भगवान शिव को प्रसन्न कैसे करें? जानें सच्चाई!

भगवान शिव की कृपा पाकर जिन्दगी को खुशियों से भरने की चाहत हर इन्सान में होती है, पर सवाल है की क्या करने से, कहाँ जाने से भगवान शिव प्रसन्न होंगे?

भगवान शिव को प्रसन्न कैसे करें

क्या केदारनाथ धाम जाकर हमें उनका आशीर्वाद मिलेगा या फिर दिन रात उनकी पूजा और भक्ति करके शिव हमें मिलेंगे?

ये प्रश्न हिन्दू धर्म के अनुयाइयों के लिए बेहद महत्वपूर्ण क्योंकी हर इन्सान अलग अलग तरीकों से शिव जी को खुश करना चाहता है।

कोई इन्सान उनका गुणगान कर उन्हें याद करता है तो कोई उनके आगे सर झुकाकर उनसे आशीर्वाद पाने की चाहत रखता है अर्थात तरीके और रास्ते अलग हैं लेकिन मंजिल एक ही हैं शिव।

और कमाल की बात ये है की जो लोग समझदार होते हैं वो जानते हैं की इस दुनिया में पैसा,इज्जत, सुख सुविधाएँ क्यों न हासिल कर लो शिव को पाए बिना सब कुछ अधूरा है, संक्षेप में कहें तो शिव में ही इन्सान का सुकून बसा है।

भगवान शिव को प्रसन्न कैसे करें? 

अगर आपके भीतर शिव जी को खुश करने की चाहत प्रबल है, अपने जीवन में शिव का आशीर्वाद पाने के लिए आप कठिन रास्ते पर चलने के लिए भी तैयार हैं तो इस लेख में शिव को बताई गई विधि आपके बेहद काम आयेगी।

क्योंकी वे लोग जो अक्सर सस्ते और आसान उपायों को ढूंढते हैं वो जिन्दगी में जो सत्य है, शिव की भाँती सुन्दर है उस चीज़ से वंचित रह जाते हैं। उन्हें इस दुनिया में बहुत कुछ मिल जाता है पर शिव के बिना जिन्दगी उनकी सूखी, बेजान रहती है।

और अपनी रसहीन जिन्दगी में फिर वो इधर उधर भटकते हैं और अंततः मर जाते हैं। लेकिन आप ऐसे नहीं आप दिल से शिव को चाहते हैं और अपना जीवन उनकी सेवा में समर्पित कर इस जिन्दगी को सार्थक करना चाहते हैं तो फिर इस लेख को ध्यान से पढ़ें?

भगवान शिव को प्रसन्न करने के अचूक उपाय 

भगवान शिव को खुश करने का रास्ता किसी पंडित या ज्योतिष के माध्यम से नहीं अपितु आपकी भक्ति से होकर गुजरता है, अर्थात आपको शिव को खुश करने के लिए किसी पंडित या ज्योतिष द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन नहीं करना है।

क्योंकी शिव कहीं दूर नहीं हैं वो सदा से ही हमारे भीतर हैं, अगर हम कुछ बातों पर गौर करें तो पाएंगे शिव की कृपा सदैव हमारे साथ है।

#1. शिव को जानें और जीवन बदलें। 

यदि हम आपसे कहें की हम शिव को जानते नहीं हैं बस उनके बारे में हमने कुछ मान्यताएं बनाई हुई हैं तो आपके लिए यकीन करना मुश्किल होगा।

शिव ऐसे हैं, शिव यहाँ रहते हैं, शिव कैसे दिखते हैं ये सारी बातें परिवार और समाज बता देता है पर वास्तव में ये समाज कभी भी हमें वो ग्रन्थ/पुस्तक पढने की सलाह नहीं देता जहाँ शिव कौन है? ये बताया जा सके।

यही कारण है की चूँकि हमने शिव के बारे में पढ़ा नहीं है इसलिए शिव जी से जुडी जितनी भी मान्यताएं हमारे दिमाग में हैं वो महज काल्पनिक हैं। उनमें कोई सच्चाई नहीं हैं।

जिनका न रंग है, न रूप है, जो आदि हैं, अनंत हैं, जो पाप, पुण्य से परे हैं, जिनकी न कोई जाति, न कोई धर्म है, न लिंग हैं। शिव वो हैं, शिव का दूसरा नाम ही सत्य है जिसे न कभी मिटाया जा सकता न कभी उसका जन्म हो सकता।

तो ये है शिव का परिचय, शिव कोई व्यक्ति या भगवान नहीं है वो जीव नहीं है, जीव का तो जन्म और मरण होता है पर शिव तो असीम हैं, अनंत हैं।

हालाँकि बीच बीच में कई बार हम ये तो सुन लेते हैं की शिव तो अनादी, अनंत हैं पर हम ये समझते ही नही की इस बात का कितना गहरा अर्थ है।

वाकई अगर आपको जानना है तो रिभु गीता पढ़ें, शिव गीता का अध्ययन करें वहां आपको मालूम होगा शिव की सच्चाई क्या है।

यही नहीं संक्षेप में लोगों को शिव का वास्तविक अर्थ बताने के लिये हमने शिव कौन है? भोले बाबा और शिव में अंतर? ये पोस्ट लिखी है जिसे आप पढ़ सकते हैं पोस्ट।

 

#2. आपके जीवन में शिव ऐसे आयेंगे।

हम सभी की चाहत है शिव, पर हम शिव को जैसे पाने का प्रयास करते हैं उस तरीके से शिव हमें कभी मिल ही नहीं सकते।

हमें लगता है महाशिवरात्रि के दिन व्रत रख लेने से या सोमवार को शिवलिंग में जल चढ़ा देने से शिव की कृपा हमें प्राप्त हो जाएगी और शिव खुश होकर हमें आशीर्वाद देंगे।

तो ऐसा नहीं है, शिव तो तभी तुम्हारे जीवन में दस्तक देंगे जब तुम सच्चाई से प्रेम करोगे। जब तुम कहोगे की शिव का दूसरा नाम है “सत्य” और सच्चाई को जानना और उसी में जीना मेरा लक्ष्य है।

अन्यथा बहुत से लोग घूम रहे हैं जो ये सच जानते हुए की मैं लालची हूँ, डरपोक हूँ वो सुधरने की हिम्मत नहीं जुटाते। वे ये जानते हैं की पूजा पाठ और भगवान की पूजा वो इसलिए करते हैं ताकि अपनी इच्छाएं पूरी कर सकें।

वे जानते हैं की वो निस्वार्थ भाव से भगवान के आगे सर नही झुकाते पर फिर भी वो भगवान को पाने की बड़ी कोशिश करते हैं।

वास्तव में जो ये जान गया की उसकी जिन्दगी में कितना डर, कितना लालच भरा पड़ा है ऐसे इन्सान को फिर अपनी जिन्दगी से चिढ उठेगी वो कहेगा की जैसे मैं जी रहा हूँ उसमें झूठ भरा पड़ा है।

अब मैं जान गया की सच्चा क्या है? जीवन में क्या सही है? तो अब मैं उस रास्ते पर आगे बढूँगा ऐसे इन्सान के जीवन में आते हैं शिव।

#3. शिव जी की सच्ची भक्ति ऐसे होगी।

शिव जब निराकार, निर्गुण हैं तो क्या उन्हें खुश करने के लिए हमें फूल और जल की आवश्यकता पड़ेगी? नहीं न, वो तो खुश होंगे जब हम निर्गुण, निराकार की भक्ति करेंगे।

और सत्य ही मात्र ऐसा है जिसका न कोई रंग है, गुण है, न आकार है और न ही कोई रूप है, तो जो व्यक्ति सच्चाई में लीन है जो ईमानदारी से कर्म कर रहा है।

जो जानता है मेरा एक एक कर्म क्यों और किसके लिए हो रहा है मात्र उसे जानना शिव भक्त है, वरना दुनिया में बहुत ऐसे लालची इन्सान घूम रहे हैं जो शिव को खुश करने के लिए कभी चारधाम यात्रा करते हैं तो कभी उनके नाम का भंडारा करवाते हैं।

नहीं, शिवत्व तो उसके ही जीवन में आएगा जो जानेगा ये जन्म क्यों मिला है? और इस जन्म को सार्थक कैसे किया जाये।

एक बार जो जान गया सही क्या है जीवन में और सच्चाई में जीने की वो ठान ले तो फिर वो इंसान वैसे जी नहीं सकता जैसे बाकी दुनिया के लोग जीते हैं।

#4. इस कठिन परीक्षा को पास करके होंगे शिव जी प्रसन्न।

ये जान लेने के बाद की मुझमे कितनी कमियां है, उन कमियों को सुधारने में बड़ी मेहनत लगती है। इसलिए हम पाते हैं की सच्चाई के रास्ते पर बहुत कम लोग चल पाते हैं।

यही कारण है की करोड़ों की भीड़ में कुछ गिने चुने महापुरुष होते हैं जो जीवन में कुछ अच्छा और ऊँचा इसीलिए कर पाते हैं।

पर जो लोग यह ठान लेते हैं की चाहे कितनी भी परेशानी क्यों न आ जाये मैं झूठ के सामने, डर के आगे और लालच के समक्ष झुकूँगा नहीं ऐसे लोग फिर शिव के सच्चे भक्त बन जाते हैं।

अब शिव उनके जीवन का आधार बन जाते हैं, वो जो कर्म करते हैं वो सच्चाई को समर्पित होते हैं। और सच्च्चाई के मार्ग पर चलने की इस कठिन परीक्षा को जो पास कर लेता है शिव उसके पास सदैव रहते हैं।

तो साथियों इस प्रकार संक्षेप में कहें तो शिव को प्रसन्न करने का, उनकी भक्ति करने का एकमात्र तरीका है सच्चाई में जीना, वे लोग जो झूठ के पक्षधर हैं जो जीवन लालच और डर से जी रहे हैं वो शिव के लिए कितने भी पूजा पाठ क्यों न कर लें शिव उनसे कभी प्रसन्न नही हो सकते।

इन्सान से भगवान शिव कब नाराज होते हैं?

जो शिव इन्सान को मुक्ति देकर उसे सौन्दर्य और सत्य के रास्ते पर चलने में मददगार साबित हो सकते थे, उन्हीं शिव के नाम पर जब इन्सान फालतू की हरकतें करता है तो फिर भगवान शिव नाराज होते हैं।

भगवान शिव के नाम पर होने वाली कुछ घटिया हरकतों को जान लेना जरूरी है क्योंकी इन्हें करते हुए आप भगवान शिव को खुश नहीं कर पायेंगे।

#1. भगवान शिव को पशुपतिनाथ भी कहा जाता है, पर जब हम अपने स्वार्थ के लिए उन्हीं पशुओं पर अत्याचार करते हैं तो शिव दुखी होते हैं।

#2. जब लोग शिव जी के नाम पर भांग धतूरे का सेवन कर गंदगी फैलाते हैं।

#3. जब भक्ति के नाम पर हम मंदिरों और नदियों को गंदा करते हैं।

#4. जब हम शिव जी के बारे में पढ़े बिना अनर्गल बातें करते हैं।

#5. जब हम शिव के नाम पर अन्य धर्मों को नीचा दिखाने की कोशिश करते हैं।

खैर, शिव को तो क्या ही फर्क पड़ेगा वो तो स्वयं में ही पूर्ण हैं, आनंदित हैं, उन्हें हमारे सम्मान की क्या जरूरत पर शिव का अपमान करके हम जैसे हैं उससे और घटिया जीवन जीने के लिए मजबूर हो जाएँगे।

भगवान शिव को जल्दी प्रसन्न कैसे करें? 

जितना जल्दी आप ये जान लेते हैं की शिव कौन है, और शिव और सत्य का क्या सम्बन्ध है? उतना जल्दी आप शिव के निकट आ जाते हैं। अधिकांश लोग जो शिव से दूर हैं उन्हें शिव का आशीर्वाद इसलिए नहीं मिलता क्योंकि वो शिव की भक्ति नहीं करते।

बल्कि उनका सच्चाई से कोई नाता नहीं होता वे लोग अपने ही स्वार्थ की खातिर अपनी ही इच्छाओं को पूरा करने के लिए जीवन जीते हैं।

और इसी विश्वास में की कभी तो उन्हें सुकून मिलेगा इस इच्छा के साथ वो अंतत बूढ़े हो जाते हैं पर उन्हें शिव कभी नहीं मिलते। हालाँकि उनके मन में ये भ्रम जरुर रहता है की वे एक शिवभक्त हैं पर असल में उनके जीवन में शिव का कोई स्थान नहीं होता।

शिव को प्रसन्न करने का मंत्र

शिव को प्रसन्न करने का एकमात्र मन्त्र और उपाय है शिव जैसा हो जाना, और शिव जैसा हो जाने का अर्थ है अपने अहंकार को त्यागकर सत्य की शरण में जाना।

वे लोग जो आत्मज्ञानी होते हैं जो जानते हैं की मैं कौन हूँ वे ये समझ लेते हैं की इंसान को भांति भांति के दुःख इसीलिए झेलने पड़ते हैं क्योंकी उसे लगता है मन के हिसाब से चलने पर उसे जीवन में शांति मिलेगी।

पर मुक्ति और शांति तो सच्चाई से ही सम्भव है, जब तक सत्य से दूर रहेंगे शिव हमारे भीतर होने के बावजूद हमसे दूर ही रहेंगे।

FAQ

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अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद भगवान शिव को प्रसन्न कैसे करें? अब आप यह भली भाँती समझ गये होंगे, इस लेख को पढने के बाद मन में कोई प्रश्न बाकी है तो बेझिझक आप 8512820608 इस Whatsapp नम्बर पर अपने सवालों को सांझा करें, साथ ही लेख को पढ़कर जीवन में कुछ स्पष्टता आई है तो इसे शेयर करें, याद रखें आपका एक शेयर किसी की जिन्दगी में बदलाव ला सकता है।

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