झूठे प्यार की तीन निशानी| झूठे प्यार को कैसे पहचानें?

क्या आप सच्चे प्यार के खातिर झूठे प्यार का पता लगाकर एक सही लाइफ पार्टनर या दोस्त पाना चाहते हैं? तो आज हम आपको झूठे प्यार की तीन निशानी बताने जा रहे हैं?

झूठे प्यार की तीन निशानी

जिनको जानकार आप किसी भी झूठे आशिक को तुरंत पकड लेंगे, और उससे जरा दूरी बना लेंगे ताकि बाद में आपको किसी तरह का पछतावा न हो।

दोस्तों आज हम ऐसे दौर में जी रहे हैं जहाँ प्यार हो गया कहना बहुत आम बात है, जिसे प्यार क्या है? ये मालूम भी नहीं वो भी खुद को आशिक या प्रेमी बता रहा है।

प्रेम के नाम पर लोग अपनी इच्छाओं को या जरूरतों को पूरा करते हैं, पर आपके साथ ऐसा न हो इसलिए हमने झूठे या नकली प्रेम के लक्षण बताये हैं जिन्हें जानकार आप भी कहेंगे ये बातें हर किसी को जानना कितना जरूरी है।

विषय सूची

झूठे प्यार की तीन निशानी | ऐसे पहचानें झूठे प्यार को

यूँ तो कोई भी व्यक्ति आपसे प्यार करता है या नहीं साफ़ साफ़ उसकी आदतों, व्यवहार और आपके उसके प्रति रवैये को देखकर पता किया जा सकता है।

पर कई बार स्तिथि ऐसी होती नहीं है मतलब एक व्यक्ति का दूसरे के साथ लगाव कुछ ऐसा होता है की वो इंसान न चाहते हुए भी दूसरे की कमियों को उसकी हरकतों को इग्नोर कर देता है।

उसे लगता है जो हो रहा है ठीक ही हो रहा होगा क्योंकि सामने वाला तो मुझसे प्यार करता है।

ऐसे में इन्सान वो सब कुछ जो गलत है, जिससे जिन्दगी बर्बाद होती है वो भी करने को तैयार हो जाता है।

इसलिए अगर कोई इंसान हावी हो रहा है आप पर, चढ़े जा रहा है तो थोड़ी देर के लिए उससे अलग हो जाएँ और समझिये झूठे प्यार के कुछ ख़ास लक्षणों को।

#1. आपको अपने साथ होने के लिए मजबूर करना।

प्यार का अर्थ है एक दूसरे की ख़ुशी, पर बताइए किसी को विवश करके, उसे मजबूर करके क्या वो खुश हो सकता है नहीं न?

मजबूर होकर बातें करना ~ झूठे प्यार की तीन निशानी

पर हम प्रेम के नाम पर ऐसा ही करते हैं, जो झूठे प्यार की बड़ी निशानी है।

बहुत से प्रेमी प्रेमिकाएं अपने पार्टनर के बिना कुछ पल भी अकेले नहीं रह पाते, उनमें से ज्यादातर तो ऐसे होते हैं जो एक दूसरे के साथ लम्बी बातें करना या साथ रहना भी पसंद नहीं करते।

पर फिर इस डर की वजह से की अगर मैंने ऐसा नहीं किया तो पार्टनर गुस्सा हो जाएगा, दूर हो जायेगा।

और एक बार दूर चला गया तो जो मैं उससे पाना चाहता हूँ या चाहती हूँ वो मुझे नहीं मिल पायगा। इसलिए न चाहते हुए भी अपना टाइम उन्हें बिताना पड़ता है पार्टनर के साथ

ऐसा ही होता है न, तो फिर इसी डर से प्रेमी अपने प्रेमिका के ऊपर और प्रेमिका प्रेमी के जीवन में घुस जाती है अब वह कर क्या रहा है, किस्से बातें कर रहा है, कहाँ जा रहा है?

क्या खा रहा है सब नोटिस करती हैं। ताकि वो कुछ ऐसा न करे जिससे वह मुझसे दूर हो जाये।

तो अगर ऐसे ही रिश्ता आपका भी बन चुका है या बनने जा रहा है तो सावधान हो जाइये। क्योंकि अगर आपको आजादी प्यारी है दूसरा तुम पर चढ़े और तुम पर हक़ जमाए आप ऐसा नहीं चाहते तो फिर ऐसे रिश्ते से बाहर आ जाइये।

अब ये मत कहियेगा प्रेमी है, अरे प्रेमी नहीं है तुम्हारी इच्छाएं पूरी करने का साधन है वो, अगर तुम अपनी इच्छाओं को मार दोगी तो फिर आपके प्रति आपके प्रेमी का व्यवहार भी बदल जायेगा और आप सही रिश्ता बना पाएंगे।

#2. जानें वो आपसे चाहता क्या है?

ये बात तय है लड़का हो या लड़की जब भी आपस में दोस्ती का, विवाह का रिश्ता बनाते हैं उनमें कुछ एक दूसरे को लेकर उम्मीदें होती हैं।

आपको चाहने की वजह

हालाँकि सच्चे प्यार का मतलब है किसी से कुछ पाने की उम्मीद न रखना। पर फिर भी इन्सान जिसके साथ भी रहता है उससे उसे कुछ आस तो रहती ही है।

अब आपका प्यार सच्चा है या फिर Fake ये जानने के लिए पता कीजिये क्या कारण है जिसकी वजह से वो इन्सान आपसे बातें करता है, समय बिताता है?

क्योंकि सीधे तौर पर आपका प्रेमी या प्रेमिका कभी ये नहीं कहेगी की मुझे क्या चाहिए, तो ये काम आपको अपनी सूझबूझ से ही करना होगा।

आमतौर पर जो नकली प्रेमी होते हैं उसमें लड़के की ख्वाहिश रहती है मुझे लड़की से किसी तरह शरीर का सुख मिल जाये। वहीँ लड़कियों को प्रायः लडको का पैसा, या उनसे मिलने वाली सेक्योरिटी चाहिए होती है।

तो यह देखने के लिए की लड़का या लड़की मुझसे आखिर चाहती क्या है? आप कुछ try कर सकते हैं, उसे ऑफर कर सकते हैं।

जैसे आप लड़की हैं आपको लग रहा है लड़का आपके शरीर को चाहता है तो आप कह सकते हैं की मुझे  शारीरिक सम्बन्ध बनाने में कोई रूचि नहीं।

तो देखिये क्या फिर भी लड़का आपसे पहले की तरह ही बात करता है? इसी तरह आप एक लड़के हैं तो आपको मूल कारण खोजना होगा जिससे लड़की आपसे बातें करती हैं।

जब आप असली कारण जान जायेंगे तो आपको पता चल जायेगा की आपके रिश्ते का क्या आधार है? अगर बेवजह, बिना कुछ पाने की आशा के आपसे दोस्ती कर रहा है तो बढ़िया है अन्यथा ये नकली प्यार है।

बेहद कम ऐसे प्रेमी होते हैं जो बेवजह एक दूसरे के साथ रहते हैं, आजकल ये जो ब्रेकअप के चर्चे होते हैं इनमे उम्मीदें ही एक दूसरे से दूर होने का कारण बनती हैं।

#3. आपको कुछ बेहतर करने से रोकना।

अगर आपका प्यार भी आपको कुछ नया, कुछ सही करने से रोकता है और अपने पास उलझाए रखता है तो ये झूठे प्यार की तीसरी निशानी है।

आपको कुछ बेहतर करने से रोकना

बेहद कम ऐसे पार्टनर होते हैं जो एक दूसरे को कुछ अच्छा करने के लिए प्रेरित करते हैं, कभी सुना है प्रेमी आपस में कह रहे हो तुम्हें ये पुस्तक पढनी चाहिए, चलो मिलकर ये भाषा सीखते हैं, कोई नयी स्किल या आर्ट सीखते हैं।

कोई नहीं कहता ऐसा, जिस कार्य से आपकी जिन्दगी बेहतर होती है आपका डर कम होता है जिन्दगी को आप बेहतर जान पाते हैं।

वैसी बातें प्रेमी लोग आपस में बिलकुल करते ही नहीं, क्योंकि इन बातों से जो वो चाहते हैं वो चीज़ फिर बहुत छोटी हो जाएगी न।

यानि जैसे हो वैसे ही रहो, कुछ नया नहीं होना चाहिए, बस प्यार बना रहे अगर ऐसे ही प्यार में आप संतुष्ट हैं तो बहुत बढ़िया।। लगे रहिये।।

झूठे प्यार को कैसे पहचानें | ये हैं आसान तरीके 

#4. झूठा प्यार में सच्चाई छुपाई जाती है।

जब कभी किसी प्रेमी जोड़े को देखो और पाओ इनमें से कोई महत्वपूर्ण बात अपने प्रेमी/प्रेमिका से गुप्त रखना चाहता है या दोनों कोई एक बात जानते हैं पर उसे सामने नहीं लाना चाहते तो समझना ये प्यार नहीं है।

उदाहरण के लिए प्रेमिका जानती है की प्राकृतिक रूप से मैं गोरी और बहुत सुन्दर नहीं हूँ पर फिर भी वह अपने प्राकृतिक रंग को स्वीकार करने की बजाय हर वक्त प्रेमी के सामने मेकअप करते हुए ऐसे आये मानो वो वास्तव में गोरी है। तो ये साफ़ साफ सच्चाई को छुपाना है।

और खास बात यह है की झूठे प्यार में प्रेमी और प्रेमिका दोनों खूब ऐसी हरकतें करते हैं ताकि सच्चाई से पर्दा न उठ सके। पर वास्तव में सच्चा प्यार तब है जब आप यह समझें की प्रेम सच्चाई को ठुकराता नहीं है बल्कि उसे स्वीकार करता है। 

#5. झूठा प्यार दिखलावटी होता है।

जी हाँ, जैसा की हमने जाना की झूठा प्यार हकीकत को सामने लाने से डरता है। और जाहिर सी बात है जहाँ सच्चाई का आदर नहीं होगा वहां पर झूठ राज करता है।

और कई सारे प्रेमी जोड़ों के रिश्ते को करीब से देखने पर आप पाओगे, उनके प्यार में कुछ भी सच्चा नहीं है उनकी बातें, उनके कपड़े, उनकी चाल सब फर्जी है, वो वास्तव में कुछ और हैं लेकिन अपने प्यार के सामने आकर कुछ और बन जाते हैं।

#6. प्यार के नाम पर टाइम पास करना

जो इन्सान अपना मन बहलाने के लिए किसी से बातचीत करे और उस बात को प्रेम का नाम दे तो समझ लीजियेगा झूठा प्यार है। प्यार का अर्थ है भलाई, और जब मन में दूसरों की भलाई करने का भाव होता है तो फिर इन्सान बहुत व्यस्त होने के बाद भी अपने प्रेमी को याद कर ही लेता है।

पर बहुत से लोग जो दिन भर खाली रहते हैं, दोस्तों के साथ गप्पेबाजी करते हैं और जब कोई भी इंसान उनके फालतू समय में उनका साथ नही देता तो वो अपने प्रेमी या प्रेमिका से मीठी मीठी बातें करते हैं, पर दोस्त इस चीज़ को प्यार बिलकुल भी नहीं कहते।

#7. एक दूसरे को फालतू के कामों में उलझाना।

जी हाँ, बहुत से प्रेमी जोड़े हैं जो कहते हैं की देखो मैं तुम्हारे बिना जी नहीं सकता, और अगर तुम भी मुझसे प्यार करते हो तो मुझसे 2 घंटे रोजाना बात करो, चलो आज कही घूमने चलते हैं, मौज मस्ती करते हैं।

और मजेदार बात यह है की हम सभी को लगता है प्यार में ये तो ये सब होना जायज है तो मित्र ऐसा बिलकुल नहीं है बल्कि जो सच्चा आशिक होगा वो कहेगा देखो अभी समय बहुत कीमती है इसे हमें फालतू के कामों में गंवाकर बर्बाद नहीं करना चाहिए।

इस समय को हम दोनों कुछ नया सीखने, बेहतर इंसान बनने में इस्तेमाल करते हैं।

#8. हमेशा लड़ाई करना। 

लोग प्यार के नाम पर एक दूसरे का सिर फोड़ते हैं, एक दूसरे से गाली गलौज करते हैं। और फिर कहते हैं की  सच्चे प्यार में तो ये सब होना चाहिए इससे तो प्रेम बढ़ता है।

उन लोगों को बता दें ऋषि, ज्ञानी लोग बता गए की प्यार इन्सान को असीम शांति और आनन्द देता है पर यहाँ तो सब कुछ उल्टा चलता है। खासकर शादी से पहले तो फिर भी दो लोग आपस में शांति से रह पाते थे पर शादी के बाद तो दो लोग एक दूसरे से खफा ही नजर आते हैं।

#9. एक दूसरे पर विश्वास की कमी होना।

प्यार अगर झूठा होता है तो एक दूसरे पर शक करने की यह आदत बढ़ जाती है। देखा होगा बहुत से प्रेमी लोग अपने प्रेमिका के सोशल मीडिया एकाउंट्स का पासवर्ड तक मांग लेते हैं।

जिसके पीछे ये डर छिपा रहता है की कहीं ये मेरे अलावा किसी और के साथ रिश्ता न बना लें। इस तरह झूठा प्यार एक दूसरे की निजी जिन्दगी में दखलंदाजी करके एक दूसरे की रातों की नींद उडा देता है।

#10. बातें रूमानी, सच नहीं।

झूठे प्यार में जो बातें कही जाती है उनका सम्बन्ध जमीन से कम और आसमान से अधिक होता है। वो वैसी ही बातें होती हैं जैसे कोई प्रेमी कह रहा हो मैं तुम्हारे लिए चाँद, सितारे तोड़ लाऊंगा या फिर तुम्हारे लिए बंगला बनवा दूंगा इत्यादि।

संक्षेप में कहें तो झूठे प्यार में बड़ी बड़ी बातें फेंकी जाती हैं ताकि उन बातों की मदद से इंसान अपना असली स्वार्थ पूरा कर सके।

#11. प्यार के नाम पर सिर्फ सेक्स

किसी प्रेमी को देखें और पायें ये इन्सान तो सच्चा आशिक है क्यों क्योंकी? ये तो सालों से सिर्फ एक ही लड़की से बात करता है। तो जनाब रुकीये इंसान एक से बात करें या सौ से अगर बातचीत का उद्देश्य ही शारीरिक समबन्ध बनाना है तो फिर उसे प्यार नहीं हवस कहा जाएगा।

और दुर्भाग्य से अधिकतर नौजवान जो 17-18 साल के होते हैं वो शरीर में होने वाले हार्मोन बदलाव को प्यार समझने लगते हैं। जो की बहुत बड़ा भ्रम है।

#12. आपके पैसों से लगाव होना।

झूठे प्यार में प्रेमी को आपकी शांति, आपकी तरक्की, आपके काम से कोई मतलब नहीं होता, उसे फर्क इस बात से पड़ता है की आप नोट कितने कमाते हो।

अगर एक मोटी तनख्वाह आपकी है, और आप उसके शौक पूरे करते हैं तो फिर उसे आपसे शादी करने में भी कोई परेशानी नहीं होगी। दुर्भाग्य से इस तरह की प्रेमिका या प्रेमी को जो इन्सान समय रहते नहीं जान पाता, बाद में उसे घोर पछतावा होता है।

#13. काम के समय आपको याद करना।

बहुत से लोग जरुरत पड़ने पर ही अपने प्रेमी या प्रेमिका को याद करते हैं। और कहते हैं देखो मुझे तुमसे कितना प्रेम है। अगर आप पायें आपके रिश्ते में भी कुछ ऐसा ही है की आप एक दूसरे को तभी याद करते हैं जब आपको किसी तरह की मदद की आवश्यकता होती है तो समझिएगा ये प्यार बिलकुल भी नहीं होता।

#14. प्यार के नाम पर शर्तें देना।

अधिकांश लोगों के लिए प्यार एक लग्जरी आइटम की तरह होता है, जिसे खरीदने पर कुछ नियम और शर्ते लगती हैं। वो कहते हैं जो हमसे प्यार करेगा उसे हमारे हिसाब से चलना होगा। उस कुछ काम तो डेली करने होंगे जैसे की रोज मुझसे बातें करना, मेरी ख्वाहिश पूरी करना, मेरे साथ घूमना इत्यादि!

 और कुछ काम भूलकर भी नहीं करने होंगे जैसे मेरे अलावा किसी दूसरे से बात करना, किसी से मिलना इत्यादि। तो कुछ इस तरह की पॉलिसी आप भी अगर किसी प्रेमी जोड़े के बीच देखें तो समझ लीजियेगा इसे प्यार तो बिलकुल नहीं कहा जा सकता।

#15. सही काम में आपका साथ न देना।

कई लोगों के प्यार में समझदारी बिलकुल भी नहीं होती, वे एक दूसरे को हर उस काम के लिए प्रोत्साहित करते हैं जिससे की एक दूसरे को मजा आये, जैसे पार्टी करने, फालतू बातें करने, घूमने इत्यादि के लिए!

पर यदि दोनों में कोई कहे जिन्दगी में अब मुझे कोई ढंग का काम करना है तो प्रेमी कह देगा देखो तुम्हें अगर काम ही करना है तो मुझे छोड़ दो। इस तरह झूठे प्यार की हकीकत एक मिनट में सामने आ जाती है।

#16. आपको नजरंदाज करना।

कोई इन्सान आपको प्यार करने का दावा करता हो और उसे आपके सुख और दुःख से फर्क ही न पड़े तो क्या आप उसे प्रेमी कहेंगे। बिलकुल नहीं, पर बहुत से प्रेमी ऐसे होते हैं जो अपनी प्रेमिका की परेशानी, तकलीफ जानते हुए भी उन्हें उसके दुखों से बाहर निकलने में साहयता नहीं करते।

वे रोजाना आपस में बात भी करते हैं, एक दूसरे की सच्चाई जानते भी हैं पर वो समस्या का समाधान निकालने की बजाय वो बातें करते हैं जिससे की उन्हें खुद को सुख मिल सके।

#17. एक दूसरे को गहराई से न समझना।

झूठे प्यार का उद्देश्य ही अक्सर एक दूसरे से सुख पाना होता है, यानी उनके इस रिश्ते का आधार एक दूसरे की भलाई तो होता नहीं। वे तो रिश्ते इसलिए बनाते हैं क्योंकि वो तन्हा होते हैं और अपने इस अकेलेपन को मिटाने के लिए वे प्रेम के नाम पर इस तरह का रिश्ता बनाते हैं।

अतः दोनों एक दूसरे से जरूरी बातें छिपाते हैं वे सारी फालतू की बातें तो करते हैं पर उनकी आदत कैसी है, वो जिन्दगी में क्या करना चाहती हैं? उन्हें इस समय क्या तकलीफ हैं? ये सारी जरूरी बातें उनके बीच हो ही नहीं पाती अतः वे एक दूसरे को नहीं समझ पाते।

#18. मूड के हिसाब से बात करना।

झूठे प्यार की एक और विशेषता यह होती है की वो प्यार का इजहार, प्यार की बातें तभी करता है जब उसका मन करता है।

शरीर में जैसे उनके हार्मोन बदलते रहते हैं कभी गुस्सा, कभी आलस्य कभी ख़ुशी होती है अर्थात जिस तरह मूड बदलता है वैसे ही उनके मन में प्यार की भावना भी बदलती रहती है। प्यार तो वो है जो सदा इन्सान के प्रति रहता है लेकिन झूठे लोगों का प्यार बदलता रहता है, इसलिए कबीर साहब कह गए

छिनहिं चढै छिन उतरै, सों तो प्रेम न होय। अघट प्रेमपिंजर बसै, प्रेम कहावै सोय।

#19. प्यार और आकर्षण दोनों अलग हैं।

अधिकांश लोगों के लिए ये दोनों शब्द एक ही हैं, पर अगर अंतर जानना है तो समझियेगा जो चीज़ शरीर को पसंद आये और शरीर को ही बुरी जाये वो आकर्षण का खेल है।

पर जो बात बुद्धि, समझदारी से आए वो प्रेम है। उदाहरण के लिए किसी महिला की खूबसूरती को देखकर शरीर में जो भाव उठे वो आकर्षण है, पर महिला की सोच, उसके काम और उसकी नियत को देखकर आप उसे पसंद करने लगे तो समझिएगा वो सच्चा प्रेम है।

#20. प्यार के नाम पर मालकियत करना।

झूठे प्यार में हमेशा इंसान चाहता है की वो दूसरों पर राज करे। वो चाहता है जिसे वो प्यार करे वो उसका गुलाम बन जाए।

देखा होगा बहुत से लोग अपने प्रेमी या प्रेमिका को कसकर बांध देते है वो कहते हैं जहाँ घूमोगे, जिसके साथ बात करोगे, जो काम करोगे सब मुझे पता होने चाहिए। वो विडियो कॉल करते हैं, सबूत मांगते हैं। समझें ये प्यार नहीं है ये दूसरे की आजादी का हनन करना है।

#21. प्यार में उम्मीदें नहीं होती।

हमें लगता है प्यार करो और बदले में प्यार पाओ यही होना चाहिए। पर वास्तव में सच्चा प्यार कहता है सिर्फ दूसरे की भलाई चाहो।

ये मत उम्मीद रखो की दूसरा भी तुम्हें प्यार करेगा। इसलिए कहा गया प्यार करना सूरमाओं का काम है बच्चों का नहीं, दिल ऐसा होना चाहिए जो कहे मैं आशिक हूँ मैं प्यार करुँगा, उसकी भलाई करूंगा भले वो मुझे प्यार करे या न करे। मुझे उसकी जरूरत ही नहीं है।

#22. शादी के लिए फ़ोर्स करना।

अगर कोई कहे मैं तुमसे प्यार करता हूँ, और अब तुम्हें शादी करके जीवनभर एक छत के नीचे मेरे साथ रहना चाहिए।

तो समझ लीजियेगा उसने कभी प्यार किया ही नहीं वो आपसे कुछ और चाहता था। इसलिए जिस किसी इंसान को पायें वो अपने प्रेमी या प्रेमिका से बातचीत इसलिए करें ताकि अंततः शादी कर लें तो समझिएगा भलाई करना, उसकी बेहतरी चाहना उसका मकसद था ही नहीं वो तो उसका इस्तेमाल करना चाहता था।

#23. एक दूसरे की आजादी की परवाह न करना।

झूठे प्यार में बहुत सी बंदिशें होती हैं, जिसमें प्रेमी जोड़े एक दूसरे को नियंत्रित करने की बड़ी कोशिश करते हैं। वे ये तक नहीं सोचते की किसी इंसान की निजी जिन्दगी है उसकी अपनी इच्छाएं उसका ख्याल रखते हुए उसे उसकी आजादी दे दिनी चाहिए।

पर झूठा प्यार एक तरह से अँधा प्यार होता है वो सब कुछ देखते हुए भी वही काम करता है जिससे दूसरे का नुकसान होता है।

#24. एक दूसरे की तकलीफों को न समझना।

देखिये हर इंसान की जिन्दगी में कुछ तकलीफें होती हैं, दुःख होते हैं जिनके होने से जिन्दगी में बड़ा दर्द रहता है। और वास्तव में एक सच्चे प्रेमी का फर्ज यह है की वो अपने प्रेमी की उन परेशानियों को देखें।

समझें और उन्हें ठीक करने का समाधान निकाले। पर झूठे प्यार में एक दूसरे की मूल तकलीफों को मानो ढक दिया जाता है और जो कुछ व्यर्थ है, घटिया है उस काम को सामने लाया जाता है।

उदाहरण के लिए प्रेमिका की समस्या यह है की वो आत्मनिर्भर नहीं है, अब प्रेमी ऐसा कोई काम नहीं करेगा जिससे की प्रेमिका अपने पैरों पर खड़े हो सके, बल्कि वो प्रेम की शायरी सुनाकर उसको खुश करेगा। ये झूठा प्यार है, साफ समझिएगा।

#25. आपको बदलते नहीं देखना चाहता।

झूठा प्यार आपको जिन्दगी में न तो आगे बढ़ना देखना चाहता और न ही आपको बदलते देखना, क्योंकी वो जानता है की आप अगर बेहतर हो गए तो मुझे थोड़ी स्वीकार करोगे आपको तो जीवन में मुझसे बेहतर कुछ और मिल जायगा। इसलिए इस डर और असुरक्षा की भावना के साथ की आपके जाने से मेरा क्या होगा? वो आपको जिन्दगी में कुछ भेई अच्छा और बेहतर करने से रोकते हैं।

झूठे प्यार को कैसे अलविदा कहें? झूठे प्यार से बाहर आने का तरीका

तो साथियों झूठे प्यार के इन लक्षणों को समझने के बाद यदि आपको भी लगता है की मैं जिससे प्यार करता/करती हूँ, हमारे बीच के रिश्ते में प्यार,आजादी, शांति जैसी कोई चीज़ नहीं है। और ये प्रेम का एक झूठा रिश्ता है।

तो अब आपके सामने दो विल्कप हैं या तो प्रेमी को समझायें की प्यार करने का वास्तविक अर्थ दूसरे का हित चाहना होता है। दूसरे की बेहतरी, दूसरे की तरक्की चाहना होता है। प्यार का अर्थ एक दूसरे के साथ रोमांटिक समय बिताना नही होता वो कामवासना होती है।

तो या तो आप प्रेमी को ये समझा दीजिये की प्रेम क्या है? क्या नहीं? दूसरा, अगर वो इस बात को नहीं समझना चाहता तो बेहतर है उससे बात करना बंद कर दीजिये और आगे बढ़ जाइए। जिन्दगी में कोई सही काम कीजिये? फिर आगे चलकर कोई ढंग का इंसान भी आपको मिल जायेगा।

सबसे पहले खुद से प्रेम कीजिये, खुद की भलाई चाहिए। तभी आप जिन्दगी में दूसरे को भी प्यार करने के काबिल बन पाओगे। क्योंकी बिना खुद से प्रेम किये हम कभी दूसरे का हित नहीं चाह सकते। हमारी हालत ऐसी है जैसे हम खुद गड्ढे में हैं और उससे बाहर निकलने की बजाय हम चाहते हैं वहीँ गड्ढे में पड़े किसी दूसरे इन्सान से दिल लगा लें।

पर ऐसा करने से आप उस गड्ढे से बाहर नहीं निकल पाओगे।

जानें:  खुद को कैसे बदलें?

समबन्धित पोस्ट जरुर पढ़ें:-

अंतिम शब्द 

तो साथियों झूठे प्यार की तीन निशानी को जानने के बाद, हमें पूरी आशा है आप जीवन में सही व्यक्ति के साथ सही सम्बन्ध बनायेंगे। और आप एक बेहतर इन्सान बन पाएंगे। आशा है यह लेख आपके लिए उपयोगी साबित होगा और आप इसे शेयर भी करेंगे।

Leave a Comment