क्या सुबह 7 बजे का सपना सच होता है? जानें सच्चाई!

यूँ तो नींद में सपने आना आम बात है लेकिन सुबह के सपने बेहद ख़ास माने जाते हैं इसलिए क्या सुबह 7 बजे का सपना सच होता है? ये सवाल बहुत से लोगों के मन में आता है।

क्या सुबह 7 बजे का सपना सच होता है

अगर आप भी सपनों के रहस्य की दुनिया का सच जानना चाहते हैं तो इस लेख में बताई गई प्रत्येक बात आपके बेहद काम आने वाली है। जिसे जानकर आप जिन्दगी में बहुत बड़ी अनहोनी से बच सकते हैं।

क्योंकी हम जो मानते हैं वैसा ही हमारा जीवन बन जाता है, तो इससे पहले की आप किसी गलत बात पर भरोसा करके जीवन में धोखा खाएं। आपके लिए ये सच जानना बेहद जरूरी हो जाता है।

आइये एक एक कर आपके सभी प्रश्नों का जवाब जानते हैं:

सुबह 7 बजे का सपना सच होता है?

वे लोग जो अक्सर देर रात को सोते हैं वे सुबह थोडा देर में जगते हैं, और चूँकि सुबह की नींद बड़ी प्यारी होती है ऐसे में कई सारे लोगों को 7 बजे की गहरी नींद में प्यारे, भयानक कई तरह के सपने आते हैं।

और वे जानना चाहते हैं की क्या सुबह 7 बजे देखे गए सपने सत्य होते हैं? तो बता दें स्वप्न शास्त्र के मुताबिक प्रातः तीन से 7 बजे तक का समय गोधुली बेला के रूप में जाना जाता है।

ऐसे समय में यदि इन्सान को किसी भी तरह का सपना दिखाई दे तो उसके सच होने की सम्भावना काफी बढ़ जाती है।

हालाँकि विज्ञान को स्वप्न शास्त्र से आपत्ति रही है क्योंकी विज्ञान कहता है की सपना चाहे सुबह 7 बजे आये या किसी और समय पर, सपने सच नहीं होते।

तो अब हम यह आप पर छोड़ते हैं की आपको विज्ञान की बात सुननी है या फिर शास्त्रों की, हालाँकि अगर आपको लगता है स्वप्न शास्त्र में लिखी गई बातों का सनातन धर्म से सम्बन्ध है।

तो आप गलत फहमी में हैं क्योंकी सनातन धर्म क्या है? ये पोस्ट पढने पर आपको ज्ञात होगा की उपनिषद, भगवदगीता में कहीं पर भी स्वप्न शास्त्र का वर्णन नहीं किया गया है।

इससे ये साबित होता है की स्वप्न शास्त्र की बातों का सनातन धर्म से सम्बन्ध नहीं है। अतः अब आप पर निर्भर करता है की आप स्वप्न शास्त्र पर यकीन करतें हैं अथवा नहीं।

क्या सुबह 8 बजे सपने सच होते हैं?

वे लोग जिन्हें सुबह देर तक उठने की आदत है उन्हें अक्सर सुबह के सपने बड़े प्यारे अथवा डरावने लगते हैं, ऐसे में किसी तरह की अनहोनी न हो जाये, इस डर से कई बार लोग दिन भर परेशान रहते हैं।

अगर आपको भी यदि सुबह 8 बजे कोई सपना आता है तो फिर चाहे वो सपना बड़ा प्यारा हो या फिर खौफनाक हो। आपको न तो खुश होना चाहिए और न ही दुखी।

क्योंकी सपने तो सपने होते हैं, बचपन से आज तक आपने कितने सपने देखे होंगे नींद में, क्या कभी वो सच हुए नहीं न, तो बताइए नींद में देखे हुए सपने यदि सच होते तो न जाने आज तक भारत कैसा हो गया होता।

सपनों को सपना मानकर आगे बढिए। जितना समय आप अपने सपने की जांच पड़ताल करने में निकाल रहे हैं यदि उतना समय आप अपनी कमियों को सुधारने में, अपनी दुःख और बेचैनी का पता करने में निकालें।

तो आपकी जिन्दगी कितनी बेहतर हो जायेगी।

सुबह 9 बजे का सपना सच होता है?

वे लोग जो मानते हैं की सुबह 9 बजे का सपना सच होता है। ऐसे लोगों को यही कहेंगे की आप सपने ही देखिये, सपने में ही भोजन करिए, सपने में ही यात्रा करिये और इसी काल्पनिक दुनिया को अपनी सच्चाई मान लीजिये।

अरे भाई। छोटे बच्चे भी सपनों को ज्यादा महत्व नहीं देते वे कहते हैं अच्छा हो या बुरा सपना ही तो था। तो आप सपनों को लेकर इतने क्यों गम्भीर हैं?

इससे तो यही बात जाहिर होती है की आप अपनी जिन्दगी में जो कमियां हैं, जो बुराइयां हैं उन्हें देखकर उन्हें सुधारना नहीं चाहते, आप चाहते हैं की मैं अपनी कमियों से अनजान रहूँ।

क्योंकी सही काम करने में तो मेहनत लगती है न तो इससे बेहतर है की सपने की दुनिया में जिया जाए। अंत में आपसे यही कहेंगे की सपने आयें नींद में तो ठीक है न आये तो कोई बात नहीं।

सपने नहीं असली जिन्दगी को देखिये।

सुबह का सपना देखना कैसा होता है?

सुबह का सपना देखना शुभ हो सकता है यदि आप अपने जीवन में जो कुछ सच्चा है, सुन्दर है उसे महत्व दें। अर्थात जब आप जीवन में जो कुछ बुरा है उसे हटाकर जो सही है उसे मूल्य देने लगते हैं।

तो फिर जिन्दगी बदलने लगती है, जीवन सुन्दर होने लगता है। पर अगर आप सोचते हैं सुबह सुबह कोई प्यारा सपना देख लेने से जिन्दगी खूबसूरत हो जाएगी।

तो ऐसा नहीं है क्योंकी अगर कोई इंसान कीचड़ में बैठते हुए भी महल में रहने के सपने देखें तो वो महल में रहना तो छोडो उस कीचड़ से भी बाहर निकलने में उसे मेहनत लगेगी।

पर अधिकांश लोग जिन्हें खुद से प्यार नहीं होता वे लोग अपनी खराब हालत को सुधारने की बजाय जैसे हैं वैसे ही बने रहने में यकीन करते हैं।

सुबह कितने बजे का सपना सच होता है?

अगर आप सुबह आने वाले अच्छे बुरे किसी भी तरह के सपने के डर से मुक्त होना चाहते हैं तो एकमात्र उपाय है सच्चाई जानना।

और वो सच्चाई ये है की सपनों में कोई सच्चाई नहीं होती। सपने महज सपने होते हैं फिर चाहे वो अच्छे हो या बुरे। पर ये बात लोगों को समझ ही नहीं आती उन्हें लगता है सपने में दिखने वाली कोई चीज़ खास होती है।

पर सच तो ये है की कुछ खास नही होता बस हम झूठी बात को भी ख़ास बना देते हैं। और इसका परिणाम ये होता है की हमारी जिन्दगी बेहतर होने की बजाय और तमाम तरह के अंधविश्वासों से भर जाती है।

अतः इस बात को दिमाग से निकाल दीजिये की सुबह के सपने से आपकी जिन्दगी बदल जाएगी। या फिर जिन्दगी बर्बाद हो जाएगी। जी नहीं ऐसा कुछ नहीं होने वाला है।

किसी भी तरह के अन्धविश्वास से मुक्ति कैसे पायें?

FAQ

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अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद सुबह 7 बजे का सपना सच होता है? अथवा नहीं इस बात को आप भली भाँती जान गए होंगे। इस लेख को पढ़कर मन में कोई सवाल है तो कमेन्ट बॉक्स में बताएं साथ ही लेख को अधिक से अधिक शेयर भी कर दें।

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