घर में अचानक कांच का टूटना का मतलब समझिये!

हम अक्सर सुनते हैं की घर में अचानक कांच का टूटना शुभ होता हैं, तो क्या सच में इस बात में कोई दम है या फिर ये बात सिर्फ एक अफवाह है चलिए लॉजिक और सबूत के साथ इस बात की सच्चाई जानते हैं।

घर में अचानक कांच का टूटना

देखिये आज भी भारत में लाखों करोड़ों ऐसे लोग हैं जो वास्तु शास्त्र को जिन्दगी का हिस्सा मानते हुए कोई भी घर सम्बन्धी फैसला करते हैं, वे नया काम शुरू करने से लेकर घर में कुछ भी खरीदने से पहले तिथि, वार, राशिफल देखते हैं।

तो अगर आपको लगता है वाकई घर में अचानक शक्ल देखने वाला शीशा फूट गया है या फिर खिड़की का कोई कांच किसी कारणवश टूट गया है तो ये किसी खास बात का संकेत है तो आइये इस बात की हकीकत जानते हैं और सच्चाई का पर्दाफाश करते हैं।

घर में अचानक कांच का टूटना शुभ है या नहीं 

वास्तु शस्त्र की मानें तो घर में कांच से बनी कोई भी चीज़ जैसे शीशा अचानक टूट जाता है तो यह संकेत देता है की आने वाले समय में आपकी तकलीफ दूर होने वाली हैं।

उदाहरण के लिए आप किसी यात्रा पर जा रहे थे और तैयारी के दौरान या घर से निकलने से पूर्व कोई शीशा फर्श से पटककर टूट जाता है तो ये संकेत देता है की जो तकलीफ जीवन में आने वाली थी वो समस्या अब निपट चुकी है। अतः आप निश्चिंत होकर आगे कदम बढ़ा सकते हैं।

संक्षेप में कहें तो वास्तु शास्त्र ये मानता है की शीशे का टूटना परिवारिक सदस्यों के मंगलमय जीवन के संकेत देता है। हालाँकि ये समझना जरूरी है की वास्तु शास्त्र टूटे हुए शीशे को शुभ नहीं मानता, उसके अनुसार घर में टूटा शीशा रखने से नकरात्मक ऊर्जा आती हैं।

तो इस तरह हमने जाना की वास्तु शास्त्र क्या कहता है? अब हम और गहराई से इस बात को समझते हैं।

घर में अचानक कांच का टूटना देता है 3 बड़े संकेत 

देखिये इससे पहले की आप कांच टूटने को लेकर बहुत ज्यादा उत्साहित हो जाएँ, आपको लगे मेरी किस्मत में अब बहुत कुछ अच्छा होने वाला है तो आपको सावधान होने की जरूरत है, ये ख़ास बातें हर किसी को जरुर समझनी चाहिए।

#1. कांच के टूटने पर हो जाएँ सावधान।

सबसे पहली बात जैसे ही घर में कांच के टूटने की आवाज आयें, तो न तो ये मानने लगें की जिन्दगी में कुछ अनहोनी घटने वाली है और न ही आपको बहुत खुश होने की जरूरत है।

बस सतर्क हो जाइए की अब एक एक कदम ध्यानपूर्वक उठाना है, ताकि किसी तरह की बड़ी गलती से आप बच सको। उदाहरण के लिए आप कोई नया व्यापार/बिजनेस करने जा रहे थे और आपको मालूम हुआ की अभी अभी घर का शीशा टूट गया है।

तो अब सतर्क हो जाइए और एक बार दोबारा विचार कीजिये की क्या मैं जो करने जा रहा हूँ वो ठीक है? क्या वाकई ये बिजनेस करना सही है? क्या इससे मेरी जिन्दगी में से दुःख कम होगा, अगर नहीं तो मैं ये क्यों कर रहा हूँ।

इसी तरह मान लीजिये आपने कहीं घूमने की प्लानिंग की थी, और आप बहुत उत्साहित हैं लेकिन घर से निकलने से पहले पता चला की शीशा ही टूट गया, तो अब न तो आपको इस बात पे खुश होना है की मेरी ट्रिप शानदार होगी।

देखिये मन में अगर ऐसा भाव होगा तो जाहिर सी बात है आप फुल स्पीड में बाइक चलाने लगेंगे आपको लगेगा की आज जो होगा शुभ ही होगा, और ऐसे में दुर्घटना की संभावना बहुत बड जाएगी।

दूसरी बात अगर आपको लगा की ट्रिप में जाने से पहले शीशे का टूटना अशुभ होता है तो जाहिर है अब अब आप ट्रिप कैंसिल कर सकते हैं या फिर आप निकलेंगे बाइक लेकर तो मन में ये शंका रहेगी की यार! कहीं कुछ बुरा न हो जाए।

अतः ऐसे में सब कुछ ठीक होने के बावजूद आप भीतर से ट्रिप में खुश हो जायेंगे। तो सबसे बेहतर यही है की अगर मालूम होता है की शीशा टूट गया है तो न तो खुश हो जाएँ, और न डरें बल्कि सतर्क हो जाएँ।

और जिन्दगी में दिखिए दोस्त भले शीशा टूटे या न टूटे ध्यान होना या कहें तो सतर्कता होनी बहुत जरूरी है। अन्यथा किसी भी काम के बिगड़ने की संभावना बढ़ जाती है।

#2. समस्या का सम्बन्ध आपसे से है कांच से नहीं।

मान लीजिये मेरे घर का कांच टूट गया है और घर से निकलने के बाद तेज स्पीड गाडी चलाने से कुछ दूरी में मेरा एक्सीडेंट हो जाता है तो बताइये परेशानी मुझे हुई है या कांच को।

जाहिर सी बात है मुझे हुई है, तो लाइफ में अगर कोई प्रॉब्लम आती है तो जिम्मेदारी भी मुझे लेनी होगी ताकि आगे से ऐसी प्रॉब्लम न आ सके।

पर हम ऐसे लोग हैं जिन्हें लगता है जिन्दगी में जो आज परेशानी मौजूद है वो मेरी गलती की वजह से नहीं घटी है उसके लिए तो कोई शीशा, घर का डिजाइन इत्यादि कोई और चीज़ जिम्मेदार है।

अरे भाई शीशा टूटे न टूटे अगर मैं बाइक को कण्ट्रोल में चलाता तो क्या मेरे साथ दुर्घटना होती? नहीं न इस तरह समस्या चाहे जो भी हो उसकी जिम्मेदारी जब तक आप नहीं ले लेते आपको कोई नहीं बचा सकता।

आप निकल जाइये बिना सोचे समझे सड़क पर और कहिये घर का शीशा फूटा हुआ है आज तो मैं कुछ भी कर लूँ मुझे कोई नुकसान नहीं होगा। तो ऐसा सोचने पर आपकी दुर्दशा कितनी भयानक हो सकती है आप सोच भी नहीं सकते।

#3. कांच का टूटना धार्मिक और तार्किक नहीं।

अब तक हमने जाना की ईमानदारी से जिन्दगी में सही निर्णय लेकर ही हम तमाम तरह की गलतियों से खुद को बचा सकते हैं।

पर हम ये बात स्वीकार ही नहीं करते, हमें लगता है हमारे हाथों में कुछ भी नहीं है किस्मत में जो होता है हमें वही मिलता है।

इसलिए ऐसे लोगों को फिर लगने लगता है की कांच का टूटना शुभ लक्षण है, अरे भाई कांच न तो शुभ है और न ही अशुभ और ये बात हम नहीं विज्ञान भी कहता है।

विज्ञान किस्मत को नहीं मानता। और अगर आपको लगता है धर्म ये बातें कहता है तो देखिये वास्तु शास्त्र में लिखी हुई बातें हिन्दुओं के केन्द्रीय पुस्तक उपनिषद में लिखी बातों से मेल नहीं खाती इसलिए ये कहना की वास्तु शास्त्र में जो कुछ लिखा है वो धार्मिक है ये कहना उचित नहीं होगा।

धर्म नहीं कहता की हमें घर कैसे बनाना चाहिए, घर में शीशे रखने चाहिए या नहीं। धर्म को भला इन बातों से क्या लेना देना, पर चूँकि हम धर्मग्रन्थों को पढ़ते नहीं इसलिए हमें सच्चाई मालूम नहीं होती।

और जब हमें सच पता नही होता तो फिर हम झूठी बातों को ही सच मानकर जीने लगते हैं।

पढ़ें: उपनिषद क्या है?

पढ़ें: सनातन धर्म क्या है?

अंतिम शब्द

तो साथियों अब आप जान गए होंगे की घर में अचानक कांच का टूटना न तो शुभ है और न ही अशुभ। यह आप भली भाँती जान गए होंगे। इस लेख को पढ़कर मन में कोई प्रश्न बाकी है तो उपरोक्त Whatsapp नम्बर में बताएं साथ ही जानकारी फायदेमंद साबित हुई है तो इसे अधिक से अधिक शेयर भी कर दें।

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