भगवान को कैसे महसूस करें? अपनाएं ये अनूठी विधि

कई लोग जो प्रेम भाव से भगवान की भक्ति में डूबे रहते हैं वे अक्सर कहते हैं की परमात्मा के करीब रहकर मन को असीम शांति और ख़ुशी मिलती है ऐसे में सवाल आता है की आखिर हम भगवान को कैसे महसूस करें?

भगवान को महसूस कैसे करें

क्या कोई ऐसी विधि है जिससे हम भगवान के होने का अहसास कर सकते हैं? अगर हाँ तो फिर उस परमसत्ता को महसूस करने उसके करीब आने के लिए क्या करना पड़ता है? क्या दिन रात भगवान का गुणगान करने से वो हमें महसूस होंगे?

तो आज हम इसी विषय पर जरा बारीकी से चर्चा करेंगे और समझेंगे की धर्मग्रन्थों में भगवान को महसूस करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने की क्या विधि है, आपसे निवेदन है इस लेख को ध्यानपूर्वक अंत तक जरुर पढ़ें।

भगवान को कैसे महसूस करें? 

भगवान की दिव्य मौजूदगी का अनुभव करने के लिए जरूरी है अपने भगवान को समझना। क्योंकी भगवान की महिमा और हमारे जीवन में उनकी उपयोगिता क्या है? जिसने यह बात समझ ली और जीवन में उतार ली फिर सदा भगवान उसके निकट रहते हैं।

देखिये भगवान कोई भौतिक वस्तु तो नहीं हैं जिन्हें हम हवा, पानी की तरह अपनी बॉडी के माध्यम से महसूस कर सके। चूँकि भगवान पराभौतिक हैं, अदृश्य हैं अतः उन्हें पाने का और महसूस करने का एक ही तरीका है उनके नक्शे कदम पर चलना।

उदाहरण के लिए यदि आप भगवान राम की दिव्य मौजूदगी का अनुभव करना चाहते हैं तो हमें राम जी के गुण अपने भीतर विकसित करने होंगे। जब हमारे मन में प्रेम, त्याग, करुणा होगी, तभी हम जान पाएंगे की प्रेम होने पर शरीर कैसा महसूस करता है?

जब हमारे भीतर त्याग का गुण विकसित होता है तो हम जान पायेंगे की किसी जरूरी काम के लिए छोटी चीज़ को त्यागने पर भीतर कैसा महसूस होता है।

इस तरह हम राम जी के महान जीवन से सीख लेकर जब हम भी एक ऊँचे जीवन की तरफ बढ़ेंगे तो हमें भी वो आनन्द वो शांति मिलेगी जो हमारे अवतारों को मिलती है।

तो संक्षेप में कहें तो भगवान की उपयोगिता हमारी जिन्दगी में इसलिये बढ़ जाती है ताकि उनके महान जीवन से सीख लेकर हम भी ऊँचे कर्म कर सके। और जिस आनन्द और सुख की तलाश में हम इधर उधर भटकते हैं वो आनन्द हम प्राप्त कर सके।

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चलिए अब हम कुछ बिन्दुओं के माध्यम से भगवान को महसूस करने की विधि को और बारीकी से समझते हैं

#1. भगवान को महसूस करना है तो धर्मग्रन्थों के करीब आयें।

हम अक्सर भगवान के नाम पर सौ तरह तरह की बातें सुनते हैं और उन्हीं को सत्य मानते हुए उन्ही के अनुरूप भगवान की छवि मन में बिठा लेते हैं और फिर उन्हें पूजने लगते हैं।

अगर हम आपसे कहें की महाकवि तुलसीदास जी से जब पूछा गया की भगवान राम कौन हैं? तो उन्होंने क्या जवाब दिया? ये आपको मालूम नहीं होगा पर राम जी के नाम पर सौ और तरह की बातें आपको जरुर पता होगी।

जो दर्शाता है की हम कभी धर्म ग्रन्थों के करीब आते ही नहीं, हम सच जानने की कोशिश करते ही नहीं तो भला हमें भगवान की दिव्य अनुभूति कैसे होगी।

तो चाहे राम, कृष्ण या कोई भी अन्य अवतार हो, जिस भी भगवान का आशीर्वाद पाने की अभिलाषा आपके में में है सबसे पहले उन्हें जानिए।

राम जी को समझना है तो रामयाण, योगावशिष्ठ सार पढ़िए।

श्री कृष्ण को समझना है, तो भगवदगीता पढ़िए। फिर आपको मालूम होगा की जिन्हें हम भगवान या अवतार कहते हैं वास्तव में हैं कौन हैं और वे हमें क्या सीख दे गए हैं।

#2. सिर्फ भगवान को याद न करें, उनकी याद में कर्म करें।

अगर आपको लगता है सुबह और शाम राम नाम जपने से आपको भगवान की दिव्य अनुभूति हो जायेगी तो ऐसा मुमकिन नही है।

बहुत से लोग वही नौकरी, वही काम, वही जीवन जीते हैं जो सालों से जीते आ रहे हैं और फिर सोचते हैं की ऐसे ही जीवन में यदि मैं राम को भी याद करूं तो जीवन मेरा सफल हो जाएगा।

पर सच्चाई यह है की कर्म का अधिकार तो हम सभी के पास है, तो गलत कर्मों को करने की बजाय यदि हम जीवन में ऊँचे कर्म करें तो जान लीजियेगा भगवान का आशीर्वाद हमारे पास सदा मौजूद है।

आप श्री राम को ही ले लीजिये क्या हमें उन्हें इसलिए पूजते हैं क्या वो राजा के बेटे थे, दिखने में सुन्दर थे? नहीं न हम उन्हें याद करते हैं उनके महान कर्मों से तो जीवन में सही कर्म जिसके होंगे निश्चित ही भगवान की अनुभूति उसे होगी।

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#3. कृष्ण को महसूस करना है तो उनके जैसे हो जाएँ।

स्वयं भगवदगीता में कृष्ण अर्जुन को कहते हैं की हे अर्जुन सब धर्मों का त्याग कर मेरी शरण में आ जाओ।

सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज

अर्थात जो इन्सान सब चीजों से अधिक मूल्य सच्चाई को देता है ऐसा इंसान फिर कृष्ण के निकट आ जाता है। फिर उसे दुनियादारी और तमाम चीजों की परवाह नहीं करनी पड़ती क्योंकी परमात्मा उसके पास होता है।

तो अगर जीवन में बहुत अशांति है, डर है, और नहीं पता की जीवन की नैय्या को पार कैसे लगाऊं? भगवान की भक्ति कैसे करूँ तो आपसे निवेदन है की भगवदगीता पढ़िए। इस दिव्य ग्रन्थ में मौजूद 18 अध्याय कृष्ण का प्रेम गीत हैं।

अतः वे लोग जो कहते हैं हमें कृष्ण से प्रेम हैं उन्हें भगवद्गीता अवश्य पढनी चाहिए। पर मन में सवाल है कैसे और कहाँ से शुरू करना है इस विषय पर आपकी सहायता के लिए विडियो लिंक दिया है। जिसे ध्यान से जरुर देखें।

#4. समझें भगवान इच्छा पूर्ती का साधन नहीं।

हमें लगता है भगवान हमारी इच्छाओं/ कामनाओं को पूरा करने का एक माध्यम है, जी हाँ बहुत से लोग भगवान की भक्ति इसीलिए करते हैं ताकि भगवान उनकी कामनाओं को पूरा कर सके।

पर जिसने भगवदगीता पढ़ी हो वो समझ जाता है की हमारे दुःख का मूल कारण हमारी इच्छाएं ही तो हैं तो फिर वो भगवान से रुपया, पैसा, इज्जत इत्यादि कुछ नहीं मांगता।

वो जब भी भगवान के आगे सर झुकाए तो अधिक से अधिक कह देता है की भगवान मुझे सद्बुद्धि देना। इस तरह जो इन्सान वास्तव में निस्वार्थ भाव से भक्ति करता है, और भगवान से प्रेम के कारण निस्वार्थ भाव से कर्म करता है उसे भगवान अवश्य महसूस होते हैं।

#5. इतिहास में उदाहरण देखें।

संत कबीर, स्वामी विवेकानंद, मीराबाई ये सभी ऐसे महापुरुष थे जिन्हें वाकई भगवान महसूस हुए थे। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकी इन्हें प्रेम था उस परमात्मा से इसलिए उन्हें पाने के लिए इन्होने जीवन में कर्म भी ऐसे किये जो आम इन्सान कभी नहीं कर पाता।

तो इतिहास उठाकर देख लीजिये जितने भी महान लोगों को आज हम पूजते हैं उनके मन में सच्चाई के प्रति गहरा प्रेम था अतः उन्होंने फैसला किया की अब अपने खातिर नहीं जियेंगे तो उस परमार्थ के काम के लिए जिसे किये बिना हमें चैन नहीं मिलेगा।

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क्या संकेत हैं की भगवान आपके साथ है?

वह इन्सान जो अपने और अपनों के लिए न जियें जिसके मन में संसार के सभी जीवों और प्रकृति के प्रति प्रेम और करुणा है ऐसा मनुष्य अगर किसी ऊँचे कार्य को अपना जीवन लक्ष्य बनाता है और उस लक्ष्य पर बिना यह परवाह किये की मैं सफल होऊंगा या नहीं वह बढ़ता जाता है।

ऐसे मनुष्य का भगवान सदैव साथ देते है, उसके जीवन में अनेक मुश्किलें और चुनौतियाँ आती हैं पर तब भी वह सच्चाई का साथ नहीं छोड़ता यही सबसे बड़ा मनुष्य का भगवान को सबसे बड़ा संकेत है।

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अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद भगवान को कैसे महसूस करें? इस प्रश्न का सीधा और सटीक जवाब आपको मिल गया होगा। अगर लेख को पढ़कर मन में कोई सवाल बाकी है तो आप बेझिझक 8512820608 इस whatsapp नम्बर पर सांझा कर सकते हैं, साथ ही लेख को पढ़कर कुछ स्पस्टता आई है तो इसे शेयर भी जरुर कर दें।

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