स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव कैसे पड़ता है| जानें सच्चाई!

पुरुषों की भाँती किसी स्त्री का जीवन कैसा होगा ये तय करने में उसकी कुंडली की दशा काफी हद तक जिम्मेदार होती है यही वजह है की लोग स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव कैसा होता है?

स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव

इस प्रश्न का जवाब जानने को लेकर लोग बेहद उत्सुक रहते हैं, क्योंकी समय रहते लोगों को हकीकत मालूम हो जाये तो वो किसी भी परेशानी को हल करने के लिए तैयार रहते हैं।

बता दें इस ब्लॉग में हमने पहले ही मंगल दोष, मांगलिक दोषों के उपचार के विषय में बड़ी गहराई से बात की है जिसे पढके अनेक लोगों को फयदा भी हुआ है।

बहरहाल आज का यह लेख सभी स्त्रियों/महिलओं को समर्पित होने वाला है, जिसमें हम उन्हें मंगल दोष के प्रभाव की सच्चाई सांझा करने जा रहे हैं।

स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव कैसा होता है?

देखिये इन्टरनेट पर जाएँ तो गूगल और youtube दोनों जगह आपको बताया जायेगा की स्त्रियों की कुंडली के मंगल ग्रह में 12 भाव होते हैं और प्रत्येक भाव स्त्री की जिन्दगी के बारे में अलग अलग लक्षणों को प्रकट करता है।

उदाहरण के लिए कहा जाता है स्त्री की कुंडली के प्रथम भाव में मंगल का होना दर्शाता है की लड़की आत्मनिर्भर,साहसी और बहादुर होगी साथ ही साथ इसका नुकसान यह है की लड़की को वैवाहिक जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

इसी तरह प्रत्येक भाव का अलग अलग अर्थ और महत्व बताया जाता है, तो अगर आप भी सोच रहे हैं की हम आपको वही सब बताने वाले हैं तो बता दें उन सुनी सुनाई बातों को हम आपके साथ साँझा नहीं कर्नेगे।

क्योंकि उन बातों के पीछे कोई तर्क नहीं है, क्योंकि हर इन्सान की जिन्दगी भिन्न भिन्न होती है, दो स्त्रियाँ जिनकी कुंडली में मंगल की दशा एक जैसी हो बताइए क्या दोनों के हालात, परिस्तिथियाँ एक जैसी होंगी?

नहीं न, दोनों में फर्क होगा। इसलिए हम आपको एक ऐसा सीक्रेट शेयर करेंगे जिसे जान गए तो हमेशा आपकी जिन्दगी में मंगल का प्रभाव शुभ ही होगा कोई भी विपत्ति आपकी जिन्दगी में आपको हिला नहीं पायेगी।

स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव होगा हमेशा लाभकारी 

अगर आप स्वयं एक महिला हैं अथवा आप चाहते हैं किसी स्त्री की कुंडली में मंगल की दशा हमेशा सही स्थान पर रहे तो इसके लिए आपको कुछ बातों का ख्याल रखना होगा।

जिस भी स्त्री की आप भलाई करना चाहते हैं हम आपसे कहेंगे की उस स्त्री को शिक्षित बनाइए, उसे आत्मनिर्भर बनाइए हर वो काम जिससे एक महिला की जिन्दगी बेहतर होती है वो काम करिए।

क्योंकि अगर एक लड़की अपने पैरों पर खड़ी है, समझदार है तो जाहिर सी बात है ऐसी लड़की की जिन्दगी में कोई प्रॉब्लम आयेगी तो वो ये नहीं कहेगी की मेरी कुंडली खराब है।

क्योंकि वो भली भाँती जान लेगी और कहेगी की पुरुष हो या महिला परेशानी तो सभी के जीवन में आती हैं जिस तरह कोई पुरुष परेशानी आने पर नहीं घबराता उसी तरह मैं भी नहीं घबराउंगी।

उदाहरण के लिये ऐसी कोई महिला है जिसका पति या बच्चा बीमार रहता है तो वो अपने पति का या बच्चे का इलाज करवाएगी वो ये नहीं कहेगी की मेरी कुंडली की वजह से ये सब हो रहा है।

है न, दूसरी तरफ कोई महिला है जो अंधविश्वासों में जीती है जो कमजोर है, अशिक्षित है, नासमझ है जाहिर सी बात है अगर उसका पति बीमार होगा और वो जल्दी से ठीक नहीं होगा तो उसे तो यही लगेगा की कहीं मेरी वजह से तो मेरे घर में दिक्कत नहीं आ रही है।

तो आपको ये बात समझनी होगी की जिस भी महिला का आप भला चाहते हैं फिर वो आपकी पत्नी हो, बहन हो या आपकी माता हो कोई भी हो आपको खुद तो समझदार अर्थात एक बेहतर इन्सान बनना ही होगा।

तभी आप उसका भी भला कर पाएंगे उसे भी बता पाएंगे की देखो समस्या आना सामान्य सी बात है और उसका समाधान करना आपकी जिम्मेदारी है लेकिन ये कहना की वो परेशानी तो मगंल ग्रह के बिगड़ने के कारण आई है ये तो मूर्खता है न।

कुंडली में मंगल के दुष्प्रभाव से ऐसे होगी स्त्री की रक्षा 

चूँकि हमारे समाज में धर्म का नाम लेते ही लोगों को पूजा पाठ, कुंडली, ज्योतिष ये सब चीज़ें याद आने लगती हैं, अतः हमें लगता है धर्म पर चलने का मतलब है कुंडली की दशा को देखना।

ऐसे में होता क्या है जैसे ही इन्सान की जिन्दगी में कोई परेशानी आती है मान लो कुछ समय से उसे व्यापार में किसी तरह का घाटा हो रहा है तो उसे लगता है धन की कमी अगर अचानक हो रही है तो इसमें मेरी कोई गलती नहीं है।

कुंडली में ही कुछ गडबड है। तो ये है हमारा जीवन को देखने का नजरिया, पर आपको जानकार हैरानी होगी की यदि हम वास्तव में जानें की धर्म क्या होता है? और इसके लिए हम सनातन धर्म के केन्द्रीय ग्रन्थ भगवदगीता और उपनिषद पढ़ें।

तो हमें मालूम होगा की कुंडली, राशिफल इत्यादि इन चीज़ों का वास्तव में धर्म से कोई लेना देना ही नहीं है, भगवान कृष्ण गीता में कहीं नहीं कह रहे हैं की परेशानी आएगी तो कुंडली को चेक करने से ये समस्या ठीक हो जाएगी।

न ही उपनिषदों के ऋषि हमें ये कहना चाहते हैं की घर में अशांति हो रही है तो कुंडली की दशा देखो। अब आप ही निर्धारित कर लीजिये की आपको कृष्ण से प्रेम है और उनकी कही बातों पर चलना है या फिर सौ तमाम तरह की बातों पर।

देखिये एक समझदार इन्सान की यह निशानी होती है की तकलीफें आने पर निडरता के साथ उन परेशानियों से जूझता है, दूसरी तरफ जो मूर्ख होता है वो परेशानी से बचने के लिए सौ तरह की फालतू चीजों में फंसा रहता है।

पर चूँकि हम जानते नहीं की वास्तव में सनातन धर्म क्या है? हमने कभी अपने धर्मग्रन्थों को नहीं पढ़ा इसलिए जो कुछ भी हमें कहा जाता है हम उसे मान लेते हैं।

समझिएगा धर्म बेहद पवित्र चीज़ है लेकिन अगर आप कुंडली, राशिफल को ही धर्म समझ बैठे हैं तो ये भूल कर दी है। जी हाँ, अगर इस विषय पर अभी भी कोई प्रश्न बाकी है।

तो बेझिझक आप इस हेल्पलाइन नम्बर 8512820608 पर अपने सवालों को सांझा कर सकते हैं।

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अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद स्त्री की कुंडली में मंगल का प्रभाव किस तरह पड़ता है, इस बात की सच्चाई अब आप जान गए होंगे। इस लेख को पढने के बाद मन में किसी तरह का सवाल बाकी है तो उपरोक्त नम्बर पर सांझा करें। साथ ही लेख को अधिक से अधिक शेयर करना मत भूलियेगा।

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