एक अच्छी नौकरी पाना सभी का ख्वाब होता है और इस काम में भगवान का आशीर्वाद कितना जरूरी है ये आप अच्छी तरह जानते हैं यही वजह है की आप नौकरी पाने के लिए रामायण की चौपाई सर्च कर रहे हैं।
अभी तक आपने सुना होगा की रामायण पढ़कर इन्सान को सद्बुद्धि आती है, उसके मन में निडरता आती है और वह सच्चाई में जीना पसंद करता है पर कई लोगों को यह जानकर हैरानी होगी की रामायण हमें एक अच्छी नौकरी हासिल करने में भी मदद कर सकती है।
जी हाँ, जिस श्री राम को आज करोड़ों लोग आराध्य मानकर पूजते हैं उनके चरित्र को समझने के लिए रामायण जैसा महाकाव्य युगों युगों से लाभकारी सिद्ध हुआ है। और उसी रामायण में अनेक ऐसे गूढ़ रहस्य शामिल हैं जिन्हें कोई समझ लेता है तो वह कई परेशानियों से मुक्त हो जाता है।
बहरहाल आज हम रामायण के माध्यम से एक अच्छी नौकरी पाने के तरीके पर बात करेंगे आपसे निवेदन है लेख में कही प्रत्येक बात को ध्यान से समझें।
नौकरी पाने के लिए रामायण की चौपाई का सच
इन्टरनेट पर जाएँ तो वहां आपको कई ऐसे रिजल्ट्स स्क्रीन पर दिखाई देंगे जो ये दावा करते हैं की रामचरितमानस की किसी चौपाई का नियमित रूप से पाठ करेंगे, तो आपकी किस्मत में जल्दी सरकारी नौकरी पाने के योग बनते हैं।
पर सच तो ये है की बैठे बैठे किसी भी चौपाई या मन्त्र का जाप करने से आपको नौकरी नहीं मिल सकती। रामायण तो हमारे भीतर के आंतरिक गुणों को विकसित करती है, रामायण का पाठ करने से हम एक सच्चा और सुन्दर जीवन जीने की तरफ आगे बढ़ सकते हैं।
पर यदि कोई कहे नहीं रामचरितमानस की किसी चौपाई का निरन्तर सुबह, शाम पाठ करें तो इससे हमारी नौकरी लग जायेगी, तो ये सम्भव नहीं है क्योंकी स्वयं राम जी हमें संदेश देते हैं की हम जब कर्म करेंगे तभी हमें उसका फल प्राप्त होगा।
हाँ ये निश्चित जरुर है अगर आपका इरादा किसी नौकरी को पाना है तो आप थोड़ी सी बुद्धि लगायेंगे और सही दिशा में प्रयास करेंगे तो आपको जरुर नौकरी मिल जाएगी। भाई। दुनिया में करोड़ों ऐसे लोग हैं जिन्हें आज तक बिना रामायण की चौपाई का पाठ किये नौकरी मिली है।
तो आपको मिल जाएगी। हालांकि नौकरी कैसी होगी, इसका चयन आप रामायण पढ़कर खुद कर सकते हैं।
रामायण पढकर ऐसे करें सही नौकरी का चयन
एक बात तय है जिसने रामायण को पढ़ा है और राम के जीवन को दिल से समझा है वो इन्सान अगर कोई नौकरी कर रहा है तो उसका उद्देश्य और काम करने का तरीका बिलकुल अलग होगा उस बंदे से जिसने कभी रामायण पढ़ी ही नहीं।
देखिये प्राकृतिक तौर पर हम सभी कोई भी काम या नौकरी इसीलिए करते हैं ताकि उसे करके हमारा कोई लाभ होता है, दूसरे शब्दों में अधिकांश लोग सुख सुविधाओं को पाने लालच या फिर पैसों की कमी न होने के डर की खातिर नौकरी करते हैं।
पर वो व्यक्ति जो न सर्फ राम के आगे सर झुकाता है बल्कि वास्तव में जिसके मन में सच्चाई के प्रति प्रेम है, जो ज्ञानियों और संतों का सम्मान करता है ऐसा व्यक्ति जब किसी नौकरी का चयन करेगा तो बार बार ये सोचेगा की क्या मैं सिर्फ अपने लालच और डर की खातिर ये काम कर रहा हूँ?
क्या मेरा मकसद सिर्फ खुद का और अपने परिवार का पेट पालना है? क्या मैं कोई ऐसा कर्म नहीं कर सकता जिससे प्रकृति का, लोगों का या फिर बेजुबान जानवरों का भला हो सके।
फिर ये सोचकर राम का भक्त जिन्दगी में नौकरी भी ऐसी करता है जिससे की वो राम के यानी सच्चाई के करीब आ सके, वो नौकरी ऐसी करता है जहाँ पर पैसों के लिए ग्राहकों को झूठ बोलकर उनका शोषण नहीं होता है।
इस तरह एक सच्ची जिन्दगी जीकर राम दूर होते हुए भी उसके दिल में हमेशा रहते हैं।
क्या आपने ये पुस्तक पढ़ी? योगवाशिष्ठ सार: राम और उनके गुरु के बीच अनोखा संवाद
रामायण हमें प्रेरणा देती है इन नौकरियों को करने की
हम अकसर जिन्दगी में मोटिवेशन ढूंढते हैं पर जिसने वाकई राम नाम को समझा है वो जानता है राम से बड़ा कोई नायक नहीं, राम वो हैं जो मुश्किलों से लड़ने की शक्ति देते हैं।
राम वो हैं जो झूठ के आगे सर न झुकाने की सीख देते हैं हैं, राम ही हैं जो हमे बताते हैं ईमानदार रहकर भी शांत, सहज और प्रेमयुक्त जीवन जिया जा सकता है। तो अगर आप उन्हीं राम से नौकरी करने का मन्त्र पाना चाहते हैं तो ये ध्यान से सुनें।
देखिये राम के जीवन को देखें तो उनका जीवन हमें सिखाता है की छोटे रहकर अर्थात छोटी छोटी चीजों के सपने देखकर उन्हीं सपनों को पाने के लिए आपका जन्म नहीं हुआ है।
राम का रावण और तमाम तरह के दुष्टों से लड़ना हमें यही संदेश देता है की जिस तरह राम जी ने अपने समय में पापियों का संहार कर धर्म की रक्षा की थी उसी प्रकार हमारा कर्तव्य, हमारी नौकरी भी धर्म की रक्षा के लिए होनी चाहिए।
आज देखिये दुनिया में पाप लगातार बढ़ रहा है, दुष्ट और पापी लोगों ने पैसे और अपनी शक्ति का दुरूपयोग कर इस धरती को तमाम तरह की मुसीबतों में छोड़ दिया है।
वायु, पेड़, पहाड़, जल इत्यादि सब लगातार दूषित हो रहे हैं, अपने स्वार्थ के लिए इन्सान ने जीवन जीना दूभर कर दिया है, आज हमारे सामने अनेक ऐसी वैश्विक चुनौतियां खड़ी हैं, जिनसे निपटने में हमने यदि तनिक भी देरी कर दी तो इसके भयंकर परिणाम होंगे।
आज आप शहरों में चले जाइए विकास के नाम पर स्वच्छ हवा, पानी और वो सबकुछ इन्सान ने नष्ट कर दिया है, और हम पाते हैं इतना करके भी उसका मन भरा नहीं है कोरोना जैसी महामारी भी उसी इन्सान की देन है जिसने प्रकृति के साथ छेड़छाड़ की।
ऐसे समय में हमारा यही दायित्व बनता है की हम सामने मौजूद चुनौतियों के आगे डटकर खड़े रहें और कोई सार्थक कर्म करें। इस बीच हमें याद आते हैं हनुमान जी।
विद्यावान गुनी अति चातुर राम काज करने को आतुर||
यानी ज्ञानी से भरपूर होने के बाद भी हनुमान जी राम जी यानी सच्चाई का कर्म करने के लिए तत्पर थे।
इसी तरह जब इन्सान आत्मज्ञानी हो जाता है तो फिर वह अपना जीवन सच्चाई को समर्पित कर सत्य के केंद्र से कर्म करने लगता है।
इस बात को और गहराई से समझने के लिए पढ़ें
पढ़ें: जिन्दगी में सही काम क्या है?
पढ़ें: आत्मज्ञान क्या है?
सही काम सही लाइफस्टाइल होता है
अभी तक हमने बात की जीवन में लक्ष्य अपने डर या लालच के वशीभूत होकर नहीं बल्कि सच्चाई के आधार पर बनाने चाहिए, यानी नौकरी या व्यापार ऐसा हो जिससे वाकई प्रकृति का, दुनिया का कल्याण होता हो।
अगर इसके सिवाए चंद पैसों के लिए आप किसी भी घटिया नौकरी को करते हैं तो आपको निम्नलिखित दुष्परिणाम झेलने को मिलते हैं।
#1. मन में अशांति और बेचैनी रहती है।
#2. जितना पैसा मिलता है वो पर्याप्त नहीं लगता, लालच बढ़ता रहता है।
#3. मन गंदा होता है, आसपास के माहौल से मन में कुविचार आते हैं।
#4. गलत नौकरी करने से घर परिवार में भी इन्सान के रिश्ते स्वस्थ्य नहीं होते।
#5. गलत नौकरी में फँस जाने के दलदल से बाहर आना बड़ा मुश्किल होता है।
तो ये हैं कुछ प्रमुख नुकसान किसी गलत या घटिया नौकरी को करने के, कमाल की बात ये है की एक बार जब आप ऐसी नौकरी को करने लगते हैं तो इससे निकलना बड़ा मुश्किल होता है। इसलिए हम पाते हैं की जिन्दगी भर इन्सान किसी एक ही नौकरी में फंसकर रह जाता है।
दूसरी तरफ जब आप कोई सच्चा कर्म करते हैं, किसी ऐसी कम्पनी में काम करते हैं जो लोगों का दिल से भला चाहती है, जो संस्था अपने निजी लाभ से ज्यादा ध्यान लोगों के कल्याण में लगाती है तो आपका सौभाग्य है ऐसी नौकरी मिलना। पर आमतौर पर दुनिया में 99% नौकरियां ऐसी नहीं होती।
अतः अब आप पर यह निर्भर करता है की आप किस तरह एक नौकरी का चयन करते हैं, एक बात ध्यान रखें सही नौकरी मतलब, सही जिन्दगी तो अब आप देख लीजिये।
सही नौकरी चुनना कितना जरूरी है। एक बात ध्यान दें इस बीच हम आपसे ये बिलकुल नहीं कह रहे हैं की दुनिया में कोई ढंग की नौकरी नही मिलती तो आप निकम्मे हो जाएँ, बल्कि ऐसी स्तिथि में आप पर ये दायित्व आता है की आप खुद का एक प्लेटफार्म तैयार करें जिससे रोजगार के अवसर बढ़ें।
या फिर आप चाहें तो शुरू में किसी ऐसी जगह या संस्था में काम कर सकते हैं जो सामजिक कल्याण भले न करे लेकिन वो किसी जानवर या इन्सान पर किसी तरह का अत्याचार न करें।
इस तरह आप धीरे धीरे जिन्दगी में किसी सार्थक कार्य को कर सकते हैं।
अंतिम शब्द
तो साथियों इस लेख को पढने के बाद नौकरी पाने के लिए रामायण की चौपाई अब आप भली भाँती जान गये होंगे, इस लेख को पढ़कर जीवन में स्पष्टता आई है तो इस लेख को अधिक से अधिक शेयर करें।