मन में अच्छे विचार कैसे लायें? 100% ये तरीका काम आएगा!

मन खुश रहे, हमारा और इस जगत का कल्याण हो, हम सभी चाहते हैं, पर जैसी हमारी कामना है वह कभी पूरी होती नहीं, मन में तरह तरह के गंदे विचार मनुष्य के दिमाग में घूमते हैं, ऐसे में प्रश्न आता है की मन में अच्छे विचार कैसे लायें?

मन में अच्छे विचार कैसे लायें

विचार उठते हैं मन से, इसलिए मन क्या है? ये हमें पता होना चाहिए। इसके बाद ही हम गंदे और अच्छे विचारों के खेल को समझ सकते हैं।

देखिये मनुष्य का जीवन विचारों से ही तो है, किसी के मन में विचार आता है खुद को और इस दुनिया को बेहतर करने का तो किसी को आत्महत्या का विचार आता है।

इन विचारों से परेशान होने से पूर्व हमें समझना होगा की आखिर

मन में विचार कैसे आते है? मन में विचारों की उत्पत्ति

मनुष्य को अपनी स्तिथि के अनुरूप ही विचार आते हैं, मनुष्य की हालत यदि मजबूरी की है तो उसके कर्म भी मजबूरी में होंगे, यदि हालात बुरे हैं तो विचार भी बुरे ही आते हैं। इसलिए विचारों का आना आपके हालातों पर निर्भर करता है।

सोचिये आज परीक्षा है और आपने पूरी तयारी कर ली है तो क्या आपके मन में फेल होने के विचार आयेंगे?

नहीं..

लेकिन परीक्षा आज है और आपने साल भर सिर्फ मौज मारी है तो निश्चित है न की दिमाग में विचार भी फेल होने के ही घूमेंगे।

तो जैसी स्तिथि वैसे विचार, चूँकि मनुष्य की स्तिथि कैसी होनी चाहिए? अधिकांश मामलों में ये उसका खुद का चुनाव होता है।

आप परीक्षा के लिए पढाई करें या न करे, ये आपका चुनाव है। इसलिए अगर आपका चुनाव ही गलत है तो फिर विचार गलत ही होंगे

इसलिए देखा होगा प्रायः लोग जिस काम में लगे रहते हैं उस काम में भी बुरे विचार उनके दिमाग में छाये रहते हैं। और इसका यह अर्थ कतई नहीं की मनुष्य के विचारों का आना गलत है।

सोचिये आप किसी को ड्रग्स बेच रहे हैं या किसी बेकार की जगह पर अपना समय लगा रहे हैं तो आपके विचार गलत नहीं आएंगे, आपको बेचैनी नहीं होगी तो क्या आप उस स्तिथि से कभी बाहर निकल पाएंगे?

नहीं न इसलिए अगर आज आपके मन में विचार तरह तरह के आ रहे हैं तो बहुत हद तक संभव है आपने गलत चीजों का चुनाव किया है और आपको अपना जीवन बदलना चाहिए।

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मन में अच्छे विचार कैसे लायें? अपनाएं ये 7 तरीके

मन में अच्छे विचारों का आना कोई अकस्मात स्तिथि नहीं होती, कभी ऐसा नही होगा की सुबह आप उठे और आपके मन में खुद को बदलने का विचार आ जाये।

और आपकी सभी गंदी आदतें छूट जाएँ और आप अपने सभी दुखों से आजादी पा लें, जी नहीं ऐसा नहीं होगा। मन को अच्छे विचारों से भरने के लिए नीचे दिए गए बिंदु सहायकमंद होंगे।

#1. अपनी दिनचर्या को देखें

किसी व्यक्ति की दैनिक चर्या/ जीवन शैली को देखकर आसानी से उसकी आदतों, पसंद ना पसंद और व्यवहार इत्यादि चीजों का आसानी से पता लगाया जा सकता है।

अपनी दिनचर्या देखें मन में अच्छे विचार लाने के लिए

थोड़ा और बारीकी से कहें तो आपके कार्य, आपके डिसिशन ये बता देते हैं की क्या आपकी मजबूरियां हैं, किन लोगों के सामने आप झुकते हैं, क्या चीज़ आपके जीवन में मायने रखती है ये बातें आप अपने जीवन को देखकर पता कर सकते हैं।

तो ईमानदारी से अपने जीवन को देखें और छोटे और बड़े उन सभी कार्यों की सूची बनाइए जो आप रोजाना करते हैं। अब आप इस सूची में उन कार्यों को देखिये जिनमे आपका समय नष्ट होता है या जिनसे आपके मन में बुरा प्रभाव पड़ता है।

अब चाहे वो काम गेम खेलना हो, दोस्तों से गप्पे मारना हो या गलत नौकरी में फंसना हो कोई भी कारण हो सकता है, बिलकुल इमानदारी से यह समझने के बाद की मेरा मन किस कार्य से खराब हो रहा है ये जानने के बाद बढ़ते हैं अब आगे।

#2. सही चीजों को समय और स्थान दें

उदाहरण के लिए आप जान चुके हैं आप कोई व्यर्थ की नौकरी कर रहे हैं जहाँ सैलरी तो ज्यादा है लेकिन वो काम ऐसा है की करने को दिल नहीं मानता, उससे किसी का भला नहीं होता।

अब ऐसी स्तिथि में आप कोई ऐसी नौकरी या खुद का व्यवसाय कर लीजिये जिससे आपका मन खराब न हो। हालाँकि ये कार्य इतना आसान नहीं होता लेकिन खुद को बदलने के लिए आपको इतनी मेहनत तो करनी होगी।

 इसी प्रकार यदि किसी ऐसे इन्सान से रिश्ते में थे आप जो आपको मजबूरी के नाम पर बेकार के कामों में लगा रहा है तो ऐसे इंसान से दूरी बनाने की विधि ढूंढिए फिर चाहे वो आपका कितना सगा क्यों न हो।

अब एक बार आप इमानदारी से उन चीजों को हटाते जायेंगे जीवन में जो बुरे हैं तो आपके पास जो अब खाली समय आ रहा है इसे तुरंत भरिये किसी ऐसी चीज़ से जिससे आपका जीवन बेहतर होता हो। कोई आर्ट सीखिए, या गेम खेलिए, कुछ अच्छी किताबें पढ़ना कुछ भी उचित कीजिये पर टाइम को खाली न जाने दें।

#3. लगातार अभ्यास करें।

उपर के दो बिन्दुओं में हमने जाना की किस तरह सही निर्णय लेकर हम जीवन में बुरा त्यागकर अच्छा अपना सकते हैं, एक बार आपने जीवन में सही चीजों को स्थान दे दिया तो अब वैसा ही जीवन जीने के लिए आपको अभ्यास करना होगा।

man ko khush karne ka abhyas

क्योंकि जहाँ जिन्दगी में एक छोटी सी परीक्षा पास करने के लिए समय और अभ्यास की जरूरत पड़ती है, उसी तरह अगर आपको पुराना जीवन बदलना है तो नए का अभ्यास तो करना होगा न। अडिग रहें चुनौतियाँ आयेंगी, लेकिन आपके अन्दर का धैर्य और साहस तभी सामने आएगा जब आप खुद से लड़ेंगे।

#4. एक ऊँचा लक्ष्य बनाएं जीवन जीने का

देखिये जिन्दगी में कुछ ऐसा लक्ष्य जरुर होना चाहिए जिसमें आपका और इस पूरे संसार का भला हो, आज दुनिया कई तरह की समस्याओं से गुजर रही है।

अगर ये जिन्दगी हमें खाने पीने और सोने में नहीं गुजारनी और कुछ बेहतर इस जीवन में करना है तो एक उद्देश्य जरुर होना चाहिए जीवन जीने का, एक ऐसा लक्ष्य जिसमें पूरी मानवता का कल्याण हो, और उस लक्ष्य से हमें प्रेम हो।

कोई ऐसा बीड़ा उठायें जो इस समय करना बेहद जरूरी है लेकिन वो काम कोई और नहीं कर रहा तो आप करें हिम्मत के साथ उस कार्य को और फिर उस कार्य के प्रति आपका प्रेम आपको उसमें समय, संसाधन और श्रम खर्च करने के लिए मजबूर कर देगा।

#5. पुराने जीवन को फिर से न स्वीकारें।

देखिये जब इंसान के कदम उसे किसी नयी मंजिल की तरफ ले जाते हैं तो अक्सर उसे पीछे मुड के देखने का मन करता है, क्योंकि उससे उसकी खट्टी मीठी यादें जुडी रहती हैं, कुछ सुविधाएँ भी उसे वहां मिलती हैं।

इसी तरह आप जब नया जीवन जियेंगे तो बीच में कुछ परेशानियां आ सकती हैं, और इन बातों से मन घबराकर वापस उसे पुराने सड़े गले जीवन को जीने के लिए बाध्य करेगा।

ऐसी स्तिथि में हिम्मत दिखाएँ, श्री कृष्ण को याद करें और जो बेहतर जीवन जीने का चुनाव किया है उस पथ पर आगे बढ़ते रहें।

#6. कुछ नया करते रहें।

देखिये समाज ने हम सभी के लिए एक जीवन जीने का दायरा खींचा हुआ है, किस उम्र में शादी होनी चाहिए किस उम्र में खेलना है, किस उम्र तक पढ़ाई करनी है और किस उम्र तक काम करना है।

यही नहीं महिला को जीवन किस तरह जीना चाहिए, पुरुषों का जीवन कैसा हो ये सब तय शुदा है।

 पर सही जीवन जीने का यह अर्थ कदापि नहीं की आप समाज की इन मान्यताओं को स्वीकार करें, नहीं धर्म कहता है सही कर्म करना ही आपका धर्म है।

खेलें कूंदें, देश विदेश की यात्रा करें, दोस्ती करें, नयी भाषाएँ सीखें और वो सब कुछ करें जिससे जीवन बेहतर होता है। ये बिलकुल न सोचें की मेरी उम्र 50 है मैं अब बेडमिन्टन खेलूंगी तो ये समाज क्या कहेगा?

न ये बंदिशे बिलकुल स्वीकार न करें। जीवन एक ही बार मिला है और भरपूर जियें। ताकि आप अपने बुढापे में कह सकें मैंने जीवन को भरपूर जिया है।

#7. याद रखें चुनाव की शक्ति

जैसा अब तक हमने समझा की मनुष्य होने का अर्थ है हम सभी गलत या सही का चुनाव कर सकते हैं, और हमारी इसी काबिलियत की वजह से हम जानवरों से अलग होते हैं।

मन में अच्छे विचार कैसे लायें

कमजोरी या ताकत ये हमेशा हमारा चुनाव रहता है, अच्छी संगती या बुरे लोगों का साथ ये भी हमारा चुनाव रहता है।

तो चुनने की इस शक्ति का भरपूर इस्तेमाल करें और हमेशा वह चुनें जिससे आपका जीवन अच्छा हो और जीवन बेहतर होगा तो विचार भी बेहतर होंगे।

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अंतिम शब्द

इस आलेख को पढने के बाद मन में अच्छे विचार कैसे लायें? इस प्रश्न का स्पष्ट उत्तर आपको इस लेख में मिल गया होगा, हमें आशा है आपका सही जीवन आपके दिमाग को अच्छे विचारों से भर देगा, अगर इस लेख को पढ़कर जीवन में स्पष्टता हासिल हुई है तो कृपया इसे शेयर कर दें।

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