शाम का सपना कैसा होता है? जानें शुभ या अशुभ!

कहते हैं हर सपना कुछ कहता है, ऐसे में सवाल आता है की शाम का सपना कैसा होता है? क्या वो सच होते हैं या महज संयोग, आइये जरा विस्तार में सपनों की हकीकत जानने का प्रयास करते हैं।

शाम का सपना कैसा होता है

देखिये बतौर इन्सान हम सभी के सपने में अच्छी बुरी घटनाएँ होती रहती हैं, लेकिन वे लोग जिन्हें सपनों की रहस्यमई दुनिया का सच मालूम हो जाता है ऐसे लोग फिर सपनों से घबराते नहीं है।

वे लोग बुरे सपनों का भी आसानी से उपाय खोज लेते हैं, तो अगर आप चाहते हैं की आपकी जिन्दगी में दिखाई देने वाले बुरे सपनों के कारण किसी तरह की अनहोनी न हो।

बुरे सपने भी आपका कुछ न बिगाड़ सके तो आपको आज का यह लेख ध्यानपूर्वक पढना चाहिए क्योंकी इससे आपके जीवन की दशा और दिशा पूरी तरह बदल सकती है।

शाम का सपना कैसा होता है?

देखिये पारम्परिक मान्यताओं के अनुसार संध्या के समय देखे गए लगभग 90% सपने सच होते हैं, ऐसे में कहा जाता है की इन्सान को यदि अपने दैनिक जीवन से हटकर कुछ नया और अनोखी घटना सपने में दिखाई दे।

तो उसे उस सपने को लेकर सतर्क हो जाना चाहिए क्योंकी उस सपने के असल जिन्दगी में घटने के आसार बहुत होते हैं। उदाहरण के लिए आप जॉब करते हैं आप शाम को 6 से 10 के बीच सो गये।

इस दौरान यदि आपको अचानक ऐसा सपना आया जिसकी आपको कोई उम्मीद नहीं थी, मान लीजिए आपके सपने में कोई करोडपति बन गया है तो कहा जाता है ऐसे सपनों की सच होने की सम्भावना बढ़ जाती है।

तो ये रही शाम को आने वाले सपनों के लेकर लोगों के बीच प्रचलित मान्यता अब हम जरा आगे बढ़ते हैं और इस तरह के सपनों की सच्चाई जानने का प्रयास करते हैं।

शाम का सपने से जुडी मान्यताओं का सच

देखिये हमारे समाज में कई ऐसी मान्यताएं हजारों-सैकड़ों वर्षों से चली आ रही हैं जिन मान्यताओं के पीछे न तो कोई असली तर्क छिपा है और न कोई वाजिब कारण।

पर फिर भी हम ऐसी मान्यताओं को मानते आ रहे हैं उदाहरण के लिए आज भी कई जगह ये मान्यता है की शनिवार के दिन नींबू मिर्ची टाँगे बिना घर से बाहर नहीं निकलना चाहिए?

बताइए इस बात के पीछे कोई लॉजिक है? क्या ऐसा करने से भगवान हमें किसी की बुरी नजर से बचा देंगे? नहीं न, हालाँकि कुछ लोग कहेंगे की हम तो मानते हैं।

अरे भाई। किसी भी बात को मानने के पीछे कोई तर्क होना चाहिए न। आप कहते हैं मैं खाना खाता हूँ क्योंकि उसके पीछे एक वाजिब तर्क है, आपको भूख लगती है इसलिए तो आप खाना खाते हैं न।

इसी तरह हम यूँ ही राह चलते हर किसी पत्थर को तो नहीं पूजते, हम सर भी उसी पत्थर के आगे झुकाते हैं जिसे तराश कर भगवान की मूर्ती बनाई गई है।

और चूँकि भगवान के आगे सर झुकाने से हमें एक सच्चा जीवन जीने की प्रेरणा मिलती है। इसलिए हम भगवान को नमन करते हैं।

ठीक इस तरह आप कोई भी काम करते हैं या किसी भी चीज़ पर भरोसा करते हैं क्योंकी उसके पीछे कोई विशेष कारण होता है न।

लेकिन शाम को दिखाई देने वाले सपने विशेष होते हैं ये कहना उचित नहीं होगा क्योंकी प्रकृति के लिए तो दिन और रात समान हैं।

तो भला सुबह सपना आये या शाम को या आधी रात को, सपने तो सपने हैं, और सपनों को देखकर डर जाना या फिर उनके बारे में सोचते रहना भला कितनी समझदारी की बात हो सकती है?

अब सवाल आता है की यदि शाम को दिखाई देने वाले सपनों में कोई सच नहीं होता तो फिर सपनों को लेकर इतनी सारी बातें क्यों कही जाती है?

शाम के सपने की सच जानकर चौंक जायेंगे 

देखिये सपनों में दिखाई देने वाले दृश्यों को लेकर अंतिम बात समझ लें की सपने तो सपने होते हैं। कल सुबह की प्यारी नींद में मैंने देखा की मैं देश का प्रधानमंत्री बन गया।

पर हकीकत तो ये है की मैं आज एक नेता तक नहीं हूँ। तो भाई सपने और कुछ नहीं महज हमारे मन का विस्तार हैं।

जैसा हम सोचते हैं, जैसा हम सुनते हैं, देखते हैं उसी के आधार पर हमारा मन नींद में कुछ कल्पनाएँ करने लगता है।

यही कारण है की सपने में हम अक्सर उन्हीं लोगों को देखते हैं जिन्हें पहले से हम देख चुके होते हैं। आप नहीं पाएंगे की कोई नयी शक्ल का इन्सान हमें ख्वाबों में दिख रहा है।

तो सपनों को लेकर गम्भीर होना अच्छी बात नहीं है, अगर बुरा सपना आ जाये तो दुखी मत हों। और अच्छा आ जाये तो ज्यादा खुश न हो।

बस यही होना चाहिए। सपनों के बारे में अधिक चर्चा करने से ज्यादा ये महत्वपूर्ण है की हमारी जिन्दगी वास्तव में कैसी है?

कहीं ये न हो असल में हम अन्दर से अज्ञानी हैं, आलसी और, कामचोर हैं और सपने में हम खुद को बहुत मेहनती इन्सान के तौर पर देख रहे हैं जो दुनिया के कल्याण के लिए काम कर रहा है।

ऐसा नही होना चाहिए। हमें अपनी असल जिन्दगी पर ध्यान देना चाहिए, जो सही है जिन्दगी में वो करना चाहिए। सपनों की कोई औकात नहीं होती।

आज तक दुनिया में जितने भी अच्छे/ऊँचे काम हुए हैं वो सभी संघर्ष करके पाए गए हैं, उन कामों को करने के लिए लोगों ने बड़ी मेहनत की है फिर चाहे वो विज्ञान का कोई आविष्कार हो या फिर देश की आजादी के लिए लड़ाई करना।

तो अगर आप सपनों पर नहीं सच्चाई पर अधिक यकीन करते हैं, आपको लगता है जिन्दगी में सही काम करना बहुत जरूरी है तो फिर आपको सपनों को लेकर बेफिक्र हो जाना चाहिए।

हमें उम्मीद है सपनों को लेकर जो भ्रम आपने पाला था अब आप उसकी हकीकत जान गये होंगे, इस तरह के कई सारे अन्धविश्वास लोगों के मन में होते है जैसे बिल्ली का रास्ता काट जाना, सपने में सांप को भागते देखना इत्यादि।

पर जब तक लोग खुद को और अपने जीवन को ईमानदारी से देखेंगे नहीं वे इन्हीं अंधविश्वासों को सच मानते रहेंगे। अगर आपका भी किसी चीज़ पर कठोर विश्वास है और आपको लगता है वो चीज़ धीरे धीरे मुझे परेशान कर रही है।

तो बेझिझक आप हमारे हेल्पलाइन नम्बर 8512820608 पर whatsapp करके अपना संदेश हम तक पहुंचा सकते हैं।

 

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अंतिम शब्द

तो साथियों इस आशा के साथ की शाम का सपना कैसा होता है? और ऐसा सपना आने पर क्या करना चाहिए? इस प्रश्न का उत्तर आपको मिल गया होगा। इस लेख को पढ़कर मन में कोई सवाल है तो बेझिझक whatsapp नम्बर 8512820608 पर सांझा करें, साथ ही लेख को अधिक से अधिक शेयर कर दें।

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