शुभ मंगल के 5 विशेष लक्षण| दिखने लगें तो होगा चमत्कार!

बहुत से लोग कुंडली में मंगल ग्रह की स्तिथि जानने को लेकर आतुर रहते हैं ऐसे लोगों को आज हम शुभ मंगल के लक्षण अर्थात कुंडली में मंगल खुश होने के लाभ बताने जा रहे हैं।

शुभ मंगल के लक्षण

चूँकि कुंडली में मंगल ग्रह की दिशा जीवन में अनेक तरह के प्रभाव डालती है, जहाँ एक तरह मंगल ग्रह की स्तिथि इन्सान को मालामाल कर सकती है तो वहीं इस ग्रह की खराब स्तिथि से इन्सान को कई दुखों का सामना करना पड़ सकता है।

वे लोग जो अक्सर ज्योतिष विज्ञान में और कुंडली में गहरा यकीन करते हैं वे मंगल ग्रह की दशा को ठीक रखने के लिए नियमित रूप से पूजा पाठ, हवन इत्यादि करते रहते हैं।

वे पंडित अथवा ज्योतिष के बताये नियमों का पालन करते हैं और उन सभी कार्यों को करने से बचते हैं जिससे जिन्दगी में मंगल दशा के खराब होने से उन्हें किसी तरह का घाटा हो।

नीचे हमने आपके साथ वो सभी लक्षण सांझा किये हैं जिनके दिखाई देने पर आपको समझ जाना चाहिए की आपकी कुंडली में मंगल की स्तिथि सबसे बढ़िया है।

शुभ मंगल के 5 बड़े लक्षण| समझना है जरूरी!

कुंडली में मंगल ग्रह अत्यंत शक्तिशाली और प्रभावकारी माना जाता है, वे लोग जिनकी कुंडली में मंगल दोष होता है उनका जीवन नरकीय हो जाता है, कई तरह की परेशानियाँ उनकी जिन्दगी में आने लगती है।

दूसरी तरह अगर मंगल ग्रह जब सही स्तिथि में होता है तो इन्सान की किस्मत के लिए ये काफी शुभ माना जाता है, नीचे कुछ प्रमुख लक्षण सांझा किये गए हैं, जो अगर आपको जिन्दगी में दिखाई दे तो जानियेगा मंगल आप पर मेहरबान है।

#1. सच्ची संगती और माहौल में रहना।

किसी इन्सान को सफल और असफल बनाने में माहौल का विशेष योगदान रहता है वह इन्सान जो हमेशा गलत लोगों के साथ उठता बैठता है, जो अधिकतर समय बुरी संगत में बिताता है क्या उसका जीवन सुन्दर अथवा अच्छा हो सकता है?

नहीं न, अतः वह इन्सान जिसकी जिन्दगी में मंगल ग्रह की दिशा अच्छी रहती है आप पाएंगे उसका अधिकतर समय अच्छी किताबों के साथ, अच्छे लोगों के साथ, अच्छी फ़िल्में देखने में, अच्छे कामों को करने में बीतता है जिससे अंततः उसकी जिन्दगी अच्छी हो जाती है।

तो आप पायें की आपका मन बुरे दोस्तों को, बुरे लोगों को छोड़कर अच्छी दिशा में जा रहा है, अब आप अच्छे विचारों के सम्पर्क में आकर अच्छी जिन्दगी जीने की तरफ आगे बढ़ रहे हैं तो जानियेगा की ये मंगल ग्रह के शुभ लक्षण हैं।

#2. पैसे का सही इस्तेमाल करना।

इन्टरनेट पर जाएँ तो कई वेबसाइट और वीडियोस के माध्यम से आपको ये जानकारी मिलेगी की मंगल ग्रह इन्सान की जिन्दगी में सही दिशा पर हो तो इससे उसे धन की प्राप्ति होती है।

लेकिन हमारी नजर में ये बात ठीक तो है पर अधूरी है, हकीकत तो ये है की पैसा तो बुरे से बुरे लोगों को भी मिल जाता है। एक से एक लोग मिल जाएँगी जिनके पास पैसा बहुत है लेकिन पैसों के कारण ही उनका व्यवहार, उनका पूरा जीवन बर्बाद हुआ है।

वे अय्याशी करते हैं और गलत कामों में डूबे रहते हैं। अतः वाकई अगर किसी इन्सान की जिन्दगी में मंगल की दशा बेहतर होगी तो आप पाएंगे की न सिर्फ उसके पास धन होगा बल्कि वो उस धन का सही इस्तेमाल करना भी जानता होगा।

जिस पैसे से आम लोग शौक पूरे करते हैं और फ़ालतू की चीज़ों में उस पैसे को उड़ाते हैं, दूसरी तरफ जिसकी जिन्दगी में मंगल ग्रह की स्तिथि ठीक है उसी पैसे को वो इन्सान लोगों के, समाज के कल्याण में खर्च करेगा।

#3. समस्याओं का समाधान करना।

बहुत से लोग छोटी छोटी बातों से परेशान हो जाते हैं, और अपनी इस परेशानियों का कारण या जिम्मेदारी वह दूसरे पर थोपने लगते हैं, वो अगर दुखी रहते हैं तो वो खुद को इसका जिम्मेदार नहीं मानते वो कहते हैं दूसरों ने हमें दुःख दिया।

पर जिस इन्सान की कुंडली में मंगल ग्रह की स्तिथि ठीक रहती है ऐसा नही है की उसकी जिन्दगी में कोई परेशानी नहीं आती, बिलकुल आती है पर एक बात उसमें ख़ास ये होती है की वो अपनी समस्याओं की जिम्मेदारी खुद के कंधों पर लेता है।

वो कहता है बुरा हुआ है आज मेरे साथ तो कहीं न कहीं मेरी गलती हुई होगी और अब मैं इस गलती को सुधारूँगा। और इस तरह वो आम लोगों की तुलना में एक बेहतर और बेहतर इन्सान बन जाता है।

#4. जिन्दगी का मकसद समझना।

जिस इन्सान की जिन्दगी में मंगल की दशा ठीक रहती है, उस इन्सान की मानो सोच विचार सबकुछ बदल जाते हैं, आम लोगों के लिए दो वक्त की रोटी, पैसा, घर, गाड़ी होना ही बड़ी बात होती है।

वहीँ वह व्यक्ति जिस पर मंगल की मेहरबानी होती है वो समझदार हो जाता है, वो कहता है क्या मुझे जिन्दगी सिर्फ इसलिए मिली थी ताकि खाऊं, पिउं और सो जाऊं।

या फिर जिन्दगी मुझे किसी बड़े उद्देश्य को पूरा करने के लिए मिली थी। ये सवाल वो जब अपने सामने रखता है तो धीरे धीरे फिर वो उस तरह से जीना छोड़ देता है जैसे आम लोग जीते हैं।

अब ऐसा इन्सान मस्त होकर जीता है पर उसकी जिन्दगी में करने के लिए कोई महत्वपूर्ण काम होता है जिसकी खातिर वो अपना सबकुछ लुटाने को तैयार रहता है।

उदाहरण के लिए वो कहता है की आज के समय में गंगा नदी गंदी हुई पड़ी है, मैं चाहता हूँ जीते जी गंगा माँ को स्वच्छ करने में एक योगदान दू। और इस सोच के साथ वो जिन्दगी में किसी ऊँचे अभियान में जुट जाता है और अपने जन्म को सार्थक करता है।

पढ़ें: जिन्दगी में क्या करना चाहिए? जीवन में करने योग्य क्या है?

#5. अन्धविश्वास और भ्रम का मिटना।

अगर देखना है किसी इन्सान की जिन्दगी में मंगल की कृपा बरस रही या है या नहीं तो बस देख लीजिये क्या वो इन्सान अन्धविश्वास में जीता है या फिर सच्चाई में।

क्या वो सुनी सुनाई बातों पर यकीन करता है या फिर किसी बात की हकीकत को देखते हुए फैसला लेता है? जब आप पायें कोई इन्सान व्यर्थ की बातों पर मान्यताओं को मानना बंद कर दे और जो बात सही है, स्पष्ट है उसपर चलना शुरू कर दें जान लेना ये मंगल की कृपा उस पर है।

वहीँ दूसरी तरफ अगर कोई साफ़ साफ़ देख रहा है की जो कुछ मैं कर रहा हूँ वो महज एक ढोंगबाजी है, इसे करके कोई फायदा नहीं होगा तो समझ लेना ये इन्सान दुःख भरी जिन्दगी जी रहा है।

उदाहरण के लिए कोई कहे की सूर्यास्त के बाद झाडू नहीं लगाना चाहिए। तो ऐसे में कोई इन्सान कहे की नहीं मैं ये बात नहीं मानता ये बात कहीं भी भगवदगीता में नहीं लिखी है और विज्ञान भी इस बात को स्वीकार नहीं करता।

तो जान लीजिये ऐसा इन्सान फिर सही दिशा में आगे बढ़ रहा है। वो मान्यताओं पर नहीं सच्चाई में जीता है।

#6. एक सही जिन्दगी जीना।

जिस तरह धूप में बैठे इन्सान को सूर्य की किरणें पड़ने पर उसे गर्मी का अहसास होता है उसी तरह जब इन्सान की जिन्दगी में मंगल की कृपा बरसती है तो उसकी जिन्दगी में कुछ ख़ास होने लगता है।

और कुछ ख़ास कहने से हमारा ये मतलब नहीं है की उस इन्सान को कुछ दिव्यता अनुभव होने लगता है बल्कि ख़ास कहने का अर्थ है वो इन्सान अब जान लेता है की संसार में क्या सच्चा है, क्या झूठा?

यहाँ क्या काम करना चाहिए क्या नहीं उसे ये ज्ञात हो जाता है तो फिर उसकी जिन्दगी एक सही दिशा की तरफ आगे बढ़ने लगती है।

शुभ मंगल के लक्षण से जुडा रहस्य चौंक जायेंगे!

उपर हमने समझा की मंगल की दिशा ठीक हो तो इन्सान की जिन्दगी बेहतर होती है, लेकिन अब सवाल आता है की बतौर इन्सान आपको क्या करना चाहिए?

देखिये सिंपल सी बात है, एक इन्सान जो बीमार है उसे ये सोचना चाहिए की मैं अपना इलाज कैसे करवाऊं या फिर उसे ये सोचना चाहिए की मैं अपनी कुंडली कैसे ठीक करूँ?

जाहिर सी बात है उसे अपना सही इलाज करवाना चाहिए इसी तरह बहुत से लोग हैं जिनके घर में अशांति होती है, पैसों की परेशानी होती है या फिर किसी तरह की और कोई प्रॉब्लम वो सोचने लगते हैं की यार। मेरी तो कुंडली में ही किसी तरह की परेशानी होगी।

और इसी अन्धविश्वास के चलते बहुत से लोग फिर परेशानी का सही समाधान ढूँढने की जगह ढोंगी बाबाओं के पास जाते हैं और अपना समय, पैसा और मन सभी बर्बाद करते हैं।

अब हो सकता है आपके मन में ये ख्याल आये की धर्म ही तो कहता है न की कुंडली पर विश्वास करो।

देखिये धर्म कहता है अपनी समस्या का समाधान करना ही तुम्हारा कर्तव्य है। धर्म आपको कुछ करने या न करने की सलाह नहीं देता।

 

पर चूँकि हम धर्म की बातें खूब करते हैं लेकिन हमने अपने मूल धर्मग्रन्थ भगवदगीता और उपनिषद नहीं पढ़े इसलिए हम नहीं जानते की धर्म क्या सिखाता है और धर्म लोगों को क्या संदेश देता है?

धर्म सम्बन्धी आपके मन में किसी तरह का कोई प्रश्न है तो बेझिझक आप हमारे हेल्पलाइन नम्बर 8512820608 पर अपने सवालों whatsapp कर सकते हैं।

संबंधित पोस्ट पढ़ें:-

अंधविश्वास क्या है | क्यों पढ़े लिखे लोग भी अन्धविश्वासी होते हैं?

अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढ़ने के बाद शुभ मंगल के लक्षण कौन से हैं? अब आप भली भाँती समझ गए होंगे। इस लेख को पढकर किसी तरह का सवाल बाकी है तो उपरोक्त whatsapp नम्बर पर बताएं साथ ही लेख उपयोगी साबित हुआ है तो अधिक से अधिक शेयर भी कर दें।

Leave a Comment