है की आप जिस इन्सान के साथ जिन्दगी भर रहने की प्लानिंग कर रहे हो।

उसे शादी से पहले जानें, समझें। अब वो दिन गये जब माता पिता अपने बच्चों की शादी किसी से भी करवा देते थे, आज के समय में एक अच्छा पार्टनर ढूँढना मुश्किल इसीलिए है क्योंकी लोग बेहोशी में शादी कर देते हैं।

पर आप अगर भाई के लिए ऐसी लड़की ढूंढते हैं जिससे उसकी पहले से ही अच्छी दोस्ती है या फिर किसी ऐसी लड़की से उसे मिलवा देते हैं जिससे उसकी शादी से पहले दोस्ती हो जाये।

तो फिर यही मित्रता का रिश्ता शादी के रिश्ते में बदल जायेगा तो सोचिये कितना बेहतरीन होगा।

जानते हैं आजकल परिवारों में पति-पत्नी के बीच इसीलिए झगड़े होते हैं क्योंकी दोनों के बीच दोस्ती नहीं होती। क्योंकी मित्रता का एक नियम होता है हम दोनों एक दूसरे का भला चाहेंगे।

तो जहाँ मित्रता होगी वहां लोग आपस में कैसे लड़ सकते हैं?

#3. कुंडली मिलान से ज्यादा जरूरी है सोच मिलान।

उपर हमने बात की दोस्ती की, लेकिन हकीकत तो ये है की अगर हमें अपनी लाइफ में कोई अच्छा इन्सान मिल भी जाए, जिससे हमारी दोस्ती हो जाये और दिल के तार आपस में जुड़ जाएँ।

तो भी शादी होनी मुश्किल हो जाती है, क्योंकी हमारी तो मान्यता रहती है न की लड़की कैसी भी हो क्या फर्क पड़ता है, शादी के लिए तो कुंडली मिलनी चाहिए न।

और बड़ी अफ़सोस की बात तो ये है की अधिकांश मामले में लड़के जिस लड़की के साथ शादी से पहले बात करते हैं उससे उनकी कुंडली मिलती ही नहीं।

और फिर घर परिवार के दबाव के कारण उनकी शादी भी नहीं हो पाती। फिर मजबूरन लड़की और लड़के को किसी ऐसे पार्टनर से मजबूरीवश शादी करनी पड़ती है।

अब जब रिश्ता ही मजबूरी में बना हुआ तो बताओ किसी से दिल कैसे लग सकता है? प्यार तो वहीँ होता है न जहाँ आजादी होती है यहाँ तो शादी का रिश्ता ही मजबूरीवश बनाया गया है।

#4. सुयोग्य कन्या पाने के लिए भाई को काबिल बनाएं।

देखिये, हम मानते हैं आपको भाई की शादी की चिंता हो रही है और आप उसका भला चाहती हैं पर आपको नहीं लगता यह उसका निजी मसला है और एक उम्र आने के बाद उसे खुद ये काम करना चाहिए।

और ये काम वो खुद कर सके और एक अच्छी लाइफ पार्टनर अपने घर ला सके, इसके लिए जरुर आप उसकी मदद कर सकते हैं।

कैसे? तो जवाब यह है की उसको बेहतर इन्सान बनाकर आप ये काम कर सकते हैं। सोचिये भाई अगर सफल, कामयाब हो गया तो उसके लिए कितने रिश्ते खुद ही आएंगे।

हैं न, आपको चिंता करने की भी जरूरत नही होगी। पर अगर भाई ने अभी जिन्दगी में कोई ढंग का काम नहीं किया है और बहन होने के नाते चूँकि आप उसकी सच्चाई जानते हैं उसमें बहुत सी कमियां हैं।

तो भला ऐसे लड़के को एक अच्छी लड़की मिल भी गई तो क्या वो उसकी केयर कर पायेगा? शायद नहीं तो भलाई इसी में है की आप भाई की शादी की चिंता छोड़ दें।

आप बस उसे एक सफल इन्सान बनने के लिए प्रेरित करें ताकि वो जिन्दगी में सभी अच्छे फैसले लेने के साथ साथ शादी का भी फैसला ले सके।

पढ़ें: खुद को कैसे बदलें? जिन्दगी बदलने का Secret!

#5. शादी की विशेष उम्र नहीं होती।

एक बात याद रखें अगर आपको लगता है की 30 -35 शादी की सबसे अच्छी उम्र होती है और इस उम्र तक यदि शादी नहीं की तो जिन्दगी में भूचाल आ जायेगा।

तो ऐसा बिलकुल नही है, देखिये शादी का बिलकुल जमीनी अर्थ निकालें तो पायेंगे की एक इन्सान जिसके साथ अब आप एक छत के नीचे जिन्दगी भर रहने जा रहे हैं, उसी को वैवाहिक रिश्ते के रूप में जाना जाता है।

तो अब बताइए हमारा ध्यान उम्र पर होना चाहिए या एक अच्छे साथी पर, जवाब होगा साथी पर, क्योंकि अगर उम्र पर ध्यान दिया तो जल्दबाजी में हम किसी ऐसे पार्टनर से शादी कर सकते हैं जिसके साथ रहने में हमें बाद में तकलीफ हो।

लेकिन अगर उम्र को साइड रखके हम अगर सही पार्टनर चुनने पर फोकस करते हैं, ऐसे इन्सान को जिन्दगी बनाने का ख्वाब रखते हैं जिससे गहरी मित्रता हो, जिसके साथ हम ईमानदारी से हर बात अपना हर सुख दुःख बाँट सके।

तो बढ़िया है न, अब क्या फर्क पड़ता है ऐसा पार्टनर भले 40 की उम्र में मिले या 30 की, पर चूँकि हम तो उम्र के आधार पर शादी करने वाले लोग हैं इसलिए फिर बिना सोचे समझे हम उलटी पुल्टी शादी करते हैं और फिर रोते हैं।

पढ़ें: शादी से पहले पूछे जाने वाले प्रश्न

अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद भाई की शादी नहीं हो रही है? क्या उपाय करें? अब आप यह भली भांति समझ गये होंगे, इस लेख को पढ़कर अभी भी मन में कोई सवाल बाकी है तो आप 8512820608 इस whatsapp नम्बर पर अपने सवालों को साँझा कर सकते हैं, साथ ही लेख उपयोगी साबित हुआ है तो इसे शेयर भी कर दें।

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