अगर आपकी ज्योतिष शास्त्र में गहरी रूचि है और आप उनकी भविष्यवाणी में गहरा यकीन रखते हैं तो आज का यह लेख आपके लिए ख़ास है क्योंकि यहाँ हम ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भविष्य वाणी की सच्चाई बतायेंगे।
प्रायः हम जिन्हें धार्मिक लोग कहते हैं जो परम्पराओं और मान्यताओं पर जीवन जीते हैं वे लोग ज्योतिष की बातों पर गहरा यकीन रखते हैं। यदि उन्हें भविष्य में किसी अशुभ घटना का अहसास होता है तो वह उसे ठीक करने के भी उपायों को अपनाते हैं।
पर क्या पढ़े लिखे बुद्दिमान व्यक्ति को ज्योतिषियों के द्वारा की गई भविष्यवाणी पर भरोसा करना चाहिए, या फिर ये बातें महज अन्धविश्वास हैं लोगों को बेवकूफ बनाने या उन्हें डराने का एक उपाय है। आइये जानते हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भविष्य
किसी मनुष्य का चेहरा या शरीर देखकर ज्योतिष द्वारा उसका भविष्य नहीं बताया जा सकता। यहाँ समझने योग्य है की भविष्य मात्र किसी मशीन या यंत्र का बताया जा सकता है, इंसान का नहीं।
उदाहरण के लिए हाईवे पर कोई वाहन 60 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से चलता है, तो अगले 2 घंटे में वह वाहन कितनी दूरी तय करके किस स्थान पर पहुंचेगा, उसका भविष्य ज्ञात किया जा सकता है।
पर इंसान कोई यंत्र या मशीन नहीं है अतः उसके भविष्य को जानना सम्भव नहीं है।
हालाँकि अगर मनुष्य एक ढर्रे पर जीवन जीता है, जैसा की समाज में अधिकतर लोग करते हैं। वे एक तयशुदा जीवन जीते हैं, वे एक उम्र तक पढ़ाई करते हैं, फिर शादी करते हैं और फिर उनके बच्चे होते हैं, बुढापा आता है और फिर वो मृत्यु को प्राप्त होते हैं।
तो इस पूरी प्रक्रिया को देखते हुए ज्योतिष तो क्या कोई भी इंसान अगर आपको देखता है, और उसे आपकी उम्र मालूम होती है, आपके चेहरे पर निराशा के भाव लगते हैं तो उसके लिए आसान हो जायगा यह बताना की आप दुखी हैं।
और सम्भव है यदि ज्योतिष अनुभवी होगा तो वो आपसे बातचीत करके या आपको देखकर कुछ और बातें आपके जीवन से जुडी बता देगा। अतः हम कह सकते हैं की जो इन्सान एक तयशुदा जीवन जी रहा है उसका भविष्य बताना किसी के लिए भी आसान हो सकता है।
पर यदि इंसान ऐसा है जिसने सामजिक मान्यताओं पर चलना छोड़ दिया है। जिसने यह देख लिया है की पढ़ाई की उम्र नहीं होती, बिना शादी के भी जीवन जिया जा सकता है, तो बताइए ऐसे इंसान की अगली चाल कोई बता पायेगा?
संक्षेप में कहें तो जो व्यक्ति डर, शर्म और अज्ञान के कारण समाज के इशारों पर जीवन जीता है उसका भविष्य कैसा होगा ये बताना आसान है।
पर जो व्यक्ति जिसने समाज का, परिवार का, और अपने ही मन का कहना मानना छोड़ दिया हो जो ये जान गया की मुझे सही जीवन जीना है फिर चाहे मुझे त्याग, श्रम, प्रेम कुछ भी करना पड़े वो मैं करूँगा।
उदाहरण के लिए एक व्यक्ति को अपने जीवन में शांति बेहद प्रिय है, और वह उस सुकून को पाने के लिए पैसा, लालच, इंसान या हर वह वस्तु त्यागने को तैयार है जिससे जीवन में अशांति आती है तो बताइए अब ऐसा इंसान भविष्य में क्या करने वाला है, और क्या छोड़ने वाला है कोई बता पायेगा?
तो इसलिए कहा गया है की अगर आप एक मशीन की भाँती जी रहे हैं, आपकी लाइफ स्टोरी पहले से ही सेट है तो आपका भविष्य ज्योतिष बता देंगे लेकिन अगर आप अपनी इच्छा से ज्यादा महत्व सच्चाई को देते हैं और उसके खातिर मूल्यवान चीजों को दाँव पर लगाने को तैयार हैं तो अब कोई आपका भविष्य कैसे बताएगा?
क्या ज्योतिष भविष्य की सच्चाई?
समय भले ही बदल गया हो विज्ञान की अनेक खोजों ने हमारे अन्धविश्वास को कम करने में मदद की है लेकिन आज भी ज्योतिषियों की कही गई बातों पर लोगों का भरोसा कायम है।
बकायदा आजकल बाजार में अनेक ऐसे Apps भी चुके हैं जो दावा करते हैं की घर बैठे देश के अनुभवी ज्योतिषियों की साहयता से घर बैठे आप अपनी जन्म कुंडली और भविष्य देख सकते हैं, और साथ में अपने दैनिक जीवन की समस्याओं का समाधान भी मिलेगा।
पर सच्चाई जानकर आप चौंक जायेंगे की ज्योतिष शास्त्र में बताई गई बातों पर और समस्याओं के उपाय की विधियों पर जो व्यक्ति जितना विश्वास करता है वो व्यक्ति उतनी ही गहराई से इस दलदल में फंसता चला आता है।
एक मनुष्य है जिसके भीतर भविष्य का डरा छाया हुआ है, अब इस डर को हटाने के लिए वह कुछ तो उपाय करेगा न वह ज्योतिष के पास जाता है वो कहते हैं दही चाटो।
बस फिर भीतर थोड़ी राहत होती है मन कहता है देखो डर का रामबाण उपाय हमें मिल गया। इस तरह इन्सान ज्योतिष, ध्यान इत्यादि क्रियाओं में फंसता रहता है।
क्यों क्योंकि उसे ज्ञान नहीं है उसे नहीं पता ये मन क्या है? ये क्यों डरता है? और जो मन को नहीं जानता वो भला ज्योतिष की बातों को कैसे समझेगा। इसलिए यह कहा जा सकता है जिस तरह ज्योतिषियों पर आस्था लोगों की पहले से रही है वो संभव है आगे भी रहेगी।
क्योंकि जब जब इंसान का जन्म होगा भीतर से उसको किसी न किसी विषय पर डर भी जरुर होगा। और उन डरों का उपाय वह ज्योतिष के माध्यम से खोजेगा।
इस समस्या का समाधान क्या है?
मात्र आत्मज्ञान से ही ज्योतिष शास्त्र और भविष्य के डर की कामना को खत्म कर सकते हैं, इसके सिवा कोई उपाय नहीं है। देखिये हमें समझना होगा हम शरीर का तापमान बढ़ने, उल्टियां आने और स्वास्थ्य खराब होने पर डॉक्टर के पास जाते हैं न की ज्योतिष के पास।
क्योंकि हमें पता है इस समस्या का समाधान डॉक्टर कर देंगे, पर जब भीतर बेचैनी होती है, डर सताता है, आलस्य आता है या वासना सताती है तो अब इस काम में भला डॉक्टर क्या करेगा तो फिर हम भागते हैं और सोचते हैं ज्योतिष कोई विधि बतायेंगे जिसे अपनाकर हम शांत हो पाएंगे।
पर वास्तव में अपनी हालत के प्रति जब तक हम ईमानदार नहीं होते तब तक हम परेशान ही रहेंगे। जी हाँ अगर जीवन में आपके डर है, तनाव है आपको गुस्सा बहुत आता है।
तो बजाय ज्योतिष के पास जाने के खुद से पूछिए इस दुःख का कारण क्या है? कौन सा इंसान या वस्तु है जिसकी वजह से मुझे दुःख मिला है।
और एक बार दुःख मिल गया तो आप अब फैसला कर लीजिये अब ऐसा कुछ नहीं करुँगा जिससे दोबारा दुःख मिले, इसी तरह अगर डर लगता है कहीं पर जाने से तो पहले स्वयं से पूछिए डरने का कारण क्या है? बुरे से बुरा क्या होगा ये जान लीजिये और फिर निकल पड़िए।
पर चूँकि इस तरह जीने में कई बार मन विरोध करता है ये कहता है नहीं मैं ऐसा नहीं करूंगा, मुझे कोई और उपाय खोजना होगा।
और फिर हम इन बाबा और ज्योतिषियों के चक्कर में फंस जाते हैं, उदाहरण के लिए मैं बड़ा वासना का भूखा हूँ और बजाय अपनी इस भूख को कम करने के मैं कहूँ नहीं मुझे लड़कियों से आकर्षण बना रहे। बस मैं उदास न रहूँ तो क्या ये सम्भव हो पायेगा।
ऐसा नही हो सकता आप मजे भी लें और आपको फिर दुःख भी न मिले। जिसे मजे मारने में कोई इच्छा नहीं है उस इन्सान का फिर दुःख भी कुछ नहीं बिगाड़ पायेगा। संक्षेप में कहें तो अपनी समस्या को समझें इमानदारी से उस समस्या का उपाय खोजें फिर आपको ज्योतिष के चक्कर नहीं काटने होंगे।
अगर इतना करने के बाद भी बार बार फेल हो जाते हैं तो ऐसा गुरु ढूंढिए जो तुम्हारी कमियों को बता सके और तुम्हें सुधार सके।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भारत का भविष्य
भारत का भविष्य पूरी तरह इस देश के नागरिकों पर निर्भर करता है, शिक्षा,स्वास्थ्य, विज्ञान, कला किसी भी क्षेत्र में भारत कितनी तरक्की करेगा इस बात को यहाँ के लोगों की जीवनशैली को देखकर पता किया जा सकता है।
अगर इस देश के युवाओं और सभी काबिल लोगों का लक्ष्य एक नौकरी पाना और ऐशोआराम की जिन्दगी जीना और मजे मारना है तो निश्चित रूप से जिस भी कार्य क्षेत्र में मेहनत लगेगी, ज्ञान हासिल करना होगा जहाँ पर कुछ रचनात्मक (CREATIVE) करने की बात होगी वहां से वो पीछे हट जायेंगे।
जो हम आज करते हैं वही हमारा भविष्य बन जाता है। अतः आने वाले 30 वर्षों में भारत का हाल क्या होगा, इसका अनुमान हमारी वर्तमान शिक्षा व्यवस्था, सामजिक व्यस्था को देखकर लगाया जा सकता है।
यदि ये ठीक नहीं है और इनमें समय रहते बदलाव नहीं किया गया तो सम्भव है जिस तरह विश्वगुरु होने के बावजूद आज हमारे राष्ट्र की गिनती पिछड़े, अशिक्षित और गरीब राष्ट्रों में होती है उसी तरह हमारा हाल आने वाले वर्षों में होगा।
शायद ही कोई क्षेत्र हो जहाँ पर हम अव्वल हो, विज्ञान, शिक्षा, खेल जैसे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में हम पिछड़े हुए हैं क्योंकि हमारी सोच पिछड़ी है, हमारे लिए बस दो वक़्त की रोटी ही सब कुछ है।
हमें उच्चकोटि के विज्ञान से, खेल से, संगीत कला से कोई सरोकार नहीं है।
जिस दिन देश के बच्चे को हर क्षेत्र में क्वालिटी शिक्षा मिलने लगेगी, इससे उसकी लाइफ में भी गुणवत्ता बढ़ेगी और अंतत हमारे देश का भविष्य भी निश्चित रूप से बदलेगा।
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अंतिम शब्द
तो साथियों इस लेख को पढने के बाद ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भविष्य की पूर्ण जानकारी इस लेख में मिल गई होगी। इस लेख को पढ़कर जीवन में स्पष्टता आई है तो इस लेख को अधिक से अधिक सोशल मीडिया पर शेयर जरुर कर दें।