कुंडलिनी जागरण एक आम इन्सान को भी विशेष बना देती है, क्योंकि कुंडलिनी जागरण से प्राप्त सिद्धियों मनुष्य को इतना बलशाली बना देती है की उसे किसी के सामने झुकने की आवश्यकता नहीं पड़ती।
इन्टरनेट पर और कुंडलिनी जागृत करने की विधि बताने वाले गुरु अक्सर आपको कुंडलिनी जागृत करने के फायदे बताते हैं, हालांकि ये काम सरल नहीं है पर सच्चाई जानकर कोई भी इंसान अपने लिए सही फैसला ले सकता है।
अगर आप भी अपनी कुंडलनी जागृत करके जीवन में अलौकिक शक्तियों को पाने की इच्छा रखते हैं तो फिर आज का यह लेख जिन्दगी के प्रति आपकी सोच को पूरी तरह बदल सकता है।
आप जिन दुखों से गुजर रहे हैं उनसे यदि आप मुक्ति पाकर एक आनन्दमई जीवन जीना चाहते हैं तो आपकी सहायता के लिए कुंडलिनी जागरण के विषय पर दी गई जानकारी आपके बेहद काम आ सकती है।
Note: कुंडलिनी जागृत करने को लेकर मन में आ रहे किसी भी तरह के सवाल का जवाब पाने हेतु आप नि:शुल्क इस whatsapp नम्बर 8512820608 पर अपने विचारों को साँझा कर सकते हैं।
कुंडलिनी जागरण से प्राप्त सिद्धियों
कुंडलिनी जागरण की प्रक्रिया इन्सान के जीवन को बदल देने वाली घटना होती है। वे इन्सान जो शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत हैं सिर्फ उन्हें ही कुंडलिनी जागरण की घोर साधना करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
अगर आप भी इस दिशा में आगे बढ़ने और अपने जीवन को बदलने का सपना देख रहे हैं तो आपको इस प्रक्रिया में सफलता पाने के लाभ अवश्य मालूम होने चाहिए।
पढ़ें: कुंडलिनी जागरण का सच
#1. अहम और इन्द्रियां वश में हो जाती हैं।
सबसे बड़ी मान्यता लोगों में यह प्रचलित है की कुंडलिनी जागरण होने की स्तिथि में इंसान अपने भीतर मौजूद मोह, क्रोध, लालच, पर जीत प्राप्त कर लेता है।
जहाँ आम आदमी अपनी इन्द्रियों के आगे घुटने टेक देता है, वो मन के कहने पर चलने लगता है वहीँ दूसरी तरफ कुंडलिनी जागरण की प्रक्रिया के दौरान साधक को साधना में लीन होने के लिए अनेक ऐसी विधियों का पालन करना पड़ता है जिसमें मन को संयमित रखना पड़ता है।
और मन को साधने के इसी अभ्यास के फलस्वरूप इन्सान इन्द्रियों को अंततः काबू में कर लेता है। अब उसके मन में जो भी इच्छाएं उठती हैं वो उसे परेशान नहीं कर पाती, वो फ़ालतू के कामों में ध्यान न देकर अपने लक्ष्य पर अडिग होकर काम करते हैं।
अतः वे लोग जो मन से परेशान है जो अपनी इन्द्रियों को काबू करने में असमर्थ रहते हैं अकसर वे लोग कुंडलिनी जागरण करके अपनी समस्या से मुक्ति का उपाय ढूंढते हैं।
#2. याददाश्त शक्ति तीव्र हो जाती है।
कुंडलिनी जागरण हेतु साधक द्वारा की गई साधना में इंसान को अपना तन और मन दोनों अपने लक्ष्य को समर्पित करने होते हैं। इस तरह जब आप लम्बे समय तक एक ही चीज़ पर फोकस करते हैं तो इससे आपके मस्तिष्क पर सकरात्मक प्रभाव पड़ता है।
मान्यता है कुंडलिनी जागरण होने पर इन्सान की स्मरण शक्ति इतनी तेज हो जाती है की उसे पुरानी बातें याद आने लगती है। वो जिस भी विषय को ध्यानपूर्वक पढता है वो विषय उसके दिमाग में छप जाता है। अतः वे लोग जो अक्सर चीजों के याद न रहने की समस्या से परेशान हैं।
ऐसे लोगों के लिए कुंडलिनी जागरण बेहद लाभदाई होता है।
#3. दूरगामी घटनाओं का आभास होने लगता है।
हर इन्सान के जीवन में अनायास ऐसी घटनाएँ घटती हैं जिसका उसे कभी अंदाजा नहीं होता। जैसे अचानक किसी तरह का नुकसान हो जाना या कोई दुर्घटना हो जाना।
पर मान्यता रहती है की वे लोग जिनका कुंडलिनी चक्र जागृत हो जाता है उन्हें निकट भविष्य में होने वाली घटनाओं का अंदाजा हो जाता है। जिससे वे अपने और अपने प्रिय लोगों के ऊपर होने वाले किसी नुकसान की चेतावनी उन्हें दे देते हैं।
यही कारण है की कुंडलिनी जागरण के इस विशेष लाभ को देखते हुए बहुत से लोग अपना कुंडलिनी चक्र जागृत करने का प्रयास करते हैं और अनेक तरह की विधियाँ आजमाते हैं।
#4. देवी देवताओं के दर्शन होना।
वे लोग जो भगवान के दिव्य दर्शन करना चाहते हैं, उनकी विशेष कृपा पाकर जीवन में तमाम तरह के सुख भोगना चाहते हैं ऐसे लोगों को कुंडलिनी जागरण बेहद आकर्षित करता है।
मान्यता है की कुंडलिनी चक्र जागरण होने पर इंसान को आँख बंद करने पर देवताओं के चित्र दिखाई देते हैं, इन्सान उनकी भक्ति कर अपनी मनोकामना पूरी कर सकता है।
अतः वे लोग जिन्हें उच्च्लोक में बैठे देवी देवताओं के करीब आकर उनका आशीर्वाद पाना चाहते हैं वे कुंडलिनी चक्र जागृत करने को लेकर बड़े गम्भीर रहते हैं।
#5. चमत्कारिक कार्य होने लगते हैं।
जाहिर है आम से ख़ास बनने की उम्मीद में कुंडलिनी चक्र जागृत करना हर कोई चाहता है। हालाँकि ये प्रक्रिया बहुत कठिन होती है कुछ ही लोग इसमें सफलता प्राप्त कर पाते हैं।
परन्तु माना जाता है वे लोग जिनका कुंडलिनी चक्र जागृत हो जाता है वे जीवन में कई ऐसे विशेष कार्य करने में सक्षम हो जाते हैं जो आम इन्सान कभी नहीं कर सकता। जैसे की वो बैठे बैठे भविष्य की घटनाओं का पता कर लेता है। वो किसी जादू टोने से परेशान व्यक्ति का डर दूर कर देता है। इत्यादि।
यही कारण है की भारत ही नहीं अपितु अन्य देशों के लोग भी कुंडलिनी जागरण को लेकर बेहद उत्सुक रहते हैं।
#6. रहस्यमई शक्तियां प्राप्त हो जाती हैं।
वातावरण में कुछ रहस्यमई शक्तियाँ मौजूद हैं जिनका प्रभाव इन्सान की जिन्दगी में पड़ता है, यह सोचकर बहुत सारे लोग इन रहस्यमई शक्तियों को खोजने और इन्हें अपने काबू में करने के लिए साधना करते हैं।
माना जाता है जिन लोगों को यह शक्तियाँ प्राप्त हो जाती हैं वो इनका उपयोग अच्छे और बुरे दोनों कार्यों के लिए कर सकता है।
इस समबन्ध में कुंडलिनी जागरण की विधियाँ बताने वाले गुरुओं का मानना है की जिस तरह पॉजिटिव और नेगेटीव एनर्जी होती है उसी तरह वातावरण में अच्छी और बुरी शक्तियाँ राज करती हैं। और आप भी इन रहस्यमई शक्तियों से वाकिफ होना चाहते हैं तो कुंडलिनी जागरण इस काम में मदद कर सकता है।
तो साथियों कुंडलिनी जागरण के विशेष फायदों से तो हम सभी परिचित हो गये हैं, इस तरह सम्भव है कुछ और भी फायदे सिद्धियों के रूप में आपको गुरुओं द्वारा बताये जा सकते हैं पर अब हम आपके साथ वो सीक्रेट सांझा करने जा रहे हैं जिससे आपकी आँखें खुल सकती हैं।
कुंडलिनी जागरण से प्राप्त सिद्धियों का सच
कुंडलिनी जागरण के फायदे जानकर या इससे प्राप्त सिद्धियाँ के बारे में सुनकर हम बेहद उत्साहित रहते हैं हमें लगता है इन अलौकिक शक्तियों को पाने का क्यों न प्रयास किया जाए।
पर सच्चाई यह है की कुंडलिनी जागरण के बारे में हमारी अधिकाँश मान्यताएं बस भ्रम हैं, उनमें कोई सच्चाई नहीं।
जिन सिद्धियों को प्राप्त करने का लालच लोगों को दिया जा रहा है वो सिद्धियाँ वास्तव में कभी भी सम्भव नहीं हो सकती।
पर चूँकि लोगों के मन में गलत उम्मीद और भ्रम फैलाकर उनसे पैसे लेकर उन्हें बेवकूफ बनाना आसान है तो इसलिए बहुत से लोग हैं जो स्वयं को गुरु बतलाकर ये धंधा कर रहे हैं।
ठीक वैसे जैसे फिल्मों में, नाटकों में हमें नागिन और भूत प्रेत की कहानियाँ दिखाकर झूठी बातों को भी सच ठहराने का प्रयास किया जाता है। इसी तरह कुंडलिनी शक्ति को लेकर भी लोगों के मन में गलत धारणायें बनाकर उन्हें ठगने का प्रयास किया जा रहा है।
मूलाधार चक्र और उसके उपर उठने की सच्चाई –
अब सवाल आता है की जब कुंडलिनी जागरण से दैवीय शक्तियों को नहीं पाया जा सकता, इन्द्रियों को काबू में नहीं किया जा सकता, भविष्य की घटनाओं को पता नहीं किया जा सकता। तो फिर क्या कुंडलिनी चक्र जैसा कुछ होता ही नहीं?
अगर होता है तो फिर उसका सच क्या है?
देखिये, कुंडलिनी जागरण में जिन 7 चक्रों की बात कही गई है वो चक्र कहीं भीतर हमारे मौजूद नहीं है। आप आँख बंद कर लेने से उस चक्र को ऊपर की तरफ नहीं ले जा सकते।
क्योंकी अगर आपने थोडा विज्ञान पढ़ा है और आपको शरीर की थोड़ी भी समझ है तो आप पाएंगे शरीर में मूलाधार चक्र या सहस्त्रार चक्र जैसा कुछ भी नहीं है। अगर ये होता तो हमें पढ़ाया जाता न।
इसके विपरीत हकीकत यह है की कुंडलिनी जागरण में बताये गए 7 चक्र किसी ऊँची बात की तरफ इशारा करते हैं, जिसकी मदद से हम एक सच्चा और सुन्दर जीवन जी सके।
देखिये कुंडलिनी चक्र में जिस प्रथम चक्र की बात कही जाती है उसका नाम है मूलाधार चक्र, इस चक्र को मनुष्य की प्रकृतिक अवस्था कहा जाता है क्योंकि हममें से अधिकांश लोग इसी चक्र में जीवन जीते हैं।
एक जानवर अपनी प्राकृतिक अवस्था में जीता है, उसे भूख लगती है, नींद आती है, कामवासना से ग्रस्त होता है। यही नहीं लालच, क्रोध, मोह इत्यादि गुण उसके भीतर पाए जाते हैं।
उसी तरह हममें से अधिकतर लोग प्राकृतिक जीवन जीते हैं हम वो सारे काम करते हैं जो पशु करता है। हमारे अन्दर भी लालच, मोह, डर, क्रोध इत्यादि पाया जाता है।
अतः जानने वालों ने कहा की तुम पशु नहीं हो, तुम शरीर से नहीं मन से जीते हो इसलिए तुम्हें अपने प्राकृतिक चक्र से ऊपर उठना चाहिए।
प्राकृतिक चक्र से उपर उठने का मतलब है इन्सान अपने प्राकृतिक गुणों से उपर उठे वो समझें की उसके लालच, मोह, डर से ज्यादा महत्वपूर्ण दूसरे की भलाई है।
इस तरह जब इन्सान अपने लालच, डर को काबू में करके एक सच्चा जीवन जीने की तरफ आगे बढ़ता है तो वो एक बेहतर से बेहतर इंसान बनने की दिशा में आगे बढ़ने लगता है।
तो वो एक चक्र से उपर दूसरे चक्र में बढ़ता जाता है और अंततः जब वो सांतवे चक्र यानी सहस्त्रार चक्र तक पहुँच जाता है तो वो ब्रह्मस्थ हो जाता है। और यही पहुँचना जीवन का लक्ष्य है।
तो संक्षेप में कहें तो कुंडलिनी जागरण मनुष्य के जीवन को सुधारने की, उसको एक सच्चा इन्सान बनाने की विधि है। और जो सच्चा और सुन्दर जीवन जी रहा है उसे देवताओं का आशीर्वाद स्वयं मिल जाता है। जो इंसान राम की भाँती सच्चा जीवन जी रहा है फिर उसे भला किसी चमत्कार की क्या जरूरत।
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अंतिम शब्द
तो साथियों इस लेख को पढने के बाद समाज में प्रचलित कुंडलिनी जागरण से प्राप्त सिद्धियों का सच आप जान गए होंगे और साथ ही आप ये भी जान गए होंगे की समाज में कितना ज्यादा झूठ और अन्धविश्वास कुंडलिनी चक्र के नाम पर फैलाया जा रहा है।
इस लेख को पढने के बाद अभी भी मन में कोई सवाल है तो बेझिझक आप इस whatsapp number 8512820608 पर अपने सवालों को साँझा कर सकते हैं, साथ ही लेख पसंद आया है तो शेयर भी कर दें। याद रखें आपका एक शेयर किसी को एक गलत फैसला लेने से रोक सकता है।