अघोरी बाबा को कैसे प्रसन्न करें? जानें सच्चाई!

भले ही अघोरी बाबा का दुनियादारी और समाज से कोई लेना देना नहीं होता लेकिन इसके बावजूद अघोरियों के जीवन को देखकर लोगों के मन में उनके प्रति सम्मान आज भी कायम है यही कारण है की लोग अघोरी बाबा को कैसे प्रसन्न करें?

अघोरी बाबा को कैसे प्रसन्न करें?

इस तरह के सवालों की खोज में रहते हैं। मान्यता है की अघोरियों को भगवान शिव का आशीर्वाद होता है अतः वे लोग जो अघोरियों को प्रसन्न करते हैं उन्हें उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है, जिससे जीवन में सुख शांति और समृद्धि बढती है।

महत्वपूर्ण जानकारी 🖐

अघोरी बाबा से सम्पर्क करके अपने जीवन की समस्याओं को मिटाना चाहते हैं तो आज ही 8512820608 पर whatsapp करें!!

यदि आप भी अघोरी बाबा को प्रसन्न करने के इस खास मकसद के साथ यह लेख पढने जा रहे हैं तो आज का यह लेख आपकी इस इच्छा को पूरी करने में बेहद मदद कर सकता है। लेकिन सबसे पहले आइये अघोरी से परिचित होते हैं।

अघोरी कौन होते हैं?

अघोरी अर्थात वह जो घोर नहीं है, जो सरल और सहज जीवन जिए उसे अघोरी कहा जाता है। चूँकि शिव जी के पांच रूपों में से एक रूप अघोर भी है अतः वे लोग जो शैव साम्प्रदाय को मानते हैं उन्हें शिव जी का जीवित रूप मानकर लोग एक अघोरी बाबा के रूप में जानते हैं।

जिस प्रकार शिव संसार के प्रति एकत्व का भाव रखते हैं, शिव के मन में कुछ भी ऊँचा या नीचा नहीं है। कुछ भी विशेष और व्यर्थ नहीं है उसी तरह संसार को देखने का नजरिया एक अघोरी का हो जाता है। एक अघोरी वह है जो नैतिकता से आगे चला जाता है।

जो दुनिया के विषयों के बीच भेद करना बंद कर देता है। जहाँ समाज में लोगों द्वारा कुछ चीजें अच्छी और कुछ बुरी मानी जाती हैं, लेकिन एक अघोरी के लिए सब एकसमान होता है। यही कारण है की अघोरी उन क्रियाओं को करते हैं, ऐसे जीवनयापन करते हैं जैसे आम लोग सोच भी नहीं सकते।

वे शमशान घाट में निवास करते हैं, कम कपडे पहनते हैं, मुर्दा लोगों के शवों का मांस खाते हैं, उनके साथ सम्भोग करते हैं, जरूरत पड़ने पर मूत्र तक पी जाते हैं। उनके द्वारा किये जाने वाले यह सभी कर्म दर्शाते हैं की एक अघोरी समाज की मर्यादाओं को लाघंकर एक मुक्त जीवन जीना पसंद करते हैं।

वे शिव की भाँती मुक्त रहना पसंद करते हैं, इसलिए जो उन्हें अच्छा लगता है वे करते हैं। और समाज को उनसे किसी तरह की कोई आपत्ति न हो इसके लिए वे दूर कभी पहाड़ों पर तो शमशान घाट में दिखाई देते हैं।

वे शिव जी की प्रसन्न करने के लिए साधनाएं करते हैं, कठिन साधना की वजह से अघोरी दुनिया में शिव जी के अहम उपासक के रूप में जाने जाते हैं।

अघोरी बाबा को प्रसन्न कैसे करें?

बहुत से लोग अपनी मनोकामनाएं पूरी करने के लिए अघोरी बाबाओं को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। जैसे किसी को डर, बेचैनी बहुत होती है या घर में क्लेश बहुत होते हैं तो उसे लगता है अघोरी बाबा उसकी समस्या को ठीक कर देंगे।

या जैसे किसी को सुख समृद्धि की तलाश है, पैसे की कमी है तो उसे लगता है अघोरी बाबा को प्रसन्न कर उसकी परेशानी मिट जाएगी। यदि आप भी कुछ ऐसा ही सोचते हैं तो आप गलतफहमी में जी रहे हैं।

आपके जीवन में जो तकलीफ हैं उसका समाधान तो आपको अपनी समझदारी और विवेक से खुद ही ढूंढना होगा। ये सोचना छोड़ दीजिये की अघोरी बाबा आपको आशीर्वाद देकर चमत्कार से आपकी जिन्दगी की समस्याओं को सुलझा देंगे।

देखिये, अघोरी बाबा आपके मन की इच्छाओं को पूरी करने के लिए नहीं बैठे हैं, वे तो शिव के उपासक हैं वो शिव की भक्ति में लीन हैं। वो तो शिव को प्रसन्न कर उनके जैसा ही जीना पसंद करते हैं।

तो भला उन्हें आपकी इच्छाओं से क्या लेना देना। उन्हें तो सिर्फ उन लोगों से वास्ता हैं जिन्हें शिव से प्रेम है। अगर आप शिव को पाना चाहते हैं उनके सच्चे भक्त हैं तो जरुर अघोरी आपके काम आ सकते हैं।

पर न तो आपको शिव से कुछ लेना न सच्चाई से तो फिर आप किसी अघोरी बाबा के कितने पाँव क्यों न पकड लें, कितने ही पुष्प अर्पित क्यों न कर लें उससे आपको कोई लाभ नहीं होगा।

अगर वाकई अघोरियों का आशीर्वाद पाना है और अपने जीवन की तकलीफों से मुक्ति पानी है तो निम्न बातों पर ध्यान दें।

#1. अघोरियों का उद्देश्य समझें।

आमतौर पर अघोरी नाम लेते ही काले वस्त्र धारण किये, माथे पर राख लपेटे हुए, लम्बी दाढ़ी के साथ एक ऐसे इन्सान की छवि दिमाग में आने लगती है जिसके बारे में बहुत सी चमत्कारिक बातें हमने सुनी हुई हैं जैसे की अधोरी द्वारा मुर्दों को जिन्दा कर देना, मुर्दे का मांस खाना इत्यादि।

पर अघोरियों द्वारा किये जाने वाले इस व्यवहार के पीछे का वास्तविक मकसद जानने पर आपको मालूम होगा की एक अघोरी द्वारा समाज से अलग थलग होकर किये जाने वाले कर्म हमें संदेश देते हैं की अघोरी के लिए संसार मिथ्या है।

एक अघोरी को संसार में ऐसा कुछ भी विशेष या आकर्षक नहीं लगता जैसा की प्रायः एक आम इन्सान को लगता है। एक अघोरी ये जानता है की जिसे हम यहाँ बहुत अच्छा मानते हैं फिर चाहे वो इन्सान हो या वस्तु, वो है तो मिटटी ही।

इसलिए फिर वह इस संसार में किसी भी विषय से लगाव नहीं रखता और न ही किसी विषय से नफरत करता है। वो कहता है ठीक है, न तो शराब बुरी है न ही शव, इसलिए हम पाते हैं की जिन चीजों से लोग नफरत करते हैं उन चीजों को अघोरी बड़े प्यार से स्वीकार करता है।

मल मूत्र, शव, सम्भोग इत्यादि सभी चीजें जिनसे हम दूर भागते हैं उन चीजों को वो अपना लेते हैं। इशारा, समझिये अघोरी ऐसा करके क्या बताना चाहते हैं?

वो कह रहे हैं की संसार में कुछ भी अच्छा या बुरा नहीं है, संसार में कुछ भी गंदा या मैला नहीं है। हम बुरे हैं इसलिए हमें इस  संसार के विषय अलग अलग दिखाई देते हैं।

जो ज्ञानी होता है, जो अघोरी होता है वो जानता है संसार से इन्सान का रिश्ता कैसा होना चाहिए? यही कारण है की आम लोग जहाँ संसार में ही लिप्त रहते हैं यहाँ की चीजों में ही ख़ुशी ढूंढते हैं।

वे लोग यहाँ सबसे ज्यादा परेशान रहते हैं और जो लोग संसार से जरा सी दूरी बनाकर जीते हैं वे मस्त, आनन्द के साथ जीते हैं।

अतः संक्षेप में कहें तो संसार की सच्चाई जानकर यहाँ सहज रूप से जीवन जीने की कला सीखना ही अघोरी का संदेश है।

पढ़ें: संसार क्या है?

पढ़ें: माया क्या है?

#2. शिव की सच्ची उपासना करें।

जो यह जान लेता है की संसार में ऐसा कुछ भी नहीं है जिसे पाकर उसका मन शांत हो जाये, जो ये जान लेता है की संसार में जो कुछ आकर्षक हमें दिखता है वो वैसा है नहीं।

फिर ऐसा इन्सान इस दुनिया में वो चीज़ खोजने लगता है जो सच्चा है, जिसे पाकर उसका मन शांत हो जाये। और वह तृप्ति इन्सान को तब मिलती है जब वह जानता है की सत्य का दूसरा नाम ही शिव है।

अतः सच्चाई को जानना, सच्चाई में जीना ही शिव की असली भक्ति है। अतः वे लोग जीवन में सच को मूल्य देते हैं, जो सही काम है उसे करते हैं ऐसे लोग वास्तव में शिव के उपासक बन जाते हैं।

ऐसे शिव भक्तों को आशीर्वाद ये मिलता है की इस संसार में जो कुछ झूठा है, गंदा है, जो इन्सान को भ्रम में डालकर उसकी बुद्धि को हर लेता है उन चीजों के प्रभाव से इन्सान मुक्त हो जाता है।

दूसरी तरफ वे लोग जो शिव का अर्थ जानकर, जीवन में सच की बजाय झूठ की तरफ भागते हैं वे लोग पैदा होकर व्यर्थ ही मर जाते हैं।

#3. प्रकृति के साथ खिलवाड़ न करें।

अघोरी प्रकृति के साथ सहज रूप से जीता है, वो जानता है प्रकृति ही माया है और यही हमें माया से मुक्ति दे सकती है। एक अघोरी का जीवन हमें यह संदेश देता है की प्रकृति के माध्यम से ही हम शिव तक पहुँच सकते हैं।

अतः वे लोग जो चाहते हैं अघोरी बाबा को प्रसन्न करके भगवान शिव का आशीर्वाद उन्हें मिले। उन्हें ये जानना होगा की हम प्रकृति के साथ किसी भी तरह का दुर्व्यवहार न करें।

और प्रकृति से आशय सिर्फ जंगल, पेड़ पौधे और वन्य जीवों से नहीं है बल्कि संसार के किसी भी प्राणी के साथ या जानवर को अपने फायदे के लिए नुकसान पहुंचाना भी प्रकृति का खिलवाड़ करना कहलायेगा।

वे लोग जो जानते हैं प्रकृति अपने आप में बहुत सुन्दर है, इसे बचाने के लिए हमें कुछ करना नहीं है बस अपने भीतर मौजूद भोग की कामना को छोड़ देना है ऐसे लोगों से शिव और अघोरी बाबा दोनों प्रसन्न होते हैं।

#4. सच्चे कर्म करें। दिखावे से बचें।

एक आम सांसारिक व्यक्ति में और एक अघोरी में एक बड़ा फर्क यह होता है की सांसारिक व्यक्ति के कार्यों का इरादा आमतौर पर हमें मालूम नहीं होने पाता।

दूर से देखने पर आपको ज्ञात होगा कोई इंसान जो पढ़ाई कर रहा है, नौकरी कर रहा है, घूम रहा है।

भीतर ही भीतर वो कर्म करने वाला इंसान जानता है उसका इरादा क्या है? सम्भव है पढ़ाई वो इसलिए कर रहा हो ताकि खूब पैसा कमायें और उस पैसे से अय्याशी करे?

कोई नौकरी में बहुत मेहनत कर रहा हो पर सम्भव है की नौकरी में मिले पैसे का इस्तेमाल वो गलत कार्यों में करें।

तो संक्षेप में कहें तो सांसारिक व्यक्ति के कर्मों के पीछे की नियत को जानना बड़ा मुश्किल होता है जबकि अघोरी जो करते हैं खुला करते हैं।

उनके भोजन से लेकर उनके सम्भोग तक जितनी भी क्रियाएं वो करते हैं वो खुले रूप से करते हैं। और इससे न तो प्रकृति को और न ही उन्हें किसी तरह की आपत्ति होती है।

आम इन्सान की भाँती उनके मन में व्यर्थ की इच्छाएं नहीं होती, उनकी आवश्यकताएं सीमित होती हैं। अतः एक अघोरी की भाँती हमें जीवन में झूठ कपट और लालच से प्रेरित कर्म नहीं अपितु जो कर्म अच्छे हैं सुन्दर हैं जिनसे वाकई दुनिया का कल्याण होता है वो कर्म करने चाहिए।

पढ़ें: जिन्दगी में करने योग्य क्या है?

अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद अघोरी बाबा को प्रसन्न कैसे करें? आप यह भली भाँती जान गए होंगे। इस लेख को पढ़कर मन में कोई प्रश्न है तो आप whatsapp नंबर 8512820608 पर सांझा कर सकते हैं। साथ ही लेख उपयोगी साबित हुआ है तो इसे शेयर भी कर दें।

Leave a Comment