सच्चा भगवान कौन है? कैसे जानें आसान तरीका

हर इन्सान जो किसी धर्म को मानता है वो उसी धर्म के किसी गॉड, भगवान में गहरी आस्था रखता है, उन्हीं को वह अपना परमेश्वर, ईश्वर मानते हुए उन्हें प्रसन्न करने के लिए कई तरह की क्रियाएं भी करता है। ऐसे में सवाल आता है सच्चा भगवान कौन है?

सच्चा भगवान कौन है

क्या सच्चा भगवान वो होता है जिसे मुसीबत में याद करने पर वह हमारी सारी समस्या को गायब कर देता है? क्या सच्चे भगवान की कोई पहचान है? यदि हाँ तो क्या है? आज हम इसी विषय पर चर्चा करेंगे। हिन्दू धर्म में 33 कोटि देवता हैं और हर इन्सान अपनी इच्छा के अनुरूप अलग अलग भगवानों को पूजता है।

ऐसे में यदि किसी से पूछा जाये आप किस एक भगवान को अपने अराध्य चुनना पसंद करेंगे? तो उनके लिए जवाब देना कठिन हो जाता है।

लेकिन हमारा दावा है यदि आप लेख में कही गई प्रत्येक बात को ध्यान से समझेंगे तो चाहे आप किसी भी धर्म के अनुयाई हो आपको मालूम हो जायेगा की सच्चे भगवान  कौन होते हैं? और कैसे पहचानने चाहिए।

सच्चा भगवान कौन है? 

सच्चा भगवान, ईश्वर, परवरदिगार, सच्चा बादशाह, रब, भगवान जो भी आप नाम देना चाहें वो कहीं बाहर नहीं आपके ही भीतर है, आपके ही साथ है आपसे भी पहले था आपके बाद भी है।

वो है तभी तो हमें शांति की, मुक्ति की तलाश रहती है न। वो है तभी हम दुखों से, कष्टों से मुक्ति चाहते हैं। पर यदि हम ये सोच लें की वो बाहर की कोई चीज़ है और बाहर ही कहीं मिलेगा।

तो इस भाव के साथ जब इंसान उसे बाहर तलाशने लगता है तो उसके मन में ये सोच घर कर जाती है की कुछ गायब है, कुछ जरूरी है जो कहीं खो गया है।

और फिर इन्सान जिन्दगी में न जाने कितनी चीजें खरीदता है, कितने रिश्ते बनाता है और कितने काम करता है बाहर बाहर उसे ढूँढने के लिए।

वो जानता ही नहीं जिस परमात्मा को, जिस भगवान को वो बाहर खोज रहा है वो तो सदैव उसके भीतर है।

लेकिन वो भीतर है उसका कोई रंग रूप तो नहीं है, इसलिए लोग फिर ताकि उसे बार बार याद कर सके इसके लिए मंदिर, मस्जिद बनाये गए ताकि जब जब इन्सान इन धार्मिक स्थलों पर जाये तो उसे अपने भीतर बैठे उस परमात्मा की याद आ जाये।

जब राम का नाम लें तो उस परमात्मा की याद आ जाये तो भीतर बैठा है। पर जो लोग यह बात नहीं समझते वो मंदिर, मस्जिद को ही अपना लक्ष्य बना लेते हैं।

वो जीवन भर राम की पूजा तो करते हैं लेकिन वो राम को अर्थात उस परमात्मा को प्राप्त नहीं कर पाते।

आसान शब्दों में कहें तो जिस परमात्मा को हम सभी ढूंढ रहे हैं उसका दूसरा नाम सत्य है, और वो सत्य संसार में हर जगह है तो हमारे भीतर सबसे पहले है।

जो इन्सान यह जान लेता है की परमात्मा कहीं और नहीं हमारे ही भीतर है तो फिर वह परमात्मा को पाने के लिए बाहर भटकना बंद कर देता है। परमात्मा ही सच्चा भगवान है जो इस संसार में हर व्यक्ति के भीतर मौजूद है।

सच्चे भगवान की पहचान | अपनाएँ ये तरीके 

सच्चे भगवान की कुछ विशेषताएं होती हैं, जिस भी धर्म के जिस भी गॉड को आप मानते हैं अगर वाकई आप जीवन में बेहतर बनना चाहते हैं? तो आपको निम्न बिंदु पढने चाहिए।

#1. सच्चे भगवान का जीवन आपसे सम्बन्धित होगा।

बचपन से ही बच्चों को धार्मिक कथाएं सुनाने का मकसद उन्हें भगवत्ता का अर्थ समझाना होता है। तो चाहे आप भगवान राम या कृष्ण किसी को भी सच्चा भगवान मानें एक बात ध्यान में रखें और देखें उनके जीवन में संघर्ष, दुःख, वीरता की कहानियां आपके जीवन से मेल खाती या नहीं।

उदाहरण के लिये भगवान राम के जीवन की अनेक घटनाएं हमें सिखाती हैं की जीवन में दुःख और चुनौतियाँ तो आएँगी। मन डराएगा, ललचाएगा लेकिन जो इस कठिन परिस्तिथि में भी सच्चाई का साथ नहीं छोड़ता वही असली योद्धा होता है।

लंका जाने पर भगवान राम के भी मन में ये विचार तो आया होगा न की सोने की लंका है, क्यों न मैं भी यही बस जाऊँ। पर उन्होंने सच्चाई की खातिर, धर्म के लिए जो सही था वो किया।

और हमारे जीवन में भी अनेक ऐसे मौके आते हैं जब झूठ बाहँ पसारे हमें पकड़ने की कोशिश करता है, हमारा मन हमें डराकर, धमकाकर हमें गलत कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।

अतः ऐसी स्तिथियाँ दिन में, जीवन में कभी भी आये भगवान राम को एक सच्चे भगवान के रूप में याद कर आप सोच सकते हैं की हमारी ही तरह दो पैर, दो हाथ, और घर ग्रहस्थी वाले व्यक्ति ने इस संसार में सच्चाई का साथ देकर अपना जीवन धन्य कर दिया।

इस तरह आप चाहे किसी भी भगवान को सच्चा मानकर उनकी कहानियां या उनके जीवन की घटनाओं को पढ़ें तो देखें क्या इनके जीवन और मेरे जीवन में कुछ समानताएं हैं? क्या जो चुनौतियाँ, कष्ट उन्होंने झेले क्या मैं नहीं झेलता। और अगर उन्होंने इतने कष्टों के बाद भी एक सही जिन्दगी जी तो क्या मैं लड़ाई नहीं कर सकता?

पर अगर आप पाते हैं जिन भगवान को आप पूज रहे हैं उनके जीवन की सभी घटनाएँ काल्पनिक सी लगती हैं? उनमें ऐसा कुछ भी नहीं है जो एक आम इंसान के जीवन में होता हो तो फिर समझ लेना वो भगवान होकर भी आपके लिए लाभकारी नहीं हो सकते।

#2. सच्चा भगवान आपको बेहतर इन्सान बनाएगा।

जी हाँ, देवताओं का जीवन महान है इसलिए हम सब उन्हें पूजते हैं। जब जब भगवान राम का ख्याल आता है तो याद आता है सच्चाई के प्रति उनका संघर्ष, वीरता और परिवार और प्रजा के प्रति प्रेम को।

और साथ ही हमारे मन में ये बात आती है  की हम कितने छोटे हैं जो अपने ही स्वार्थों में जीते हैं, और छोटी छोटी बातों में लड़ते रहते हैं।

भीतर हमारे ढेर सारा लालच और डर है इस बात का सबूत यह है की जीवन में हम अपने लिए तो खूब संचय करना चाहते हैं लेकिन जब निस्वार्थ भाव से कोई अच्छा कर्म करने की बात हो तो हम शारीरिक रूप से, आर्थिक रूप से थोडा योगदान करने में भी घबराते हैं।

दूसरी तरफ भगवान् राम ने सच्चाई को अपना जीवन समर्पित किया, एक राजा होते हुए भी उन्होंने जीवन में अय्यासी की चाह कभी न रखी।

लेकिन प्रेम,शांति और जितना तेज उनके मुख में था शायद किसी और के होगा। तो संक्षेप में कहें तो सच्चा भगवान आपको अपनी कमियां सुधारने के लिए प्रेरित करेगा ताकि अपने कष्टों से मुक्ति पाकर आप जिन्दगी में ऊँचे कर्म कर सके।

#3. पूजा से नहीं अच्छे कर्मों से खुश होता सच्चा भगवान।

अगर आप पायें कोई भगवान है जिसके बारे में मान्यता है की उसे प्रसन्न करने के लिए नियमित रूप से पूजा पाठ, व्रत इत्यादि किया जाता है तो समझ लीजिये या  तो समाज की मान्यता गलत है या फिर वो भगवान ही सच्चा नही है।

क्योंकी वास्तव में देवताओं का पूजन इसलिए किया जाता है ताकि उनके आगे सर झुकाकर हम जीवन में और बेहतर हो सके। लेकिन बहुत से लोग सच्चाई जानते हुए भी अपने जीवन में बदलाव नहीं लाते और भगवान को प्रसन्न करने के लिए कई तरह की विधियाँ अपनाते हैं।

समझिएगा। की भगवान प्रसन्न होने के लिए हमारी पूजा पर निर्भर नहीं है, वो तो पहले से ही पूर्ण हैं,संतुष्ट हैं।

लेकिन हम तो बेचैन हैं न और हमारे भीतर सौ कमियां है इसलिए उनको नमन करके हम भी उनकी भाँती जीवन को ऊपर उठाने के लिए बेहतर कर्म करें। अगर यह सीख सच्चे भगवान से मिलती है तो जानियेगा भगवान सच्चा है अन्यथा नहीं।

बहुत से लोग हैं जो स्वयं को धार्मिक कहते हैं पूजा पाठ करते हैं लेकिन जिन्दगी में उनके लालच, डर, इच्छाएं भरपूर होती हैं। वास्तव में कर्म ही पूजा है यही सच्चे भगवान के आशीर्वाद के लक्षण है।

#4. सच्चा भगवान आपको आजादी, प्रेम सिखाएगा।

हम सभी एक मुक्त जीवन जीना चाहते हैं एक पंछी की भाँती, पर प्रायः जैसे हम जीते हैं उसमें कई तरह की जिम्मेदारियां, मजबूरियां होती हैं न चाहते हुए भी हमें अनेक काम करने पड़ते हैं। और जिन्हें हम कर्तव्य कहते हैं उससे एक तरफ किसी का भला होता है तो किसी का नुकसान।

इसलिए सच्चे भगवान आपको बताते हैं की जीवन में सत्य से बड़ा कुछ नहीं है, मात्र सच्चाई से जीना आपकी जिम्मेदारी है। समाज ने, परिवार ने जो आपको बता दिया है की फलाने काम करना जिम्मेदारी है उसमे झूठ है।

जब सत्य ही परमात्मा है तो वो सौ तरह की फ़ालतू जिम्मेदारियों से बच जाता है।

#5. सच्चा भगवान दूर नहीं, आपके ही भीतर होगा।

सच्चा भगवान न तो दूर पर्वत या पहाड़ में होगा और न ही वह और कहीं दूर होगा। सच्चे भगवान का देवालय, मंदिर तो आपके भीतर ही होता है। पर हमें हमेशा ये भ्रम होता है की कहीं जाने से वो हमें मिलेगा। जी नहीं हमारे ही भीतर भगवान है और अंदर ही राक्षस है।

मन के दो सिरे होते हैं न एक सिरा कहता है सच्चाई की खातिर मैं पीछे नहीं हटूंगा जो कुछ बन पड़ेगा वो करूँगा। भगत सिंह जैसे क्रांतिकारियों ने सच्चाई के लिए प्राण भी न्योछावर कर दिये। साथ ही मन का एक सिरा वो भी है जो कहता है सच्चाई से जीना बड़ा तकलीफ का काम है इस रास्ते को छोडो।

तो जब जब आप सच्चाई को चुनते हैं तो आप भीतर के देवता को भोग लगाते हैं, और जब जब आप डर के मारे झूठ को अपना लेते हैं तो आपने राक्षस को भोग लगा दिया।

#6. सच्चा भगवान हर समय साथ होगा।

सच्चे भगवन की एक और विशेषता यह होती है की वो हर परिस्तिथि में आपके साथ होगा। जिस भी देवता में या गॉड में आपकी आस्था हो वो सच्चा है या नहीं ये देखना हो तो देख लीजिये जिस तरह सत्य हर जगह मौजूद रहता है आपका भगवान भी आपके साथ है या नहीं।

और यकीनन होगा, हालाँकि ये बात समझनी होगी की सच्चा भगवान कभी भी आपको माला या कलावा पहनने के लिए प्रेरित नहीं करता। वो नहीं कहता की मुझे अपने साथ रखने के लिए तुम्हें ये करना चाहिए। वो होगा लेकिन आपके ही भीतर सच्चाई के रूप में हमेशा उपस्तिथ रहेगा।

#7. सच्चा भगवान आपको सत्य की ओर ले जायेगा।

सच्चा भगवान कौन है? ये देखना है तो जान लीजिये वह आपको जीवन में सचाई की तरफ उन्मुख करेगा। अगर आप पाते हैं आप जिस भगवान को मानते हैं वो सिर्फ आपको अपने धर्म ग्रन्थ को पढने के लिए मजबूर करता है या फिर किसी अन्य भगवान का नाम लेने की या किसी और मंदिर में जाने की आजादी नहीं देता।

तो समझ लीजिये आपकी गलत भगवान पर आस्था की है, भगवान राम, कृष्ण  या कोई भी देवता हो वो हमेशा सच्चाई के प्रेमी रहे हैं। तो जिस भी पुस्तक को पढ़कर, जिस भी मन्दिर में जाकर, जिस भी जगह जाकर आपको सच्चाई मिलती है, सच्चा भगवान आपको उस दिशा में चलने के लिए प्रेरित करेगा।

#8. सच्चा भगवान आपको निर्भय कर देगा।

सच्चाई में बड़ा बल होता है, इस बात का प्रमाण यह है की जब कभी हम चोरी करते हैं, झूठ बोलते हैं तो भीतर से एक डर लगा रहता है। इसलिए आप यदि जीवन में पायें की मन में बेवजह बेचैनी, डर सताता रहता है तो निश्चित रूप से जिन्दगी में जो चीज़ सही है, सुन्दर है, सच्ची है उससे आप दूर हैं।

भगवान राम, कृष्ण, शिव, या जिस भी देवता या गॉड को मानते होंगे वो सच्चाई पर बड़ा बल देते होंगे। इसलिए जीवन में सच जानें, सच जियें और आप पाएंगे जिन्दगी में जो कुछ गलत है उससे आप दूर होते जा रहे हैं और जीवन में शान्ति और सच्चाई से आपका जीवन और मन दोनों पवित्र होते जा रहे हैं।

#9. सच्चे भगवान का प्रभाव जीवन पर दिखेगा।

ये हो ही नहीं सकता की आप रोजाना अपने भगवान को प्रसन्न करने के लिए उन्हें पूजे। लेकिन जिन्दगी में दुःख, तनाव और बेचैनी वैसी ही हो जैसे 10 साल पहले थी। तो समझ लेना कुछ ठीक नहीं चल रहा है। क्योंकी जब जिन्दगी में वाकई देवता का आशीर्वाद रहता है तो इन्सान का मन सुलझा रहता है।

उसे फिर दुनिया की छोटी छोटी बातें परेशान नहीं कर पाती। क्योंकि देवता के आशीर्वाद से उसे जीवन में कुछ ऐसा मिल जाता है की उसे खुश रहने के लिए दर बदर भटकना नहीं पड़ता। वो सही काम करता है, सही जिन्दगी जीता है। और बाहर से लोग उसे भले ही कहे ये इन्सान क्या अजीब कर रहा है।

पर भीतर ही भीतर वो जानता है की अब उसे सच्चाई से प्रेम हो गया है और अब वो उसी के रास्ते चलेगा। इसलिए कहते हैं ऐसा इंसान फिर सभी तरह धर्मों को, भगवान को एक ही दृष्टि से देखने लगता है।

#10.  सच्चा भगवान भीतर के राक्षस को मिटाएगा।

हम जिसके करीब जाते हैं हम वैसे ही हो जाते हैं, इसी को कहते हैं जिसकी जैसी संगती वो वैसा। इसलिए ये नहीं हो सकता की कोई ये तो कहे की मैं भगवान राम का बड़ा भक्त हूँ लेकिन जिन्दगी में उसके रामत्व न हो। उसके भीतर सच्चाई के लिए प्रेम न हो, वो बस अपनी इच्छा के खातिर जीता हो, वो झूठा जीवन जी रहा हो।

तो समझ लीजियेगा या तो वो ढोंग कर रहा है या फिर उसने भगवान राम को समझा ही नहीं। वो इंसान जिसने अब डर, लालच, वासना से प्रभावित न होकर सही और सच्चा काम करने का फैसला ले लिया है, जिसने अब अपनी जिन्दगी में सर्वाधिक प्राथमिकता सत्य को दे दी है सिर्फ उसी इन्सान को भगवान का आशीर्वाद मिला है।

अन्यथा बहुत घूम रहे हैं विभिन्न धर्मों के लोग जो धर्म के नाम पर तमाम तरह के काम कर रहे हैं लेकिन जिन्दगी में उनके कहीं धर्म दिखाई नहीं देता।

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FAQ 

सच्चा ईश्वर कौन है?

जिसके आगे सर झुकाने से मनुष्य को अपनी सच्चाई मालूम हो जाये। वो जान जाए उसके मन में कितना लालच,डर है मात्र वही उसके लिए असली गॉड, भगवान ,अल्लाह या शिव है?

असली भगवान अल्लाह या शिव कौन है?

अल्लाह और शिव दोनों असली हैं पर अगर इंसान की नियत असली नहीं है, उसके मन में सच्चाई के लिए कोई प्रेम नहीं है तो समझ लेना की दोनों ही भगवान उसके लिए व्यर्थ हैं।
 

अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद सच्चा भगवान कौन है? इस प्रश्न का सीधा और स्पष्ट उत्तर आपको लेख में मिल चुका होगा। अभी भी मन में सच्चे भगवान के विषय में कोई सवाल या सुझाव है तो आप इस whatsapp number 8512820608 पर सम्पर्क कर सकते हैं।

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