सपने में सफेद शिवलिंग देखना| शुभ है या अनहोनी जानें सच!

शिवलिंग को लेकर समाज में ढेरों किस्से, कहानियां प्रचलित हैं, और बहुत सारे लोग जो स्वयं को शिव भक्त कहते हैं उनका सपने में सफेद शिवलिंग देखना उनकी जिन्दगी के बारे में क्या बताता है? आइये जानते हैं।

सपने में सफेद शिवलिंग देखना

कहते हैं सपनों का इन्सान से गहरा नाता होता है, अतः सपने में देखी गई चीज़ों को लोग आज भी बड़ा महत्व देते हैं। बहुत से लोग ये मानते हैं की आपकी जिन्दगी में आने वाला समय, कैसा हो सकता है ये आप सपना देखकर जान सकते हैं।

हालाँकि भगवान शिव और शिवलिंग से जुडी पोस्ट हमने पहले भी लिखी हैं, लेकिन आज का यह विषय थोडा ख़ास होने वाला है क्योंकि आज हम आपको एक सच ऐसा बतायेंगे जो आपकी जिन्दगी में बड़ा बदलाव ला सकता है।

आपसे निवेदन है सफ़ेद शिवलिंग के सपने की सच्चाई को जानने के लिए शुरू से लेकर अंत तक इस लेख को अवश्य पढ़ें।

मान्यताओं के अनुसार सपने में सफेद शिवलिंग देखने का अर्थ

मान्यताओं के अनुसार जिस व्यक्ति को स्वप्न में सफेद शिवलिंग दिखाई दे उसे यह समझ लेना चाहिए की निकट भविष्य में उसे या उसके परिवार को किसी गम्भीर बीमारी से हमेशा के लिए छुटकारा मिलने वाला है।

इस सपने को शुभ मानते हुए इन्सान को अपना जीवन जीना चाहिए। तो ये तो रही पौराणिक मान्यता शिवलिंग से जुडी हालाँकि एक बात विशेष ध्यान रखने योग्य है की इस मान्यता में कितना दम है अर्थात कितने लोगों को आज तक इसका लाभ मिला है?

इस बात का न तो कोई स्पष्ट प्रमाण उपलब्ध है और न ही इस बात के पीछे कोई लॉजिक है। अतः अब आपके मन में ये सवाल आ सकता है की क्या ये महज अन्धविश्वास है या फिर इसका कोई धार्मिक महत्व भी है।

चलिए जानते हैं सपने में सफेद शिवलिंग के दिखाई देने को लेकर शास्त्र क्या कहते हैं?

धर्म के अनुसार सपने में सफेद शिवलिंग को देखना

इससे पहले की हम आपको धर्म के वास्तविक अर्थ से परिचित करवाएं आपके लिए ये समझना बहुत जरूरी है की बहुत सारी व्यर्थ की परम्पराएं और मान्यता जिन्हें आप धर्म के नाम पर मानते आ रहे हैं।

उनका धर्म से कोई मतलब है ही नहीं, ठीक वैसे ही जैसे पहले के समय में सती प्रथा चलती थी और बाद में उस मान्यता को तोडा गया इसी तरह आज भी लोगों के भीतर कई ऐसी मान्यताएं धर्म के नाम पर चल रही हैं।

जिनका धर्म से कोई नाता ही नहीं है, जहाँ तक बात है सफेद शिवलिंग के सपने के धार्मिक महत्व की तो देखिये हमारे धर्मग्रन्थों में कहीं भी लोगों को ये मानने के लिए विवश नहीं किया गया है की तुम इस मान्यता पर विश्वास करो।

कहीं ये नहीं लिखा की सपने में तुम्हें शिवलिंग दिखाई दे तो तुम उसे शुभ या अशुभ मानो। और इस बात का प्रमाण ये है की जिस प्रकार हर धर्म या मजहब का एक केन्द्रीय ग्रन्थ होता है उसी तरह हिन्दुओं के केन्द्रीय ग्रन्थ हैं उपनिषद

और उपनिषद भी बहुत सारे हैं लेकिन अगर आप प्रमुख उपनिषदों को इन्टरनेट पर सर्च करें तो आप पाएंगे उनमें कहीं भी सपने में शिवलिंग को लेकर बात नहीं लिखी है।

अतः ये कहना की धर्म हमें ये बात मानने के लिए विवश करता है तो ये सच नहीं है आपको सच्चाई जाननी है तो धर्मग्रन्थों को पढना होगा।

अब यहाँ प्रश्न आता है की धर्म किन चीजों को मानने के लिए कहता है और किनको नहीं?

 धर्म लोगों को किस बात का संदेश देता है?

तो जवाब ये है की धर्म का अर्थ है जो धारण करने योग्य है उसे धारण करना। दूसरे शब्दों में धर्म का एकमात्र लक्ष्य है मनुष्य का कल्याण करना। अतः धर्म कहता है की प्रत्येक वह कर्म शुभ है जिसे करने से आपको दुखों से आजादी मिलती है।

धर्म कहता है जो करना है करो, होश में करो, ईमानदारी से करो ताकि अंततः तुम्हें दुःख न मिले। धर्म आपको नैतिकता नहीं सिखाता की फलानी चीज़ करो और फलानी मत करो।

धर्म एक ही सवाल करता है क्या जो कर रहे हो उससे परेशानी कम होगी या और बढ़ जाएगी।

तो संक्षेप में कहें तो धर्म का सीधा सम्बन्ध इन्सान के कल्याण से है, धर्म का किसी विषय या वस्तु से सम्बन्ध नहीं होता।

अब अगला सवाल आता है की जब धर्म हमें किसी चीज़ पर विश्वास करने की बात नहीं कहता या फिर किसी काम को करने की सलाह नहीं देता तो फिर समाज में लोग धर्म के नाम पर इतनी चीज़ें क्यों कर रहे हैं?

देखिये हमें बचपन से ही धर्मग्रन्थों की शिक्षा नहीं दी गई है, इन्सान पढ़ाई करता है उसी पढ़ाई के दम पर कोई नौकरी या व्यापार करता है और एक दिन शादी करता है और मृत्यु को प्राप्त हो जाता है।

पर बताइए, धर्म जो इन्सान के लिए बेहद जरूरी है। उसकी शिक्षा हमें न बचपन में मिलती है, न जवानी में।

तो बताइए हमें कैसे पता चलेगा की उपनिषदों में क्या लिखा है, भगवदगीता क्या कहती है? और जब हम इन ग्रन्थों को पढ़ेंगे ही नहीं, जब जानेंगे ही नहीं सनातन धर्म क्या है?

तो फिर होगा ये की कोई भी धर्म के नाम पर हमें कुछ भी मानने को कहेगा हम मान लेंगे। और हमारे साथ ऐसा हुआ है। एक समय था जब भारत विश्वगुरु था, और आज हम चूँकि धर्म से बहुत पीछे छूट चुके हैं।

तो हम अपनी अज्ञानता और मजबूरी के कारण बहुत पीछे जा चुके हैं। अगर फिर से धर्म के बल पर हमें जीवन में आगे बढ़ना है तो हमें उपनिषद समझने ही होंगे, इस समबन्ध में आपकी मदद के लिए एक विडियो सांझा किया है?

अगर आप वास्तविक धर्म को जानना चाहते हैं या फिर आपके मन में सपने में सफ़ेद शिवलिंग से जुड़ा कोई सवाल है तो आप हमसे हेल्पलाइन नम्बर 8512820608 पर whatsapp कर सकते हैं।

विज्ञान के अनुसार सपने में सफेद शिवलिंग देखने का अर्थ

अब सवाल आता है की अगर धर्म इन बातों को नकारता है तो विज्ञान की इस विषय पर क्या राय है?

देखिये विज्ञान का सम्बन्ध सांसारिक विषयों से है अर्थात संसार में कौन सी वस्तु क्या काम करती है, इस विषय पर जानकारी देना विज्ञान का काम है।

उदाहरण के लिए जिस शिवलिंग को आप सपने में देख रहे हैं वो किस पत्थर से बना हुआ है और वो कितना शक्तिशाली है ये वह भली भांति बता देगा।

लेकिन शिवलिंग और धर्म के बारे में आप क्या सोचते हैं? इस पर विज्ञान आपको कुछ नहीं कह सकता।

विज्ञान आपको ये बता देगा की आप जिस मंदिर में पूजा कर रहे हैं उस मंदिर से जुडी एक एक बात बता देगा जैसे की मूर्तियों का आकार, मंदिर की लम्बाई, चौड़ाई।

पर उस मंदिर में आप किस उद्देश्य से जा रहे हैं? विज्ञान को इससे कोई लेना देना नहीं।

और धर्म और मंदिर में जो एकमात्र और प्रमुख अंतर है वो यही है की धर्म का समबन्ध सीधे तौर पर मनुष्य से होता है जबकि विज्ञान का सम्बन्ध इस संसार की वस्तुओं से होता है।

अतः संक्षेप में कहें तो सपने में सफेद शिवलिंग देखने शुभ होता है अथवा अशुभ ऐसी कोई भी बात विज्ञान स्वीकार नहीं करता, और न ही इन चीज़ों का समर्थन करता है।

अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद सपने में सफेद शिवलिंग देखना क्या शुभ है अथवा अशुभ। अब आप यह भली भाँती समझ गए होंगे। इस लेख को पढने के बावजूद मन में कोई प्रश्न बाकी है तो आप उपरोक्त हेल्पलाइन whatsapp नम्बर पर सांझा कर सकते हैं। साथ ही लेख पसंद आया है तो इसे शेयर भी कर दें।

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