शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद खाना चाहिए या नहीं| जानें सच्चाई!

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मुझे सुनना है

भगवान शिव की सेवा भक्ति में लोग शिवलिंग में शहद, केसर, दही, दूध, घी जैसे अनेक पदार्थों को चढ़ाकर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं, ऐसे में सवाल है की क्या हमें शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद खाना चाहिए या नहीं?

शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद खाना चाहिए या नहीं

शिवलिंग को सत्य का प्रतीक मानकर पूरे भारतवर्ष में पूजा जाता है। हर राज्य में रहने वाले अलग अलग तौर तरीकों से शिवलिंग का पूजन करते हैं, लेकिन उद्देश्य सभी का एक ही है भगवान शिव को खुश रखना

कहते हैं सच्चे मन से व्यक्ति भगवान शिव को फल, दाल, पंचामृत इत्यादि जो कुछ अर्पित करता है, भगवान शिव उन चीजों को स्वीकार कर उसे कामना पूर्ती का आशीर्वाद देते हैं।

आज हम इस लेख में जरा समझते हैं की शिवलिंग पर भक्तों द्वारा जिन पदार्थों को दही, फल इत्यादि को सेवा भाव से चढ़ाया जाता है क्या हम उन्हें पदार्थों के रूप में ग्रहण कर सकते हैं?

क्या हमें शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद खाना चाहिए या नहीं

देखिये मान्यताओं को देखें तो मालूम होता है की शिवलिंग पर चढाये गए प्रसाद का सेवन करना ठीक नहीं होता क्योंकि एक बार भक्त शिवलिंग में जिन पदार्थों को अर्पित कर देते हैं, उन पदार्थों को सेवन करने का अधिकार सिर्फ शिव जी के भूत प्रेतों को होता है।

अतः शिवलिंग में चढ़ाये गए पदार्थों को खाना भूत प्रेतों के भोजन का सेवन करने के समान माना गया है। अतः कहा जाता है इस प्रसाद को घर में अथवा लोगों को बांटने की बजाय किसी पवित्र स्थान पर प्रवाहित कर देना चाहिए।

ये तो रही मान्यता, जिसे जानते हुए बहुत से लोग शिवलिंग का प्रसाद करने से कतराते हैं, तो जहाँ एक तरफ बाकि अन्य प्रसादों को भक्त गण ख़ुशी से सेवन करते हैं वहीँ शिवलिंग में चढाये इस प्रसाद के प्रति उनके मन में एक तरह का डर बना रहता है।

हालाँकि अब हम जरा धर्मग्रन्थों की तरफ चलते हैं और जानने का प्रयास करते हैं की क्या ये बात शास्त्रों में लिखी है? और क्या इस बात को हमें धार्मिक मानकर स्वीकार करना चाहिए?

धर्म के अनुसार शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद खाना चाहिए या नहीं?

वे लोग जो धर्म पर विश्वास रखते हैं, खासकर हिन्दू धर्म के लोग उन्हें हम सबसे पहले कहना चाहेंगे की धर्म के नाम पर किसी की भी कोई बात सुनने से पहले यहाँ तक की पुराण और अन्य धार्मिक पुस्तकों को पढने से पहले आप वेदों को पढ़िए।

वेदों को समझने के बाद ही आपको मालूम हो पायेगा की शिवलिंग में चढ़े प्रसाद को लेकर धर्म क्या कहता है? और वास्तव में धर्म हमें क्या संदेश देता है।

देखिये हमने वेदों की बात इसलिए की क्योंकि वेद सनातन धर्म के सबसे पुराने ग्रन्थ हैं, इसलिए हमारे धर्म को वैदिक कहा गया है।

और चूँकि वेदों में बहुत तरह की बातें हैं हजारों श्लोक हैं अतः वेदों के भी अलग अलग प्रकार हैं।

लेकिन मुख्यतया वेदों के दो भाग कहे जाते हैं एक कर्मकांड जिसमें ईश्वर पूजन, यज्ञ-हवन इत्यादि वो तमाम तरह की बातें लिखी गई हैं जिससे की हम भगवान को खुश रख सकें।

दूसरी तरफ वेदों का एक अन्य भाग है ज्ञानकाण्ड, इसी को वेदों का सार भी कहा गया है। यानी वेदों में जो असली और सबसे सुन्दर बात है वो हमें ज्ञानकाण्ड में मिलती है।

आप यूँ समझ सकते हैं की सनातन धर्म का जो मर्म है, सनातन धर्म की सीख है वो ज्ञानकाण्ड में है। और उसी ज्ञानकाण्ड से हमें उपनिषद मिले हैं।

और उपनिषदों में मौजूद ज्ञान को ही आधार मानकर फिर बाद में हजारों वर्षों के बाद पुराणों की रचना की गई ताकि लोगों को ये समझ आ सके की हमारा धर्म वास्तव में क्या है?

बता दें उपनिषद सनातन धर्म की केन्द्रीय पुस्तक है, जिस तरह हर धर्म की एक मुख्य पुस्तक होती है न जैसे सिक्खों की गुरुवाणी और मुसलमानों की कुरान होती है।

उसी तरह सनातन धर्म की एक मुख्य पुस्तक का नाम है उपनिषद, इसलिए कोई बात धार्मिक है या नहीं हम तभी कह सकते हैं जब वो बात उपनिषदों से मेल खाती हो।

तो जब आप कहते हैं की शिवलिंग में चढ़ा प्रसाद खाना चाहिए या नहीं, और इस बात का प्रमाण खोजने के लिए आप उपनिषदों के पास जायेंगे तो आपको मालूम होगा की यहाँ तो ऐसा कुछ भी नहीं लिखा है।

उपनिषदों में आपको शिव कौन हैं? सत्य क्या है? माया क्या है? धर्म क्या है? ये सब बातें पढने को मिल जाएँगी। लेकिन आपको ये नहीं मिलेगा की प्रसाद खाएं या नहीं।

तो ये कहना की सनातन धर्म आपको शिवलिंग पर प्रसाद चढाने की सीख देता है तो ऐसा नही है, वे लोग जो ऐसा कहें उन्हें कहिये शिव जी के बारे में कुछ कहना तो पहले उपनिषद पढ़िए।

तो अब सवाल आता है की अगर ये बात हमारी मुख्य धार्मिक पुस्तक में नहीं लिखी है तो हमें क्या करना चाहिए?

शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद खाना चाहिए या नहीं? जरूरी बात

देखिये अगर आप एक शिवभक्त हैं और शिवलिंग पर प्रसाद चढाते हैं तो आपको हम न तो ये कहेंगे की शिवलिंग का प्रसाद खाने से आपको भूत चढ़ेगा।

क्योंकि ये बात आज तक कहीं साबित नहीं हुई है, और न ही हम आपको ये कहेंगे की शिवलिंग पर फल फूल और अन्य तरह के पदार्थ चढाते रहिये।

ऐसा करने से आपको शिव जी का आशीर्वाद मिल जायेगा आप जीवन में खुश हो जायेंगे।

बल्कि आपको कहेंगे की कुछ भी करने या न करने का फैसला लेने से पहले एक बार आप शिव जी को जानिये। अब हो सकता है आपको लगे मैं ये क्या बोल रहा हूँ क्योंकि भोले बाबा के बारे में तो मुझे सब पता है।

पर मैं ये कह रहा हूँ की आपको शिव जी के बारे में बहुत कुछ ऐसा है जो नहीं पता है, और पता है तो वो गलत पता है। मैं आपसे हाथ जोड़कर प्रार्थना करता हूँ की आप उपनिषदों में शिव कौन है? ये पढ़िए।

इस विषय पर उपनिषदों के आधार पर कही गई ये विडियो भी आप देख सकते हैं।

 

उसके बाद आप खुद ये निर्धारित कर सकते हैं की आपको शिवलिंग पर प्रसाद चढ़ाना चाहिए की नहीं।

शिवलिंग पर प्रसाद खाने को लेकर विज्ञान की राय

देखिये आज तक किसी तरह की ऐसी शोध नहीं हुई है, जिसमें ये प्रमाणित हुआ हो की शिवलिंग का प्रसाद खाने से इन्सान की तबियत खराब हुई हो अथवा उसे भूत प्रेत लगे हों।

तो बिलकुल छोटे शब्दों में कहें तो विज्ञान इस बात का समर्थन नहीं करता। विज्ञान हालाँकि आपको ये जरुर बता सकता है की शरीर के लिए किस तरह का भोजन लाभदाई है, और कौन सा नहीं।

क्या खाने से शरीर पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है और क्या लाभदाई है? बाकी आप धर्म के नाम पर कुछ भी करो प्रसाद खाओ न खाओ विज्ञान इस बारे में कुछ नहीं कहता।

अंतिम शब्द

तो साथियों इस पोस्ट को पढने के बाद शिवलिंग पर चढ़ा प्रसाद खाना चाहिए या नहीं? अब आप भली भाँती समझ गए होंगे। इस पोस्ट को पढ़कर मन में कोई सवाल बाकी है तो कृपया 8512820608 पर whatsapp करें, साथ ही इस लेख को अधिक से अधिक शेयर भी कर दें।

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