जादू टोना सच है क्या? जानें या सिर्फ एक झूठा भ्रम

भारतीय समाज में बचपन से ही घरों में जादू टोने, झाड फूँक इत्यादि बातें हमें सुनने को मिल जाती है। और साथ ही इनसे बचने की चेतावनी भी दे दी जाती है ऐसे में सवाल है की यह जादू टोना सच है क्या? या मात्र मन का भ्रम।

जादू टोना सच है क्या

क्योंकि यह एक ऐसा गंभीर मुद्दा है जिसपर हमारा समाज, परिवार खुले तौर पर चर्चा भी नहीं करना चाहता, इस डर से की कुछ अनहोनी न हो जाए, इन बातों को अक्सर दबा दिया जाता है।

आज हमारे देश की बड़ी जनसंख्या इन चीजों पर विश्वास करती है और अफ़सोस की बात है की हमारी शिक्षा व्यवस्था और न ही मीडिया इन चीजों की सच्चाई निष्पक्ष रूप से सामने लाने का प्रयास करती है।

मानो ये जानते बूझते हुए भी की समाज में चल क्या रहा है वे इससे बेखबर हैं। इसके विपरीत जादू टोने से जुडी कोई खबर देश के किसी स्थान से  आती है तो इस खबर को आग की तरफ फ़ैला दिया जाता है।

तो चाहे जादू टोना, तांत्रिक क्रियाओं में आपका गहरा विश्वास हो या आप इन चीजों को महज भ्रम मानते हैं, यकीन मानियेगा इस पोस्ट को अंत तक पढने के बाद आपके सामने सच उघडकर सामने आ जाएगा।

जादू टोना सच है क्या? या सिर्फ अफवाह

जादू टोना सच नहीं है ये मनुष्य की कल्पना है जिसका अस्तित्व न पहले कभी था और न आज है, और इस कथन का प्रमाण भी उपलब्ध है।

देखिये जादू टोने के दो पक्ष हैं एक पक्ष वैज्ञानिक है जो इन चीजों को स्पष्ट रूप से नकारता है। विज्ञान के अनुसार वातावरण में भूत-प्रेत, जादू इत्यादि जैसी चीजें नहीं है, जो कुछ भी वतावरण में मौजूद है वो भौतिक है जिसे मनुष्य देख सकता है, सुन सकता है उस विषय पर विज्ञान चर्चा कर सकता है।

वहीँ दूसरा पक्ष धार्मिक है, यदि आप हिन्दू है तो हमारे सभी शीर्ष धर्म ग्रन्थ उपनिषद, वेदांत, भगवदगीता रामायण का अध्ययन करने पर आप पाएंगे की कहीं भी जादू टोने नामक इस छल कपट की चर्चा नहीं की गई है।

यदि वास्तव में इन दोनों का अस्तिव होता तो राम के जीवन में कहीं तो जादू टोने की घटना होती न, और भगवद्गीता में कृष्ण अर्जुन को जब पूरा जीवन शास्त्र बता रहे हैं तो वहां भी कहीं जादू टोन की बात होती। वहीँ उपनिषदों में जहाँ ऋषि मुनि और शिष्य के बीच गहरी बातचीत हो रही है वहां पर तो इसका जिक्र होता?

पर नहीं है, इससे आप जान सकते हैं की जादू टोना सच है क्या? या फिर यह महज मनुष्य का अज्ञान, भ्रम है, लोगों को डराने के लिए इजाद की गई एक विधि है जिसके होने का कोई प्रमाण नहीं मिलता। अब ऐसे में सवाल है

जादू टोने की उत्पप्ति और इन चीजों पर भरोसे का कारण 

जादू टोने की शुरुवात के पीछे मुख्य कारण लोगों में डर और भ्रम पैदा करना था। जी हाँ, जिस तरह आज ठगी, लूट और छल कपट कर लोगों को बहकाने की साजिश की जाती है उसी तरह पहले भी जादू टोने की शुरुवात की गई थी।

देखिये आज की तरह पहले भी मनुष्य के जीवन में भ्रम, दुःख और तमाम तरह की परेशानियां थी अतः कपटी लोगों द्वारा जादू टोने का एक ऐसा झूठा सिद्धांत इजाद किया गया जिसका मकसद लोगों को किसी तरह ऐसी अदृश्य शक्ति पर विश्वास दिलाना था, जिसका वास्तव में कोई अस्तित्व ही नहीं है।

और बदले में उन्हें यह विश्वास दिलाया गया की जो इस अदृश्य शक्ति को मानकर उसे प्रसन्न करेगा उसके जीवन की परेशानियों का अंत होगा। पर अफ़सोस अपने भ्रमों के कारण वास्तव में इस झूठे सिद्धांत को लोगों ने स्वीकार भी करना शुरू कर दिया।

बस फिर किया था, उस समय न तो लोगों के पास शिक्षा तक पहुँच थी न इतनी जिज्ञासा थी की किसी चीज़ के पीछे की हकीकत हो जानने का प्रयास करे। ऐसे में धीरे धीरे जादू टोने की यह बात फैलती गई और इस आधुनिक जमाने में जहाँ विज्ञान और टेक्नोलॉजी आगे बढ़ चुकी है आज भी उस मान्यता का प्रभाव देखेने को मिलता है।

देखिये जादू टोने पर आज भी लोगों का गहरा विश्वास होने की एक सीधी वजह है मनुष्य की खराब मानसिकता। प्रायः हम जैसा जीवन जीते हैं उसमें अज्ञान शामिल होता है, हम झूठ, भ्रम और व्यर्थ मान्यताओं के सहारे जीवन जीते हैं। संक्षेप में कहें तो हम सच्चाई से ज्यादा काल्पनिकता में जीवन जीते हैं।

और यही कारण है की पढ़े लिखे यहाँ तक की वैज्ञानिक भी जादू टोने जैसी चीजों पर भरोसा कर लेते हैं? जानते हैं क्यों? क्योंकि उन्हें आत्मज्ञान नहीं होता। जब इन्सान यह नहीं जानता ये मन क्या है? कैसे मन में विचार आते हैं? ये मन चाहता क्या है? मन का शरीर के साथ सम्बन्ध क्या है?

तो बस फिर ऐसे इंसान का दुनिया में अन्धविश्वासी होना लगभग तय हो जाता है, क्योंकि वह मन जो शक्की है, जो अधूरा है, जो हर समय शांति की तलाश में रहता है। ऐसा व्यक्ति चाहे कितना ही सम्पन्न और शिक्षित क्यों न हो यदि कोई उसे मन की शांति की कोई झूठी विधि भी बता दे तो उसे हँसते हुए स्वीकार कर लेता है

वह कहता है दुनिया में सब कुछ करके देख लिया मन शांत नही हो रहा, वो बेचैनी, वो निराशा, वो दुःख खत्म नही हो रहा है जरुर मुझसे कहीं पर गलती हुई है।

और वह फिर झाड फूँक वाले बाबा जी के पास जाता है और बाबा जी दान दक्षिणा लेते हैं और उस इंसान को कोई ऐसी ही बेतुकी विधि बताकर ये आश्वासन देते हैं की उसकी समस्या ठीक हो जाएगी।

बस फिर क्या? मन इस बात को सच समझकर स्वीकार कर लेता है, और इस तरह अमीर गरीब, अनपढ़ शिक्षित सभी लोग जादू टोने को हकीकत मान लेते हैं। 

जादू टोने से लोग डरते क्यों है? 

वे लोग जो जादू टोने जैसी बातों पर विश्वास करते हैं उनका डरना स्वाभाविक लग सकता है, पर प्रायः आपने लोग देखे होंगे जो मुख से कहेंगे की मैं इन चीजों को नहीं मानता। पर जैसे ही उनके सामने ऐसा कोई प्रपंच, पाखण्ड सामने होता है तो वो उस चीज़ से डरने लगते हैं।

उदाहरण के लिए कोई ढोंगी बाबा कहे मैं ऐसा मन्त्र पढूंगा की तुझे अभी भस्म कर दूंगा। तो जो व्यक्ति अभी कुछ समय पहले इन बातों को नकार रहा था वो अब पीछे हट जाएगा। और मात्र यह उस अकेले व्यक्ति की बात नहीं है, 1000 में से 999 लोग उसी व्यक्ति की भाँती उस ढोंगी बाबा से डर जायेंगे

पर क्यों? इसीलिए क्योंकि मन में ये संभावना बनी रहेगी की 99% मुझे ये निश्चित है की मैं सही हूँ। इस बाबा की बात में कोई कोई दम नहीं। लेकिन वहीँ दूसरा मन पीछे से यह कह रहा है अगर 1% भी उसकी बात ठीक रही तो अभी मैं भस्म हो जाऊंगा।

अतः इस डर की वजह से हम में अधिकांश लोग 99% सच को दरकिनार करते हुए उसकी तरफ हो लेते हैं जिसके सच होने की सम्भावना न के बराबर होती है? यही वजह है की मन की इस हरकत की वजह से जिसे आप बड़े से बड़ा आदमी मानते हैं वो भी घोर अन्धविश्वासी होता है।

जादू टोना टोटका को खत्म करने का उपाय 

जादू टोने को लेकर जो डर लोगों में व्याप्त है उसकी एकमात्र काट है आत्मज्ञान। जी हाँ जब तक आत्मज्ञान की शिक्षा छात्रों, युवाओं और देश के हर व्यक्ति को नहीं दी जायेगी तब तक झाड फूँक और इस तरह के किसी भी अन्धविश्वास से लोगों को दूर रख पाना मुश्किल है।

दुर्भाग्य यह है की हमें लगता है मात्र स्कूली शिक्षा काफी है, पर हम समझ ही नहीं पाते की संसार का ज्ञान पा लेने से जो भीतरी अज्ञान है वो मिट नहीं जायेगा। भीतर जो लालच, डर, भ्रम, जो इच्छाएं हैं जिसकी वजह से इंसान जीवन में सभी कर्म करता है उस भीतरी हालत को जानकार उसे ठीक किये बिना कैसे ये चीजें खत्म होंगी।

जब तक इन्सान को भीतरी ज्ञान अर्थात मन का ज्ञान नहीं हो जाता और वह नहीं समझेगा की आत्मा क्या है? तो फिर वह हमेशा मन के चलाए कहीं भी चल देगा, डर और भ्रम के कारण किसी भी बात को सच मान लेगा और झूठा जीवन जीने लगेगा।

और अधिकांश लोग ऐसा ही जीवन जीते हैं और इसी लिए हम घोर अन्धविश्वासी होते हैं, लेकिन यदि इंसान मानने की बजाय किसी भी चीज़ को जानने की आदत विकसित करेगा तो जरुर जादू टोने जैसी विधियों का खात्मा होगा।

जब हम जानेंगे की शरीर क्या है, संसार क्या है, मन क्या है, भगवान क्या है, इंसान दुखी क्यों होता है? तो वह सच्चाई के और करीब आने लग जायेगा और उतने उसके दुःख और भ्रम मिटते चले जायेंगे।

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अंतिम शब्द

तो साथियों इस पोस्ट को पढने के बाद जादू टोना सच है क्या? या फिर मात्र एक छलावा यह आप भली भाँती समझ चुके होंगे। इस पोस्ट को पढ़कर जीवन में स्पष्टता आई है और आपको कुछ नया सीखने को मिला है तो कृपया इस लेख को अधिक से अधिक शेयर कर इसे अन्य लोगों तक भी जरुर पहुचाएं।

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