पितरों से बात कैसे करे? ऐसे जानें उनके मन का हाल

सपने में पितरों के साथ बातचीत कर यदि आप उनके मन का हाल जानना चाहते हैं तो आखिर पितरों से बात कैसे करे? आज हम आपको कुछ आसान और कारगर उपाय बतायेंगे।

पितरों से बात कैसे करें

आपने अक्सर लोगों को ये कहते सुना होगा की सपनों में पितरों ने आकर उन्हें कुछ बातें बताई। या फिर वो कहते हैं की पितृ उन्हें दिखाई देते हैं और उनकी आत्मा उनसे कुछ कहना चाहती है।

इसी तरह यदि आपको भी लगता है आपने भूल से कुछ ऐसा कर दिया है जिसकी वजह से आपके पितृ आपसे नाराज हैं और आप उनसे बात कर अपनी गलती की मांफी मांगना चाहते हैं तो इस ख़ास पोस्ट में आपको वो विधि बताई जा रही है जिससे आप पितरों से सम्पर्क कर सकते हैं।

इस लेख को पढने के बाद आपको यह सवाल दोबारा खोजने की जरूरत नहीं पढेगी। अतः आपसे निवेदन है लेख में बताई गई प्रत्येक बात को ध्यानपूर्वक जरुर पढ़ें।

पितरों से बात कैसे करे? जानें हकीकत 

आमतौर पर पितरों से बात करने के लिए लोग तमाम तरह की विधियाँ बताते हैं वे कई ऐसे नुश्के अपनाते हैं जिससे की वे पितरों तक अपनी बात पहुंचा सके।

हालाँकि सच्चाई यह है की पितरों से बात करने की जो विधि हम अपनाते हैं वो अक्सर असफल जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकी मरने के बाद इंसान की महज यादें रह जाती है उसका शरीर चला जाता है।

और जब शरीर जाता है तो फिर मुंह से इन्सान बात कैसे कर सकता है? हालाँकि वे लोग जो कहते हैं की मेरे पितृ मुझसे बातचीत करते हैं उनके मन में अपने पितरों की यादें रह जाती हैं।

और इन्सान जब बार बार किसी के बारे में सोचता है तो सपने में भी वहीँ यादें घूमने लगती हैं और इन्सान को लगने लगता है जैसे कोई सचमुच उनसे बात कर रहा है।

पर वे जानते ही नहीं की सपने में हमें उन्हीं का ख्याल आता है जिनको हम पहले देख चुके होते हैं या फिर जिनके बारे में हमने सुना होता है। यदि मैंने अपने परदादा देखे नहीं हैं तो बताइए क्या मेरे पितृ की तस्वीर मेरे दिमाग में आ सकती है?

नहीं न, क्योंकी मन तो उन्हीं की कल्पना कर सकता है जिसको उसने कभी देखा हो। हालाँकि अगर मैंने अपने दादा जी को देखा है तो मन जरुर ऐसी कल्पना कर सकता है जिससे की मुझे लगे मैं अपने दादा जी से बात कर रहा हूँ।

पर सच्चाई तो यह है की सपने सच नहीं होते। सपने में जो आता है वो तो सिर्फ इन्सान की कल्पना है, उसका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं।

तो जान लीजिये अगर कोई कहता है की मुझे मेरे पितृ सपने में दिखाई देते हैं तो समझ लीजिये उसके मन की कल्पना है, ठीक वैसे जैसे इन्सान को अपने दोस्त सपने में कुछ बोलते दिखाई देते हैं।

उसी तरह सम्भव है की जो व्यक्ति आपके परिवार का सदस्य था जिससे आपको लगाव था। उसके बारे में सोचने पर वो भी सपने में कुछ कहते दिखाई दे सकता है।

पर इन सबसे ये साबित नहीं होता की सपने में कोई सच्चाई थी। सपने तो सपने होते हैं हर इन्सान को आते हैं। अब सवाल आता है की

पितरों से बात आप क्यों करना चाहते हैं? 

पितरों से बात करने की अनेक वजह हो सकती हैं, जैसे की आपको लगता है की पितरों के पास कुछ सीक्रेट हैं जो वो छुपा गये हैं। या फिर घर में कुछ अनहोनी हो रही है और आपको शक है ये कहीं पितरों के नाराज होने की वजह से तो नहीं हो रहा है।

या फिर अन्य वजह हो सकती हैं। देखिये सच्चाई तो हम आपको बता चुके हैं की पितरों से आप सीधे तौर पर बातचीत नहीं कर सकते। लेकिन मन में जो डर और भ्रम है जिसकी वजह से आप पितरों से बात करना चाहते हैं उसको दूर करने के लिए आप यह उपाय अपना सकते हैं।

पितृ नाराज हैं या नहीं कैसे जानें ?

वे लोग जिन्हें यह शक है की उनके पितृ नाराज हैं और इस कारण उन्हें सफलता नही मिल रही है, अजीब सी घटनाएँ हो रही हैं, तो आपकी इस समस्या का एक ही समाधान है आत्मज्ञान

वे लोग जिन्हें आत्मज्ञान होता है वे स्वयं को और पितरों को भी जान लेते हैं। उन्हें मालूम हो जाता है की जिस काम में मैं असफल हो रहा हूँ उसके पीछे किसी की बुरी नजर या टोना टोटका या पितरों की नाराजगी नहीं है बल्कि हकीकत कुछ और है।

समझिएगा, आप जिस भी काम में फेल हो रहे हैं ये मत समझें की पितृ नाराज हैं, ये बात बिलकुल मन से निकाल दीजिये। क्योंकी ऐसा करके आपको दो नुकसान होंगे।

पहला आपको लगेगा जिस काम में बाधा आ रही है, वो काम तो बहुत अच्छा है लेकिन पितृ नाराज हैं इसलिए वो सफल नहीं हो हो रहा। यानी की आप अपने कर्म और अपनी नियत पर ध्यान देने की बजाय सारा ध्यान पितरों पर लगा देंगे।

परिणाम यह होगा की अगर आप किसी गलत काम को कर रहे थे तो उसके सफल होने के बाद भविष्य में आपको नुकसान झेलना पड़ सकता है।

दूसरा, आज आपको ये भ्रम है की मेरी परेशानियों का कारण मैं और मेरे परिवार के सदस्य नहीं बल्कि हमारे पितृ हैं तो सम्भव है कल जब आपके सामने दूसरी तरह की परेशानी आएगी तो आपको लगेगा किसी की बुरी नजर लग गई है या फिर किसी ने कोई टोटका किया है।

इस तरह आप भ्रम में जीते रहेंगे आप अपनी परेशानी का समाधान करने की बजाय कोई न कोई बहाना अवश्य बना लेंगे।

तो भलाई इसी में है की आप ये मानें जो कुछ मेरे साथ हो रहा है उसकी जिम्मेदारी मेरी है, मेरी वजह से ही मेरी जिंदगी खराब हो रही है। जैसे ही आप ये स्वीकार कर लेंगे अब आप अपनी खराब जिन्दगी को सुधारने के लिए कोई फैसला ले सकते हैं।

पढ़ें: जादू टोना सच है क्या?

जादू टोना से बाहर निकलने की सच्ची कहानी।

पितरों के मन की बात कैसे जानें 

अगर आप पितरों की अंतिम इच्छा, उनके मन का हाल जानना चाहते हैं तो आपको समझना होगा की जीते जी जो हमारे माता पिता, दादा-दादी हमारा भला चाहते हैं तो मृत्यु के बाद भी उनकी अंतिम चाहत हमारी भलाई ही होगी।

हम एक ऊँचा और सुन्दर जीवन जियें, अच्छे कर्म करें यही तो ख्वाहिश होगी। अब वो मर चुके हैं उन्हें अपने लिए भला क्या चाहिए होगा। उनकी तो एकमात्र ख्वाहिश हमारी भलाई होगी न।

तो जब जब कोई इंसान अच्छे कर्म करता है तो सिर्फ उसका जीवन बेहतर नहीं होता है बल्कि उसके पितृ भी वास्तव में खुश होते हैं। लेकिन बहुत से लोग सोचते हैं अच्छे काम क्यों करने? दुनिया खराब है तो बुरे काम करो।

और पितरों का श्राद्ध कर दो वो खुश हो जायेंगे। जी नहीं आप घटिया जिन्दगी जियो तो पितृ खुश नहीं हो सकते भले आप विधि विधान से श्राद्ध क्यों न कर ले, दिन रात उन्हें क्यों न याद करें।

पितृ तो आपकी साफ और सच्ची नियत से ही खुश होंगे। जब वो ऊपर से देखेंगे की मेरे बच्चे झूठ और डर के आगे नहीं बल्कि सिर्फ सच्चाई और ईमानदारी के आगे सर झुकाते हैं, शान से जीते हैं उस दिन वह वास्तव में खुश होंगे।

सम्बन्धित पोस्ट पढ़ें:-

शरीर में देवी देवता कैसे आते हैं? रहस्य आप भी जानें

हनुमान जी को अपना गुरु कैसे बनाएं? ऐसे खुश होंगे हनुमंत

अन्धविश्वास के 11 बड़े नुकसान | झेलने पड़ते हैं इंसान को

 अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद पितरों से बात कैसे करे? इस प्रश्न का सीधा और सच्चा जवाब मिल गया होगा। देखिये इन्टरनेट पर इससे जुडी कई तरह की भ्रामक जानकारियाँ भी हैं, हम नहीं चाहते आप उन बेकार की बातों पर अपना समय और पैसा बर्बाद करें।

अगर अभी भी इस लेख से जुडा मन में कोई सवाल बाकी है तो आप बेझिझक 8512820608 इस whatsapp नम्बर पर अपने सवालों को साँझा कर सकते हैं, साथ ही यह लेख उपयोगी साबित हुआ है तो इसे शेयर भी जरुर कर दें ताकि सच्चाई की रौशनी उन तक भी पहुँच सके।

Leave a Comment