एक समृद्ध जीवन जीने के लिए व्यक्ति का मानसिक और शारीरिक विकास होने के साथ साथ आध्यात्मिक विकास होना बेहद जरूरी है, पर कई लोगों के मन में सवाल आता है की आखिर आध्यात्मिक विकास से मनुष्य को क्या मिलता है?
ये सवाल लोगों की जहन में इसलिए आता है क्योंकि लोग जानते हैं पढ़ाई, करियर या जीवन के अन्य किसी भी क्षेत्र में मनुष्य की तरक्की से उसकी जिन्दगी में बड़ा बदलाव आता है।
पर चूँकि बचपन से हमें आध्यात्मिक शिक्षा नहीं दी जाती ऐसे में अध्यात्म का महत्व और इससे होने वाले विशेष लाभों के बारे में हमें अक्सर कोई जानकारी नही होती।
और प्रायः लोगों को जानकारी होती भी है तो कोई सस्ता सा जवाब उनकी तरफ से दे दिया जाता है। इसलिए इस प्रश्न को जरा बारीकी से समझने के लिये आइये समझते हैं की
आध्यात्मिक विकास का क्या अर्थ है?
विकास की चाह मनुष्य में सदा से रही है लेकिन प्रायः विकास का अर्थ सांसारिक होता है। यानी अगर कोई व्यक्ति समाज में रुपया पैसा, सम्मान, ताकत इत्यादि पा लेता है तो हम कहते हैं की उस मनुष्य का विकास हो रहा है।
दूसरी तरफ आध्यात्मिक प्रगति संसार में नहीं बल्कि मनुष्य के भीतर होती है, जी हाँ दूसरे शब्दों में कहें तो मनुष्य के मन की उन्नति आध्यात्मिक उन्नति कहलाती है।
देखिये मन की उन्नति इसलिए आवश्यक है क्योंकि मन ही इन्सान से सभी तरह के कर्म करवाता है। वह व्यक्ति जिसका मन दूषित हो वो दुनिया में अच्छे कार्य कर ही नहीं सकता।
इसलिए जितने भी ज्ञानी, संत हुए उन्होंने मन को साफ़ रखने के ऊपर बहुत जोर दिया। क्योंकि प्राकृतिक रूप से इन्सान के मन में डर, लालच, वासनाएं होती हैं जिनकी वजह से वो बुरे कर्म करने के लिए भी तैयार हो जाता है।
अतः इसी कलुषित मन को निर्मल करने के लिए आध्यात्मिक विकास होना बेहद जरूरी है। आइये जानते हैं आध्यात्मिक उन्नति कैसे होती है?
आध्यात्मिक विकास से मनुष्य को क्या मिलता है?
जहाँ संसार में किसी तरह की पद प्रतिष्ठा हासिल करने के लिए आपको एक दूसरे से प्रतियोगिता करनी पड़ती है, आपको दूसरों से आगे निकलना होता है। और देखा जाए तो संसार में फिर भी रूपये पैसे कमाना, नाम कमाना फिर भी सरल होता है।
कोई व्यक्ति घटिया से घटिया काम करके भी इज्जत पा लेता है। लेकिन आंतरिक तरक्की यानी आध्यात्मिक विकास के लिए इन्सान को खुद से लड़ाई करनी पड़ती है, पर जो वो इस युद्ध में लड़ाई करने के लिए तैयार होता है उसे कुछ ऐसे अचूक लाभ मिलते हैं।
जिनसे एक आम इन्सान हमेशा अछूता रहता है, आइये जानते हैं आध्यात्मिक व्यक्ति को मिलने वाले कुछ ख़ास लाभ कौन से हैं। उसके बाद हम आध्यात्मिक बनने की शिक्षा हासिल करेंगे।
#1. निडरता
निश्चित रूप से डर जीवन जीने के लिए जरूरी है, लेकिन एक आम सांसारिक व्यक्ति को कभी पैसे खोने का डर तो कभी इज्जत या व्यक्ति को खोने का भय लगातार सताते रहता है। इसलिए उसके चेहरे पर बेचैनी, निराशा के भाव बने रहते हैं। और डर के साए में वह जीवन बिता देता है।
लेकिन एक आध्यात्मिक व्यक्ति की बड़ी खूबी ये है की वो संसार की हकीकत जानता है, इसलिए छोटी बातों पर डरना वो छोड़ देता है। उसकी आँखों में एक तेज होता है, चेहरे पर एक नूर होता है क्योंकि सबसे सुन्दर चेहरा वही होता है जिसमें कोई डर नहीं होता।
उसको बस एक ही डर सताता है वो है परमात्मा को खोने का डर, इसके अलावा सब भय से मुक्त हो जाता है।
#2. प्रेम
जो व्यक्ति प्रेम में जीना चाहता हो उसे कुछ हद तक आध्यात्मिक होना ही होगा। क्योंकि प्रेम का अर्थ है निस्वार्थ भाव से किसी की भलाई करना। लेकिन सोचो जब इन्सान बेवजह किसी का छोटा सा काम तक नहीं करता।
तो सोचिये कई सारे लोगों की भलाई करने के लिए कितना बड़ा दिल चाहिए होगा। भलाई करने के लिए मन निर्मल होना चाहिए। और मन को साफ़ करने के लिए मन में से लालच और डर का निकलना बेहद जरूरी है।
एक आध्यात्मिक व्यक्ति खुद से संघर्ष करता है, मन में उसके कितना लालच और डर आये पर वो कहता है करूँगा तो मैं वही काम जो सही है सच है और जो वाकई प्रेम के लायक है।
#3. करुणा
एक आध्यात्मिक व्यक्ति करुणावान होता है, राम जी की भाँती उसके मन में जीवों और जानवरों के प्रति करुणा होती है, वो हर उस काम के प्रति विद्रोह करता है जिससे बेजुबान जानवरों अथवा निर्दोष इंसानों के प्रति अत्याचार होता है।
वो जानता है की एक शांति और आजादी से भरी जिन्दगी हर किसी की चाहत है और उसे जीना का अधिकार है, यही कारण है की आध्यात्मिक व्यक्ति कभी भी ऐसी नौकरी या व्यापार को नहीं करता जहाँ पर किसी के साथ बदसलूकी हो, किसी का शोषण किया जाता है।
#4. शान्ति
आध्यात्मिक व्यक्ति के जीवन में एक असीम शान्ति रहती है? जानते हैं क्यों? क्योंकि वो जानता है की सही काम को परमात्मा का आशीर्वाद मानकर मैंने सच्चाई को अपनी जिन्दगी सौंप दी है अब जो होगा परमात्मा देखेगा।
इस भाव के साथ आध्यात्मिक व्यक्ति को अब एक आम व्यक्ति की भाँती छोटी बातों की परवाह नहीं करनी पड़ती इसलिए उसके चित्त में एक शांति रहती है। ठीक वैसे जैसे राम जी ने अनेक संघर्ष किये इसके बावजूद उनके चेहरे पर एक धीमी मुस्कान थी?
क्यों ? क्योंकि वो जानते थे की जो सच्चा है, सही है वो हमने किया है। तो जो लोग जिन्दगी से ऊब चुके हैं, जिनका काम में मन नहीं लगता उनका आध्यात्मिक विकास बेहद जरूरी है।
#5. सच्चाई का गर्व
गर्व से जीना कौन नहीं चाहता, पर अधिकांश लोग गर्व से नहीं सिर झुकाकर चलते हैं कभी उनका सर अपने मालिक के आगे तो कभी लोगों के आगे झुकता है। वो अपने लालच या डर के कारण उन जगहों पर भी सिर झुकाते हैं जहाँ झुकाना एकदम अनुचित है।
पर वो व्यक्ति जो आध्यात्मिक होता है वो जानता है की दुनिया के लोग हमें बड़ी से बड़ी चीज़ क्या देंगे पैसा, इज्जत। अरे हम तो इन चीजों की हकीकत पहले ही जान चुके हैं तो हम नहीं आयेंगे किसी के लालच में या किसी के डर में।
अतः हम कह सकते हैं की जो व्यक्ति गर्व के साथ सिर उठाकर चलना चाहता हो उसके लिए आध्यात्मिक विकास बेहद जरूरी है।
तो साथियों संक्षेप में कहें तो आध्यात्मिक विकास होने पर इन्सान के जीवन में सच्चाई, शान्ति, निडरता, प्रेम, करुणा का भाव रहता है और ये चीज़ें ऐसी हैं जिन्हें कोई व्यक्ति पैसे देकर भी नहीं खरीद सकता।
आध्यात्मिक विकास कैसे हों?
आध्यात्मिक होने के उपरोक्त फायदों को देखते हुए अगर आप भी अपना अध्यात्मिक विकास करना चाहते हैं तो नीचे कुछ ख़ास बातें दी गई हैं, जिन पर आपको अवश्य ध्यान देना चाहिए।
आध्यात्मिक विकास का सफर आपका शुरू होता है आत्मज्ञान से, आत्मज्ञान यानी स्वयं को पहचानना। प्रायः हम जैसे जीवन जीते हैं हमें लगता है हम तो खुद को अच्छी तरह जानते हैं। हम तो एक अच्छे इन्सान हैं।
पर मैं आपसे यही कहूँगा की अगर सच्चाई इसी बात में होती तो दिन भर जो आप बेचैन, निराश, ऊबे से रहते हो ऐसा क्यों होता? क्यों आप थोड़े से डर और लालच के लिए घुटने टेक देते।
हैं न, तो समझिएगा आध्यात्मिक विकास उसी मनुष्य का सम्भव है जो जानता है की मैं कौन हूँ, और मुझमें कितनी कमियां हैं, और साथ ही जिसे मालूम हो जाये की मनुष्य जन्म क्यों मिलता है?
अब ऐसा इन्सान अपनी कमियों को सुधारकर अपने जीवन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए निकल पड़ेगा। रास्ते में उसके बहुत सी चुनौतियाँ आएँगी, उसको लालच भी आयेगा, वो डरेगा भी।
लेकिन वो कहेगा मैं इस राह को नहीं छोड़ सकता वो आगे बढ़ता रहेगा। और इस आगे बढ़ने की प्रक्रिया में अच्छी संगत उसका साथ देगी। अच्छी संगत माने अच्छी पुस्तकें,अच्छे लोग।
उदाहरण के लिए मैं एक लालची इन्सान हूँ मैं देख रहा हूँ की पैसों के कारण मेरी जिन्दगी में बहुत सारी टेंशन हैं और मैं कोई ढंग का काम इसलिए नहीं कर पा रहा हूँ क्योंकि पैसों के आगे मैं मजबूर हूँ।
अब ऐसी स्तिथि में यदि मैंने सही काम को करने के खातिर उस गलत नौकरी को छोड़ने का फैसला ले लिया है तो समझ लीजिये मेरी आध्यात्मिक प्रगति हुई।
इसी तरह मैं गलत लोगों के सामने, परिवार की गलत बातों के आगे झुकता बहुत था लेकिन यदि अब मैंने उनकी बुरी बातों को मानना छोड़ दिया तो समझ लिए मेरी आध्यात्मिक प्रगति हुई।
इस तरह इन्सान धीरे धीरे जीवन में आध्यात्मिक प्रगति करके नए नए मुकाम हासिल करता रहता है। यकीन मानिए आध्यात्मिक जीवन बहुत सुन्दर है, इस रास्ते में कठिनाइयाँ जरुर है पर याद रखें आसमान में उड़ने के लिए थोडा रिस्क तो उठाना पड़ता है।
तो अगर आप अपने अध्यात्मिक जीवन में विकास लाना चाहते हैं तो आपके मन में कोई प्रश्न है तो बेझिझक इस whatsapp नम्बर 8512820608 पर whatsapp करें हम आपकी सम्पर्क अवश्य करेंगे१
बहरहाल अध्यात्म की राह में आगे बढ़ने के लिए ये विडियो देखें जो आपके बेहद काम आयेगा।
अंतिम शब्द
तो साथियों इस लेख को पढने के बाद आध्यात्मिक विकास से मनुष्य को क्या मिलता है? अब आप भली भाँती समझ गए होंगे, इस लेख को पढ़कर मन में किसी तरह का प्रश्न बाकी है तो उपरोक्त whatsapp नम्बर में बताएं साथ ही जानकारी को अधिक से अधिक शेयर करना बिलकुल न भूलें।