नाम के अनुसार नौकरी पाने के 100% कारगर उपाय

अगर आप भी मानते हैं की भाग्य में जो लिखा होता है वो अवश्य मिलता है और इसी आशा के साथ आप अपने नाम के अनुसार नौकरी कौन सी लगेगी? ये जानना चाहते हैं तो ये पोस्ट आपके लिए है।

नाम के अनुसार नौकरी पाने के उपाय

बढती बेरोजगारी के इस दौर में नौकरी मिलने की ख़ुशी शब्दों में व्यक्त करना बड़ा मुश्किल रहता है, यही कारण है की बहुत से लोग नौकरी पाने के लिए अनेक तरह के टोटके भी आजमाते हैं।

खैर, पिछली पोस्ट में हमने आपको बताया था की अपनी किस्मत में सरकारी नौकरी है? अथवा नहीं जानने का क्या तरीका है, बहरहाल उस पोस्ट को पढने के बाद बहुत से लोगों के मन में ये सवाल था की आखिर नाम के हिसाब से नौकरी का पता कैसे करें?

तो आज हम इस पोस्ट में आपको कुछ ख़ास बातें बताने जा रहे हैं जो आपको जरुर पढनी चाहिए।

नाम के अनुसार नौकरी कैसे पता करें?

हर इन्सान अपना भविष्य देखने के लिए उत्सुक रहता है, भविष्य में कौन सी नौकरी मिलेगी, उसकी शादी किस लड़की से होगी, साथ ही उसकी जिन्दगी कैसी होगी ये कुछ ऐसी बातें हैं जो हर इन्सान जानने की इच्छा रखता है।

हालाँकि जन्म कुंडली के आधार पर ज्योतिष हमें अनुमान के तौर पर जरुर ये बता देते हैं की भविष्य में हमारी जिन्दगी में क्या कुछ घट सकता है, हालांकि शत प्रतिशत दावे के साथ भविष्यवाणी करना आज भी किसी के लिये सम्भव नहीं है।

ऐसी स्तिथि में नाम के अनुसार नौकरी पता करने के लिए आपको कुछ बातों बातों को ध्यान से समझना होगा।

#1. नाम से नौकरी पाने का भ्रम दूर करें।

अगर आपको लगता है नाम के पहले अक्षर को देखकर आपको भविष्य में लगने वाली नौकरी का सच मालूम हो जायेगा। तो सावधान हो जाइए, कुछ बातें बच्चों को शोभा देती हैं बड़ो को नहीं।

जिन्दगी में कल क्या होगा ये हमें नहीं पता, तो क्या ज्योतिष हमें ये बता देंगे की आज से 5 साल बाद या 2 साल बाद हम क्या काम करेंगे, और कहाँ रहेंगे?

अजीब बात है न, अगर भविष्यवाणी करना इतना सरल होता तो फिर शेयर मार्केट और दुनिया में तमाम तरह के काम जो गलत हो रहे हैं जिनसे भविष्य में इन्सान की बर्बादी होने वाली है।

वो काम तो रुक जाने चाहिए। पर हम न जाने कितने नासमझ या भोले लोग हैं जो इन बातों पर आज भी यकीन करते हैं।

#2. नौकरी पाने के लिए प्रयास जरूरी।

अब अगर आप सोच रहे थे की मेरे नाम से मुझे सरकारी नौकरी कौन सी मिलेगी? ये मैं आसानी से पता कर लूं तो भाई, इकलौती और सच्ची बात यह है की आप जैसा करेंगे वैसा फल आपको मिलेगा।

यानी अगर आप बैठे रहे और सोचते रहे की नौकरी मिल जाएगी क्यों? क्योंकी कुंडली में लिखा है तो ऐसा नहीं है।

जिस भी सरकारी नौकरी को आप पाना चाहते हैं पहले तो एक लक्ष्य बनाएं, साथ ही उस नौकरी में कॉम्पटीशन कितना है? सैलरी कितनी है? और उस काम को लेकर आपकी उम्मीदें क्या है?

कहीं वो काम ऐसा तो नहीं बस आप पैसे के लिए कर रहे हैं आपको उसमें कोई इंटरेस्ट नहीं है, साथ ही उस काम से प्रकृति और लोगों पर क्या प्रभाव पड़ता है? इन कुछ बातों पर विशेष रूप से ध्यान दीजिये।

उसके बाद यदि आपको लगे की यार। ये नौकरी अच्छी है इससे जिन्दगी बेहतर हो सकती है और चाहे कितना कॉम्पटीशन क्यों न हो, मैं इस काम को जरुर करूँगा। तो बिलकुल आप उस नौकरी को करने के लिए जी तोड़ मेहनत कर सकते हैं।

#3. सही नौकरी का लक्ष्य बनाना है बहुत जरूरी।

जिन्दगी में एक सही लक्ष्य होना बहुत जरूरी है पर आमतौर पर हमारे जो लक्ष्य होते हैं वो या तो डर पर आधारित होते हैं या लालच में।

घर परिवार, समाज और स्कूल में लगातार ये संदेश देते रहते हैं की कैसे हम अच्छी सैलरी पाने की तयारी कर सकते हैं। क्योंकी हम जानते हैं पैसा है तो सबकुछ है।

लेकिन इस बीच हम कुछ जरूरी सवाल खुद से और समाज से करना भूल जाते हैं क्या पैसे कमाना ही जीवन का लक्ष्य है? जीवन में पैसा कमाना ज्यादा जरूरी है या फिर कोई सच्चा एक नेक काम करना?

हमें ये जन्म कागज के टुकड़े कमाने के लिए मिला है या फिर ये जन्म हमें कुछ सार्थक करने के लिए मिला है? हम ये पूछते ही नहीं न, बच्चा हो या बड़ा सभी के मन में एक ही चीज़ पढ़ाई के बाद घूमती है पैसा।

हम ये जानते ही नहीं की जिस पैसे के पीछे हम इतने पागल रहते हैं वो अगर मिल भी जायें तो मन की बेचैनी, अशांति खत्म नहीं होती।

तो जिन्दगी में शांति, आनन्द, निडरता और प्रेम ज्यादा जरूरी है या फिर पैसा?

अगर आपका जवाब है शांति और सच्चाई तो फिर उसके लिए आपको लक्ष्य भी बदलना पड़ेगा, आप उसी रास्ते पर चलकर उसी काम को करके जिन्दगी में शांति और सच्चाई नहीं ला सकते।

पढ़ें: विद्यार्थी अपना करियर कैसे चुने? 10 बेहतरीन तरीके

#4. सही जिन्दगी जीना भविष्य नहीं वर्तमान है।

अधिकांश लोग जो भविष्यवाणी और ज्योतिषियों पर यकीन करते हैं वो अपनी वर्तमान जिन्दगी से खुश नही होते वो हमेशा भविष्य में जीना पसंद करने लगते हैं।

उन्हें लगता है आज जो मेरी जिन्दगी में दुःख है वो सब तो किस्मत की वजह से है और जल्द ही मेरी किस्मत ठीक होगी। और जिन्दगी खुशहाल हो जाएगी।

ऐसे लोग अपने दुःख, अपनी परेशानियों की जिम्मेदारी खुद नहीं लेते वो उसे किस्मत कह देते हैं तो कभी कहते हैं अभी मेरे ग्रह खराब चल रहे हैं।

और ऐसे लोगों का दुर्भाग्य ये होता है की लम्बे समय तक एक ही परेशानी में फंसे रहते हैं, इनकी हालत ठीक उस बीमार की तरह होती है जो डॉक्टर के पास इलाज करवाने की बजाय कहता है की नहीं ये तो मेरी किस्मत है।

और किस्मत में होगा तो हम ठीक हो जायेंगे। अरे भाई, बीमारी बढे न इसके लिए डॉक्टर से चेकअप और दवाई लेनी जरूरी होती है न। ठीक इसी तरह जिन्दगी में अगर कोई परेशानी है जब तक आप उसकी जिम्मेदारी नहीं लेते।

जब तक आप समस्या का असली कारण नहीं पता करते तब तक तुम्हें समाधान कैसे मिल सकता है।

#5. राशिफल में नहीं कर्मफल पर ध्यान दें।

बहुत से लोग अपने दिन की शुरुवात राशिफल देखने से करते हैं, पर वो जानते ही नहीं की इससे उन्हें दो नुकसान होते हैं पहली बात जो उन्होंने राशिफल में पढ़ा है उस बात में यकीन करने के कारण वो अपने वर्तमान में कुछ भी नया करने से हिचकेंगे।

कुछ भी ऐसा जो उनकी जिन्दगी सुधार सकता है उसे करने से घबराएंगे क्योंकी उन्हें लगता है राशिफल में जो लिखा है वही तो सच है अब क्या नया हो सकता है?

दूसरा वो इस भ्रम में रहते हैं की हमारी जिन्दगी ठीक है, आम लोग जहाँ दुनिया में भागदौड़ करते हैं, इच्छाएं पूरी करते हैं लेकिन राशिफल में यकीन करने वाले लोग आमतौर पर घोर तामसिक होते हैं।

वे कहते हैं हमें क्या करना, किस्मत में होगा तो हमें जो मिलना है मिल जायेगा।

#6. विशुद्ध धर्म के करीब आयें।

अब तक हमने ज्योतिष, राशिफल इत्यादि पर चर्चा करके आपको बता दिया की सच्ची और सही जिन्दगी जीना ही इन्सान का धर्म है।

अब सवाल आता है की धर्म ही तो कहता है न की ज्योतिष को मानो। ये सब बातें तो धार्मिक होती हैं।

पर सच तो ये है की हमने चूँकि वेदान्त नहीं पढ़ा है इसलिए हमें कोई घटिया बात में भी धर्म दिखाई देता है।

देखिये हिन्दू धर्म के केन्द्रीय ग्रन्थ हैं वेद, और वेदों का सार है वेदान्त, अगर हमने अपने केन्द्रीय ग्रन्थ ही नहीं पढ़े तो हमें कैसे पता चलेगा ये बात हमारे धर्म में लिखी है या नहीं।

और सच में जादू टोना, राशिफल, काल सर्प जितनी बातें हम धर्म के नाम पर फैलाते हैं ये कहीं भी हमारे प्राचीनतम और केन्द्रीय धर्मग्रन्थ वेदांत में लिखी नहीं है।

एक बात याद रखें कोई बात अगर समाज में सभी लोग मानते हैं, और वो बात किसी पुस्तक में भी लिखी हुई है तो इसका ये अर्थ नहीं है की वो बात सत्य हो गई।

मैं एक लालची इन्सान हूँ मैं चाहता हूँ की आप लोगों को डराकर मैं पैसे कमाऊं तो फिर मैं एक ऐसी किताब लिख देता हूँ जिसमें मैं बेतुकी बातें कहकर ये साबित करता हूँ की ये बातें तो धर्म में लिखी हैं।

तो बताइए अप मुझे या मेरी उस किताब को धार्मिक घोषित कर दोगे। नहीं न, पर हम ऐसा ही करते हैं, हम नहीं जानते की वास्तव में धर्म क्या कहता है? हम कभी संतों को, महापुरुषों को नहीं पढ़ते पर हम पड़ोस के मिश्रा जी क्या कह रहे हैं ये जरुर मान लेते हैं।

अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद आप जान गए होंगे नाम के अनुसार नौकरी नहीं मिलती बल्कि सही दिशा में प्रयास करने से नौकरी मिलती है।

अगर इस लेख को पढ़कर जीवन में स्पस्टता आई है तो इस लेख को अधिक से अधिक शेयर करें ताकि वे लोग जो जिन्दगी में फालतू की चीजों पर यकीन करके जिन्दगी बर्बाद कर रहे हैं उन तक ये बहुमूल्य संदेश पहुँच सके।

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