भगवान से मांफी कैसे मांगे? गलतियों का पाप ऐसे धुलेगा!

इन्सान के रूप में जन्म लिया है तो जाहिर सी बात है जीवन में गलतियाँ भी होंगी ही और जहाँ गलती हो वहां दुःख और पछतावा तो होता ही है ऐसे में सवाल आता है की भगवान से मांफी कैसे मांगे? भगवान से माफी मांगने का मंत्र कौन सा है?

भगवान् से माफ़ी कैसे मांगे

तो आप बिलकुल सही पेज पर आये हैं, आज हम आपको भगवान से अपने पापों का अथवा गलत कर्मों की माफी मांगने का एक ऐसा कारगर उपाय बतायेंगे जिससे की भगवान आपको अवश्य ही माफ़ करेंगे।

और दुबारा आपको अपने अतीत के कर्मों को देखकर पछताने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

जो मन्त्र हम आपके साथ सांझा करने जा रहा है ये एक गुप्त मन्त्र है जो ऋषियों और ज्ञानियों की तरफ से दिया गया मूल मन्त्र है जिस मन्त्र के प्रभावी चमत्कारों को इन्सान जान लेता है तो फिर उसे दुखी होने की आवश्यकता नहीं पड़ती।

भगवान से मांफी कैसे मांगे? जानें ये सीक्रेट तरीका

अगर आपने अतीत में कुछ ऐसे कर्म किये हैं जिनकी सजा आप भुगत चुके हैं और अब आप भगवान से अपनी हरकतों की मांफी मांगना चाहते हैं तो इससे पहले की आप माफ़ी मांगने का तरीका जानें।

सवाल आता है की क्या पहले जो आपने गलती की थी उससे आप कुछ सीखें हैं या फिर नहीं? अक्सर होता ये है की हमे पछतावा अपने कर्मों पर नहीं बल्कि गलत परिणाम पर होता है।

उदाहरण के लिए कोई व्यक्ति चोर है तो उसे चोरी करके दुःख नहीं होता उसे दुःख होता है जब वह चोरी करते हुए पकड़ा जाता है। इसी तरह जरा दो मिनट के लिए ठहरिये और खुद से पूछिए की आपको दुःख किस बात का है?

अगर आप अपने कर्म पर नहीं बल्कि परिणाम से दुखी हैं तो फिर अगली बार हो सकता है की आप उसी गलत काम को इस तरह करें जिससे की परिणाम ठीक हो जाये।

ठीक वैसे जैसे चोर एक बार पकडे जाने के बाद चोरी करना नहीं छोड़ता वो फिर चोरी करने का तरीका बदल देता है।

इसी तरह आपको समझना होगा की सच्चा पछतावा कर्म को बदलने से नहीं बल्कि कर्ता को बदलने से होता है। अगर मन ठीक हो जाये तो काम अपने आप ठीक हो जायेंगे।

उदाहरण के लिए मेरे मन में लालच था इसलिए मैंने अधिक पैसों के लालच में गलत तरीकों से पैसे कमाए और मैं पकड़ा गया।

और मुझे इस बात का दुःख भी है। लेकिन अगर ये लालच अभी गया नहीं तो जाहिर सी बात है अगली बार मैं किसी और तरीके से पैसे कमाऊंगा।

तो अगर मुझे गलत तरीके से पैसे कमाने बंद करने हैं तो मुझे बस अपना लालच छोड़ देना होगा। बहुत से लोग कर्म तो बदल देते हैं लेकिन कर्ता नहीं बदलते। इसलिए वे एक के बाद एक गलती करते रहते हैं और पछताते रहते हैं।

भगवान से माफी मांगने का तरीका

चाहे आपने जीवन में कितनी बड़ी गलती क्यों न कर दी हो, आपको लगता हो मैंने कोई घिनोना काम क्यों न कर दिया हो तो इसकी माफ़ी का एक ही रास्ता है भीतर के कर्ता को बदल देना।

जी हाँ भगवान से माफ़ी मागने के लिए मंदिर जाकर रोने से या फिर किसी मन्त्र का जाप करने की हम आपको सलाह नहीं देंगे। क्योंकि अगर भीतर से कर्ता ही नहीं बदला तो कुछ भी करना व्यर्थ है।

भीतर मेरे अगर कामवासना थी जिसके कारण मैंने किसी के साथ सम्भोग कर दिया और मुझे लगता है की वो मुझे नहीं करना चाहिए था तो आज हो सकता है मैंने किसी एक साथ ऐसा किया हो कल मैं किसी और के साथ कर दूँ।

तो जब तक मैं अपनी कामवासना को काबू में नहीं कर लेता संभवाना है फिर मैं किसी और के साथ ऐसा कर दूं। इसलिए भगवान भी कहते हैं अगर वाकई पछतावा है अपनी गलती का तो जो पहले थे वो मत रहो।

पहले होंगे आप बहुत डरपोक, बलहीन इन्सान जो गलत चीज़ों को भी हाँ बोलकर गलत कामों को करने के लिए तैयार हो जाते थे। पर आज आप सच्चाई के रास्ते पर हैं आज आप कहते हैं की चाहे कुछ हो जाये मैं गलत काम नहीं करूँगा।

तो समझ लीजिये आपकी गलती भगवान ने माफ़ कर दी है।

पर अगर आप आज भी पहले की तरह ही हैं और आपने बस कर्म करने का तरीका बदला है तो समझ लीजिये न तो आपको अपनी गलती का पछतावा है और न ही भगवान ने आपको माफ़ किया है।

संक्षेप में कहें तो कर्म करने वाला कर्ता ही अगर बदल जाए तो समझ लीजिये गलती करने वाला व्यक्ति ही मिट गया है, अब आप एक नए व्यक्ति हैं।

उदाहरण के लिए जवानी में आपके लिए पैसा बड़ी चीज थी और आपने पैसों के लिए कोई घटिया काम भी कर दिया पर अगर आप आज जानते हैं की पैसे की कीमत इतनी नहीं है की वो सच्चाई से बड़ी हो जाये।

तो समझ लीजिये भगवान ने आपको माफ़ किया, भगवान के माफ़ करने का अर्थ है अब आप एक सही जिन्दगी जी रहे हैं।

हनुमान जी से माफी कैसे मांगे

बहुत से लोग हनुमान जी से माफ़ी मागने के लिए मंगलवार के दिन पूजा पाठ करते हैं, उन्हें याद करते हैं,व्रत रखते हैं और उन्हें प्रसन्न करने के लिए तमाम चीज़ें करते हैं।

पर याद रखें अपनी गलतियों से सीखना और आगे बढ़ना ही हनुमान जी का संदेश है। अगर अतीत में आपने कोई बुरा कर्म कर दिया था तो आज जो समय मिला है इस समय को रोने में मत गवाइए।

इसके बजाय इस समय का सदुपयोग करें, पुरानी गलतियों से सीख लें। जिस प्रकार हनुमान जी ने राम जी का साथ दिया था। उसी प्रकार आप भी सच्चाई का अनुकरण तब जाकर हनुमान जी आपसे प्रसन्न होंगे।

ऐसे नहीं हो सकता की आपने अतीत में कोई गलती की थी और अब उस गलती के लिए आप हनुमान जी का जाप कर रहे हैं और सोच रहे हैं की राम नाम जप लेने से गलतियाँ मेरी ठीक हो जाएँगी।

तो ऐसा नहीं है, अगर आपने पुरानी गलती से सीख लेकर जीवन में आपने कोई ढंग का काम नहीं किया तो समझ लिजिये आप पहले भी घटिया थे आज भी घटिया हैं।

पूजा करते समय गलती से माफी

हिन्दू धर्म में पूजा पाठ का महत्व जो व्यक्ति जान गया उसकी गलतियाँ स्वयं भगवान माफ़ कर देते हैं।

देखिये देह रूप में हमें जन्म मिला है तो जाहिर सी बात है कुछ कमियां, कुछ अच्छाई तो इन्सान में होंगी ही। और जाहिर सी बात है इन्सान में अवगुण अधिक होते हैं इसलिए मनुष्य को गलतियों का पुतला भी कहा जाता है।

अब इसी बात को ध्यान में रखते हुए धर्म की स्थापना की गई। और हिन्दू धर्म में राम, कृष्ण इत्यादि जितने भी अवतार हुए हैं उनका क्या महत्व है?

उनका महत्व हमारी नजर में इसलिए ऊपर है क्योंकि उनको याद करके हम जीवन में सही दिशा की ओर बढ़ते हैं। जब जब हम राम के आगे सर झुकाते हैं, अथवा उनकी मूर्ती को देखते हैं तो राम जी क्या संदेश देते हैं।

की हमें सच्चाई के साथ जीवन जीना चाहिए, हमारे भीतर जीवों के प्रति प्रेम, करुणा होनी चाहिए। है न, तो पूजा पाठ तभी हमारे काम आएगा जब हम अपनी गलतियों से सीख लेकर आगे बढ़ें।

अन्यथा आप मंदिर में जाकर कितनी पूजा पाठ कर लो अगर आपकी नियत में खोट है आप कृष्ण, अथवा राम जी के बताये रास्ते पर चलना ही नहीं चाहते तो फिर किसी भी गलती की माफ़ी भला कैसे हो सकती है।

शिव क्षमा मंत्र

शिव जी को अराध्य मानकर अगर आप अपनी गलतियों की माफ़ी उनसे मांगना चाहते हैं तो फिर एक ही तरीका है जो शिव अपने भक्तों को बताते हैं वो है शिव जी को जानना।

जो व्यक्ति शिव की भक्ति करना चाहता है उसको मालूम होना चाहिए की शिव कौन है? एक बार जो जान गया शिव की सच्चाई क्या है? उसे समझ में आ जायेगा की शिवमय होना क्या है?

जो व्यक्ति सच्चाई में लीन रहे, जिसके लिए सत्य सर्वोपरी हो, जो अपने जीवन की कमियों को जानकर उन कमियों को स्वीकार कर सही दिशा में आगे बढे जान लीजियेगा वो शिव भक्त है।

लेकिन जो सबकुछ जानते हुए भी जीवन में सही काम से जी चुराता हो, जो डर के सामने घुटने टेक देता हो ऐसा व्यक्ति शिव की क्षमा का हकदारी नहीं है।

दूसरे शब्दों में कहें तो मात्र वही शिव जी को प्रिय है और शिव जी मात्र उसे प्रेम करते हैं जो शिव के बताए रास्ते पर चलता है।

 

अंतिम शब्द

तो साथियों इस लेख को पढने के बाद भगवान से मांफी कैसे मांगे? अब आप अच्छी तरह समझ गए होंगे, इस लेख को पढने के बावजूद मन में कोई सवाल है तो इस हेल्पलाइन Whatsapp नम्बर 8512820608 पर शेयर करें। हम जल्द ही आपके साथ सम्पर्क करें साथ ही लेख उपयोगी साबित हुआ है तो इसे शेयर जरुर कर दें।

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